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धूम्रपान पर निबंध दुष्परिणाम व रोकने के उपाय व कानून | Smoking Introduction Articles Effects Causes Essay In Hindi

धूम्रपान पर निबंध दुष्परिणाम व रोकने के उपाय व कानून | Smoking Introduction Articles Effects Causes Essay In Hindi :- धूम्रपान का अर्थ बीड़ी, सिगरेट, चिलम, सिगार या अन्य कोई भी वस्तु जो तम्बाकू या ऐसे पदार्थों से बनी हो, जिसकों जलाकर उसके धुंए को निगला जाता है.

यह धुआं छाती में जाता है और फिर नाक और मुंह से घना सफ़ेद धुआं बनकर निकलता है. धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए खरतनाक है.

तथा यह कैंसर का कारण बनता है, यदि आप भी धूम्रपान करते है तो आज ही छोड़े, यहाँ आपकों छोड़ने के उपाय भी बता रहे है.

धूम्रपान पर निबंध Smoking Essay In Hindi

विभिन्न नशीले पदार्थ जैसे बीड़ी, सिगरेट, सिगार, चिलम आदि को जलाकर धुंए को निगलते हुए नशा करना धूम्रपान कहलाता हैं. धूम्रपान के साधनों में मुख्यतः तम्बाकू होता हैं.

तम्बाकू निकोटियाना प्रजाति के पेड़ के पत्तों को सुखाकर बनता हैं. तम्बाकू में निकोटिन होता हैं जो नशा प्रदान करता हैं.

धूम्रपान क्या है (What Is Dhumrapan In Hindi)

फ्रांसीसी जीन निकोट ने 1560 में फ्रांस को तम्बाकू से परिचित करवाया, भारत में पुर्तगाली तम्बाकू लेकर आए. तम्बाकू शरीर को शिथिल कर शरीर के अंगों को कमजोर करता हैं.

तथा फेफड़े, ह्रदय व श्वासनली सम्बन्धित बीमारियों, केंसर, अस्थमा व पाचन तंत्र के रोग आदि समस्याएं होती हैं. धूम्रपान में तम्बाकू के अलावा, भांग का भी सेवन किया जाता हैं.

धूम्रपान के नुकसान (Loss of smoking)-  सिगरेट, बीड़ी, सिगार, चुरुट, नास तथा तम्बाकू में निकोटिन पदार्थ पाए जाते है. निकोटिन शिथिलता पैदा करता है. इसका अधिक सेवन करने से दिल की बिमारी, फेफड़े का कैंसर तथा श्वासनली शोथ उत्पन्न कर सकता है.

भारत सरकार ने 2 अक्टूबरः 2008 से धूम्रपान निषेध अधिनियम लागू कर सभी सार्वजनिक स्थलों, कार्यालयों, रेस्टोरेंट, बार तथा खुली गलियों में धूम्रपान पर प्रतिबंध लगा दिया है.

ताकि धूम्रपान न करने वाले लोगों के अधिकारों की रक्षा हो सके एवं उन्हें अप्रत्यक्षतः धूम्रपान की हानियों से बचाया जा सके.

धूम्रपान के दुष्परिणाम, हानियाँ, नुकसान (side effects of smoking in hindi)

  • हमारे शरीर को नुकसान – धूम्रपान में जहरीले पदार्थ जैसे निकोटिन, टार कार्बन मोनोऑक्साइड, आर्सेनिक, बेन्जोपाइरिन आदि होते है, जो शरीर के अंगो को नुकसान पहुचाते है. इसके अधिक सेवन से फैफड़ों, आतों व गले का कैंसर, टीबी, ह्रदयघात, अस्थमा, बाँझपन, पाचन तन्त्र का संक्रमित होना, उच्च रक्तदाब, नर्वसनेस, मुंह व दांतों की बीमारियाँ आदि कई घातक प्रभाव पड़ते है. धूम्रपान व्यक्ति की आयु को सामान्य व्यक्ति की आयु से 10 साल तक कम कर देता है.
  • धूम्रपान से मस्क्युलोस्केलेटन सम्बन्धित यानि हड्डियों एवं मांसपेशियों सम्बन्धित बिमारी हो सकती है. धूम्रपान से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है. यह हार्मोन आसिट्योपोरोसिस से बचाने में मदद करता है.
  • यही नही धूम्रपान महिलाओं की रीढ़ में फैक्चर के खतरे को भी बढ़ा देता है. क्योंकि इससे हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है.
  • धूम्रपान से फ्रेक्चर ठीक होने में अधिक समय लगता है. व ऊतकों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नही मिल पाती है, जिससे घाव भरने में भी समय लगता है.
  • तंबाकू सेवन से व्यक्ति की पौरुष क्षमता भी प्रभावित होती है.
  • धूम्रपान व्यक्ति की स्मरण शक्ति व इच्छा शक्ति को भी कम करता है, लम्बें समय तक सेवन से हाथ पैर में कम्पन आरम्भ हो जाता है.
  • धूम्रपान में निकला धुआं उस व्यक्ति के बच्चों, पत्नी व परिवार के अन्य सदस्यों को भी नुकसान पहुचाता है.
  • अगर कोई व्यक्ति किसी गम्भीर बिमारी से ग्रसित है तो यह जहरीला धुआं अपने साथ उस बिमारी के कीटाणु भी बाहर लाता है. इससें उस बिमारी का अन्य लोगों को संक्रमण होने का खतरा पैदा हो जाता है.
  • धूम्रपान से व्यक्ति को आर्थिक नुकसान भी उठाने पड़ते है.
  • धूम्रपान नैतिक पतन का रूप है. यह सामाजिक व सांस्कृतिक वातावरण को भी दूषित करता है. तथा परिवार के अन्य सदस्य भी इसकी ओर प्रवृत होते है.

धूम्रपान रोकने के प्रयास, उपाय व कानून

तम्बाकू सेवन की बढ़ती हुई लत को कम करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से हर साल 31 मई को तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है.

तम्बाकू उत्पादों का अवैध व्यापार बड़े पैमाने पर होता है. जो देश के लोगों के स्वास्थ्य व अर्थव्यवस्था के लिए भी हानिकारण है.

भारत सरकार द्वारा सबसे पहले 1975 में तंबाकू निषेध कानून बनाया था. सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है इसी सिगरेट कानून 1975 के बाद इन उत्पादों पर वैधानिक चेतावनी दी जाती है.

1981 के प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान व थूकना निषिद्ध किया गया है.

वर्तमान में धूम्रपान को रोकने के लिए 2003 में बनाया गया COTPA (सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद प्रतिषेध अधिनियम) प्रभाव में है. इसे 18 मई 2003 से पूरे भारत में लागू किया गया. इस कानून के मुख्य प्रावधान ये है.

धूम्रपान रोकने के उपाय कानून व तरीके (How To Stop Tobacco Smoking Low, Act)

  • भारत सरकार ने सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पाद प्रतिषेध अधिनियम Copta 2003 बनाकर सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को प्रतिबंधित किया तथा साथ ही किसी शौक्षणिक संस्थान के 100 मीटर की परिधि में भी तम्बाकू उत्पादों की बिक्री नहीं की जा सकती हैं.
  • इस अधिनियम के अनुसार तम्बाकू उत्पादों के पैकेट में स्वास्थ्य को होने वाले नुक्सान के सन्दर्भ में चेतावनी लिखना भी आवश्यक हैं.
  • यह अधिनियम तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापन व प्रचार प्रसार पर भी रोक लगाता हैं.
  • इस अधिनियम सन्दर्भ में सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पाद प्रतिषेध नियम 2004 में जारी किये गये व 2005 व 2008 में संशोधन भी हुए.
  • भारत में 2 अक्टूबर 2008 को धूम्रपान निषेध अधिनियम लागू हुआ.
  • भारत का पहला तम्बाकू मुक्त गाँव गारिफेमा
  • देश का पहला धूम्रपान रहती शहर- चंडीगढ़
  • विश्व तम्बाकू निषेध दिवस- 31 मई
  • राजस्थान में 18 जुलाई 2012 को तम्बाकू युक्त गुटखे के उत्पादन भण्डारण, क्रय, ब्रिकी वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
  • 9 दिसम्बर 2011 को राजस्थान के जयपुर शहर में हुक्का बार पर रोक.
  • राजस्थान सरकार ने 4 अक्टूबर 2013 को भर्ती नियमों में संशोधन कर प्रावधान किया गया कि नियुक्ति पाने वाले अभियर्थियों को कार्यग्रहण से पूर्व धूम्रपान व गुटका सेवन नहीं करने की वचनबद्धता देनी आवश्यक हैं.

सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद प्रतिषेध अधिनियम (cotpa act in hindi)

  • कोटपा की धारा 4 के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है.
  • इस अधिनियम की धारा 5 के अनुसार ऑडियो, विडियो या प्रिंट मिडिया के जरिये तंबाकू के किसी भी उत्पाद का विज्ञापन, संवर्धन या स्पोंसरशिप नही की जा सकेगी.
  • इसकी धारा 6 में 18 वर्ष से कम आयु के बालकों का इन पदार्थों की बिक्री पर पूरी तरह रोक है.
  • इसके साथ ही किसी भी सार्वजनिक परिसर की 100 मीटर की दूरी तक कोई भी तम्बाकू उत्पाद बिक्री नही किया जाएगा.
  • धारा 7 के अनुसार तम्बाकू के किसी भी पॉकेट पर स्वास्थ्य के होने वाले नुकसान की चेतावनी को लिखना होगा.

भारत सरकार द्वारा कोटपा में बदलाव करते हुए 2004 में सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद नियम लागू किये गये. जिनमें 2008 में फिर से संशोधन किया गया.

सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद प्रतिषेध अधिनियम के मुख्य प्रावधान व सजा

  • इस अधिनियम के नियमों का उल्लघंन करने पर 200 रूपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
  • कोटपा कानून के विज्ञापन एक्ट का उल्लघंन करने पर 1 हजार से 5 हजार का जुर्माना व 2 से 5 साल तक की कारावास हो सकती है.
  • भारत सरकार द्वारा 2005 में फिल्म एवं टीवी सीरियल में तम्बाकू उत्पाद के सीन दिखने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है.
  • आजकल टीवी पर स्पंज व मुकेश की कहानी द्वारा tobacco products के उपयोग से होने वाले नुकसान को दिखाया जाता है.

दुनिया में तम्बाकू का सेवन कब शुरू हुआ?

धूम्रपान निषेध कब मनाया जाता हैं, भारत में धुम्रपान से सालाना कितनी मृत्यु होती हैं.

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यह था धूम्रपान पर निबंध दुष्परिणाम व रोकने के उपाय व कानून | Smoking Introduction Articles Effects Causes Essay In Hindi का लेख.

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सिगरेट पीना नहीं छोड़ेंगें तो होंगे ये नुकसान - 10 Good Reasons to Quit Smoking in Hindi

सिगरेट पीना नहीं छोड़ेंगें तो होंगे ये नुकसान - 10 Good Reasons to Quit Smoking in Hindi

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आजकल सामाजिक रूप से धूम्रपान कम हो गया है। अधिकांश कार्यस्थलों, शॉपिंग मॉल, थिएटर और स्टोर्स पर धूम्रपान को बंद कर दिया गया है। हालांकि, इन सब के बावजूद, यह बहुत महंगी आदत अभी भी समाज में जारी है। ज्यादातर लोग टीनेज में धूम्रपान शुरू करते हैं और वे बड़े होने तक इसके आदी हो जाते हैं। लोगों में धूम्रपान करने के कई अलग-अलग कारण होते हैं जैसे जिज्ञासा, सहकर्मी का दबाव, एक समूह के साथ फिट होने की इच्छा आदि।

धूम्रपान मोटापे, मादक द्रव्यों के सेवन, संक्रामक रोगों और यातायात दुर्घटनाओं के मुकाबले लोगों को अधिक मारता है। सिगरेट या बीड़ी के धुएं में सबसे हानिकारक रसायनों में से कुछ निकोटीन, टार, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन साइनाइड, फॉर्मलाडीहाइड, आर्सेनिक, अमोनिया, सीसा, बेंजीन, ब्यूटेन, कैडमियम, हेक्सामाइन, टोल्यूनि आदि हैं। ये रसायन धूम्रपान करने वालों और उनके आसपास वालों के लिए हानिकारक होते हैं।

धूम्रपान के प्रभाव बढ़ाएं श्वसन समस्या - Smoking Causes Respiratory Problems in Hindi

धूम्रपान से फेफड़ों का कैंसर - smoking leads to lung cancer in hindi, बीड़ी के नुकसान बढ़ाएं मधुमेह के खतरे को - smoking leads to diabetes in hindi, स्मोकिंग साइड इफेक्ट्स करें उम्र बढ़ाने की प्रक्रिया तेज - smoking accelerates the aging process in hindi, धूम्रपान छोड़ने के फायदे हैं प्रजनन क्षमता के लिए - smoking causes low fertility in hindi, धूम्रपान से होने वाला रोग है डिमेंशिया - smoking causes dementia in hindi, धूम्रपान दुष्परिणाम आंखों के लिए - smoking causes eye problems in hindi, स्मोकिंग के नुकसान बढ़ाए संधिशोथ - smoking causes rheumatoid arthritis in hindi, सिगरेट के नुकसान करें घाव भरने में देरी - smoking effects on wound healing in hindi, धूम्रपान से हृदय रोग का खतरा - smoking leads to heart disease in hindi.

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धूम्रपान श्वसन संबंधी विकारों जैसे  अस्थमा  और तपेदिक (टीबी) आदि के विकास में योगदान देने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारण है। 

(और पढ़ें –  टीबी के प्रकार )

दोनों सक्रिय और निष्क्रिय धूम्रपान करने वालों को श्वसन समस्याओं का अधिक खतरा होता है। धूम्रपान करने वाले माता-पिता के बच्चों में अस्थमा की समस्याएं बढ़ जाती है।

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीस (सीओपीडी), जिसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग्स डिसीस कहा जाता है। यह एक प्रकार का प्रतिरोधी फेफड़े का रोग कहा जाता है। आम तौर पर यह समय के साथ बिगड़ता जाता है। इसके मुख्य लक्षणों में श्वसन में कमी,  खांसी  और कफ उत्पादन शामिल हैं। 

इसके अलावा, धूम्रपान में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड खून में प्रवेश करता है और आपकी ऑक्सीजन-क्षमता को सीमित करता है। इससे कफ को बढ़ाता है जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने और श्वसन समस्याओं को रोकने के लिए, सबसे अच्छा उपाय धूम्रपान छोड़ना है।

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सिगरेट का धूम्रपान करना फेफड़े के  कैंसर के लिए मुख्य कारण  है। यू.एस. में लगभग 90 प्रतिशत फेफड़े के कैंसर के लिए धूम्रपान जिम्मेदार है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित एक 2009 की रिपोर्ट के अनुसार तम्बाकू धूम्रपान और फेफड़े के कैंसर के खतरे के बीच एक मजबूत संबंध है।

गैर-धूम्रपान करने वालो पर भी  फेफड़ों के कैंसर  के विकास का जोखिम है। धूम्रपान करने वाली महिलाएँ को पुरुषों के मुकाबले फेफड़ों के कैंसर का ख़तरा अधिक है। किसी भी उम्र में, धूम्रपान छोड़ने या धूम्रपान से बचने से आपके फेफड़ों के कैंसर का खतरा काफी कम हो सकता है।

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अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित 2007 के एक अध्ययन के मुताबिक सक्रिय बीड़ी धूम्रपान टाइप-2 मधुमेह के खतरे से जुड़ा हुआ है।

यह ग्लूकोज चयापचय को भी बिगाड़ता है, जो कि टाइप 2 मधुमेह की शुरुआत हो सकती है। इसके अलावा, यह बॉडी मास इंडेक्स स्वतंत्र तंत्र के माध्यम से मधुमेह के खतरे को बढ़ाता है। डायबिटीज के जर्नल जर्नल में 2012 में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि धुएं और सक्रिय धूम्रपान महिलाओं में टाइप 2 मधुमेह के खतरे से जुड़े हुए है।

इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने वाली महिलाओं को गर्भस्राव संबंधी मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है और बच्चे को बाद में मधुमेह का खतरा हो सकता है। जैसा कि मधुमेह अधिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानी पैदा कर सकता है, इस रोग की संभावना कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ना बेहतर है। डायबिटीज का इलाज:निरंतर जाँच करे,myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट का उपयोग करे,स्वस्थ आहार ले, नियमित व्यायाम करे और  स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और सही दिशा में बढ़ें।

(और पढ़ें -  गर्भ ठहरने के उपाय  और  पुत्र प्राप्ति के उपाय  से जुड़े मिथक )

धूम्रपान आपकी त्वचा की सामान्य उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है, समय से पहले झुर्रियाँ, त्वचा की सूजन, फाइन लाइन और एज स्पॉट्स में योगदान देता है। त्वचा की उम्र बढ़ना सिर्फ चेहरे पर ही नहीं है बल्कि पूरे शरीर में भी बदलाव दिखाई देते हैं।

सिगरेट में निकोटीन रक्त वाहिकाओं को कम करने का कारण बनता है, जिसका अर्थ है आपकी त्वचा की बाहरी परतों में रक्त प्रवाह कम होना। कम रक्त प्रवाह के साथ, आपकी त्वचा को पर्याप्त ऑक्सीजन और महत्वपूर्ण पोषक तत्व नहीं मिलते हैं।

धूम्रपान करने से कोलेजन उत्पादन कम हो जाता है, कोलेजन से त्वचा फर्मनेस और युवा दिखती है। इसलिए यदि आपने हाल ही में धूम्रपान शुरू किया है तो अपने और अपनी त्वचा के बारे में सोचें और इस हालत से जल्द से जल्द बाहर निकलने का प्रयास करें।

