सुनामी पर निबंध Essay on Tsunami in Hindi (1000+Words)

सुनामी पर निबंध Essay on Tsunami in Hindi

इस लेख में हमने सुनामी पर निबंध (Essay on Tsunami in Hindi) बेहद आकर्षक रूप से लिखा है। दिए गए निबंध में सुनामी क्या है तथा इसके आने के कारण व प्रभाव साथ ही सुनामी से बचाव के उपाय दिए गए हैं। अगर आप सुनामी के ऊपर निबंध खोज रहे हैं तो यह लेख आपकी बड़ी मदद कर सकता है। 

Table of Contents

प्रस्तावना (सुनामी पर निबंध Essay on TSunami in Hindi)

सुनामी को सबसे खतरनाक प्राकृतिक आपदा के रूप में गिना जाता है। यह आपदा जहां भी आती है वहां सर्वनाश करती हुई चली जाती है।

सुनामी यह समुद्र से जन्म लेने वाली एक भयंकर प्राकृतिक आपदा है। सुनामी आने पर एक साथ कई देशों में भय का माहौल होता है क्योंकि इस प्राकृतिक आपदा से बचने का कोई उपाय आधुनिक विज्ञान के पास नहीं है।

समुद्र से शुरू होकर सुनामी अपने अंदर पहाड़, नदी नाले, मलबे सभी को समाहित करती हुई आगे बढ़ती है इसलिए इसे बेहद ही खतरनाक माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि सुनामी को सबसे पहले परिभाषित ग्रीक लोगों ने किया। सुनामी आने पर समुद्र की लहरें सैकड़ों किलोमीटर तक ऊंची हो सकती हैं। आज तक की सबसे भयंकर सुनामी अलास्का की खाड़ी में आई थी इसकी लहरों की ऊंचाई 524 मीटर तक दर्ज की गई थी।

जो देश समुद्र के करीब होते हैं वहां पर सुनामी आने का खतरा बेहद अधिक रहता है। सन 2004 में भारत में सुनामी आई थी इसकी शुरुआत इंडोनेशिया से हुई थी। इस सुनामी ने इंडोनेशिया से चलकर भारत, थाईलैंड, मालदीव, बांग्लादेश में भयंकर तबाही मचाई थी ।

आधुनिक विज्ञान ऐसी तकनीक विकसित कर चुका है जिससे सुनामी की जानकारी कुछ समय पहले मिल जाती है। लेकिन अगर इन प्राकृतिक आपदाओं से स्थायी निजात पाना हो तो प्रकृति संरक्षण ही एकमात्र उपाय है।

सुनामी क्या है? What is Tsunami in Hindi?

जब समुद्र तल में भूकंप आते हैं तो उसके कंपन्न से बड़ी-बड़ी लहरें उठने लगती हैं। उन लहरों में वायुदाब अधिक होने पर वह गतिमान तथा विनाशकारी रूप धारण कर लेते हैं जिन्हें सुनामी कहा जाता है। 

कभी-कभी ज्वालामुखी में विस्फोट होने पर भयंकर कंपन्न उत्पन्न होता है जिसके कारण भी सुनामी आने का खतरा रहता है। भूस्खलन तथा चक्रवात के कारण भी सुनामी का जन्म हो सकता है।

धार्मिक ग्रंथ सुनामी को प्राकृतिक परिवर्तन तथा पाप उन्मूलन का कारण बताते हैं। जो आज के समय में शत प्रतिशत सही साबित हो रहा है। क्योंकि आज इंसान अपनी स्वार्थ लोलुपता के कारण प्रकृति का दोहन कर रहा है और जिसके परिणाम स्वरूप प्रकृति विनाश का रूप धारण करती है।

सुनामी आने के कारण Reasons of Coming Tsunami in Hindi

क्या आपको पता है – सुनामी आने के कारणों में भूस्खलन, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, अतिवर्षा तथा चक्रवात को शामिल हैं।

समुद्र के अंदर बन रहे ज्वारीय तरंगों के कारण सुनामी उत्पन्न होती हैं। ज्वारीय तरंगे प्राकृतिक असंतुलन के कारण उत्पन्न होती हैं।

सुनामी के लिए सबसे अधिक जवाबदार लहरें हैं। लहरें जितनी ऊंची उठती हैं उनका खतरा उतना ही बढ़ जाता है। सुनामी को रोकना लगभग नामुमकिन ही होता है।

आज शहरीकरण और विकास के नाम पर सैकड़ों वृक्षों को हर घंटे काटा जा रहा है। लेकिन इंसान इसके परिणाम से जानबूझकर अनभिज्ञ बनने की कोशिश कर रहा है।

मानव जीवन को सुरक्षित रखने के लिए प्रकृति का संतुलन बेहद जरूरी है और वृक्षों का प्राकृतिक संतुलन में बहुत बड़ा योगदान होता है। वृक्षों से ऋतु चक्र संतुलित रहते हैं। वृक्षों के माध्यम से जमीन का कटाव रुकता है तथा जीने के लिए सबसे जरूरी ऑक्सीजन गैस का निर्माण होता है।इस कारण हमे जादा से जादा वृक्षारोपण करना चाहिए।

वनों के आच्छादन के कारण आज ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ चुकी है। धरती का सामान्य तापमान बेहद बढ़ चुका है जिसके कारण ग्लेशियर बड़ी तेजी से पिघल रहे हैं।

ग्लेशियरों के पिघलने से समुद्र का स्तर ऊंचा उठ रहा है। समुद्र का स्तर जितना ऊंचा उठता है उसमें कंपन्न बनने और सुनामी आने का खतरा उतना ही ज्यादा रहता है।

विकास के नाम पर इंसान प्रकृति के साथ छेड़छाड़ कर रहा है। बड़ी-बड़ी नदियों के जल रोक कर समुद्र चक को बाधित कर रहा है। सिर्फ यही नहीं समुद्रों में कृत्रिम टापू बनाकर प्रकृति को सीधे चुनौती दे रहा है।

मनुष्य ने अपने मस्तिष्क के दम पर बहुत विकास किया है और उसे नियमित विकास करते रहने का भी पूरा हक है। लेकिन उसे प्रकृति को समझना होगा और अपने वजूद को प्रकृति के साथ जोड़ना होगा तब जाकर इन आपदाओं से मुक्ति मुमकिन हो सकेगी।