(और पढ़ें –  अपनी त्वचा से उम्र के प्रभाव को दूर करने के तरीके )

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धूम्रपान पुरुषों और महिलाओं में बढ़ती  बांझपन  की दर के पीछे कारणों में से एक है।

(और पढ़ें –  बांझपन का घरेलू इलाज )

यूरोपीय सोसायटी ऑफ ह्यूमन रिप्रोडक्शन एंड एम्ब्रोलॉजी में प्रकाशित एक 2010 के अध्ययन के मुताबिक, धूम्रपान भ्रूण के विकास में पुरुष के शुक्राणुओं और कोशिकाओं की संख्या को नुकसान पहुंचाते हैं। महिलाओं में, एस्ट्रोजेन की मात्रा कम होने से प्रजनन दर घट जाती है।

महिलाओं के द्वारा धूम्रपान करने से गर्भस्राव या जन्म देने वाले बच्चे में स्वास्थ्य समस्याएं होने की अधिक संभावना होती है। इसके अलावा, धूम्रपान से ओवुलेशन समस्याएं हो सकती है, जो प्रजनन अंगों को नुकसान पहुंचाती है। माता-पिता बनने की संभावना बढ़ाने के लिए धूम्रपान बंद करें।

(और पढ़ें –  प्रजनन क्षमता बढ़ाने के उपाय )

धूम्रपान करने वाले दोनों पुरुष और महिलाओं में डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसे रोग होने की संभावना अधिक होती है और बाद के वर्षों में मानसिक पतन का अनुभव भी कर सकते हैं। सिगरेट में मौजूद निकोटीन मस्तिष्क के लिए हानिकारक है और डिमेंशिया या अल्जाइमर रोग की शुरूआत को बढ़ाता है।

इसके अलावा, धूम्रपान ना करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वाले में समय के साथ अवसाद, घबराहट संबंधी विकार या सिज़ोफ्रेनिया विकसित होने की अधिक संभावना है। सामान्य मनोचिकित्सा के अभिलेखागार में प्रकाशित 2012 के एक अध्ययन के मुताबिक, मध्यम आयु वर्ग के धूम्रपान करने वाले पुरुषों में तेजी से संज्ञानात्मक गिरावट का अनुभव किया गया है।

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धूम्रपान करने वाले लोगों में आयु-संबंधित धब्बेदार अध पतन (age related macular degeneration) जैसी दृष्टि संबंधी समस्याएं होने की अधिक संभावना है।

जो लोग धूम्रपान करते हैं उनकी वजह से आसपास के लोगों में भी इसका ख़तरा बढ़ रहा है। धूम्रपान से मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, मधुमेह के रेटिनोपैथी और ड्राई आई सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है। 

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सिगरेट के धुएं में आर्सेनिक, फार्मलाडिहाइड और अमोनिया शामिल हैं। ये रसायन खून में शामिल होकर आंखों के नाजुक ऊतकों तक पहुंच जाते हैं जिससे रेटिना कोशिकाओं की संरचना को नुकसान होता है। धूम्रपान छोड़ने से, आप निश्चित तौर पर आयु-संबंधित धब्बेदार अध: पतन विकसित करने का जोखिम कम कर सकते हैं। 

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संधिशोथ रोग पत्रिका के एनलल्स में प्रकाशित 2001 के एक अध्ययन में पाया गया कि नियमित धूम्रपान करने से रुमेटीइड गठिया का ख़तरा बढ़ जाता है।

गैर धूम्रपान करने वालों के मुकाबले धूम्रपान करने वालों के लिए जोखिम लगभग दोगुना है। इसके अतिरिक्त ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी के फ्रैक्चर के लिए धूम्रपान एक प्रमुख कारण है। आपकी हड्डियों को सुरक्षित रखने और रुमेटीइड  गठिया  या ऑस्टियोपोरोसिस के लिए खतरे को कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ दें। 

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कई रोगों के अलावा, धूम्रपान करने वाले लोगों के घावों और हड्डियों के फ्रैक्चर को ठीक करने में कठिनाई होती है।

सिगरेट के धुएं में कई यौगिक जैसे निकोटीन, टायर, नाइट्रिक ऑक्साइड, हाइड्रोजन साइनाइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सुगंधित अमाइन, एनोक्सिया, हाइपोक्सिया, व्हेसोकोनस्ट्रक्शन के प्रभाव के माध्यम से उपचार को रोकते हैं।

2007 में, सेंट लुइस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसीन के शोधकर्ताओं ने बताया कि सिगरेट हड्डियों की सर्जरी के बाद अस्थिरोधी चिकित्सा को नुकसान पहुँचाती है। धूम्रपान करने वाले में मैक्रोफेज की कमी आई है जो उपचार में देरी का कारण बनता है। धूम्रपान करना लाल रक्त कोशिकाओं, हड्डी की कोशिकाओं और यहां तक कि सफेद रक्त कोशिकाओं को भी नुकसान पहुँचाता है, जो उपचार के लिए जरूरी हैं। इससे घाव, रक्त के थक्कों और ऊतक के विकृति में संक्रमण हो सकता है।

सिगरेट में निकोटीन और अन्य जहरीले रसायन होते हैं जो हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाते हैं।

जब आप धूम्रपान करते हैं, तो हानिकारक रसायन फेफड़ों में प्रवेश करते हैं। इससे कैरोटीड धमनी से मस्तिष्क तक रक्त के प्रवाह में एक रुकावट होती है, जो  स्ट्रोक का कारण  बनती है। स्ट्रोक पैरालिसिस, आंशिक अंधापन, बोलने की शक्ति और यहां तक कि मौत का कारण भी हो सकता है।

मैरीलैंड जनरल क्लिनिकल रिसर्च सेंटर विश्वविद्यालय में किए गए एक 2010 के अध्ययन के अनुसार, जितना अधिक आप धूम्रपान करते हैं, उतनी ही अधिक जोखिम आपको होता है। वास्तव में, धूम्रपान ना करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में स्ट्रोक होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है।

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खैर, धूम्रपान के दुष्प्रभावों को देखते हुए आप निश्चित रूप से इस आदत को छोड़ने के बारे में सोचेंगे। सबसे पहले अपनी इच्छा शक्ति को बढ़ाए और फिर धूम्रपान छोड़ने में विशेषज्ञ की मदद और पारिवारिक सहायता लें और घरेलू उपचार भी करें।

no smoking essay in hindi

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर निबंध 2023 | Speech On World No-Tobacco Day in Hindi | Download PDF

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर निबंध 2023: विश्व तंबाकू निषेध दिवस World Health Organization (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा आयोजित किए जाने वाले वैश्विक दिवसों में से एक बहुत प्रसिद्ध और आवश्यक दिन है। यह एक प्रमुख दिवस है जो लोगों को व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्यों पर तम्बाकू के बुरे प्रभावों को समझने में मदद करती है और उसके दुष्प्रभावों के बारे में भी लोगों को जगरुक करती है। कार्यक्रम के आयोजक ज्यादातर धूम्रपान करने वालों को अपने जीवन की रोकथाम के लिए तम्बाकू का सेवन बंद करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। साथ ही, आयोजक धूम्रपान करने वालों को कम से कम एक दिन के लिए चौबीस घंटे धूम्रपान न करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस लेख के जरिए हम आपको विश्व तंबाकू निषेध दिवस के बारे में निबंध के जरिए जानकारी उपलब्ध करा रहे है जो आपको इस दिन को जानने में मदद करेगी। वहीं इस निबंध को आप किसी भी तरह कि निबंध प्रतियोगित के लिए इस्तमाल कर सकते है। इस निबंध लेख में हमने लॉंग और शॉर्ट दोनो तरह के निबंध आपके सामने पेश किए है। वहीं इस लेख को हमने कई तरह के पॉइन्ट के आधार पर तैयार किया है जो इस लेख को रिच बनाते हैं जैसे कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर निबंध (500 शब्द)विश्व तंबाकू निषेध दिवस–निबंध (600 शब्द)विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर भाषण | Speech On World No-Tobacco Day In Hindi विश्व तंबाकू निषेध दिवस निबंध PDF Long Essay on World No-Tobacco Day (800 शब्द) स्कूली छात्रों के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर 10 पंक्तियाँ | World No-Tobacco Day Essay in Hindi ।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर निबंध (500 शब्द)

विश्व को बीमारियों और इसकी जटिलताओं से मुक्त बनाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं जैसे एड्स दिवस, मानसिक स्वास्थ्य दिवस, रक्तदाता दिवस, कैंसर दिवस और आदि। सभी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और दुनिया भर में बहुत महत्वपूर्ण रूप से मनाए जाते हैं।इसी कड़ी में विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को मनाया जाता है। यह पहली बार 7 अप्रैल को वर्ष 1988 में WHO की 40 वीं वर्षगांठ पर मनाया गया था और बाद में इसे हर साल 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। इसे WHO के सदस्य राज्यों द्वारा वर्ष 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में बनाया गया था।

यह दुनिया भर में किसी भी रूप में तंबाकू की खपत को कम करने या पूरी तरह से बंद करने के लिए लोगों को जागरूक करने और प्रोत्साहित करने के इरादे से मनाया जाता है। इस दिन के उत्सव का उद्देश्य तंबाकू के उपयोग के हानिकारक प्रभावों के साथ-साथ दूसरों को इसकी जटिलताओं के संदेश को फैलाने के लिए विश्व स्तर पर जनता का ध्यान आकर्षित करना है। इस अभियान में शामिल विभिन्न वैश्विक संगठन जैसे राज्य सरकारें, सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन आदि स्थानीय स्तर पर विभिन्न जन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।निकोटीन की लत स्वास्थ्य के लिए बहुत खराब है जो घातक है और मस्तिष्क की “चाहने वाली” बीमारी के रूप में जानी जाती है जिसे कभी ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन पूरी तरह से रोका जा सकता है। यह अन्य अवैध दवाओं, मेथ, अल्कोहल, हेरोइन और आदि की तरह ही मस्तिष्क डोपामाइन मार्गों को बांधता है। यह शरीर को निकोटीन की आवश्यकता के बारे में झूठा संदेश भेजने के लिए मस्तिष्क को तैयार करता है, जैसा कि अन्य जीवित गतिविधियों जैसे भोजन और तरल पदार्थ खाने और पीने के लिए आवश्यक है।

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पृथ्वी पर पूर्व उपयोगकर्ताओं को उनके जीवन को रोकने में मदद करने के लिए स्वास्थ्य संगठनों द्वारा विभिन्न प्रकार के निकोटीन की लत छोड़ने की विधि प्रदान की जाती है। डब्ल्यूएचओ ने 2008 के विश्व तंबाकू निषेध दिवस का जश्न मनाते हुए और “तंबाकू मुक्त युवा” के अभियान संदेश के माध्यम से तंबाकू या इसके उत्पादों के प्रचार, विज्ञापन और प्रायोजन पर प्रतिबंध लगा दिया है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के विषय विभिन्न प्रकार के घातक तंबाकू उत्पादों के अस्तित्व के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं और देशों को सख्त नियमों की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। विनियमन को लोगों को सटीक जानकारी प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए, भेस को दूर करना चाहिए और तम्बाकू उत्पादों के पीछे की सच्चाई का अनावरण करना चाहिए। पारंपरिक नया और भविष्य।एक सफल विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के लिए, अधिक से अधिक देशों में अधिक से अधिक लोगों को शामिल होने की आवश्यकता है। यद्यपि WNTD वर्ष में केवल एक दिन है, तम्बाकू के उपयोग के खतरों के बारे में संदेश फैलाने के प्रयासों को पूरे वर्ष जारी रखने की आवश्यकता है।दुनिया भर में वयस्कों में समय से पहले होने वाली 10 मौतों में से लगभग एक के लिए तंबाकू का उपयोग जिम्मेदार है। तंबाकू के उपयोग से होने वाली मौतों का वैश्विक बोझ, प्रत्येक वर्ष, 2005 में 5 मिलियन से दोगुना होकर 2020 में 10 मिलियन होने का अनुमान है।

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस – निबंध (600 शब्द)

हर साल 31 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और दुनिया भर के स्वास्थ्य समुदाय तंबाकू के नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन को मनाते है । विश्व तंबाकू निषेध दिवस (डब्ल्यूएनटीडी) तंबाकू के उपयोग, उत्पादन और अपशिष्ट के विनाशकारी स्वास्थ्य और पर्यावरणीय प्रभावों पर प्रकाश डालता है। यह तम्बाकू महामारी की ओर ध्यान आकर्षित करता है, स्वस्थ जीवन के लिए सभी के अधिकार के लिए लड़ने और आने वाली पीढ़ियों की रक्षा के लिए इस दिन को मनाया जाता गै। WNTD 2023 का विषय है हमें भोजन की आवश्यकता है, तम्बाकू की नहीं”।WHO के अनुसार, “एक वैश्विक खाद्य संकट बढ़ रहा है, जो संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, COVID-19 महामारी के प्रभावों के साथ-साथ यूक्रेन में युद्ध के लहरदार प्रभावों के कारण भोजन, ईंधन और उर्वरक की बढ़ती कीमतों को बढ़ा रहा है।”

125 से अधिक देशों में तम्बाकू अभी भी नकदी फसल के रूप में उगाया जाता है और पर्यावरण पर इसकी खेती के हानिकारक प्रभाव मुख्य रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में देखे जाते हैं। तम्बाकू उगाने और उत्पादन करने से पारिस्थितिक क्षति, जलवायु परिवर्तन होता है और कृषि और खाद्य सुरक्षा का भविष्य खतरे में पड़ जाता है।इन मुद्दों को हल करने के लिए, WNTD 2023 वैश्विक अभियान का उद्देश्य सरकारों और नीति निर्माताओं को वैकल्पिक फसलों पर स्विच करने के लिए दुनिया भर में तंबाकू किसानों का समर्थन करने के लिए जुटाना है। अभियान सामग्री टिकाऊ फसल उत्पादन और तम्बाकू किसानों के लिए पौष्टिक फसलें उगाना शुरू करने के लिए विपणन के अवसरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है।

दुनिया भर में हर साल अनुमानित 35 लाख हेक्टेयर भूमि का उपयोग तंबाकू की खेती के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि तंबाकू उत्पादन के परिणामस्वरूप सालाना 2 लाख हेक्टेयर वनों की कटाई होती है। क्योंकि मक्का की खेती और मवेशियों के चरने जैसे अन्य कृषि कार्यों की तुलना में तम्बाकू के खेतों में मरुस्थलीकरण (जैविक उत्पादकता में कमी) की संभावना अधिक होती है, तम्बाकू की खेती का पारिस्थितिक तंत्र पर काफी अधिक हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, तम्बाकू की खेती के लिए आवश्यक रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के गहन उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हो सकती है और अन्य खाद्य फसलों की उपज कम हो सकती है।तंबाकू में कई खतरनाक पदर्थ होते है जो इसे काफी नुकसानदायक बनाते है जैसे कि – टार – तम्बाकू के धुएँ में निलंबित ठोस कणों के लिए शब्द है। कणों में रसायन होते हैं, जिनमें कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ (कार्सिनोजेन्स) शामिल हैं। टार चिपचिपा और भूरा होता है, और दांतों, नाखूनों और फेफड़ों के ऊतकों को दाग देता है

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कार्बन मोनोऑक्साइड – एक जहरीली गैस है। यह गंधहीन और रंगहीन होता है और बड़ी मात्रा में, जल्दी से मृत्यु का कारण बनता है क्योंकि यह रक्त में ऑक्सीजन की जगह लेता है। जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनके रक्त में कार्बन मोनोऑक्साइड ऑक्सीजन के लिए उनके अंगों और मांसपेशियों तक पहुंचना कठिन बना देता है।

ऑक्सीकरण करने वाले रसायन – यह  अत्यधिक प्रतिक्रियाशील रसायन होते हैं जो धूम्रपान करने वाले लोगों के हृदय की मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। वे कोलेस्ट्रॉल के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, जिससे धमनी की दीवारों पर फैटी सामग्री का निर्माण होता है। उनके कार्यों से हृदय रोग, स्ट्रोक और रक्त वाहिका रोग होते हैं

धातु – तम्बाकू के धुएँ में आर्सेनिक, बेरिलियम, कैडमियम, क्रोमियम, कोबाल्ट, सीसा और निकल सहित कई धातुएँ होती हैं जो कैंसर का कारण बनती हैं।

रेडियोधर्मी यौगिक – तम्बाकू के धुएँ में रेडियोधर्मी यौगिक होते हैं जिन्हें कार्सिनोजेनिक के रूप में जाना जाता है।

वही् जो व्यक्ति जो अपने पूरे जीवन में धूम्रपान करता है, संभावित घातक बीमारियों की एक श्रृंखला विकसित करने का उच्च जोखिम होता है, जिसमें निम्न शामिल हैं:-फेफड़े, मुंह, नाक, स्वरयंत्र, जीभ, नाक साइनस, अन्नप्रणाली, गले, अग्न्याशय, अस्थि मज्जा (माइलॉयड ल्यूकेमिया), गुर्दे, गर्भाशय ग्रीवा, अंडाशय, मूत्रवाहिनी, यकृत, मूत्राशय, आंत्र और पेट का कैंसर,फेफड़े के रोग जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, जिसमें ऑब्सट्रक्टिव ब्रोंकियोलाइटिस और वातस्फीति शामिल हैं-हृदय रोग और स्ट्रोक,पाचन तंत्र के अल्सर,ऑस्टियोपोरोसिस और हिप फ्रैक्चर,पैरों और हाथों में खराब रक्त परिसंचरण, जिससे दर्द हो सकता है और गंभीर मामलों में, गैंग्रीन और विच्छेदन हो सकता है,मधुमेह प्रकार 2,रूमेटाइड गठिया।

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर भाषण | Speech On World No-Tobacco Day In Hindi