सुनामी के प्रभाव Tsunami Effects in Hindi

9 जुलाई सन 1958 के दिन इतिहास की सबसे बड़ी सुनामी दर्ज की गई थी। अलास्का की खाड़ी में आया हुआ भूकंप का झटका एक विनाशकारी सुनामी का रूप धारण कर लिया और देखते ही देखते लाखों लोग मृत्यु के मुख में समा गए।

अलास्का की खाड़ी में बेहद ऊंचे तथा चौड़े पर्वत मौजूद हैं। इस सुनामी की विनाशकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सुनामी में ऊंचे ऊंचे पर्वत भी बह गए थे।

सुनामी आने पर मनुष्य लाचार हो जाता है और अपने विकास के अभिमान तथा मानकों को चूर चूर होते देखता है। सुनामी आने पर विस्थापन के अलावा और कोई उपाय कारगर साबित नहीं होता।

जब सुनामी आता है उस समय मनुष्य का एक बड़ा वर्ग प्राण गवा देता है तथा उससे भी अधिक लोग अपने आवास को छोड़ सुरक्षित स्थान पर चले जाते हैं।

सुनामी आने पर बड़ी बड़ी बिल्डिंगें, मोटर गाड़ी सब कुछ कुछ ही सेकंड में बह जाते हैं। सुनामी के एक छोटे से प्रभाव से भी पूरे देश की स्थिति बिगड़ सकती है।

प्राकृतिक आपदा सुनामी के कारण यातायात ठप्प हो जाता हैं तथा संपर्क एक टूट जाता है, साथ ही कोई राहत कार्य मुमकिन नहीं हो पाता। सुनामी आने के कारण लाखों-करोड़ों कि सरकारी संपत्ति का यूं ही नाश हो जाता है। साथ ही करोड़ों रुपयों का उपयोग स्थिति को फिर से सामान्य करने में लगाना पड़ता है।

सुनामी के जाने के बाद कई भयंकर रोगों का जन्म होता है। उदाहरण के तौर पर गुजरात में आई एक बाढ़ के बाद प्लेग जैसी महामारी उत्पन्न हो गई थी जिससे हजारों लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी।

किसी भी प्राकृतिक आपदा के बाद जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है तथा उन्हें सोचने पर मजबूर करता है कि किन कारणवश उन्हें इतनी बड़ी त्रासदी का भोग बनना पड़ा।

सुनामी से बचाव के उपाय (प्रबंधन) Tsunami Prevention Measures in Hindi

किन्हीं भी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए पहले से तैयारी की जाती है। सुनामी से बचने के लिए पहले से की गई तैयारी बेहद कारगर साबित होती है। क्योंकि सुनामी यह बेहद तीव्र गति से चलती है और पल भर में सब कुछ समाप्त कर देती है।

आज लगभग हर देश के पास सुनामी से बचने के लिए चेतावनी सिस्टम है तथा ऐसी तकनीक भी विकसित की जा चुकी हैं जिनके माध्यम से सुनामी की गति तथा भयानकता का अंदाजा लगाया जा सके।

सुनामी की चेतावनी मिलते ही सर्वप्रथम समुद्र तटों पर रहने वाले लोगों को किन्ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचा देना चाहिए। नदियों तालाबों के किनारे रहने वाले लोगों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचा देना चाहिए।

प्रशासन को पहले से ही सतर्क और सक्रिय रहना चाहिए। जल विभाग, बिजली विभाग, मेडिकल विभाग तथा खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा सुनामी से बचने की रणनीति पहले से ही बनाई जानी चाहिए।

सुनामी जैसे प्राकृतिक आपदाओं के संकेत मिलते ही अन्न, जल तथा दवाइयों का संग्रह कर लेना चाहिए। पशुओं को खोलकर किन्हीं सुरक्षित स्थान पर पहुँचा देना चाहिए।

याद सुनामी आने पर जितना हो सके रक्षा टीम के संपर्क में रहना चाहिए तथा टीवी, रेडियो या इंटरनेट के माध्यम से सटीक जानकारी प्राप्त करते रहना चाहिए और अफवाहों से बचना चाहिए।

सुनामी आने पर अपने जीवन को महत्व ज्यादा देना चाहिए ना कि अन्य सामान को। क्योंकि जीवन होने पर वस्तुएं फिर से जुटाई जा सकती है।

स्थाई सुरक्षा के लिए पर्यावरण की शुद्धि ही एकमात्र विकल्प है। काटे गए वृक्षों के स्थान पर नए वृक्ष लगाने की आवश्यकता है। हानिकारक गैसों तथा केमिकल्स का न्याय मार्ग खोजने की आवश्यकता है।

प्रकृति से छेड़छाड़ करने के स्थान पर प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर रहने की आवश्यकता है। यह सामान्य से दिखने वाले सूत्र किन्हीं भी प्राकृतिक आपदाओं से स्थाई बचाव के उपाय हैं।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने सुनामी पर निबंध (Essay on Tsunami in Hindi) पढ़ा जिसमें सुनामी के बारे में विस्तार से जाना। आशा है यह लेख आपको सरल तथा मददगार लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें। 

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सुनामी पर निबंध Essay on Tsunami in Hindi

सुनामी पर निबंध (कारण, प्रभाव, प्रबंधन) Essay on Tsunami in Hindi

इस लेख में आप सुनामी पर निबंध Essay on Tsunami in Hindi हिन्दी में पढ़ेंगे। इसमें हमने सुनामी क्या है? इसके कारण, प्रभाव, और इससे बचने (प्रबंधन) के विषय में पूरी जानकारी दी है।

Table of Content

इस सुनामी पर निबंध को पढ़ कर न सिर्फ परीक्षा में इस टॉपिक से मदद मिल सकती है बल्कि साथ ही सुनामी आने पर नीचे दिए हुए बचाव के टिप्स पढ़ कर मदद भी की जा सकती है।

सुनामी क्या है? What is Tsunami in Hindi?

सुनामी क्या है? What is Tsunami in Hindi?