नमस्कार आप सभी को, आज में आपके सामने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर एक स्पीच देने जा रहा हूं जो आपको इस दिन के बारे में डिटेल में जानने में मदद करेगी। साथ ही हम आपको तंबाकू छोड़ने से होने वाले फायदों के बारे में भी चर्चा करेंगे। मैं आपको बताना चाहूंगा कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस समारोह का आयोजन डब्ल्यूएचओ और इसके सदस्य राज्यों द्वारा वार्षिक आधार पर गैर-सरकारी और सरकारी संगठनों सहित लोगों को तंबाकू के उपयोग से होने वाले सभी स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में जागरूक करने के लिए किया जाता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस को प्रोत्साहित करने के लिए है दुनिया भर में सभी प्रकार के तंबाकू सेवन से परहेज की 24 घंटे की अवधि। इसका उद्देश्य तम्बाकू उपयोग के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करना है, जो वर्तमान में दुनिया भर में सालाना मौतों का कारण बनता है। पिछले वर्षों में, विश्व तंबाकू निषेध दिवस को दुनिया भर में उत्साह और प्रतिरोध दोनों के साथ मनाया गया है। तंबाकू हमारे स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव डाल सकता है। बहरहाल, लोग इसका रोजाना लंबे समय तक सेवन करते हैं, जब तक कि बहुत देर न हो जाए। पूरी दुनिया में लगभग एक अरब लोग धूम्रपान करते हैं। यह चौंकाने वाला आंकड़ा है क्योंकि 1 अरब अपने साथ लाखों लोगों को जोखिम में डालते हैं।

सिगरेट का फेफड़ों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। धूम्रपान के कारण सभी कैंसर के लगभग एक तिहाई मामले होते हैं। उदाहरण के लिए, यह सांस लेने को प्रभावित कर सकता है और सांस की तकलीफ और खांसी का कारण बन सकता है। इसके अलावा, यह श्वसन पथ के संक्रमण के जोखिम को भी बढ़ाता है जो अंततः जीवन की गुणवत्ता को कम करता है।इन गंभीर स्वास्थ्य परिणामों के अलावा, धूम्रपान व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है। यह गंध और स्वाद की भावना को बदल देता है। इसके अलावा, यह शारीरिक व्यायाम करने की क्षमता को भी कम करता है।यह आपके शारीरिक दिखावे को भी बाधित करता है जैसे पीले दांत और वृद्ध त्वचा देना। आपको अवसाद या चिंता का अधिक खतरा भी होता है। धूम्रपान हमारे परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के साथ हमारे संबंधों को भी प्रभावित करता है।सबसे खास बात यह है कि यह एक महंगी आदत भी है। दूसरे शब्दों में, इसमें भारी वित्तीय लागत शामिल है। हालांकि कुछ लोगों के पास गुजारा करने के लिए पैसे नहीं होते हैं, फिर भी वे अपनी लत के कारण इसे सिगरेट पर बर्बाद कर देते हैं।

यदि आप धूम्रपान छोड़ने पर गंभीरता से विचार करते हैं तो आपको इस आदत को छोड़ने के लाभों पर ध्यान देना चाहिए।

  • अगर आप बीस मिनट के लिए धुम्रपान छोड़ते है तो रक्तचाप और नाड़ी की दर सामान्य हो जाती है। आठ घंटे के बाद, रक्त में ऑक्सीजन का स्तर सामान्य हो जाता है। हार्ट अटैक आने के चांस कम होने लगते हैं।
  • इसको छोड़ने के 24 घंटे के बाद कार्बन मोनोऑक्साइड शरीर से समाप्त हो जाती है। फेफड़े बलगम और अन्य मलबे को साफ करते हैं।
  • वहीं इसे छोड़े हुए 48 घंटों के बाद, शरीर में निकोटीन का पता नहीं चलता है। स्वाद और सूंघने की क्षमता में सुधार होता है।
  • 72 घंटों के बाद, सांस लेना आसान हो जाता है क्योंकि ब्रोन्कियल नलियां शिथिल हो जाती हैं। एनर्जी लेवल बढ़ता है।
  • अगर दो से 21 सप्ताह के बाद, पूरे शरीर में परिसंचरण में सुधार होता है।
  • तीन से नौ महीने के बाद खांसी, सांस की तकलीफ और घरघराहट जैसी सांस की समस्याएं कम हो जाती हैं। कुल फेफड़ों का कार्य पांच से 10 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। पांच साल के बाद, धूम्रपान करने वालों की तुलना में दिल का दौरा पड़ने का खतरा लगभग आधा हो जाता है।
  • 10 वर्षों के बाद, धूम्रपान करने वालों की तुलना में फेफड़ों के कैंसर का खतरा लगभग आधा हो जाता है। दिल का दौरा पड़ने का जोखिम धूम्रपान न करने वालों जितना ही होता है।

मैरी बात सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद, आपका दिन शुभ हो।

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस निबंध PDF 

इस पॉइंट में हम आपको विश्व तंबाकू निषेध दिवस निबंध पीडीएफ में उपलब्ध करा रहे हैं जो आप डाउनलोड कर सकते हैं यह डाउनलोड किया गया पीरियड आप अपने परिजनों के साथ भी साझा कर सकते हैं और उनकी भी विश्व तंबाकू निषेध दिवस को लेकर जानकारी बढ़ा सकते हैं आप इस निबंध को पीरियड में डाउनलोड किए कई सालों तक अपने पास रख सकते हैं और आने वाले किसी भी तरह के निबंध प्रतियोगिता में इसका इस्तेमाल कर अपना इस प्रतियोगिता में विशेष स्थान प्राप्त कर सकते हैं निबंध को कई तरह के बाद तैयार किया गया है जो आपको सटीक जानकारी उपलब्ध कराता है।

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Long Essay on World No-Tobacco Day (800 शब्द)

विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को मनाए जाने वाले आठ आधिकारिक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक है। वार्षिक पर्यवेक्षण दिवस जनता को तम्बाकू का उपयोग करने के खतरों और महामारी से लड़ने के लिए डब्ल्यूएचओ क्या कर रहा है, के बारे में सूचित करता है। यह तंबाकू छोड़ने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए वैश्विक जागरूकता फैलाता है। तंबाकू से संबंधित बीमारियों के कारण हर साल 6 मिलियन से अधिक लोग अपनी जान गंवाते हैं और वर्ष 2030 तक यह आंकड़ा बढ़कर 8 मिलियन से अधिक प्रति वर्ष हो जाता है। तम्बाकू के उपयोग के कई हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर, यहाँ तक कि उपयोगकर्ता के आसपास के लोगों पर, WHO ने 1987 में पहला विश्व तम्बाकू निषेध दिवस आयोजित किया। अपने विश्व तम्बाकू निषेध दिवस अभियानों के साथ, ब्रांड अपने उपभोक्ताओं से एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का आग्रह कर रहे हैं। हर साल, WHO दिन के लिए एक मजबूत संदेश बनाने के लिए एक थीम चुनता है। विषय अगले वर्ष के लिए डब्ल्यूएचओ के तंबाकू से संबंधित एजेंडे का मुख्य घटक बन जाता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 1987 में डब्ल्यूएचओ द्वारा पेश किया गया था ताकि लोगों को तंबाकू की महामारी और इससे होने वाली मौतों के बारे में बताया जा सके। डब्ल्यूएचओ ने और अधिक लोगों को धूम्रपान से बचने की शपथ दिलाने के मकसद को और व्यापक बना दिया।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास

1987 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य राज्यों ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस की शुरुआत की। इसका उद्देश्य ”तंबाकू की महामारी और इसके कारण होने वाली रोकी जा सकने वाली मृत्यु और बीमारी की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करना था। प्रस्ताव पारित होने के बाद, हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस स्वास्थ्य और सामुदायिक कार्यकर्ताओं के लिए तम्बाकू छोड़ने और लोगों को तम्बाकू छोड़ने में मदद करने के लिए एक बड़ा दिन बन गया। तम्बाकू का उपयोग मानव सभ्यता के इतिहास के रूप में बहुत पीछे जाता है- लगभग 12,000 साल पहले। भारत में, अलग-अलग उपयोग के कुछ दूरस्थ साक्ष्यों को छोड़कर, संगठित तंबाकू की खेती तब तक शुरू नहीं हुई जब तक पुर्तगालियों ने इसे 17वीं शताब्दी में पेश नहीं किया। देश भर में तम्बाकू उत्पादों का व्यापक उपयोग और बिक्री और भी हाल की है – 20वीं सदी की शुरुआत की।1891-92 में ईरान में पहले राष्ट्रीय स्तर के तंबाकू विरोधी आंदोलन के साथ, तंबाकू के उपयोग का विरोध कम से कम 130 साल पुराना है। 1930 के दशक से, तम्बाकू के स्वास्थ्य जोखिमों के बढ़ते प्रमाण ने कई पश्चिमी देशों को उत्पाद पर उच्च कर लगाने और इसे सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंधित करने के लिए मजबूर किया। अंततः 1980 के दशक में धूम्रपान और कैंसर के बीच संबंध की पुष्टि हुई।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महात्व

विश्व तंबाकू दिवस हर साल 31 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है। यह दुनिया भर में धूम्रपान करने वालों और धूम्रपान न करने वालों के लिए विचार और चिंतन का दिन है।इस दिन का उद्देश्य जनता को तम्बाकू के उपयोग के खतरों और तम्बाकू कंपनियों के व्यावसायिक प्रथाओं के बारे में सूचित करना है।विश्व तम्बाकू निषेध दिवस जनता को तम्बाकू कंपनियों के व्यवसाय प्रथाओं के बारे में भी शिक्षित करता है, तम्बाकू के उपयोग के खिलाफ लड़ने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन क्या कर रहा है, और लोग स्वस्थ जीवन के अपने अधिकार का दावा करने के लिए क्या कर सकते हैं।

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धूम्रपान छोड़ने के फायदे

धूम्रपान छोड़ने के कई फायदे होते है, जिसके बारे में इस पॉइन्ट के जरिए हम आपको बताने जा रहे है, जो कि कुछ इस प्रकार हैं-

  • धूम्रपान छोड़ना आपके मस्तिष्क को फिर से तार कर सकता है और व्यसन के चक्र को तोड़ने में मदद कर सकता है। छोड़ने के लगभग एक महीने के बाद आपके मस्तिष्क में बड़ी संख्या में निकोटीन रिसेप्टर्स सामान्य स्तर पर वापस आ जाएंगे।
  • धूम्रपान छोड़ने से आपकी सुनने की क्षमता तेज रहेगी। याद रखें, हल्की सुनवाई हानि भी समस्याएँ पैदा कर सकती है (जैसे निर्देशों को सही ढंग से न सुनना और किसी कार्य को गलत करना)।
  • धूम्रपान बंद करने से आपकी रात की दृष्टि में सुधार होगा और धूम्रपान से आपकी आंखों को होने वाले नुकसान को रोककर आपकी समग्र दृष्टि को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
  • गन्दा मुँह किसी को पसंद नहीं होता। कुछ दिनों के बाद बिना सिगरेट के आपकी मुस्कान और भी तेज हो जाएगी। अभी धूम्रपान न करने से आने वाले कई सालों तक आपका मुंह स्वस्थ रहेगा।
  • धूम्रपान छोड़ना एंटी-एजिंग लोशन से बेहतर है। छोड़ने से दाग-धब्बों को दूर करने और आपकी त्वचा को समय से पहले बूढ़ा होने और झुर्रियों से बचाने में मदद मिल सकती है।
  • धूम्रपान दिल के दौरे और हृदय रोग का प्रमुख कारण है। लेकिन इनमें से कई दिल के जोखिमों को केवल धूम्रपान छोड़ने से उलटा किया जा सकता है। छोड़ने से आपका रक्तचाप और हृदय गति लगभग तुरंत कम हो सकती है। दिल का दौरा पड़ने का आपका जोखिम 24 घंटों के भीतर कम हो जाता है।
  • धूम्रपान छोड़ने का एक अन्य प्रभाव यह है कि आपका रक्त पतला हो जाएगा और खतरनाक रक्त के थक्के बनने की संभावना कम हो जाएगी। आपके दिल को भी कम काम करना होगा, क्योंकि यह आपके शरीर में रक्त को अधिक आसानी से स्थानांतरित करने में सक्षम होगा।
  • धूम्रपान छोड़ने से पहले से मौजूद वसा से छुटकारा नहीं मिलेगा। लेकिन यह आपके रक्त में फैले कोलेस्ट्रॉल और वसा के स्तर को कम करेगा, जो आपकी धमनियों में नए फैटी जमा के निर्माण को धीमा करने में मदद करेगा।
  • फेफड़ों का निशान उलटा नहीं होता है। इसीलिए आपके फेफड़ों को स्थायी नुकसान पहुंचाने से पहले धूम्रपान छोड़ना महत्वपूर्ण है। छोड़ने के दो सप्ताह के भीतर, आप देख सकते हैं कि सीढ़ियों पर चलना आसान हो गया है क्योंकि आपको सांस की कमी हो सकती है। बाद तक प्रतीक्षा न करें; आज छोड़ो!
  • वातस्फीति के लिए कोई इलाज नहीं है। लेकिन जब आप युवा होते हैं, तो इससे पहले कि आप अपने फेफड़ों में नाजुक हवा की थैली को नुकसान पहुंचा चुके हों, छोड़ने से आपको बाद में वातस्फीति विकसित होने से बचाने में मदद मिलेगी।
  • धूम्रपान छोड़ने के बाद सिलिया फिर से बढ़ने लगती है और सामान्य कार्य को फिर से शुरू कर देती है। वे आपके शरीर में ठीक होने वाली पहली चीजों में से एक हैं। लोग कभी-कभी नोटिस करते हैं कि जब वे पहली बार धूम्रपान छोड़ते हैं तो उन्हें सामान्य से अधिक खांसी होती है। यह एक संकेत है कि सिलिया जीवन में वापस आ रहे हैं। लेकिन जब आपके सिलिया ठीक से काम कर रहे हों तो आप सर्दी और संक्रमण से लड़ने की अधिक संभावना रखते हैं।
  • धूम्रपान छोड़ने से नए डीएनए क्षति को होने से रोका जा सकेगा और यहां तक कि पहले से हो चुके नुकसान की मरम्मत में भी मदद मिल सकती है। कैंसर होने के अपने जोखिम को कम करने के लिए तुरंत धूम्रपान छोड़ना सबसे अच्छा तरीका है।
  • धूम्रपान छोड़ने से आपके पेट की चर्बी कम होगी और मधुमेह का खतरा कम होगा। यदि आपको पहले से ही मधुमेह है, तो छोड़ने से आपको अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने में मदद मिल सकती है।
  • यदि आप एक महिला हैं, तो धूम्रपान छोड़ने के बाद आपके एस्ट्रोजन का स्तर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएगा। और अगर आपको किसी दिन बच्चे होने की उम्मीद है, तो अभी धूम्रपान छोड़ने से भविष्य में आपकी स्वस्थ गर्भावस्था की संभावना बढ़ जाएगी।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाले कैंसर और हृदय रोगों की रोकथाम के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए हर साल दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध स्वास्थ्य जागरूकता दिवस है। दुनिया भर में तंबाकू उत्पादों के कारण होने वाले कैंसर ने 12 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित किया है।हर साल तंबाकू से 10 में से 1 व्यक्ति की मौत होती है। कैंसर दुनिया भर में धूम्रपान करने वाले या तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने वाले व्यक्तियों का प्रमुख हत्यारा है। सरकार, नागरिक समुदायों और गैर-सरकारी संगठनों को दैनिक जीवन में तंबाकू उत्पादों के सार्वजनिक उपभोग के खिलाफ नियंत्रण उपाय करने के लिए सहयोग से काम करना चाहिए।संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से दुनिया भर के देशों ने 2025 तक तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के लिए विभिन्न महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शुरू की हैं। दुनिया भर में कई कॉर्पोरेट निकायों, नागरिक समाजों, स्वास्थ्य संगठनों द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। वे धूम्रपान और तम्बाकू उत्पादों के सेवन के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान, मुफ्त स्वास्थ्य जांच या जांच शिविर आयोजित करते हैं

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स्कूली छात्रों के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर 10 पंक्तियाँ | World No-Tobacco Day Essay in Hindi

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  • WHO 31 तारीख को तंबाकू के प्रति जागरुकता फैलाकर छह सेकंड के भीतर होने वाली हर एक मौत को रोक सकता है।
  • विश्व तंबाकू निषेध दिवस 1987 से मनाया जा रहा है
  • धूम्रपान या तंबाकू चबाना किसी भी व्यक्ति की सबसे बुरी आदतों में से एक है।
  • खांसी और गले का संक्रमण इम्पैक्ट ऑफ स्मोकिंग का शुरुआती असर है। यह एक धब्बेदार त्वचा और दांतों के मलिनकिरण की ओर भी जाता है।
  • कभी-कभी यह हृदय रोग, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, स्ट्रोक और कई प्रकार के कैंसर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
  • भारत सरकार ने विभिन्न विधानों और व्यापक तम्बाकू नियंत्रण उपायों को अधिनियमित किया।
  • यह हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर सहित गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के मुख्य कारणों में से एक है।
  • आपकी उम्र कोई भी हो आप छोटे है या बड़े पर जब भी आप धु्म्रपान करना छोड़ देते है तो आप अपने शरीर में अच्छे बदलाव देखना शुरु कर देते हैं।
  • इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य जानता को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर होने वाले हर बुरे प्रभाव के बारे में जागरुक करना है और उनके जीवन को नई दिशा में लाना हैं।
  • तम्बाकू को शांत करने को बढ़ावा देने के लिए सभी गैर सरकारी संगठन और नागरिक संगठन एक साथ जुड़ते हैं

FAQ’s Speech On World No-Tobacco Day in Hindi

Q.धूम्रपान के क्या प्रभाव होते हैं.

Ans.धूम्रपान के कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़ों के रोग, मधुमेह, और अधिक जैसे प्रमुख प्रभाव हैं। यह तपेदिक, कुछ नेत्र रोगों और प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याओं के जोखिम को भी बढ़ाता है।

Q.हमें धूम्रपान से क्यों बचना चाहिए?

Ans.हमें धूम्रपान से बचना चाहिए क्योंकि यह आपके जीवन प्रत्याशा को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, धूम्रपान न करने से, आप अपने रोग के जोखिम को कम करते हैं जिसमें फेफड़े का कैंसर, गले का कैंसर, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और बहुत कुछ शामिल हैं।

Q.विश्व तंबाकू निषेध दिवस कब मनाया जाता है?

Ans.हर साल 31 मई को दुनिया भर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।

Q.भारत में कितने ए़डल्ट तंबाकू का सेवन करते हैं?

Ans.भारत में लगभग 270 मिलियन ए़डल्ट तम्बाकू का सेवन करते हैं।

Q. तंबाकू का सबसे ज्यादा सेवन किस देश में होता है?

Ans.चीन दुनिया में तंबाकू का सबसे ज्यादा सेवन करने वाला देश है।

Q.तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभाव क्या हैं?

Ans.तंबाकू के सेवन से कैंसर, दांतों की समस्या और फेफड़ों की समस्या जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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तम्बाकू का नशा – कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार | विश्व तंबाकू निषेध दिवस.

Last Updated: July 17, 2020 By Gopal Mishra 20 Comments

हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस ( वर्ल्ड नो टोबैको डे) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरुआत विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) ने 1987 में की थी. पूरी दुनिया में प्रति वर्ष लगभग 60 लाख लोग तम्बाकू के प्रयोग के कारण मर जाते हैं, इसलिए इस दिन को मनाने के पीछे का ध्येय यही है कि आम जनता तम्बाकू से होने वाले नुक्सान को जाने और तम्बाकू से बने पदार्थों से दूर रहे.

rummy gold

तम्बाकू एक धीमा जहर है जो सेवन करने वाले व्यक्ति को धीरे धीरे करके मौत के मुँह मे धकेलता रहता है। लोग जाने अनजाने मे तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते रहते है, धीरे धीरे शौक लत मेँ परिवर्तित हो जाता है और तब नशा आनंद प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि ना चाहते हुए भी किया जाता है एक शायर ने क्या खूब कहा है –

कौन कमबख्त पीता है मजा लेने के लिए, हम तो पीते हैं क्योंकि पीनी पड़ती है !

तम्बाकू उत्पादों का सेवन अनेक रूप में किया जाता है, जैसे बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, जर्दा, खैनी, हुक्का, चिलम आदि। सिगरेट, बीडी और हुक्के का हर कश एवं गुटखे, जर्दे, खैनी की हर चुटकी हर पल मौत की ओर ले जा रही होती है।

holy rummy

  • Related:  तम्बाकू और सिगरेट को लेकर क्या कहती हैं दुनिया भर की हस्तियाँ

World No Tobacco Day Essay in Hindi

कौन किसे जलाता है !

तम्बाकू उत्पादों के सेवन से नुकसान / Harmful effects of tobacco in Hindi

  • तम्बाकू में मादकता या उतेजना देने वाला मुख्य घटक निकोटीन (Nicotine) है यही तत्व सबसे ज्यादा घातक भी है।
  • इसके अलावा तम्बाकू मे अन्य बहुत से कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्व पाये जाते है।
  • धुम्रपान एवँ तम्बाकू खाने से मुँह् ,गला, श्वासनली व फेफडोँ का कैंसर (Mouth, throat and lung cancer ) होता है।
  • दिल की बीमारियाँ (Heart Disease )
  • धमनी काठिन्यता,उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure )
  • पेट के अल्सर (Stomach Ulcer ),
  • अम्लपित (Acidity),
  • अनिद्रा (insomnia) आदि रोगों की सम्भावना तम्बाकू उत्पादों के सेवन से बढ़ जाती है।

तम्बाकू की लत के कारण / Cause of tobacco addiction in Hindi

कभी दूसरों की देखा देखी, कभी बुरी संगत मे पडकर कभी मित्रो के दबाब में, कई बार कम उम्र मेँ खुद को बडा दिखाने की चाहत में तो कभी धुएँ के छ्ल्ले उडाने की ललक,कभी फिल्मों मे अपने प्रिय अभिनेता को धूम्रपान करते हुए देखकर तो कभी पारिवारिक माहौल का असर तम्बाकू उत्पादों की लत का कारण बनता है। अधिकतर लोग किशोरावस्था या युवावस्था मेँ दोस्तोँ के साथ सिगरेट, गुट्खा, जर्दा, आदि का शौकिया रूप मेँ सेवन करते है शौक कब आदत एवँ आदत लत मे बदल जाती है पता ही नहीं चलता और जब तक पता चलता है तब तक शरीर को बहुत नुक्सान पहुँच चुका होता है।

धूम्रपान, जर्दा, खैनी आदि नशा छोडने के उपाय ( How to quit tobacco / smoking  in Hindi )

1. नशा छोड्ने का मन से निश्चय करेँ।

2. यदि नशा एक बार मेँ झटके से छोड्ना मुश्किल लगे तो धीरे धीरे मात्रा कम करते हुए छोड़ें।

3. सभी मित्रोँ,परिचितों को बता दें कि आपने नशा छोड दिया है ताकि वे आपको नशा करने के लिये बाध्य ना करेँ।

4. डायरी लिखेँ कि आप कब और कितनी मात्रा मे नशा करते हैं क्या कारण है जो आपको नशा करने के लिये प्रेरित होते  हैं।

5. अपने पास सिगरेट, गुटखा, तम्बाकू, एवँ माचिस आदि रखना छोड देँ।

6. खान पान एवं लाइफ स्टाइल में सुधार करें।

  • Related: तंबाकू से होते हैं इतने रोग फिर क्यों नहीं डरते हैं लोग!  ( तम्बाकू निषेध  दिवस  2017 पर  विशेष  लेख )

नशा छोड़ने के आयुर्वेदिक तरीके / Ayurvedic Ways to Quit Tobacco / Smoking

7. 50 ग्राम सौंफ एवँ इतनी ही मात्रा मेँ अजवायन लेकर तवे पर भूने, थोडा नींबू का रस एवँ हल्का काला नमक डाल लेँ। एक डब्बी में रखकर अपनी जेब में रख लें। जब भी सिगरेट एवँ तम्बाकू आदि की तलब लगे तो कुछ दाने मुँह मेँ रख लेँ एवं चबाते रहे इससे तलब कम होगी,अजीर्ण ( indigestion),अरुचि (Anorexia),गैस (Gas, Acidity) में आराम मिलेगा। 8. गुनगुने पानी मे नींबू का रस एवँ शहद डालकर पीना तलब को कम करता है तथा नशे के विषाक्त तत्वों को शरीर से बाहर निकालता है।

9. एक पुडिया मे सूखे आँवले के टुकडे, इलायची ,सौंफ, हरड के टुकडे रखेँ ताकि जब तलब लगे तो कुछ टुकडे मुँह में रखें और चबाते रहें इनसे तलब ( Craving) तो कम होती ही साथ ही खट्टी डकार ,भूख ना लगना (lack of appetite ),पेट फूलने में आराम मिलता है।

नशा छोड़ते वक़्त क्या परेशानी आ सकती है ? / Withdrawal Symptoms in Hindi

सिगरेट ,बीडी,एवं अन्य तम्बाकू उत्पादोँ का नशा छोड्ने पर अनेक लक्षण उत्पन्न हो जाते है जो बहुत परेशान करते है इन्हे विड्रावल लक्षण ( Withdrawal Symptoms ) कहते है जैसे:

  • चिंता ( Stress,anxiety)
  • बेचैनी (Restlessness)
  • भूख ना लगना (lack of appetite )
  • ह्रदय की धडकन बढना (Palpitation)
  • नींद ना आना (lack of sleep)
  • ज्यादा पसीना आना (Excessive sweating)
  • नशे की तीव्र इच्छा होना ( Craving )
  • अवसाद ( Depression )
  • सिर दर्द आदि।

यदि लक्षण ज्यादा गम्भीर ना हों जो कि इस बात पर निर्भर करते हैं कि व्यक्ति नशा कितने समय से और कितनी मात्रा मे कर रहा है तो ऐसी स्तिथि मे आयुर्वेद की जड़ी बूटियां एवं औषधियां बहुत फायदेमंद होती हैं, जैसे-असगंध ,ब्राह्मी, शंखपुष्पी, जटामांसी ,आंवला ,हरड, त्रिफला,मुलहठी ,सौंफ,इलायची,लवण भास्कर ,द्राक्षासव,अश्वगंधा अवलेह,अग्निटुंडी आदि बहुत उपयोगी हैं जिन्हे चिकित्सक की राय से सेवन किया जा सकता है।

31 मई को तम्बाकू निषेध दिवस / World No Tobacco Day  मनाया जाता है आइये इस अवसर पर हम संकल्प लें कि खुद भी नशा नही करेंगे और अन्य लोगो को भी नशा ना करने के लिये प्रोत्साहित करेंगे।

क्योंकि- Addiction is Death !

Dr. Manoj Gupta

Dr. Manoj Gupta

Dr.Manoj Gupta

B-3 Palam Vihar, Gurgaon (Haryana) Mob & WhatsApp#:  09929627239 Email:   [email protected] Blog:  drmanojgupta.blogspot.in  (plz visit for Health Articles in Hindi)

डॉ० मनोज गुप्ता राज्य स्तरीय आयुर्वेद के सर्वोच्च पुरस्कार धन्वंतरि पुरस्कार से सम्मानित सीनियर आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य लेखन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए आपको माननीय स्वास्थ्य मन्त्री तथा अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। आपके लेख राजस्थान पत्रिका, निरोगसुख   जैसे प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में पब्लिश होते रहे हैं।

 कृपया इस लेख को उन लोगों से ज़रूर शेयर करें जो तम्बाकू सेवन के आदि हों। 

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We are grateful to Dr. Manoj Gupta for sharing this informative Hindi article on the occasion of  World No Tobacco Day.

यदि आपके पास  Hindi  में कोई  article,  inspirational story  या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है: [email protected] .पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBlISH करेंगे. Thanks!

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no smoking essay in hindi

May 31, 2018 at 12:40 pm

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर ये आर्टिकल काफी अच्छा लगा है । कई बार देखा गया है की कॉलेज और स्कूल में विद्यार्थी धूम्रपान करते है, उन्हें लगता है की ये भी एक स्टाइल है | लेकिन ये स्टाइल कब लत बन जाती है पता ही नहीं चलता|

और अब तो पुरुष ही नहीं महिलाए भी इस की लत में है| तम्बाकू और धूम्रपान जानलेवा है | इससे व्यक्ति काल के गाल में समा जाता है |

no smoking essay in hindi

May 31, 2018 at 11:20 am

जब तक लोगों को धुम्रपान के नुकसान का अंदाजा होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. जिस सिगरेट को वो पहले शान से पीते थे उसी व्यक्ति को फिर सिगरेट पीने लगती है । अगर आपमें भी यह बुरी आदत है तो इसे जल्द से जल्द छोड़ दें ।

धुम्रपान को अपनी लाइफ से Exit करे और अपनी life को बेहतर और खुशहाल बनाये ।

हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) बनाया जाता है जिसमे यह सन्देश दिया जाता है की तम्बाकू का उपयोग करना हमारे जीवन को कितना नुकसान पहुंचा सकता है ।

तम्बाकू छोड़ें, सेहत से नाता जोडें ।

Have a nice day

no smoking essay in hindi

May 31, 2018 at 6:20 am

Hi friends Your say is right

September 22, 2017 at 7:06 pm

so useful file for those who want to quit smoking and want to live a better life……..jai hind

August 14, 2016 at 6:54 pm

Thanks sir aapki hindi file ke liye And me bhi nsa chohdne ka pura priyas karunga Our dusro ki bhi help karunga.JAI HIND

no smoking essay in hindi

May 28, 2016 at 8:12 pm

So fantastic bro g

no smoking essay in hindi

January 16, 2016 at 8:36 pm

A best thing i observed b’coz i was addicted from tobacco but after leaving this habit i got extraordinary power ad so freshness nowdays i accepts any challenges of my work.. so frds plz leave tobacco today ad start a best life ever my & dr. Guptas wishes are with u i’m leaving my no. Here for any querry cl me on 7507134082 mr. Manoj patil……

no smoking essay in hindi

December 7, 2015 at 6:01 am

nasha na karege na karne dege

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धूम्रपान पर निबंध व कविता No smoking Essay & Poem in hindi

No smoking essay in hindi.

दोस्तों हमारा भारत देश एक विशालकाय देश है इसमें बहुत सारे लोग रहते हैं लेकिन बदलते जमाने के साथ सब कुछ बदल रहा है हमारे देश में आजकल बहुत सारी बीमारियां हैं किसी को कैंसर है तो किसी को श्वास नली का इन्फेक्शन है तो किसी को स्वास्थ्य संबंधित बीमारी है तो किसी को हृदय से संबंधित बीमारियां हैं इन बीमारियों की वजह से लोग अपना काफी नुकसान उठाते हैं वह बहुत सारा पैसा खर्च तो करते ही हैं साथ में अपने कीमती जीवन को लगातार बर्बाद करते चले जाते हैं

No smoking Essay & Poem in hindi

दरअसल भगवान ने जो जीवन हमको दिया है उसमें हम धूम्रपान करते हैं तो हमें सारी बीमारियां हो जाती हैं और हमारा जीवन बर्बाद हो जाता है। आज के आधुनिक युग में धूम्रपान करना भी एक फैशन बन चुका है आजकल के नौजवानों को हम धूम्रपान करते हुए देख सकते हैं यहां तक कि लड़कियां, औरतें भी धूम्रपान करती हैं धूम्रपान आज का एक लाइफस्टाइल बन चुका है। धूम्रपान कोई अपने शौक के लिए करता है कोई नए जमाने की वजह से करता है तो कोई अपने दोस्तों के साथ रहने की वजह से करता है, किसी को धूम्रपान करना अच्छा भी लगता है तो कोई धूम्रपान मजबूरी में करता है, कोई धूम्रपान कभी-कभार करता है तो कोई धूम्रपान रोजाना कई बार करता है.

वास्तव में धूम्रपान कैसे भी किया जाए लेकिन धूम्रपान करने से सिर्फ हम को नुकसान है और नुकसान के सिवा कुछ भी नहीं है। हमें चाहिए कि हम धूम्रपान बिल्कुल भी ना करें और एक स्वस्थ जीवन जीये और अपने परिवार वालो को भी धूम्रपान बिल्कुल भी ना करने दे क्योंकि धूम्रपान एक तरह से हमारे जीवन के लिए एक अभिशाप है। धूम्रपान करने से एक बीमारी नहीं बल्कि बहुत सारी बीमारियां होती हैं इसलिए हमें धूम्रपान बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

धूम्रपान से नुकसान

धूम्रपान करने से फेफड़ों से संबंधित बीमारी हो जाती है फेफड़ों का कैंसर भी हो जाता है जिससे कई तरह की समस्याओं से हमें जूझना पड़ता है। धूम्रपान करने की वजह से स्वास्थ्य संबंधित कई बीमारियां भी हो जाती हैं हमें श्वास लेने में परेशानी आती है और यह बीमारियां लगातार बढ़ती जाती हैं इसलिए हमें धूम्रपान करने से बचना चाहिए।

धूम्रपान करने से हृदय से संबंधित बीमारियां होती हैं ह्रदय में तेजी से दर्द होता है और भी कई समस्याएं होती हैं, शरीर कमजोर सा हो जाता है। धूम्रपान की अगर आदत ज्यादा लग जाए तो वह और भी ज्यादा बुरा असर डालती है वास्तव में धूम्रपान करना हमारे सेहत के लिए सबसे खतरनाक हो सकता है। धूम्रपान करने से हमारे फेफड़े में धुंआ सा जमता जाता है इसका हानिकारक धुंआ हमारे लिए मौत होता है इसलिए हमें धूम्रपान बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए इसके एक नहीं और भी कई सारे नुकसान हैं।

धूम्रपान कैसे छोड़े

धूम्रपान छोड़ने के लिए हमें चाहिए कि हम अपनी दिनचर्या का ख्याल रखें और ऐसे दोस्तों में ना रहें जो धूम्रपान करने के आदी हो आप उनसे दूरी बना लें और अपने दोस्तों में, अपने परिवार में एक प्रतिज्ञा लें कि आज से आप धूम्रपान नहीं करेंगे। कभी भी आपको ऐसा लगे कि आपको धूम्रपान करने की आ रही है तो आप अपने परिवार के बीच बैठ जाइए आप अकेले बिल्कुल भी मत रहिए और दूसरे काम में अपना मन लगाने की कोशिश कीजिए।

धूम्रपान की आदत को आप एकदम से ही मत छोड़िए धीरे-धीरे करके इस आदत को आप छोड़ने की कोशिश कीजिए। आप अगर रोजाना सिगरेट पीते हैं तो आप एक दिन छोड़कर सिगरेट पीना शुरू कीजिए, अगर आप महीने में 15 दिन सिगरेट पीने लगते हैं तो आप उसको और कम कर दीजिए यानी 1 महीने में आप 7 दिन सिगरेट पीजिए इस तरह से आप धूम्रपान करने को और भी कम करते जाइए धीरे-धीरे आपको पता भी नहीं लगेगा और आप धूम्रपान की आदत पूरी तरह से भूल जाएंगे।