ऊँची समुद्री लहरें जो 10 से 18 मीटर ऊंची होती हैं उनको सुनामी कहते हैं। यह एक प्रकार का समुद्री तूफान होता है जो समुद्र तटों पर भारी तबाही मचाता है।

सुनामी पहली लहर सबसे बड़ी नहीं हो सकती है, और अक्सर यह 2, 3, 4 या बाद की तरंगें होती हैं जो सबसे बड़ी होती हैं। 26 दिसम्बर 2004 में हिंद महासागर में भयंकर सुनामी लहरें उत्पन्न हुई थी जिसमें 2.5 लाख से अधिक लोग मारे गये थे।

भारत , इंडोनेशिया, श्रीलंका, थाइलैंड, मेडागास्कर, मालदीव, मलेशिया, म्यांमार, सेशेल्स, सोमालिया, तंजानिया, केन्या, बंगलादेश समेत 13 देशों में इस सुनामी ने भीषण तबाही मचाई।

सुनामी आने पर समुद्र की लहरों की गति 420 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो जाती है। अपने रास्ते में आने वाले सभी जहाजों, नावों को यह तोड़ कर नष्ट कर देती है। जिस समुद्र में सुनामी आती है वहां पर समुद्र तट नष्ट हो जाते हैं, पेड़-पौधे टूट जाते हैं, मानव बस्तियां, मकान, इमारत, बंदरगाह नष्ट हो जाते हैं।

इसलिए सुनामी से सभी लोग बहुत डरते हैं। यह बहुत ही भयानक होती है। सुनामी अपने साथ शहर के शहर बहा ले जाती है। कारें, बसे, वाहन समुद्र के पानी में बहने लग जाते हैं। सब कुछ नष्ट हो जाता है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। हजारों लोग की जान चली जाती है।

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सुनामी होने के कारण Causes of Tsunami in Hindi

सुनामी मुख्य रूप से अन्य प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न होती है। आईए जानते हैं इसके मुख्य कारणों को –

1. भूकंप Earthquake

जब समुद्र के अंदर दो प्लेट भूकंप के कारण खिसक जाते हैं तो उनसे समुद्र के अंदर बहुत तेज कंपन होता है। इससे समुद्र के मध्य भाग से छोटी-छोटी लहरें उत्पन्न होती है और तटीय क्षेत्रों मे जाते-जाते वह लहरें बहुत बड़ी और तेज रफ्तार की हो जाती है।

इन लहरों की तीव्रता 300-400 किलोमीटर की होती है और ऊंचाई 30-40 मीटर भी हो सकती है। यही लहरें सूनामी के नाम से जानी जाती है। यह जब समुद्र तट से टकराती है तो सब कुछ तबाह कर देती हैं। ( भूकंप के विषय में पूरा पढ़ें )

2. भूस्खलन Landslide

जब कभी भी समुद्र के किसी त्यात पर भूस्खलन होता है तो पत्थर, मिट्टी के बड़े-बड़े टुकड़े समुद्र के पानी मे गिरते हैं। यही सब समुद्र के अंदर बड़ी-बड़ी लहरों को उत्पन्न करते हैं जो बाद में सुनामी का रूप ले सकता है।

3. ज्वालामुखी का फटना Volcano Eruption

जब समुद्र के तट पर या किसी टापू पर स्थित ज्वालामुखी विस्फोट होता है तो ज्वालामुखी से निकलने वाली आग की लहरें पानी की एक बड़ी मात्रा को विस्थापित कर सकते हैं। ऐसे होने से समुद्र के पानी में बड़ी-बड़ी लहरें उत्पन्न हो कर सुनामी का खतरा बढ़ सकता है।

4. क्षुद्रग्रह या उल्का के गिरने से Falling of Asteroids & Meteors

क्षुद्रग्रह या उल्का का गिरना कोई आम बात नहीं है और न ही कभी इनके कारण कोई सुनामी इतिहास में कभी उत्पन्न हुई है।

परंतु वज्ञानिकों का मानना है की अगर कोई बड़ा 5-6 किलोमीटर व्यास का क्षुद्रग्रह समुद्र में गिरता है तो वह ऐसी सुनामी उत्पन्न करेगा जो कनाडा, अमेरिका और मैक्सिको के पश्चिमी तटों पर सभी शहरों को तबाह कर देगा ।

सुनामी का प्रभाव Effect of Tsunami on Human Life in Hindi

सुनामी का प्रभाव Effect of Tsunami on Human Life in Hindi

सूनामी के बहुत ही खतरनाक प्रभाव देखने को मिलते हैं –

1. घरों का विनाश Destruction of Houses

जब सुनामी तटों की इमारतों से टकराती है तो इमारतों को नष्ट कर सकती है और संपत्ति के गंभीर नुकसान का कारण बन सकती है। सुनामी की चपेट में आने वाले इलाके में रहने वाले ज्यादातर लोग अपना सबकुछ खो देते हैं। 

सूनामी के कुछ प्रभावों से घरों को नींव तक उजड़ जाती है। सुनामी से प्रभावित लोगों को पुनर्निर्माण की महंगी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

2. जान गंवाना Loss of Life

सुनामी कितना हद तक नुकसान पहुंचा सकता है यह सोचपाना मुश्किल है परंतु यह तो है की इसके आने से भारी तागाद में लोगों को जान गवाना पड़ता है।

11 मार्च, 2011 को एक विनाशकारी भूकंप के बाद उत्तरी जापान में आई सूनामी ने कम से कम 14,340 लोगों की जान ले ली। इस सुनामी में इमारतें उखड़ गईं और हजारों लोग मलबे के नीचे फंस गए और कई समुद्र में बह गए।

3. अर्थव्यवस्था को नुकसान Economical Loss

सुनामी से प्रभावित देशों में व्यक्तियों के लिए दैनिक जीवन, सुरक्षा, खाद्य-सामग्री, राहत सामग्री, दवाईयों, की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है। साथ ही सुनामी प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण के दौरान भी बहुत खर्च आता है।

इसके कारण देश की सरकार पर एक महत्वपूर्ण वित्तीय दबाव डलता है, जिसके परिणामस्वरूप आर्थिक मंदी जैसे मुश्किलों का सामना से उस राष्ट को गुजरना पड़ता है।

4. रोग और संदूषण Disease and Contamination

सुनामी के बाद दूषित पानी और भोजन की आपूर्ति लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करती है। बाढ़ का पानी गंदगी या तेल जैसे संदूषण के कई स्रोतों को घरों और अन्य रहने वाले क्षेत्रों में ले जाता है। 