  • धूम्रपान निषेध पर विचार व नारे No smoking quotes & slogan in hindi

धूम्रपान पर कविता no smoking poem in hindi

धूम्रपान न कीजिए

जीवन में खुशियां लीजिए

धूम्रपान है जीवन का दुश्मन

यह है जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन

क्यों तुम धूम्रपान करते हो

अपने जीवन को खतरे में क्यों डालते हो

खुशियों को क्यों गम में डुबाते है

धूम्रपान की लत क्यों डालते हो

धुम्रपान बुरा है

यह जीवन के लिए खतरा है

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ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay on Smoking in Hindi – धूम्रपान पर निबंध

January 23, 2018 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph and Short Essay on Smoking in Hindi Language/ cigarette smoking is injurious to health in hindi for students of all Classes in 150, 600 and 1000 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में धूम्रपान पर निबंध मिलेगा।

Essay on Smoking in Hindi

Short Essay on Smoking in Hindi Language – धूम्रपान पर निबंध (150 Words)

वर्तमान समाज में, सिगरेट का धुम्रपान आकर्षक लग रहा है| अधिक से अधिक लोग, विशेष रूप से युवा धूम्रपान करने के लिए आदी हो रहे हैं लेकिन धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों से इनकार नहीं किया जा सकता। मानव स्वास्थ्य पर धूम्रपान के असर का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक शोध और विभिन्न अध्ययन किए गए हैं। यह साबित हो गया है कि धूम्रपान गंभीर हो सकता है क्योंकि इससे कई घातक बीमारियों का कारण बनता है। इसलिए, धूम्रपान पर कुछ प्रतिबंध होना चाहिए। लेकिन स्वतंत्र समाज में, लोग अपनी स्वतंत्रता और अपनी इच्छा के अनुसार अपने जीवन को जीने का अधिकार के बारे में बात करते हैं। उस मामले में, गैर-धूम्रपान करने का अधिकार प्रदूषण रहित पर्यावरण पाने के लिए किया जाना चाहिए। धूम्रपान पर कुल प्रतिबंध आसान नहीं है और शायद संभव नहीं है हालांकि इसे सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंधित कर दिया गया है।

Cigarette Smoking is Injurious to Health in Hindi – Essay on Smoking in Hindi – धूम्रपान पर निबंध (600 Words)

धूम्रपान एक बुरी आदत है। यह भी एक खतरनाक आदत है। धूम्रपान धूम्रपान करने वालों को बहुत खतरनाक रूप से प्रभावित करता है। यहां इस निबंध में हम आपको आपके शरीर पर धूम्रपान करने के कुछ बुरे प्रभाव बताएंगे।

धूम्रपान के कारण कैंसर का सबसे व्यापक रूप से ज्ञात रूप फेफड़ों का कैंसर है। अब तक, धूम्रपान से होने वाले दोपहर के भोजन के कैंसर ने दुनिया भर में लाखों लोगों का दावा किया है! लेकिन, यह तस्वीर का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा है। टैर, कैंसरजन, बेंजीन, कैडमियम, और फॉर्मल्डेहाइड जैसे रसायनों में ल्यूकेमिया, मूत्राशय कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर, पेट कैंसर और कई अन्य रूपों का कारण बन सकता है।

2- कार्डियोवैस्कुलर बीमारी

सिगरेट का धुआं कार्बन मोनोऑक्साइड जारी करता है, जो समय की अवधि में मानव हृदय के अंदर धमनियों को संकुचित करता है और कठोर करता है। इससे रक्त में ऑक्सीजन की खुराक में काफी कमी आ सकती है, और इस प्रकार धमनियों में कोलेस्ट्रॉल संचय के उच्च स्तर होते हैं। कोलेस्ट्रॉल संचय दिल की स्ट्रोक और पक्षाघात जैसी गंभीर चिकित्सा स्थितियों के जोखिम को काफी बढ़ा सकता है।

यदि आप लंबे समय तक धूम्रपान जारी रखते हैं, तो आपकी प्रजनन क्षमता खोने की संभावना अधिक है। सिगरेट में निकोटीन होता है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। यह दुनिया भर के कई चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा भी सिद्ध किया गया है। इसके अलावा, यह 30 के आसपास पुरुषों में सीधा होने का कारण बन सकता है, और इसलिए समय पर धूम्रपान छोड़ना बेहतर होता है।

4- पेट और गुर्दे की खराबी

धूम्रपान करने वालों को अक्सर अपनी आंतों में जलती हुई सनसनी से पीड़ित होती है। इसका कारण यह है कि धूम्रपान एसिड की रिहाई को बढ़ाता है और अल्सर का कारण बनता है जो आपके पेट को दर्द में जला देता है। मूत्र मूत्राशय में बड़ी मात्रा में कार्सिनोजेन जमा हो सकते हैं और अग्नाशयी कैंसर के खतरे को भी बढ़ा सकते हैं।

5- दृष्टि की हानि या कमजोर

सिगरेट में कई प्रदूषक होते हैं जो आपकी दृष्टि को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकते हैं। गरीब दृष्टि वाले लोग और भी गंभीर परिणाम अनुभव कर सकते हैं। आक्रामक धूम्रपान करने वालों ने धीरे-धीरे अपनी दृष्टि को कमजोर करने के साथ शुरू किया और सबसे बुरे मामलों में वे पूरी तरह से अंधे हो सकते हैं। धूम्रपान का विषाक्त प्रभाव मैकुलर अपघटन की ओर जाता है और यह रेटिना को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है।

धूम्रपान का तत्काल प्रभाव थकान और कमजोरी है। चूंकि धूम्रपान रक्त में ऑक्सीजन की आपूर्ति को कम कर देता है, इसलिए शरीर का ऊर्जा स्तर कम रहता है और आप थकान महसूस करते हैं। कई बार हम देखते हैं कि धूम्रपान करने वालों ने हाथों कांप दिया है; ऐसा तब होता है जब इष्टतम ऑक्सीजन मस्तिष्क में नहीं पहुंचाया जाता है और दिन-प्रतिदिन के कामों पर ध्यान केंद्रित करने की इसकी शक्ति में कमी आती है।

7- खराब चौड़ाई और पीले दांत

बुरी चौड़ाई की अप्रियता से बचने के लिए ज्यादातर धूम्रपान करने वाले हमेशा उनके साथ टकसाल या गम लेते हैं। बुरी चौड़ाई के अलावा, उनके दांत समय के साथ पीले हो जाते हैं और उन्हें अवांछित या कभी-कभी अजीब लगते हैं। जबकि धूम्रपान करने वालों आजकल काउंटर उत्पादों पर विभिन्न उपयोग करके इन प्रभावों को कम कर सकते हैं, वे हमेशा धूम्रपान के दीर्घकालिक परिणामों से खुद को अपरिवर्तित नहीं कर सकते हैं।

8- शुरुआती उम्र बढ़ने

बुरी चौड़ाई और पीले दांत होने के अलावा, बूढ़े उम्र के आगमन से पहले धूम्रपान करने वाले अपने सभी दांत खो सकते हैं। बालों के झड़ने, समय से पहले बहादुरी और बालों के भूरे रंग के अन्य विकास होते हैं जो उन्हें अपनी जैविक आयु से पुराने लगते हैं। धूम्रपान करने वालों को स्वस्थ जीवनशैली से चिपकने के मामले में ये प्रभाव बढ़ सकते हैं।

9- बच्चों पर निष्क्रिय धूम्रपान के प्रभाव

आपके बच्चों के सामने धूम्रपान उन पर स्थायी प्रभाव डालता है और संभावना है कि वे भी सूट का पालन करेंगे और शुरुआती उम्र से धूम्रपान में शामिल होंगे। इसके अलावा, निष्क्रिय धूम्रपान करने वालों के रूप में, यह जानने के बिना निकोटीन की आदी हो सकती है कि इससे क्या हो सकता है। धूम्रपान करने से बच्चों में खांसी, एलर्जी और कई अन्य चिकित्सीय स्थितियां हो सकती हैं।

Smoking ke Nuksan in Hindi – Essay on Smoking in Hindi – धूम्रपान पर निबंध (1000 Words)

कई सर्वेक्षण, अध्ययन और वैज्ञानिक शोध ने साबित कर दिया है कि स्वास्थ्य के लिए धूम्रपान हानिकारक है। धूम्रपान अस्वास्थ्यकर है और दम घुट रहा है यह पर्यावरण को प्रदूषित करता है दो प्रकार के धूम्रपान करने वालों-सक्रिय और निष्क्रिय हैं जो व्यक्ति धूम्रपान करता है वह सक्रिय है और अन्य जो उसके पास हैं और धुएं में श्वास लेते हैं वह निष्क्रिय धूम्रपान करने वाले होते हैं। दोनों ही धूम्रपान के असर से प्रभावित हैं। धूम्रपान करने वालों और गैर धूम्रपान करने वाले कई कार्यालयों, बसों, होटल आदि जैसे स्थानों पर मिलते हैं|

इसलिए, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर निष्क्रिय धूम्रपान के असर को देखते हुए, सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जो व्यक्ति धूम्रपान करना चाहता है वह ऐसा स्थान या ज़ोन पर ऐसा कर सकता है जहां इसकी अनुमति है। वर्तमान समाज में, फिल्में और टेलीविज़न कार्यक्रमों ने सिगरेट धूम्रपान को ग्लैमर किया है अधिक से अधिक युवा लड़के और लड़कियों को इसके लिए आकर्षित कर रहे हैं। यहां तक कि सिगरेट के पैकेट पर ‘सांविधिक चेतावनी’ उन्हें रोक नहीं सकती है। युवा पीढ़ी धूम्रपान को समझने के तौर पर समझता है और यह सोचता है कि धूम्रपान करने वाले लोग स्मार्ट, मधुर और मॉडेम हैं और उनमें बौद्धिक लकीर भी है।

धूम्रपान निस्संदेह एक अस्वास्थ्यकर अभ्यास है धूम्रपान करने वाले लोग कई स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हैं एक चेयर-स्मोकर सबसे खराब पीड़ित है सिगरेट में 4,000 प्रकार के रसायनों होते हैं जिनमें से 43 कैंसरजनक होते हैं सिगरेट के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड एकाग्रता 20,000 भागों प्रति मिलियन (पीपीएम) से अधिक है। यह साँस लेना के दौरान 400-500 पीपीएम को पतला होता है। यह हीमोग्लोबिन से ऑक्सीजन का विस्थापन करता है और परिणाम केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की हानि है। यह हृदय और फुफ्फुसीय रोगों (फेफड़ों से संबंधित) का कारण हो सकता है। ये अंततः दिल का दौरा पड़ सकता है सिगरेट में अमोनिया और अन्य हाइड्रोकार्बन होते हैं जो अस्थमा, अन्य श्वसन संक्रमण और फेफड़ों के कैंसर का कारण हो सकता है।

इसमें धूल कण आँखें, कैंसर और वातस्फीति का जलन हो सकती है। इसकी निकोटीन सामग्री अत्यधिक नशे की लत है और तुरंत मस्तिष्क तक पहुंच जाती है। यह रक्त वाहिकाओं को नियंत्रित करता है, रक्तचाप को बढ़ाता है और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को एक छोटा झटका देता है। यह लंबे समय में प्रजनन संबंधी विकारों को जन्म दे सकता है। दिलचस्प बात यह है कि किसी भी तरह की लत की तुलना में धूम्रपान या तंबाकू का उपयोग आसानी से पार किया जा सकता है। भारत में तंबाकू नियंत्रण की रिपोर्ट (2004) के मुताबिक हमारे देश में 8 लाख से अधिक तम्बाकू से होने वाली मौतों हर साल होती हैं। चीन चीन के बाद दुनिया में तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। जीआईटीएस (ग्लोबल यूथ तंबाकू सर्वेक्षण) ने निष्कर्ष निकाला कि 13-15 साल के आयु समूह में लगभग 15% बच्चे आदी हो गए हैं।

यह कहता है कि 47.8 प्रतिशत पुरुष और 2013 प्रतिशत महिलाएं भारत में तंबाकू का उपभोग करती हैं ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडीसिन’ में प्रकाशित कुछ महत्वपूर्ण आंकड़ों में भारत में धूम्रपान और मौत के एक राष्ट्रीय स्तर के प्रतिनिधि-नियंत्रण अध्ययन का अध्ययन किया गया है। यह शोध भारत, कनाडा और ब्रिटेन की एक टीम द्वारा किया गया था और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा समर्थित था। इस अध्ययन के अनुसार, भारत धूम्रपान के कारण मौतों की एक विपत्तिपूर्ण महामारी के बीच में है अध्ययन में धूम्रपान का कोई सुरक्षित स्तर नहीं पाया गया, लेकिन सिगरेट बीड़ी की तुलना में अधिक खतरनाक साबित हुए।

भारत में 120 मिलियन धूम्रपान करने वाले हैं अध्ययन में यह भी पाया गया कि पुरुषों में, धूम्रपान करने वालों में से लगभग 61% 30-69 साल की उम्र में मरने के साथ-साथ 41% अन्य गैर-धूम्रपान करने वालों के मुकाबले मर जाते हैं। महिलाओं में, जो धूम्रपान करते हैं, उनमें से 62% उम्र के 30-69 वर्ष के भीतर मर जाते हैं, केवल 36% गैर धूम्रपान करने वालों के मुकाबले। भारत में धूम्रपान करने वालों ने यूरोप या अमेरिका के लोगों की तुलना में बाद की उम्र में शुरू किया और कम धूम्रपान किया, लेकिन भारत में धूम्रपान करने वालों में न केवल फेफड़े के रोगों और कैंसर से ही मर जाते हैं बल्कि तपेदिक और दिल के हमलों से भी मर जाते हैं। यह बहुत खतरनाक है कि युवा महिलाओं के बीच तंबाकू का इस्तेमाल तेजी से भारत में बढ़ गया है, 13% से 15 साल की उम्र के बीच लड़कियों की तुलना में किसी भी तरह के तम्बाकू का उपयोग करके 3.1% वयस्क महिलाओं की तुलना में डब्लूएचओ के मुताबिक, 13 से 15 वर्ष की उम्र के 14.1% बच्चों ने भारत में धूम्रपान शुरू कर दिया या कुछ तंबाकू का इस्तेमाल किया।

तंबाकू महामारी ने विकासशील दुनिया में स्थानांतरित कर दिया है, जहां 2030 तक आठ लाख से अधिक तंबाकू-संबंधी मौतों में से 80% मृत्यु होने की आशंका है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि महिलाओं के स्वास्थ्य से महिलाओं के स्वास्थ्य की तुलना में धूम्रपान का अधिक हानिकारक प्रभाव पड़ता है। धूम्रपान के हानिकारक प्रभाव पुरुषों की तुलना में आठ साल पहले महिलाओं को मार सकता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि धूम्रपान एक महिला की औसत जीवन प्रत्याशा से 11 साल काट सकता है। और एक आदमी के मामले में, यह सिर्फ 3 साल का है उन्होंने यह भी कहा कि फेफड़ों के कैंसर, एडेनोकार्किनोमा के सामान्य रूप में महिलाएं अधिक संवेदी होती हैं यदि एक गर्भवती महिला धूम्रपान करती है, तो यह न केवल अपने स्वास्थ्य के लिए ही हानिकारक है बल्कि यह उम्मीद की गई बच्ची के लिए भी है। यह एक खतरनाक तथ्य है कि लगभग 700 मिलियन बच्चे दुनिया भर में धूम्रपान करने वाले के घर में रहते हैं।

निष्क्रियधूम्रपान से ब्रोन्काइटिस, न्यूमोनिया, मध्य कान संक्रमण, हृदय संबंधी हानि, अस्थमा और बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। एक अमेरिकी अध्ययन में धूम्रपान के जोखिम के निम्न स्तर पर भी बच्चों में पढ़ने और तर्क कौशल में कमी की कमी हुई। अपने परिवार को धूम्रपान रहित वातावरण देने का सबसे अच्छा तरीका धूम्रपान छोड़ना है छोड़ने की आवश्यकता है नियोजन और मजबूत इच्छा आज, प्रभावी सहायता प्रणाली जैसे मनोचिकित्सक हस्तक्षेप के साथ फार्माकोथेरेपी और निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी छोड़ने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए उपलब्ध हैं धूम्रपान सक्रिय और निष्क्रिय धूम्रपान करने वालों दोनों को प्रभावित करता है।

जब हम सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को रोकने के लिए नीति को धूम्रपान करने के सभी प्रतिकूल परिणाम रखते हैं, तो यह उचित है। धूम्रपान पर एक कंबल प्रतिबंध राज्य के खजाने को परेशान कर सकता है। सिगरेट की बिक्री इस तरह की प्रतिबंध से बंद हो जाएगी और सरकार आबकारी कर्तव्यों से राजस्व खो जाएगी। तम्बाकू उद्योग बंद हो जाएगा इन उद्योगों में काम करने वाले लाखों लोगों को बेरोजगार प्रदान किया जाएगा। लेकिन अगर सरकार अपने नागरिकों के स्वास्थ्य की परवाह करती है, तो इसे आर्थिक विचारों से ऊपर उठना चाहिए और एक तरह से पता लगाना चाहिए। भारत सरकार ने कम से कम सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित कर दिया है।

उसने कड़ाई से यह निर्देश दिया है कि तंबाकू उद्योगों में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को नियोजित नहीं किया जाना चाहिए। उन्हें तंबाकू खरीदने या उपभोग करने की अनुमति नहीं है कार्यस्थलों में, धूम्रपान करने वालों के लिए अलग-अलग धूम्रपान क्षेत्रों के लिए एक व्यवस्था होनी चाहिए।

हम आशा करते हैं कि आप इस (  Essay on Smoking in Hindi – धूम्रपान पर निबंध ) निबंध को पसंद करेंगे।

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धूम्रपान पर प्रतिबंध हिंदी निबंध

धूम्रपान पर प्रतिबंध हिंदी निबंध | hindi essay on smoking ban | धूम्रपान निषेध पर निबंध.

धूम्रपान एक बुरी लत है जो ना जाने हर वर्ष कितने लोगो की जान ले लेती है। धूम्रपान जैसा कि हम सब जानते है यह हमारे शरीर के लिए खतरनाक है और धीरे धीरे यह व्यक्ति को  मौत  के मुंह तक ले जाती है। सरकार नागरिको के स्वास्थ्य को गंभीरता से ले रही है।  यही वजह है कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को निषेध किया गया है। यह सरकार ने बिलकुल सही किया है।  लोग अपनी बुरी आदत को छोड़ नहीं पाते है और कहीं भी सिगरेट पीने लगते है।  सिगरेट से जहरीली गैस निकलती है जो फेफड़ो के लिए सही नहीं है। इससे दिल और फेफड़ो पर बुरा असर पड़ता है। सरकार अब धूम्रपान पर प्रतिबंध लगा रही है।

सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ज़्यादातर लोगो को कम उम्र से ही सिगरेट पीने की बुरी लत लग जाती है और छूटती नहीं है।  लोग एक दिन में कई सारे सिगरेट पी जाते है जो बिलकुल गलत और अनुचित है। इससे ना केवल इंसान खुद को तकलीफ पहुंचता है बल्कि आस पास के लोगो को भी सिगरेट के धुंए से मुश्किल में डालता है।

 धूम्रपान दुनिया के प्रमुख जानलेवा समस्याओं  में से एक है। धूम्रपान का  सबसे बड़ा दुष्प्रभाव कैंसर है। फेफड़ों के कैंसर से मरने का खतरा पुरुषों के लिए 22 गुना अधिक है और महिला धूम्रपान करने वालों के लिए 12 गुना से भी  अधिक है। इसके अतिरिक्त, धूम्रपान करने वालों को गले , किडनी , ब्लैडर और पैंक्रियास  के कैंसर का खतरा लगा  रहता  है।

सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध  लगाकर लोगो को जागरूक करने की चेष्टा की जा  रही है।  प्रत्येक इंसान को एक सुव्यवस्थित जीवन शैली अपनानी चाहिए।  संतुलित भोजन और व्यायाम करके अपने स्वास्थ्य को ठीक रखना चाहिए।

धूम्रपान से पुरुषों में स्ट्रोक का खतरा 40-50 फीसदी  और महिलाओं में 60 फीसदी  बढ़ गया  है। शोधकर्ताओं ने यह  साबित किया है कि जो महिलाएं  गर्भावस्था के दौरान या गर्भवती होने से पहले धूम्रपान करती हैं, वे आमतौर पर जब बच्चो को जन्म देती है वह स्वस्थ नहीं होते है।  यह एक कारण है कि बच्चे  का जन्म समय से पहले  होता है या बच्चे का   वजन कम   होता  हैं। यह  दरअसल  महिलाओं के प्लेसेंटा में रक्त के प्रवाह में कमी के कारण होता है।

सेकेंड हैंड धुएं से शिशुओं और बच्चों में कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। शिशुओं में  गंभीर अस्थमा , श्वसन संक्रमण, कान में संक्रमण और  शिशु मृत्यु सिंड्रोम (एसआईडीएस) जैसे बीमारियां  शामिल हैं |

गर्भावस्था के दौरान अगर महिलाएं धूम्रपान करती है तो यह उनके होने वाले बच्चे के लिए खतरनाक है।  धूम्रपान करने से सालाना 1,000 से अधिक शिशुओं की मृत्यु होती है। सेकंड हैंड स्मोक वह है जो व्यक्ति धूम्रपान स्वंग नहीं करते है मगर जो धूम्रपान करते है , उनके धुंए के चपेट में आ जाते है। वयस्कों लोगो  में सेकेंड हैंड धुएं के कारण कई गंभीर बीमारियां होती है जैसे  कोरोनरी हृदय रोग, स्ट्रोक और फेफड़ों का कैंसर शामिल है। कई वर्षो के  अध्ययन से पता चला  है  कि  धूम्रपान से ल्यूकेमिया जैसी बीमारी का खतरा बढ़ गया  है।

सेकंड हैंड स्मोक में तकरीबन २५० जानलेवा रसायन होते है। धूम्रपान करने वाले और धूम्रपान ना करने वाले दोनों के लिए हानिकारक है। शोधकर्ताओं के अनुसार सेकंड हैंड स्मोक से 3400 लोग फेफड़ो के कैंसर से पीड़ित होते है।

सीडीसी के मुताबिक सेकंड हैंड धुंए से उन लोगो को भी स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां हो रही है जो धूम्रपान करते ही नहीं है । मासूम लोग भी सार्वजनिक स्थलों में धूम्रपान करने वाले लोगो के विषाक्त धुंए के चपेट में आ जाते है। पिछले कुछ सालो से हमारे देश में धूम्रपान करने वाले लोगो की संख्या में वृद्धि हुयी है। आज धूम्रपान जैसी बुरी आदत  को छुड़वाने के लिए कई संस्थाएं काम कर रही है। धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाने के उद्देश्य से ३१ मई को तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।

संसार में प्रत्येक वर्ष पांच अरब से ज़्यादा सिगरेट की उत्पत्ति की जाती है। शोधकर्ताओं के रिपोर्ट के अनुसार 80  फीसदी तक पुरुष तम्बाकू जैसे बुरी लत के शिकार है और महिलाओ में भी पहले की तुलना में धूम्रपान करने की आदत बढ़ रही है। भारत में हज़ारो लोग गुटका , बीड़ी , सिगरेट इत्यादि द्वारा तम्बाकू का सेवन करते है। देश में तम्बाकू सेवन बढ़ता चला जा रहा है।  अब वक़्त आ गया है लोग सचेत हो जाए और अपने सेहत का ध्यान रखे। संसार में बाकी देशो की तुलना में भारत में तम्बाकू से मरने वाले लोगो की संख्या अधिक है। सिगरेट और तम्बाकू से मुंह , गला इत्यादि कैंसर होते है।  सिगरेट और तम्बाकू को हमेशा के लिए अलविदा कहना ही अच्छा है।

धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए बुरा है। धूम्रपान जैसे बुरी आदतों को त्याग करना ज़रूरी है।  इससे ना केवल मनुष्य अपना बल्कि अपने परिवार और दोस्तों की ज़िन्दगी को भी  खतरे में डाल सकता है। सिगरेट के पैकेट पर धूम्रपान ना करने की सलाह दी जाती है।  फिर भी लोग इसकी अनदेखी कर रहे है और अपने जिन्दगी को खतरे में डाल देते है। लोगो को जागरूक होकर सिगरेट की आदत को हमेशा के लिए छोड़ देना चाहिए। कोई भी नशा ज़िन्दगी से बड़ी नहीं होती है। सिगरेट स्मोकिंग अर्थात धूम्रपान को छोड़ देने में ही सबकी भलाई है।

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर निबंध – World No Tobacco Day Essay In Hindi

World no tobacco day essay in hindi, 31 मई विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर निंबध.

पूरे विश्व के लोगो को तम्बाकू के खतरों से बचाने के लिए और सभी लोग तम्बाकू के खतरों के प्रति सचेत रहे इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए विश्व स्वास्थ्य संघटन | World Health Organization (WHO) के स्थापना दिवस पर पहली बार विश्व स्वास्थ्य संघटन के कुछ सदस्यों द्वारा विश्व तम्बाकू निषेध दिवस | World No Tobacco Day का शुभारम्भ किया गया, फिर आगे चलकर 31 मई 1987 को पहली बार पूरे विश्व में World No Tobacco Day का आयोजन हुआ जिसके बाद हर साल पूरे विश्व के अलग अलग देशो में World No Tobacco Day मनाया जाने लगा,  World No Tobacco Day Essay In Hindi

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर निबन्ध और बचाव – 31 मई

31 may world no tobacco day in hindi |  tambaku nishedh per nibandh.

एक बात सोचने वाली है की दुनिया के सभी लोग जानते है की तम्बाकू खाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है लेकिन एक तरफ इन्सान खुद को इतना दिमाग वाला और हर प्राणियों में खुद को श्रेष्ठ समझता है दुनिया में विकास के ऐसे नये नये आयाम स्थापित किये है जिसकी कल्पना भी सम्भव नही थी लेकिन एक तरफ इन्सान खुद को सबसे पढ़ा लिखा दिमागदार व्यक्ति समझता है,

लेकिन तम्बाकू के सेवन के मामले में खुद को इतना नीचे गिरा दिया है की हर इन्सान जानता है की तम्बाकू के सेवन से स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है यहाँ तक की तम्बाकू सेवन से इन्सान की जान तक चली जाती है फिर भी इन्सान कभी भी खुद को तम्बाकू के सेवन के लत से खुद को नियंत्रित नही कर पाता है.

Table of Contents :-

  • तम्बाकू छोडो नशा छोडो के 50 नारे स्लोगन

तम्बाकू सेवन के मामले में इन्सान का कुछ ऐसा ही हाल है यदि इन्सान को सीधे तौर से जानवर कह दिया जाय तो बुरा मान लेता है लेकिन यदि उसे जानवरों के राजा यानि शेर कहा जाय तो खुद पर गर्व महसूस करने लगता है ठीक उसी तरह यदि कोई व्यक्ति नशा का आदी है तो वह लोकलाज के डर से कही भी मौका मिलने पर चोरी छिपे नशा जरुर करता है,

लेकिन जब किसी पार्टी, बड़े जगहों पर लोग खुलकर धुम्रपान, नशा करते है तो वही व्यक्ति नशा करने में अपने आप पर फक्र महसूस करता है यानी नशा करने में व्यक्ति कही न कही झूटे मुठे दिखावापन के कारण भी खुद को नशा करने की तरफ ले जाता है

तो अब बात करते है विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर आखिर हम सभी इतने पढ़े लिखे होने के बावजूद आखिर विश्व स्वास्थ्य संघटन | World Health Organization (WHO) को आखिर विश्व के लोगो को जागरूक करने की ऐसी आवश्यकता क्यू पड़ जाती है जिसके चलते पूरे विश्व में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस | World No Tobacco Day मनाना पड़ता है तम्बाकू में जिस रसायन की मात्रा सबसे अधिक पायी जाती है वो है निकोटिन,

निकोटिन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है यह इन्सान को नशे का आदी तो बनाता ही है साथ में इसके प्रभाव से मानव शरीर में अनेको प्रकार के कैंसर जैसी भयंकर बीमारियों को जन्म भी देती है निकोटिन के प्रभाव के चलते व्यक्ति को भूख, प्यास, दिमाग आदि का काम करना बंद कर देता है जिसके चलते धीरे धीरे व्यक्ति पूर्ण रूप से बिना नशे के जीवित नही रह पाता है और वही नशा एक दिन व्यक्ति के जीवन के अंत का कारण भी बनता है.

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर नारे स्लोगन

तो ऐसे में एक तरफ जहा व्यक्ति खुद को नशे के चलते बर्बाद तो करता ही है और नशे के कारण उसके साथ के रहने वाले परिवार तथा आसपास के लोग भी बहुत अधिक प्रभावित होते है खासतौर पर अक्सर देखा जाता है की जिन घरो में कोई भी व्यक्ति चोरी छिपे या खुले रूप किसी भी प्रकार से नशे का सेवन करता है,

तो निश्चित ही उस घर के बच्चे भी उन बड़े व्यक्तियों के नशे करते हुए देखते है तो कही न कही बच्चे की सिखने की ललक भी उन्हें बचपन से गलत रास्ते पर ले जाने में सहायक होने लगती है और यही बच्चा आगे चलकर खुलेआम नशे का सेवन करने लगता है जिसके लिए उस बच्चे के घर परिवार के सदस्य या वे वे मित्र दोस्त ही लोग जिम्मेदार होते है जिन जिन लोगो के सम्पर्क में वो बच्चा रहता है.

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस कैसे मनाया जाता है

World no tobacco day kaise manaya jata hai.

Anti Tobacco Day Essay In Hindi –  31 May को विश्व स्वास्थ्य संघटन | World Health Organization (WHO) के देखरेख में हर साल World No Tobacco Day मनाया जाता है अलग अलग देशो में सार्वजनिक जगहों पर मार्च, प्रदर्शनी, झंडे बैनर द्वारा लोगो को जागरूक किया जाता है कुछ देश की सरकारे भी इस कार्यक्रम में बढ़कर चढ़कर हिस्सा लेती है,

लोगो द्वारा नाट्य मंचन, तम्बाकू से होने वाले नुकसानों पर विचार विमर्श, भाषण का भी आयोजन किया जाता है जिसमे लोगो को तम्बाकू से होने वाले नुकसानों को बताया जाता है तथा साथ लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहे सजग रहे लोग अपना ख्याल रखे तथा दुसरो को भी लोग इसके बुरे परिणामो से सचेत करते रहे, World No Tobacco Day मनाने का मुख्य यही मकसद होता है.

तम्बाकू निषेध दिवस – खुद को नशे की लत से कैसे बचाए

Nashe ki lat kaise bache | how to leave addiction.

 जो लोग नशा करते है उनके मुह से अक्सर यह सुनने को मिलता है की भाई आखिर हम नशा कैसे छोड़े लाख कोशिश करते है फिर भी नशा की आदत छुट नही पाती है ऐसा कहकर लोग खुद कही न कही अपने आप को नशे के गिरफ्त में पूरी तरह से कैद होकर रह जाते है

तम्बाकू निषेध दिवस पर कथन –

“नशा नाश का जड़ है भाई

यह बात बिलकुल सत्य है की नशा और नाश शब्द में ज्यादा फर्क नही है नशा नाश का कारण बनता है आप कही भी जाईये अगर कही भी नशा करने वाले कोई प्रदार्थ बिक रहा है तो उसपर यह साफ़ साफ शब्दों में लिखा रहता है

तम्बाकू का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है

Smoking is injurious to Health

लेकिन इन्सान इतना पढने लिखने के बावजूद खुद को नशा करने से रोक नही पाता है आखिर जब इन्सान जब थक हार जाता है तो वो नशा छोड़ने का उपाय ढूढने लगता है लेकिन फिर भी खुद को नशा से छुड़ा नही पाता है.

मजदूर दिवस पर नारे, स्लोगन्स और स्टेटस

जो लोग नशा छोड़ना चाहते है वे इस बात को ध्यान से पढ़े सबसे पहले आप खुद ही सोचे की आप बड़े है आपका नशा, यदि आपको लगता है की नशा ने आपको गुलाम बना दिया है तो ये आपकी सबसे कमजोरी है क्यूकी इन्सान जो कुछ करना चाहता है वो कर सकता है लेकिन जो लोग खुद को नशे का गुलाम बना लिए है वे चाहकर भी अपने दिमाग से सोच नही सकते है अक्सर जो लोग नशा छोड़ना चाहते है वे किसी भी डॉक्टर या चिकित्सक परामर्श देने वाले के पास तो जाते है और ढेर सारी Medicine और Advice भी ले आते है लेकिन उनको अपने जीवन पर लागू नही कर पाते है.

नशा छोड़ना बहुत ही आसान है जरा सोचिये जब आप चार लोगो के बीच में बैठे हो और वे लोग कुछ खाने को मंगाते है तो कोई आपका दोस्त अगर तम्बाकू, गुटखा खाए रहता है तो वह मगाए गये खाने को सीधा मना कर देता है की अभी उसका मुह भरा हुआ है इसलिए वह अभी खा नही सकता है तो जरा सोचिये उसके लिए वही गुटखा की कीमत ज्यादा है तो अब आपकी बारी आती है अब आप चाहते है की आपको नशा छोड़ना है तो आप भी अपने पास कुछ चाकलेट, टाफी या कोई मीठा प्रदार्थ अपने पास रखिये,

  • धूम्रपान पर हिन्दी निबन्ध Smoking Essay in Hindi

जैसे ही आप चार लोगो के बीच में मिलते है जो सब नशा करते है निश्चित ही आपको नशा के लिए कुछ न कुछ ऑफर करेंगे ही अगर उस समय आपके मुह में यही चाकलेट रहता है तो आप भी बेझिझक नशा के लिए मना कर सकते है और कह सकते है की आपने भी अभी कुछ खाया है, ये एक छोटा सा उदाहरण है यानी जीवन में आपको क्या करना है ये खुद आपको अपने पर लागू करना होता है और जो लोग अपने आप पर नियन्त्रण रख पाते है वे कभी भी अपने जीवन में नशा जैसी बुरी आदतों के कभी भी शिकार नही हो सकते है.

तो जरा सोचिये जीवन आपका है इसी कैसे जीना है इसका निर्णय खुद आपको ही करना है यदि डॉक्टर दवा दे भी देता है तो उसे खाना तो आपको ही है यदि आप समय से दवा नही ले सकते तो कभी भी आप नशा नही छोड़ सकते है इसलिए यदि आप नशे के लत के शिकार है तो आप खुद निर्णय ले की मुझे बस अब अभी से नशा नही करना है फिर देखिये आपका यही निर्णय आपके जीवन को बदल कर रख देंगा क्यूकी डॉक्टर का दवा बस एक माध्यम है जो आपको नशे के बजाय दवा खाने पर सोचने के लिए होता है यानी यदि आप अपने जीवन में खुद के लिए निर्णय ले सकते है तो निश्चित ही आप एक दिन पूर्ण रूप से नशा से खुद को मुक्त भी रख सकते है.

तो यदि विश्व स्वास्थ्य संघटन | World Health Organization (WHO) हर साल हम सभी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के जरिये हम सभी को आगाह करती है तो हम सभी का भी यही फर्ज बनता है की पहले खुद नशा से दूर रहे और दुसरो को भी इसके गलत प्रभावों के बारे में सचेत करते रहे

तो खुद का ख्याल रखे सजग रहे और स्वस्थ्य जीवन के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ते रहे है

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धूम्रपान के हानिकारक स्वास्थ्य प्रभाव Harmful Health Effects of Smoking in Hindi

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क्या आप धुम्रपान के नुक्सान जानना चाहते हैं? क्या आप धुम्रपान से होने वाले रोगों के बारे में जानते हैं?