इसके अलावा, सुनामी के बाद संक्रामक रोग बढ़ जाते हैं। मलेरिया और हैजा जैसे संक्रामक रोग आम बात हो सकते है।लोगों को भीड़ में एक ही राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है जो फैलने वाली बीमारियों को आसान बनाता है।

5. गंभीर पर्यावरणीय परिवर्तन Other Environmental Changes

सुनामी के आतंक के बाद, पहले से ही समुद्र तटीय शहर बंजर भूमि बन जाते हैं। मानव निर्माण के विनाश के अलावा, सुनामी वनस्पति जैसे वृक्षों को नष्ट कर देती है, जिसके परिणामस्वरूप भूस्खलन और तट रेखाएं समुद्र में फिसल जाती हैं।

यह सभी प्राकृतिक परिवर्तन मानव निवासियों को एक नए रूप से पुनर्निर्माण करने के लिए मजबूर करते हैं। अपने जीवन को फिर से राह में लाने के लिए उन्हें बहुत समय लग जाता है।

सुनामी से बचने के 10 उपाय व प्रबंधन Tsunami Management Tips in Hindi

सुनामी से बचने के 10 उपाय व प्रबंधन Tsunami Management Tips in Hindi

सुनामी का सही अनुमान लगा पाना बहुत मुश्किल है। कोई नहीं जानता कि यह कब आएगी लेकिन इससे बचने के लिए हम कुछ उपाय कर सकते हैं-

1. किसी सुरक्षित जगहों पर चले जाएं Migrate to Safe Place

सुनामी आने पर सबसे पहले आप फौरन ही अपना जरूरी सामान अपने साथ ले लीजिए और घर को अच्छी तरीके से बंद कर दें और किसी ऊंचाई पर स्थित सुरक्षित स्थान पर चले जाएं। यह सबसे अच्छा विकल्प होगा।

2. खड़े होकर सुनामी ना देखें Do Not Watch the Tsunami

बहुत बार यह देखा गया है कि लोग जिज्ञासा वश सुनामी को एक मनोरंजन की चीज समझते हैं और जब समुद्र की ऊंची-ऊंची लहरें आती हैं तो वह खड़े होकर उसे देखने लग जाते हैं। कुछ लोग अपने फोन से फोटो लेने लग जाते हैं और वीडियो बनाने लग जाते हैं।

ऐसे लोग भी सुनामी का बड़ी मात्रा में शिकार हो जाते हैं क्योंकि लहरें बहुत तेज होती हैं और पल भर में सभी चीजों को निकल जाती हैं। इसलिए खड़े होकर सुनामी को ना देखें। तुरंत ही सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।

3. सरकार आपातकालीन निकासी योजना बनाये Government Emergency Evacuation Plan

जिन समुद्र तटों पर सुनामी आने का खतरा सबसे अधिक है वहां पर सरकार को आपातकालीन निकासी योजना बनानी चाहिए जिससे अचानक से सुनामी आ जाने पर लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। हलाकी सरकार ने अब लगभग सभी सुनामी से खतरे वाले क्षेत्रों मे सुनामी से बचने के लिए ऊंचाई पर राहत शिविर बनाया है।

4. जानवरों, पक्षियों की हरकतों पर ध्यान दें Pay Attention to Animal Behaviour

यह माना जाता है कि जानवर जैसे कुत्ते, गाय, भैंस और पक्षी मनुष्य से अधिक संवेदनशील होते हैं। वे प्रकृति में होने वाले परिवर्तनों को आसानी से समझ जाते हैं। अनेक बार यह देखा गया है कि कोई प्राकृतिक आपदा सुरक्षित स्थानों पर चले जाते हैं।

उनको इसके बारे में पहले ही पता चल जाता है। इसलिए समुद्र तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जानवरों और पक्षियों के व्यवहार पर नजर रखनी चाहिए। यदि जानवर और पक्षी असामान्य व्यवहार करते हैं तो हमें उनका अनुसरण करना चाहिए और किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए।

5. सुनामी चेतावनी प्रणाली चेतावनी को सुनें Keep Listening the Tsunami Warning System

भारत सरकार ने सन 2007 में देशभर में अनेक स्थानों पर सुनामी चेतावनी सिस्टम लगाए हैं जो समुद्र में होने वाली सभी हलचलों, कम्पनो और भूकम्पों की जांच करके सुनामी के बारे में भविष्यवाणी करता है और चेतावनी देता है। हमारे देश की सरकार को चाहिए कि अत्याधुनिक सुनामी चेतावनी सिस्टम का विकास करें।

ऐसे यंत्र बनाएं जो सुनामी की तरंगों को शुरू होते ही पकड़ ले। इससे क्या लाभ होगा कि समुद्र तट पर रहने वाले लोगों को आसानी से चेतावनी देकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा सकता है। मछुआरों को समुद्र में जाने से रोका जा सकता है। सरकार द्वारा दी जाने वाली सुनामी चेतावनी को सुनते रहे।

6. समुद्र में आने वाले भूकंप की खबर रखें Always Alert about Upcoming Earthquake in Sea

आमतौर पर जब समुद्र में भूकंप उत्पन्न होता है तब ही सुनामी पैदा होती है। इसलिए समुद्र तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भूकंप की जानकारी रखनी चाहिए। रेडियो, टेलिविजन , इंटरनेट के द्वारा उनको नए समाचार लेते रहना चाहिए।

यदि समुद्र में 7।2 से अधिक क्षमता वाला भूकंप आया है तो सुनामी उत्पन्न होने की संभावनाएं बहुत अधिक है। इसलिए हर छोटे-बड़े भूकंप की जानकारी लेते रहें।

7. समुद्र तट से उचित दूरी पर घर, इमारतें,स्कूल और अन्य भवन बनाएं Make Your House, Schools, and Buildings Away from Sea Coast

सुनामी का शिकार सबसे अधिक वह बस्तियां होती हैं जो समुद्र तट से बिल्कुल किनारे पर बसी हुई होती हैं। सुनामी आने पर 10 से 20 मीटर ऊंची लहरें सबसे पहले पास की बस्तियों को नष्ट करती हैं। सारे मकानों को तोड़ देती हैं। इसलिए सबसे अच्छा उपाय है कि समुद्र तट से उचित दूरी पर घर मकान स्कूल कॉलेज और बस्तियां बसाई जाएं।