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धूम्रपान पर निबंध Essay on Smoking in Hindi

धुम्रपान या सिगरेट स्मोकिंग शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक है। धुम्रपान शरीर के इतना खतरनाक है की यह शरीर के लगभग सभी अंगों को नुक्सान पहुंचाता है। इससे शरीर में कई प्रकार की बीमारियाँ होती हैं और स्मोकिंग करने वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य धीरे-धीरे ख़राब होने लगता है।

प्रतिवर्ष विश्व के बड़े देशों में लाखों की तगाद में स्मोकिंग करने के कारण लोगों की मृत्यु हो रही है। अगर एक अनुमान लगाएं तो हर 5-6 व्यक्ति में एक व्यक्ति की मौत सिगरेट स्मोकिंग से हो रही है। कुछ ऐसी खतरनाक बीमारियाँ जैसे HIV Aids , दवाइयों का नशा, शराब की लत, और दुर्घटना के साथ धूम्रपान का नशा मिल जाने के कारण इसमें मृत्यु की गिनती बढ़ जाए रही है।

सिगरेट की जगह हुक्का, सिगार या किसी पाइप का इस्तेमाल करने से कोई फर्क नहीं आता है। यह सब इस्तेमाल करने पर भी शारीर को उतना ही हनी पहुंचता है जितना की सिगरेट से। कहा जाता है सिगरेट में लगभग 600 प्रकार के रसायनिक तत्व होते हैं जो लगभग जलने के बाद 7000 प्रकार के हानिकरटीवी में बदल जाता है। उसमे से 70 जहरीले रसायन कैंसर से जुड़े हुए हैं।

धूम्रपान के नुक्सान / रोग Smoking Harmful Effects on Body in Hindi

स्व-प्रतिरक्षित रोग autoimmune diseases.

सभी मनुष्य के शरीर में रोगों और अन्य प्रकार के इन्फेक्शन से लड़ने की शक्ति होती है जिसे प्रतिरक्षा प्रणाली कहते हैं और इस प्रणाली से जुड़े रोगों को स्व-प्रतिरक्षित रोग कहते हैं। धुम्रपान करने वाले व्यक्ति का प्रतिरक्षा प्रणाली धीरे-धीरे कमज़ोर हो जाता है इसलिए Smokers को श्वसन तंत्र जे जुड़े संक्रमण (Respiratory Infection) जल्दी-जल्दी होते रहते हैं।

धुम्रपान अन्य कई प्रकार के स्व-प्रतिरक्षित बिमारियों जैसे क्रोहन रोग और आर्थराइटिस का कारण भी बन सकता है। ज्यादातर धुम्रपान करने वाले व्यक्तियों में डायबिटीज टाइप 2 (IDDM) होने कारण भी स्मोकिंग को ही माना गया है।

हड्डियों में कमज़ोरी Weakness of Bones

शराब की लत की तरह ही धुम्रपान से भी ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। इसमें हड्डियाँ कमज़ोर हो जाती है और कुछ भी हादसा होने पर हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादातर स्मोकिंग करने वाले बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों में इसका खतरा ज्यादा होता है।

कम उम्र में धुम्रपान करने वाली महिलाओं के शरीर का एस्ट्रोजन लेवल कम हो जाता है। जिसके कारन कम उम्र में ही मेनोपौस (Menopause) हो जाता है जो ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ा देता है।

ह्रदय और रक्त वाहिकाओं से रोग Heart and Blood Vessels linked Disease

धुम्रपान इतना खतरनाक होता है की यह रक्त कोशिकाओं को धीरे-धीरे नष्ट कर देता और ह्रदय को पूरी तरीके से कमज़ोर कर देता है। ह्रदय और रक्त वाहिकाओं से जुड़े कई प्रकार के 70 जहरीले रसायन कैंसर –

हृदय रोग Cardiovascular disease (CVD)

  • कोरोनरी ह्रदय रोग Coronary heart disease (CHD) – इसमें धमनियां पतली और बंद हो जाती है।
  • दिल का दौरा पड़ना Heart attack
  • एनजाइना Angina – ह्रदय तक सही प्रकार से रक्त न पहुँच पाने के कारण छाती में बहुत तेज़ दर्द होना।
  • हाइपरटेंशन Hypertension (High Blood Pressure)

अथेरोस्क्लेरोसिस Atherosclerosis

इस रोग में Plaque नामक चीज़ रक्त धमनियों में जमा हो जाता है।

स्ट्रोक Stroke

दिमाग में रक्त जमा होने या ब्लीडिंग होने के कारण दिमाग के कोशिकाएं नष्ट हो जाते हैं जिसके कारण स्ट्रोक हो सकता है।

फेफड़ों और श्वास से जुड़े रोग Lungs and Breathing Disease

वैसे तो धुम्रपान से पुरे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं पर सबसे ज्यादा इसका बुरा प्रभाव फेफड़ों पर पड़ता है क्योंकि सबसे पहले सिगरेट या हुक्का से निकलने वाला धुआं फेफड़ों में ही घुसता है। चलिए जानते हैं कुछ धुम्रपान से होने वाले रोगों के बारे में –

एम्फ्य्सेमा Emphysema

यह एक ऐसा रोग है जिसमें फुसफुस के वायु कोषों(Air Sacs) की दिवार कमज़ोर हो जाती है जिसके कारण उसके खिंचाव और वापस हटना संभव नहीं हो पाटा है। ऐसे में साँस लेने में दिक्कत होती है।

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीस Chronic obstructive pulmonary disease (COPD)

इसमें घरघराहट, सांस की कमी, सीने में जकड़न जैसे लक्षण दीखते हैं।

इस बीमारी में इन्फेक्शन होने के कारण फेफड़ों में पानी भर जाता है।

अस्थमा, ट्यूबरक्लोसिस

आँखों में मोतियाबिंद cataract in eyes.

जैसे की हम पहले ही बता चुके हैं की धुम्रपान पुरे शरीर के लिए ख़राब है। आँखों के लिए भी धुम्रपान बहुत ही खतरनाक है। बहुत सारे रिपोर्ट्स में पाया गया है की ज्यादातर मोतियाबिंद के रोगीयों को स्मोकर्स पाया गया है।

एक और आँखों से जुदा रोग जैसे Age related macular degeneration (ARMD) जिसमें आँखों के रेटिना के मध्य भाग में इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। आँखों की देखने की शक्ति कम हो जाती और धुंधलापन सा दीखता है।

कैंसर Cancer

तम्बाकू से धुम्रपान करने वाले व्यक्तियों को कई अंगों के कैंसर होने का खतरा बना रहता है जैसे –

  • गर्भाशय ग्रीवा

धूम्रपान छोड़ने के स्वास्थ्य लाभ Health Benefits of Stopping Smoking

  • साँस लेने में आसानी मिलेगी क्योंकि धुम्रपान करने वाले व्यक्तियों को साँस लेने में दिक्कत होती है इससे आराम मिलेगा।
  • धुम्रपान रोकने से आपके शरीर को शक्ति और Age related macular degeneration (ARMD)
  • मन से चिंता दूर होगी।
  • बेहतर तरीके से सेक्स का आनंद उठा सकेंगे।
  • महिलाओं के प्रजनन शक्ति में सुधार आता है।
  • हमेशा गर्म धुएं को पीने के कारण स्मोकर्स के सूंघने और स्वाद की ताकत में कमी आ जाती है पर धुम्रपान छोड़ने से वे खाने के असली स्वाद को दोबारा जान सकते हैं।
  • ज्यादा धुम्रपान करने वाले व्यक्तियों की त्वचा रुखी और काली पड़ जाती है जिसको स्मोकिंग छोड़ने के बाद दोबारा सुन्दर बना सकते हैं।
  • मरने से बच सकते हैं।

धुम्रपान छोड़ने के 10 उपाय Best Ideas for Quitting Smoking

धुम्रपान भी अन्य नशीली चीजों के जैसे ही एक नशा है। पर अगर आप दृढ निश्चय बना लें की आप स्मोकिंग से हमेशा के लिए दूर होना चाहते हो तो आप आसानी से कुछ काम करके इसे हमेशा के लिए अपने जीवन से दूर कर सकते हो।

धुम्रपान छोड़ने के 1o ज़बरदस्त तरीकों को अच्छे से पढ़ें और अपने जीवन में अपनाएं –

  • सबसे पहले अपने एक डायरी / चार्ट में उन चीजों का एक लिस्ट बनायें जो आपको धुम्रपान छोड़ने का एक रास्ता / प्रेरणा देते हैं।
  • धुम्रपान आप एक दिन में तो अचानक नहीं छोड़ सकते हैं इसलिए पहले महीने के हर हफ्ते में से दो ऐसे दिन निकालें जब आप स्मोकिंग बिलकुल नहीं करेंगे। उस दिन चाहें कुछ भी हो जाएँ बिलकुल भी स्मोकिंग ना करें।
  • जब भी आप किसी सिगरेट की दुकान पर जाएँ पूरा पैकेट ना खरीद कर बस एक-दो खुला सिगरेट ही खरीदें।
  • जब भी आपको सिगरेट पीने का ज्यादा मन करे कहीं घुमने जाएँ या किसी अन्य काम में अपना मन लगायें जो आपका मन स्मोकिंग से दूर रखे।
  • ऐसे किसी भी प्रकार की वस्तु को अपने कमरे में ना रखें जो बार-बार आपको स्मोकिंग की याद दिलाये।
  • आप जितना भी पैसा सिगरेट ना पिए बचाते हो उसको एक डब्बे या जार में रख कर जमा करें। इससे आपको एक अनुमान और प्रेरणा मिलेगी की आप अपने मेहनत से कमाए हुए पैसों का क्या कर रहे हैं।
  • कैफीन युक्त चीज़ें जैसे चाय, चॉकलेट, आइस क्रीम, कॉफ़ी का सेवन ना करें।
  • अपने सुबह के नाश्ते में साफ़ स्वस्थ भोजन करें।
  • अपने घर, गाडी और ऑफिस में No Smoking लिखे या इसके Sticker चिपकाएँ।
  • अपने घर के लोगों और दोस्तों से बात करें की स्मोकिंग छोड़ने से आपको कैसा एहसास हो रहा है।

आशा करते हैं आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और इससे कुछ मूल्यवान जानकारी मिली होगी। इस पोस्ट को जितना हो स अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करें।

3 thoughts on “धूम्रपान के हानिकारक स्वास्थ्य प्रभाव Harmful Health Effects of Smoking in Hindi”

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40+ तम्बाकू छोड़ो पर स्लोगन – Anti Tobacco Slogans in Hindi

Anti Tobacco Slogans in Hindi : दोस्तों आज हमने तम्बाकू छोड़ो पर स्लोगन  लिखे है. तंबाकू के सेवन के कारण हर साल लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती है और कई लोगों को भयानक कैंसर जैसी बीमारियां हो जाती है जिससे उनका बचा कुचा जीवन तकलीफ में गुजरता है.

तंबाकू एक नशीला पदार्थ है जिसकी लत पर लग जाने के बाद इसे छोड़ना मुश्किल होता है लेकिन नामुमकिन भी नहीं होता है. इसलिए तंबाकू का सेवन कभी नहीं करना चाहिए और इसका सेवन करने वाले को छोड़ने को कहें.

सभी लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हमने तंबाकू छोड़ने पर स्लोगन लिखे है. तंबाकू छोड़ने के लिए हर साल 31 मई को World No-Tobacco Day का आयोजन किया जाता है.

Anti Tobacco Slogans in Hindi

Best and Latest Anti Tobacco Slogans in Hindi

Best Anti Tobacco Slogans in Hindi

तंबाकू हटाओ, जीवन बचाओ

देश को बचाना है, तंबाकू को हटाना है

तंबाकू है बीमारियों का घर मुंह में डालकर देते हो मौत को दावत

अपना नहीं तो परिवार का ख्याल करो तंबाकू छोड़कर, सबका कल्याण करो

तंबाकू से नाता तोड़ो, जीवन से नाता जोड़ो

apni sehat ka rakho khyal tambako se mat lagav kro

अपनी सेहत का ख्याल करो तंबाकू से मत करो लगाव

जिंदगी बनाना है खुशहाल तो छोड़ दो तंबाकू गुटखा और पान मसाला

सेहत का खजाना है शुद्ध शाकाहारी खाना तंबाकू तो है बीमारियों का मसाला

तंबाकू है धन की बर्बादी दे जाता है बीमारी और तंगहाली

तंबाकू है शैतान घर करता बर्बाद, ले लेता है जान

तंबाकू से जल्दी निकलेंगे प्राण मत करो तंबाकू का पान

hum sab ne yah thana h tambako ko hatana h

हम सब ने यह ठाना है तंबाकू को जड़ से मिटाना है

जितने का तुम तंबाकू खाते, उतने का दान करो अपनी नहीं तो किसी और की जिंदगी बनाओ

जो तंबाकू का सेवन करते वो अपने हाथ अपनी जान लेते

No Tobacco Day Slogans in Hindi

तंबाकू का नशा, जीवन का नाश

जो करेगा तंबाकू से दोस्ती उसकी जीवन से होगी दुश्मनी

तंबाकू नहीं है सस्ता जो खाएगा वो मौत से कीमत चूकाएगा

no tambako slogan in hindi

तंबाकू – गुटखा से दूरी बनाओ बीमारियों से मुक्ति पाओ

अगर गुटखा, तंबाकू, पान मसाला खाओगे तो खांसते-हांफ्ते, दर्द भरी जिंदगी बिताओगे

जो गुटखा – तंबाकू खाएगा वो जिंदगी भर की सजा मुफ्त में पाएगा

तंबाकू जिंदगी को कर देता है तमाम

तंबाकू खा कर क्यों देते हो प्राणों का बलिदान तंबाकू हटाओ, जीवन बचाओ

तंबाकू है मौत की पुड़िया जल्द ही छुड़वा देती है दुनियाँ

tambako ki ek hi nisani hoti cancer bimari

तंबाकू की एक ही निशानी कैंसर ही होगी बीमारी

तंबाकू का हर एक दाना आपकी एक सांस कम कर देता है

तंबाकू – गुटका तो है बर्बादी घर ले आता गरीबी और बीमारी

तंबाकू जो खाते वो जल्दी भगवान को प्यारे हो जाते

इतने भी मत बनो नादान तंबाकू से सेहत को होता नुकसान

अपनी जिम्मेदारी निभाओ तंबाकू को छोड़कर परिवार बचाओ

Latest Anti Tobacco Slogans in Hindi

tambako ki ek hi nisani hoti cancer bimari

तंबाकू, गुटखा का शौक मतलब किस्तों में मौत

तंबाकू तो है झूठी शान अच्छी सेहत ही है अभिमान

गुटखा तंबाकू छोड़ो बीमारियों से नाता तोड़ो

तंबाकू का एक ही परिणाम जल्द ही जाओगे शमशान घाट

आप छोड़ो, दूसरे का भी छुड़ाओ तंबाकू का नामोनिशान मिटाओ

नशे की आदत, जीवन की सामत

तंबाकू का नशा छोड़ो, जीवन का हर पाओं

तंबाकू जो चबायेगा वो दातों के साथ जीवन भी गवायेगा

जो तंबाकू खाएगा वो हॉस्पिटल में बंद हो जाएगा

जन-जन में संदेश फैलाएं तंबाकू है जहर कभी न खाएं

गुटखा बीड़ी तंबाकू की खुराक सब कुछ कर देती है राख

मत करो मनमानी तंबाकू छोड़ने में ही है समझदारी

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40+ नशा मुक्ति स्लोगन – Nasha Mukti Slogan in Hindi

रक्तदान पर स्लोगन – Blood Donation Slogans in Hindi

स्वास्थ्य पर नारे – Slogan on Health in Hindi

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Anti Tobacco Slogans in Hindi  आपको पसंद आये होगे। अगर यह नारे आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

अगर आपके पास भी स्वयं के लिखे हुए तंबाकू छोड़ने के लिए स्लोगन है तो नीचे कमेंट में लिखें हम इस पोस्ट में उन्हें शामिल कर लेंगे.