8. अपने क्षेत्र का सुनामी इतिहास जानें Keep Tsunami History Information of Your Area

जिस समुद्र तटीय इलाके में आप रह रहे हैं पता करें कि क्या वहां कभी सुनामी आई थी। आपको अपने शहर की लाइब्रेरी में यह जानकारी आराम से मिल जाएगी। यदि आपके शहर में भूतकाल में सुनामी आ चुकी है तो दोबारा भी आ सकती है। इसलिए आप पहले से तैयारी रखें।

9. आपातकालीन सुरक्षा किट बनाकर रखें Keep Your Emergency Kit Always Ready

ऐसा करना बहुत ही समझदारी भरा काम होगा। यदि आप को डर है कि कभी भी सुनामी आ सकती है तो पहले से एक आपातकालीन सुरक्षा किट बना लें। इसमें पैसे (नकदी), सूखा भोजन, पीने का पानी, टॉर्च, बैटरी, रेडियो, मोबाइल फोन , चाकू रस्सी माचिस, मोमबत्ती, लालटेन जैसी चीजें रखें। यह सभी चीजें आपके आपातकालीन समय में बहुत काम आएंगी।

10. बचाव दल, एंबुलेंस, अग्नि शमन हेल्पलाइन का नंबर अपने पास रखें Always keep Ambulance, Fir brigade, Contact Numbers

सुनामी आने पर इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि आपके घर मकान टूट जाए और उसमें कोई व्यक्ति घायल हो जाए। इसलिए अपने पास सरकारी बचाव दलों के नंबर रखें। इसके अतिरिक्त डॉक्टर, एंबुलेंस और अग्निशमन हेल्पलाइन का नंबर जरूर रखें। कोई आपातकालीन स्थिति आने पर फोन कर कर तुरंत बुलाएं।

आशा करते हैं आपको सुनामी पर निबंध Essay on Tsunami in Hindi अच्छा लगा होगा।

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सुनामी पर निबंध (Essay On Tsunami In Hindi)

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सुनामी पर 10 लाइन (10 Lines On Tsunami In Hindi)

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दुनिया भर में कई ऐसी प्राकृतिक आपदाएं होती रहती हैं, जिनकी वजह से सब कुछ तहस-नहस और बर्बाद हो जाता है। भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा की तरह ही सुनामी भी एक भयंकर महाविपदा है। समुद्र में जन्म लेने वाली ऊंची लहरों जिनके कारण आसपास सर्वनाश हो जाए, उस आपदा को सुनामी कहते हैं। सुनामी शब्द जापान से लिया गया है। इस आपदा में समुद्र की सतह के नीचे तेज कंपन होता और ऊंची-ऊंची लहरें जैसे आसमान को छू रही हों ऐसा प्रतीत होता है और यही लहरें विनाश का कारण बनती हैं। समुद्र में आने वाले भूकंप को सुनामी को उत्पन्न करने का कारण कहा जाता है। यह आपदा बेहद खतरनाक है और इससे बहुत नुकसान भी हुआ है। भारत में ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों ने इस प्राकृतिक आपदा का कहर झेला है। इस लेख में सुनामी पर हमने निबंध के कुछ सैंपल दिए हैं ताकि आपके बच्चों को इसके बारे में जानकारी मिल सके।

किसी भी निबंध को लिखने के लिए अहम बिंदु की जानकारी होना जरूरी है। सुनामी से जुड़ी 10 अहम बातों को नीचे बताया गया है, इसके उपयोग से बच्चे अच्छा निबंध लिख सकेंगे।

  • सुनामी दुनिया की सबसे खतरनाक प्राकृतिक आपदा है।
  • समुद्र के भीतर आने वाले भूकंप से सुनामी जन्म लेती है।
  • इस दौरान समुद्र की लहरों की ऊंचाई लगभग 11 से 18 मीटर तक ऊंची होती हैं।
  • ज्वालामुखी का फटना, पृथ्वी का धंसना आदि सुनामी के अन्य कारण हैं।
  • सुनामी ज्यादातर प्रशांत महासागर में उत्पन्न होती है।
  • महासागरों में उत्पन्न लहरें जमीन की ओर बढ़कर घरों, इमारतों, जंगलों आदि को नष्ट कर देती हैं।
  • साल 2004 में हिन्द महासागर में आई सुनामी से भारत में हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।
  • सुनामी की लहरें 100 से 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं।
  • साल 1948 में प्रशांत महासागर पर आपदाओं की जानकारी के लिए अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क स्थापित किया गया।
  • 5 नवंबर 2016 को पहला विश्व सुनामी जागरूकता दिवस मनाया गया।

सुनामी के प्रकोप से बच पाना मुश्किल है, लेकिन कम शब्दों में इसकी जानकारी हासिल करना आसान है। इसलिए नीचे दिए कम शब्दों वाले निबंध को ध्यान से पढ़ें।

सुनामी लहरों की एक श्रृंखला होती है जो आमतौर पर महासागर या समुद्र की सतह में भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन, ग्लेशियर का गिरना या उल्कापिंड के प्रभाव से उत्पन्न होती है। ‘सुनामी’ शब्द जापानी भाषा से लिया गया है। सुनामी को सबसे खतरनाक और विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है। जिस भी क्षेत्र और देश में यह आती है वहां आस-पास सब बर्बाद कर देती है। यह ज्यादातर समुद्र में उत्पन्न होने वाले भूकंप से जन्म लेती है और इसके आगमन से कई देशों में डर पैदा हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसे रोकने या इससे बचने का कोई भी आधुनिक उपाय अभी तक सामने नहीं आया है। इसकी शुरुआत समुद्र से होती है और धीरे-धीरे यह अपने अंदर पहाड़, नदी, मलबे सभी को समाहित करती हुई आगे बढ़ती है इसलिए इसे बेहद ही खतरनाक माना जाता है। ऐसा माना गया है कि सुनामी को सबसे पहले ग्रीक लोगों ने महसूस किया था। सुनामी के समय समुद्र की लहरें बहुत ऊंची उठती हैं। जो देश समुद्र के करीब होते हैं वहां पर सुनामी का खतरा और भी बढ़ जाता है। 26 दिसंबर 2004 में भारत में सुनामी आई थी और इसमें 12 हजार से भी अधिक लोगों ने अपनी जान गवां दी थी और साथ ही लाखों की संपत्ति बर्बाद हो गई थी। इस सुनामी का केंद्र हिन्द महासागर में इंडोनेशिया के पास था और इसका असर सुदूर अफ्रीका तक महसूस किया गया था। इस सुनामी में भारत व इंडोनेशिया सहित श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, मालदीव, बांग्लादेश सहित कई देशों में भयंकर तबाही मचाई थी और लाखों लोग काल के ग्रास में समा गए थे।

सुनामी एक बहुत बड़ी प्राकृतिक आपदा है, जिसके लिए कोई भी तैयार नहीं हो सकता है। ये अपने साथ विनाश लेकर आती है और सब कुछ बिखर जाता है। इसके बारे में अगर आपके बच्चे को विस्तार में निबंध लिखना है तो नीचे दिए गए सैंपल से आपको जरूर मदद मिलेगी।

सुनामी क्या है? (What Is a Tsunami?)

समुद्र में जब भूकंप की कंपन्न होता है तो उस कारण उसमें ऊंची-ऊंची लहरें उठती हैं। जब उन लहरों पर हवा का दवाब अधिक होता है तो उनकी गति बढ़ जाती है और भयंकर रूप ले लेती है, जिसे सुनामी कहा जाता है। यही नहीं जब कभी ज्वालामुखी फटता है, उसकी वजह से भी पृथ्वी कांप उठती है जिससे सुनामी का खतरा बढ़ जाता है। इस प्राकृतिक आपदा को बेहद खतरनाक माना जाता है, जिसकी वजह से हजारों-लाखों लोग अपनी जान गवां देते हैं और उनका बसाया हुआ संसार पूरी तरह से उजड़ जाता है। इसमें घर, इमारतें, सड़कें, पेड़ सब तहस-नहस हो जाते हैं। इतना ही नहीं इसका भगवान द्वारा बनाई गई प्राकृतिक चीजों पर भी पड़ता है, जैसे पहाड़, नदी, जंगल आदि। अभी तक इस आपदा को रोकने के लिए कोई भी आधुनिक तकनीक नहीं बन पाई है।

सुनामी के कारण (Causes Of Tsunami)

दुनिया भर में कई ऐसे प्राकृतिक आपदाएं हैं जिनके कारण सुनामी उत्पन्न होती है।

जब समुद्र तल पर भूकंप आता है तो उसमें बहुत तेज कंपन्न होता है। इससे समुद्र के मध्य भाग से छोटी-छोटी लहरें उत्पन्न होती है और तट पर पहुंचते-पहुंचते वह लहरें बहुत अधिक बड़ी और तेज रफ्तार में आगे बढ़ने लगती हैं।

जब कभी भी समुद्र के आस-पास लैंडस्लाइड होती है तो पत्थर, मिट्टी के बड़े-बड़े टुकड़े समुद्र के पानी मे गिरते हैं। यही सब समुद्र के अंदर बड़ी-बड़ी लहरों को उत्पन्न करते हैं जो बाद में सुनामी का रूप ले लेता है।

3. ज्वालामुखी फटना

समुद्र के तट पर या किसी टापू पर मौजूद ज्वालामुखी फटता है तो उससे निकलने वाला लावा पानी को बड़ी मात्रा में प्रभावित करता है। ऐसे होने से समुद्र के पानी में बड़ी-बड़ी लहरें उत्पन्न होती और सुनामी का खतरा बढ़ जाता है।

मनुष्यों पर सुनामी के प्रभाव (Effects of Tsunami on Human Life)

1. घरों का टूटना.

जब सुनामी की तेज लहरें घरों और इमारतों से टकराती हैं तो सब कुछ टूटकर बिखर जाता है। इससे इंसानों के मेहनत से बनाए घर, संपत्ति सब नष्ट हो जाते हैं। इसकी चपेट में आने वाले आस-पास रहने वाले लोग अपना सब कुछ गवां देते हैं।

2. जान गंवाना

सुनामी बहुत ज्यादा खतरनाक प्राकृतिक आपदा है और इसकी चपेट में आने वाले लोग अपना घर द्वार खोने के अलावा अपनी जान भी गवां देते हैं। इसके प्रभाव से कई लोगों की जान चली जाती है या फिर कुछ लोग मलबे के नीचे फंसे रह जाते और समुद्र में बह जाते हैं।

3. अर्थव्यवस्था पर असर

यह बात तो स्पष्ट है कि जिस देश में सुनामी का प्रकोप होता है वह पूरी तरह से बेहाल हो जाता है। देश में रहने वाले लोगों का दैनिक जीवन, उनकी सुरक्षा, खाना, राहत सामग्री, दवाइयों के इंतजाम में अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है। जिन क्षेत्रों का पूरी तरह से विनाश हो गया उनका फिर से निर्माण करने में बहुत खर्चा होता है।

4. रोग और संदूषण

सुनामी की वजह से पानी दूषित हो जाता है और खाना कम पड़ने लगता है, जिसकी वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। यह दूषित पानी कई तरह के रोगों को जन्म देता हैऔर इससे मलेरिया और हैजा जैसे संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ता है। प्रभावित लोगों को एक साथ राहत शिविरों में रखा जाता है जिससे बीमारियां आसानी से फैल सकती हैं।

5. पर्यावरण में परिवर्तन

सुनामी हमारे पर्यावरण पर बुरा प्रभाव डालती है। समुद्र के आस-पास के शहर इससे प्रभावित होकर एक बंजर जमीन बन जाते हैं। यह न सिर्फ इमारतों पर असर डालती है बल्कि जंगल भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। पेड़ नष्ट हो जाते हैं, जिससे लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे प्राकृतिक बदलाव की वजह से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है।

  • लगभग 80% सुनामी प्रशांत महासागर के ‘रिंग ऑफ फायर’ के अंदर आती हैं।
  • सबसे भयंकर सुनामी अलास्का की खाड़ी में 1958 आई थी जिसमें लहरों की ऊंचाई 524 मीटर तक गई थी।
  • 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी लगभग 23,000 परमाणु बमों की ऊर्जा से पैदा हो सकने वाले भूकंप की तीव्रता के कारण आई थी।
  • सुनामी की लहरों का समय मिनटों से लेकर घंटों तक पहुंच सकता है।
  • 2011 में जापान में आई सुनामी को इतिहास में सबसे महंगी आपदा माना गया है, जिसमें लगभग 232 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
  • 2004 दिसंबर में हिंद महासागर में आई सुनामी को सबसे विनाशकारी कहा जाता है, क्योंकि इसमें 14 देशों के 230,000 से 280,000 लोग मारे गए थे।

इस निबंध में हमने सुनामी के प्रकोप की गंभीरता के बारे में जानकारी हासिल की और बच्चों को भी इसके बारे में विस्तार से बताया है। ताकि अगर उनसे कोई इसके बारे में पूछता है या फिर लिखने को कहता है तो वह आसानी से लिख सके। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि आपके बच्चे के लिए यह निबंध मददगार साबित हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।

1. सुनामी की लहरें कितने मील प्रति घंटे की गति से यात्रा करती हैं?