2 thoughts on “40+ तम्बाकू छोड़ो पर स्लोगन – Anti Tobacco Slogans in Hindi”

दारू बंदी, ड्रग्स बंदी, रोज व्यायाम , योगा, पानी की बचत, इन पर भी slogans likhe …

हमने पानी की बचत , योगा पर स्लोगन लिखे हुए है और जल्द ही अन्य सभी विषयों पर भी लिखेंगे

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Hindi Jaankaari

World No Tobacco Day Speech in Hindi – विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर भाषण – Anti Tobacco Day Speech in PDF

World No Tobacco Day Speech in Hindi

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2020 : वर्ल्ड नो टोबैको डे एक प्रकार का उत्सव है जो की हर साल 31 मई को पूरे विश्व भर में WHO (World Health Organization) द्वारा तम्बाकू के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है| तंबाकू का उपयोग वैश्विक स्तर पर मृत्यु का दूसरा कारण है और वर्तमान में दुनिया भर में 10 वयस्कों में से एक की मोत के लिए भी यह जिम्मेदार है। इसलिए हम आप सबसे यही कहेंगे की Say No to Tobacco! आइये देखें वर्ल्ड नो टोबैको डे पर लेख, विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष, World Anti Tobacco Day Speech, विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर हिंदी लेखन, speech on anti tobacco day in hindi, विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्व, पृथ्वी दिवस भाषण, वर्ल्ड नो टोबैको डे एस्से, विश्व तंबाकू निषेध दिवस निबंध इन मराठी, हिंदी, इंग्लिश, बांग्ला, गुजराती, तमिल, तेलगु, आदि की जानकारी देंगे|

विश्व तंबाकू निषेध दिवस कब मनाया जाता है

World No Tobacco Day 2020 : विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई 2020 को विश्व भर में WHO द्वारा मनाया जाता है| इसके अंतर्गत तम्बाकू के खिलाफ होने वाली बिमारियों के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है| इस साल भी ये दिन 31 May 2020, गुरुवार को मनाया जाएगा|

World No Tobacco Day Speech 2020

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पूरे विश्व के लोगो को तम्बाकू के खतरों से बचाने के लिए और सभी लोग तम्बाकू के खतरों के प्रति सचेत रहे इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए विश्व स्वास्थ्य संघटन / World Health Organization (WHO) के स्थापना दिवस पर पहली बार विश्व स्वास्थ्य संघटन के कुछ सदस्यों द्वारा विश्व तम्बाकू निषेध दिवस / World No Tobacco Day का शुभारम्भ किया गया फिर आगे चलकर 31 मई 1987 को पहली बार पूरे विश्व में World No Tobacco Day का आयोजन हुआ जिसके बाद हर साल पूरे विश्व के अलग अलग देशो में World No Tobacco Day मनाया जाने लगा तम्बाकू सेवन के मामले में इन्सान का कुछ ऐसा ही हाल है यदि इन्सान को सीधे तौर से जानवर कह दिया जाय तो बुरा मान लेता है लेकिन यदि उसे जानवरों के राजा यानि शेर कहा जाय तो खुद पर गर्व महसूस करने लगता है ठीक उसी तरह यदि कोई व्यक्ति नशा का आदी है तो वह लोकलाज के डर से कही भी मौका मिलने पर चोरी छिपे नशा जरुर करता है लेकिन जब किसी पार्टी, बड़े जगहों पर लोग खुलकर धुम्रपान, नशा करते है तो वही व्यक्ति नशा करने में अपने आप पर फक्र महसूस करता है यानी नशा करने में व्यक्ति कही न कही झूटे मुठे दिखावापन के कारण भी खुद को नशा करने की तरफ ले जाता है तो अब बात करते है विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर आखिर हम सभी इतने पढ़े लिखे होने के बावजूद आखिर विश्व स्वास्थ्य संघटन / World Health Organization (WHO) को आखिर विश्व के लोगो को जागरूक करने की ऐसी आवश्यकता क्यू पड़ जाती है जिसके चलते पूरे विश्व में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस / World No Tobacco Day मनाना पड़ता है तम्बाकू में जिस रसायन की मात्रा सबसे अधिक पायी जाती है वो है निकोटिन, निकोटिन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है यह इन्सान को नशे का आदी तो बनाता ही है साथ में इसके प्रभाव से मानव शरीर में अनेको प्रकार के कैंसर जैसी भयंकर बीमारियों को जन्म भी देती है निकोटिन के प्रभाव के चलते व्यक्ति को भूख, प्यास, दिमाग आदि का काम करना बंद कर देता है जिसके चलते धीरे धीरे व्यक्ति पूर्ण रूप से बिना नशे के जीवित नही रह पाता है और वही नशा एक दिन व्यक्ति के जीवन के अंत का कारण भी बनता है तो ऐसे में एक तरफ जहा व्यक्ति खुद को नशे के चलते बर्बाद तो करता ही है और नशे के कारण उसके साथ के रहने वाले परिवार तथा आसपास के लोग भी बहुत अधिक प्रभावित होते है खासतौर पर अक्सर देखा जाता है की जिन घरो में कोई भी व्यक्ति चोरी छिपे या खुले रूप किसी भी प्रकार से नशे का सेवन करता है तो निश्चित ही उस घर के बच्चे भी उन बड़े व्यक्तियों के नशे करते हुए देखते है तो कही न कही बच्चे की सिखने की ललक भी उन्हें बचपन से गलत रास्ते पर ले जाने में सहायक होने लगती है और यही बच्चा आगे चलकर खुलेआम नशे का सेवन करने लगता है जिसके लिए उस बच्चे के घर परिवार के सदस्य या वे वे मित्र दोस्त ही लोग जिम्मेदार होते है जिन जिन लोगो के सम्पर्क में वो बच्चा रहता है| “तम्बाकू का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है “ “Smoking is injurious to Health” “No Smoking”

World Anti Tobacco Day Speech in Hindi

World no tobacco day speech essay in hindi

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हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस ( वर्ल्ड नो टोबैको डे) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरुआत विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) ने 1987 में की थी. पूरी दुनिया में प्रति वर्ष लगभग 60 लाख लोग तम्बाकू के प्रयोग के कारण मर जाते हैं, इसलिए इस दिन को मनाने के पीछे का ध्येय यही है कि आम जनता तम्बाकू से होने वाले नुक्सान को जाने और तम्बाकू से बने पदार्थों से दूर रहे. तम्बाकू एक धीमा जहर है जो सेवन करने वाले व्यक्ति को धीरे धीरे करके मौत के मुँह मे धकेलता रहता है। लोग जाने अनजाने मे तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते रहते है, धीरे धीरे शौक लत मेँ परिवर्तित हो जाता है और तब नशा आनंद प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि ना चाहते हुए भी किया जाता है एक शायर ने क्या खूब कहा है – कौन कमबख्त पीता है मजा लेने के लिए, हम तो पीते हैं क्योंकि पीनी पड़ती है ! तम्बाकू उत्पादों का सेवन अनेक रूप में किया जाता है, जैसे बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, जर्दा, खैनी, हुक्का, चिलम आदि। सिगरेट, बीडी और हुक्के का हर कश एवं गुटखे, जर्दे, खैनी की हर चुटकी हर पल मौत की ओर ले जा रही होती है। तम्बाकू उत्पादों के सेवन से नुकसान / Harmful effects of tobacco in Hindi तम्बाकू में मादकता या उतेजना देने वाला मुख्य घटक निकोटीन (Nicotine) है यही तत्व सबसे ज्यादा घातक भी है। इसके अलावा तम्बाकू मे अन्य बहुत से कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्व पाये जाते है। धुम्रपान एवँ तम्बाकू खाने से मुँह् ,गला, श्वासनली व फेफडोँ का कैंसर (Mouth, throat and lung cancer ) होता है। दिल की बीमारियाँ (Heart Disease ) धमनी काठिन्यता,उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure ) पेट के अल्सर (Stomach Ulcer ), अम्लपित (Acidity), अनिद्रा (insomnia) आदि रोगों की सम्भावना तम्बाकू उत्पादों के सेवन से बढ़ जाती है। तम्बाकू की लत के कारण / Cause of tobacco addiction in Hindi कभी दूसरों की देखा देखी, कभी बुरी संगत मे पडकर कभी मित्रो के दबाब में, कई बार कम उम्र मेँ खुद को बडा दिखाने की चाहत में तो कभी धुएँ के छ्ल्ले उडाने की ललक,कभी फिल्मों मे अपने प्रिय अभिनेता को धूम्रपान करते हुए देखकर तो कभी पारिवारिक माहौल का असर तम्बाकू उत्पादों की लत का कारण बनता है। अधिकतर लोग किशोरावस्था या युवावस्था मेँ दोस्तोँ के साथ सिगरेट, गुट्खा, जर्दा, आदि का शौकिया रूप मेँ सेवन करते है शौक कब आदत एवँ आदत लत मे बदल जाती है पता ही नहीं चलता और जब तक पता चलता है तब तक शरीर को बहुत नुक्सान पहुँच चुका होता है। धूम्रपान, जर्दा, खैनी आदि नशा छोडने के उपाय ( How to quit tobacco / smoking in Hindi ) नशा छोड्ने का मन से निश्चय करेँ। यदि नशा एक बार मेँ झटके से छोड्ना मुश्किल लगे तो धीरे धीरे मात्रा कम करते हुए छोड़ें। सभी मित्रोँ,परिचितों को बता दें कि आपने नशा छोड दिया है ताकि वे आपको नशा करने के लिये बाध्य ना करेँ। डायरी लिखेँ कि आप कब और कितनी मात्रा मे नशा करते हैं क्या कारण है जो आपको नशा करने के लिये प्रेरित होते हैं। अपने पास सिगरेट, गुटखा, तम्बाकू, एवँ माचिस आदि रखना छोड देँ। खान पान एवं लाइफ स्टाइल में सुधार करें। 31 मई को तम्बाकू निषेध दिवस / World No Tobacco Day मनाया जाता है आइये इस अवसर पर हम संकल्प लें कि खुद भी नशा नही करेंगे और अन्य लोगो को भी नशा ना करने के लिये प्रोत्साहित करेंगे।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर भाषण

Short Speech on World No Tobacco Day

अक्सर छोटे बच्चो Kids को स्कूलों में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के बारे में लिखना होता है (विश्व तंबाकू निषेध दिवस के ऊपर दस लाइन लिखें ) पढ़ाया जाता है तथा उसमे हर क्लास के बच्चे in hindi for class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11 और class 12 इस तरह से इंटरनेट पर सर्च करते है व स्कूलों के प्रोग्राम व कम्पटीशन में भाग लेते है| ऊपर दी हुई जानकारी में शामिल है इन निबंधों में शामिल है लेख एसेज, anuched, short paragraphs, pdf, Composition, Paragraph, Article हिंदी, निबन्ध (Nibandh) में Happy world no tobacco day Speech Article in marathi.

पूरे विश्व के लोगों को तंबाकू मुक्त और स्वस्थ बनाने के लिये तथा सभी स्वास्थ्य खतरों से बचाने के लिये तंबाकू चबाने या धुम्रपान के द्वारा होने वाले सभी परेशानियों और स्वास्थ्य जटिलताओं से लोगों को आसानी से जागरुक बनाने के लिये पूरे विश्व भर में एक मान्यता-प्राप्त कार्यक्रम के रुप में मनाने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पहली बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस को आरम्भ किया गया। रोग और इसकी समस्याओं से पूरी दुनिया को मुक्त बनाने के लिये डबल्यूएचओ द्वारा विभिन्न दूसरे स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं जैसे एड्स दिवस, मानसिक स्वास्थ्य दिवस, रक्त दान दिवस, कैंसर दिवस आदि। बहुत ही महत्वपूर्ण ढंग से पूरी दुनिया में सभी कार्यक्रम आयोजित और मनाये जाते हैं। इसे पहली बार 7 अप्रैल 1988 को डबल्यूएचओ की वर्षगाँठ पर मनाया गया और बाद में हर वर्ष 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की गयी। डबल्यूएचओ के सदस्य राज्यों के द्वारा वर्ष 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रुप में इसका सृजन किया गया था। पूरे विश्व से किसी भी रुप में तंबाकू का सेवन पूरी तरह से रोकने या कम करने के लिये लोगों को बढ़ावा देने और जागरुकता के विचार से इसे मनाया जाता है। दूसरों पर इसकी जटिलताओं के साथ ही तंबाकू इस्तेमाल के नुकसानदायक प्रभाव के संदेश को फैलाने के लिये वैश्विक तौर पर लोगों का ध्यान खींचना इस उत्सव का लक्ष्य है। इस अभियान में कई वैश्विक संगठन शामिल होते हैं जैसे राज्य सरकार, सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन आदि विभिन्न प्रकार के स्थानीय लोक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करते हैं। निकोटीन की आदत स्वास्थ्य के लिये बहुत हानिकारक है जो कि जानलेवा होता है और मस्तिष्क “अभावग्रस्त” रोग के रुप में जाना जाता है जो कभी भी उपचारित नहीं हो सकता है हालाँकि पूरी तरह से गिरफ्तार किया जा सकता है। दूसरे गैर-कानूनी ड्रग्स, मेथ, शराब, हीरोइन आदि की तरह ये मस्तिष्क डोपामाइन पथ को रोक देता है। दूसरे उत्तरजीविता क्रियाएँ जैसे खाना और पीने वाले भोजन और द्रव की तरह शरीर के लिये निकोटीन की जरुरत के बारे में गलत संदेश भेजने के लिये ये दिमाग को तैयार करता है। उनके जीवन को बचाने के लिये धरती पर पहले से इस्तेमाल करने वालो की मदद के लिये स्वास्थ्य संगठनों के द्वारा विभिन्न प्रकार के निकोटीन की लत छुड़ाने के तरीके उपलब्ध हैं। “तंबाकू मुक्त युवा” के संदेश अभियान के द्वारा और 2008 का विश्व तंबाकू निषेध दिवस को मनाने के दौरान इसके उत्पाद या तंबाकू के प्रचार, विज्ञापन और प्रायोजन को डबल्यूएचओ ने प्रतिबंधित कर दिया है।

World Anti Tobacco Day Speech in English

World No Tobacco Day is observed around the world every year on May 31. The Member States of the World Health Organization created this in 1987 to draw global attention of the tobacco epidemic and the preventable death and disease it causes. In 1987 , the World Health Assembly passed Resolution calling 7 April 1988 to be the “World No-Smoking Day.” In 1988 , Resolution was passed, calling for the celebration of World No Tobacco Day, every year on 31 May. It aims to reduce the deaths from tobacco related health problems. Tobacco is the second major cause of death in the world. It is well known that half the people who smoke regularly today- about 650 million people – will eventually be killed by tobacco. Equally alarming is the fact that hundreds of thousands of people who have never smoked die each year from diseases caused by breathing second – hand tobacco smoke This yearly celebration informs the public on the dangers of using tobacco, the business practices of tobacco companies, what WHO is doing to fight the tobacco epidemic, and what people around the world can do to claim their right to health and healthy living and to protect future generations.

31 May World no tobacco day speech in punjabi

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ਦੁਨੀਆਂ ਦਾ ਕੋਈ ਤੰਬਾਕੂ ਦਿਵਸ 31 ਮਈ ਨੂੰ ਹਰ ਸਾਲ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ. ਵਿਸ਼ਵ ਸਿਹਤ ਸੰਗਠਨ ਦੇ ਸਦੱਸਾਂ ਨੇ 1987 ਵਿਚ ਇਸ ਨੂੰ ਤੰਬਾਕੂ ਦੇ ਮਹਾਂਮਾਰੀ ਦਾ ਵਿਸ਼ਵ ਪੱਧਰ ਦਾ ਧਿਆਨ ਖਿੱਚਣ ਅਤੇ ਰੋਕਥਾਮਯੋਗ ਮੌਤ ਅਤੇ ਬਿਮਾਰੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਇਸ ਨੂੰ ਬਣਾਇਆ. 1987 ਵਿਚ, ਵਰਲਡ ਹੈਲਥ ਅਸੈਂਬਲੀ ਨੇ ਪਾਸ ਕੀਤਾ 7 ਅਪ੍ਰੈਲ 1988 ਨੂੰ “ਵਿਸ਼ਵ ਨੂ-ਸਿਗਰਟ ਪੀਣ ਦਾ ਦਿਨ” ਕਹਿਣ ਲਈ ਪ੍ਰਸਤਾਵ ਪਾਸ ਕੀਤਾ. 1988 ਵਿਚ, ਸੰਵਿਧਾਨ ਪਾਸ ਕੀਤਾ ਗਿਆ, ਹਰ ਸਾਲ 31 ਮਈ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵ ਤੰਬਾਕੂ ਦੁਪਹਿਰ ਦਾ ਤਿਉਹਾਰ ਮਨਾਉਣ ਲਈ ਕਿਹਾ ਗਿਆ. ਇਸ ਦਾ ਉਦੇਸ਼ ਤਮਾਕੂ ਨਾਲ ਸਬੰਧਤ ਸਿਹਤ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਤੋਂ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਮੌਤਾਂ ਨੂੰ ਘਟਾਉਣਾ ਹੈ.

ਦੁਨੀਆਂ ਵਿਚ ਤੰਬਾਕੂ ਦੀ ਮੌਤ ਦਾ ਦੂਜਾ ਵੱਡਾ ਕਾਰਨ ਹੈ. ਇਹ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜਾਣਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਅੱਧੇ ਲੋਕ ਜਿਹੜੇ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਸਿਗਰਟਨੋਸ਼ੀ ਕਰਦੇ ਹਨ – ਤਕਰੀਬਨ 650 ਮਿਲੀਅਨ ਲੋਕ – ਆਖਰਕਾਰ ਤੰਬਾਕੂ ਦੁਆਰਾ ਮਾਰਿਆ ਜਾਵੇਗਾ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚਿੰਤਾਜਨਕ ਤੱਥ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਲੱਖਾਂ ਲੋਕ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਕਦੇ ਵੀ ਸਿਗਰਟਨੋਸ਼ੀ ਨਹੀਂ ਕੀਤੀ ਹਰ ਸਾਲ ਮਰੋ – ਛਿੜਦੇ ਤੰਬਾਕੂ ਦੇ ਧੂੰਏਂ ਕਾਰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਹਰ ਸਾਲ ਮਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ

ਇਹ ਸਾਲਾਨਾ ਸਮਾਗਮ ਜਨਤਾ ਨੂੰ ਤੰਬਾਕੂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ, ਤੰਬਾਕੂ ਕੰਪਨੀਆਂ ਦੇ ਵਪਾਰਕ ਅਮਲਾਂ, ਜੋ ਤਮਾਕੂਨੋਸ਼ੀ ਦੀ ਮਹਾਂਮਾਰੀ ਨਾਲ ਲੜਨ ਲਈ ਕੀ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ, ਅਤੇ ਸੰਸਾਰ ਭਰ ਦੇ ਲੋਕ ਸਿਹਤ ਅਤੇ ਸਿਹਤਮੰਦ ਜਿਊਣ ਦੇ ਹੱਕ ਦਾ ਦਾਅਵਾ ਕਰਨ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਲਈ ਕੀ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ, ਇਸ ਬਾਰੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਸੂਚਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ. ਅਗਲੀ ਪੀੜ੍ਹੀਆਂ

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