सुनामी की लहरें लगभग 800 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा करती हैं।

2. किस देश में सुनामी का सबसे अधिक प्रभाव रहा है?

जापान में सुनामी का सबसे लंबा इतिहास दर्ज किया गया है।

3. सुनामी शब्द किस भाषा से लिया गया है?

सुनामी शब्द जापानी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ ‘हार्बर वेव’ है।

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सुनामी पर निबंध हिंदी में | Essay on Tsunami in Hindi

सुनामी पर निबंध हिंदी में Essay on Tsunami in Hindi:  प्रिय विद्यार्थियों आज के निबंध लेख में आपका स्वागत हैं. यहाँ Essay on Tsunami दिया गया हैं.

सुनामी विकराल प्राकृतिक आपदा हैं सुनामी लहरों की विनाशलीला 26  दिसम्बर  2004 को दक्षिण पूर्व एशिया के 11 देशों  में कहर बरफाया और इस हादसे में एक  लाख  पचास हजार  लोगों की जान गई थी. 

सुनामी की परिभाषा घटनाएं विशेषता प्रोजेक्ट क्यों आती है बचने के १० उपाय हम इस निबंध में चर्चा करेगे.

Essay on Tsunami in Hindi

सुनामी पर निबंध हिंदी में | Essay on Tsunami in Hindi

हमने सुनामी पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए प्राकृतिक आपदा का निबंध लिखा हैं. विभिन्न शब्द सीमा में इस निबंध को सरल रूप में आपके लिए तैयार किया गया हैं. हम उम्मीद करते है यह आपकों पसंद आएगा.

सुनामी पर निबंध 300 शब्दों में Tsunami par nibandh

तेज समुद्री लहरों का उठा तूफ़ान सुनामी कहलाता है जिसका केंद्र बिंदु सागर के तल में होता हैं, तथा सागर में भूकम्प आने से सुनामी का जन्म होता हैं.

समुद्र में आने वाले भयंकर भूकम्प की बदौलत लहरें तीव्र गति से धरातल की ओर बढती है तथा अपने क्षेत्र में आने वाली समस्त चीजों को तबाह कर देती हैं. एक जलीय प्रलय के रूप में सुनामी बड़ी प्राकृतिक आपदा हैं.

सबसे पहले सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदा के बारे में दुनिया को बताने वाले ग्रीक लोग थे. उनका मानना था कि ये एक भूकंप की तरह ही हैं. भूकम्प धरातल की हलचल को कहते है जबकि महासागरों में आने वाले भूकम्प सुनामी का रूप ले लेते हैं.

अब तक के ज्ञात इतिहास में सबसे भयानक सुनामी वर्ष 1958 में 9 जुलाई के दिन अलास्का के पास स्थित लिगुआ खाड़ी में आई थी.

एक खतरनाक भूकंप के चलते एक पर्वत इस खाड़ी में गिर गया, जिसके चलते 524 मीटर ऊंची जल धारा का निर्माण हो गया. अमूमन सुनामी उन क्षेत्रों के लिए विनाशकारी होती है जो समुद्र तट पर बसे होते हैं.

वर्ष 2004 में भारत में आई सुनामी अब तक के इतिहास की सबसे विनाशकारी आपदा थी. इंडोनेशिया के पास इसका केंद्र बिंदु था. इस आपदा में करीब दो लाख लोगों ने अपनी जा गंवाई.

हजारों किमी की यात्रा करके यह सुनामी थाईलैंड भारत, इंडोनेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश और मालदीव के तटीय इलाकों को पूरी तरह तहस नहस कर गई.

सुनामी पर निबंध 600 शब्दों में Tsunami Essay

सूनामी जापानी भाषा का शब्द है जो दो शब्दों सू यानि बंदरगाह और नामी अर्थात लहर से बना हैं. सूनामी लहरें भूकम्पों ज्वाला मुखियों के फटने अथवा जलगत भूस्खलनों के कारण पैदा होती हैं. और इन लहरों की ऊंचाई 15 मीटर या उससे अधिक होती हैं. और ये तट के आस पास की बस्तियों को तबाह कर देती हैं.

इतिहास में दर्ज सूनामी लहरें मिनटों में ही तट पर पहुच जाती हैं. जब ये लहरें उथले पानी में प्रवेश करती हैं, तो भयानक शक्ति के साथ तट से टकराकर कई फुट या कभी कभी दसियों फुट ऊँची उठती हैं. किसी बड़े भूकम्प के आने  कई घंटों बाद तक सुनामी का खतरा बना रहता हैं.

दूर गहरे समुद्र में शक्तिशाली भूकम्प आने से भी सूनामी उत्पन्न होती हैं. इन भूकम्पों के कारण उत्पन्न लहरे कई सौ किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तट की ओर दौड़ती हैं और भूकम्प आने के कई घंटे बाद ही तट तक पहुचती हैं.

साधारण ज्वार भाटे की लहरे छोटी होती हैं. और वे बार बार आती रहती हैं. तथा उनकी ऊँचाई भूमि की सतह के बराबर होती हैं. इसके विपरीत गहरे समुद्र में सुनामी लहरों की उत्पत्ति के समय समुद्र में कोई हलचल न होने के कारण ये दिखाई नहीं देगी.

उत्पत्ति के समय इन लहरों की लम्बाई 100 किमी तक होने के बावजूद बीच समुद्र में ये लहरे बहुत ऊँची नहीं उठती हैं. और कई सौ किमी की रफ्तार से दौड़ती हैं.

यदि लोस एंजलिस में कोई भूकम्प आता हैं तो किसी जेट विमान को लोस एंजलिस से टोक्यों की दूरी पार करने में जितना समय लगता हैं उससे कम समय में सूनामी टोक्यो पहुच जाती हैं.

सूनामी के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य (Fact About Tsunami in Hindi)

  • कुछ सूनामी लहरें वृहदाकार होती हैं. तटीय क्षेत्रों में इसकी ऊँचाई 10 मीटर अथवा उससे अधिक हो सकती है और मुख्य भूमि में कई सौ मीटर अंदर प्रवेश कर सकती हैं.
  • निचले तटीय इलाके सुनामी की चपेट में आ सकते हैं.
  • सूनामी लहरें एक के बाद एक आती रहती हैं. प्रायः पहली लहर सबसे विशाल नहीं होती हैं. पहली लहर आने के बाद कई घंटों तक बाद में आने वाली लहरों का खतरा बना रह सकता हैं.
  • तटवर्ती मैदानी इलाकों में सूनामी की रफ्तार 50 किमी प्रति घंटा हो सकती हैं यानि कि आदमी के दौड़ने की रफ्तार से भी तेज होती हैं.
  • कभी कभी सूनामी के कारण समुद्र तट का पानी घट जाता हैं और समुद्र तट नजर आने लगता हैं. इसे प्रकृति की ओर से सूनामी आने की चेतावनी के रूप में ले.
  • कुछ सूनामी लहरें अत्यधिक शक्तिशाली होती हैं. सूनामी लहरें अपनी भयावह शक्ति से कई टन वजन की विशाल चट्टानों, नौकाओं तथा अन्य प्रकार के मलबे को मुख्य भूमि में कई मीटर अंदर तक धकेल देती हैं. घर और अन्य इमारतें ध्वस्त हो जाती हैं.तैर रही सामग्री पानी में जबर्दस्त शक्ति के साथ बहने लगती हैं और इनकी चपेट में आकर लोगों की मृत्यु होसकती हैं.
  • सूनामी लहरें दिन या रात किसी भी समय आ सकती हैं.
  • सूनामी लहरें समुद्र से मिलने वाली नदियों और जलधाराओं में पहुचकर में पहुचकर उनमें उफान पैदा कर सकती हैं.

सूनामी का पता लगाना

उपग्रह प्रोद्योगिकी के प्रयोग से सूनामी संभावित भूकम्पों की तुरंत जानकारी देना संभव हो गया है.  चेतावनी का  समय  तट रेखा से अभिकेन्द्र की दूरी पर निर्भर करता हैं.

उन तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाली चुनिन्दा समुदायों को जहाँ सूनामी कुछ घंटों तक आतंक फैला सकती हैं. सूनामी के अनुमानित समय के बारे में चेतावनी दे दी जाती हैं.

तटीय ज्वार जाली का निर्माण करने से सुनामियों को तट के निकट रोका जा सकता हैं किन्तु गहरे समुद्र में इसका उपयोग करना व्यर्थ होगा.

सूनामी सतर्कता यंत्र समुद्री केबलों के जरिये भूमि से जोड़े जाते हैं और फिर उन्हें समुद्र में 50 किमी तक आड़े तिरछे लगाया जाता हैं. सूनामीटर समुद्र तल में होने वाली हलचल की चेतावनी भेजते हैं जिसे उपग्रहों के माध्यम से प्रसारित कर दिया जाता हैं.

सूनामी आने से पहले क्या करे

  • यह पता करे कि क्या आपका घर, स्कूल, कार्यस्थल या वह स्थान जहाँ आपका आना जाना लगा रहता हैं, सूनामी के संकट से प्रभावित क्षेत्र के तहत आता हैं या नहीं.
  • यह भी पता लगाइये कि जहाँ आपका घर हैं वहां की सडक की समुद्र तल से ऊँचाई कितनी हैं तथा उन संकट ग्रस्त जल क्षेत्रों से आपकी कितनी दूरी हैं.
  • यदि आपका निवास स्थान, ऑफिस अथवा आपकी स्कूल सूनामी के खतरे वाले क्षेत्र में आती हैं तो वहां से बचाव के रास्ते के सम्बन्ध में आपकों पूर्व योजना बना लेनी चाहिए.
  • बचाव के लिए रस्ते को निकलने का अभ्यास करावे.

  • भूकंप क्या है आने के कारण बचाव के उपाय और प्रभावित क्षेत्र
  • प्राकृतिक आपदा के बारे में जानकारी
  • प्राकृतिक आपदा परिभाषा प्रकार कारण और प्रबंधन
  • प्राकृतिक संसाधन क्या है व इसके प्रकार

आशा करता हूँ दोस्तों Essay on Tsunami in Hindi का यह निबंध आपकों पसंद आया होगा. यदि सूनामी पर दिया गया निबंध पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.

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सुनामी पर निबंध – Tsunami Essay in Hindi

Tsunami Essay in Hindi: दोस्तो आज हमने सुनामी पर निबंध  कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।

सुनामी एक ऐसी घटना है जिसमें कई बार पानी में उठने वाली तेज लहरों की एक श्रृंखला कई मीटर तक ऊंचाइयों तक पहुंच जाती है। यह एक प्राकृतिक आपदा है जो महासागर के बिस्तरों में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण होती है। इसके अलावा, भूस्खलन और भूकंप जैसी घटना सूनामी के कारणों में योगदान करती है।

Tsunami Essay in Hindi

अन्य प्राकृतिक आपदाओं की तरह, सुनामी का प्रभाव भी बहुत बड़ा है। यह पूरे इतिहास में देखा गया है कि सूनामी कितना विनाशकारी है। सूनामी पर निबंध विभिन्न कारकों के बारे में बात करता है जो सूनामी में योगदान करते हैं और इससे मानव जाति को नुकसान होता है।

सुनामी पर 500+ शब्द निबंध

भूकंप के कारण समुद्र में उत्पन्न होने वाली तरंगों के कारण होने वाली आपदा और जिसका मुख्य बिंदु पानी के नीचे है, ‘सुनामी’ के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा, सुनामी शब्द ज्वारीय तरंगों से जुड़ा है। इस प्रकार, एक सुनामी को समुद्र की लहरों की श्रृंखला के रूप में भी कहा जाता है जिसमें बहुत लंबी तरंग दैर्ध्य होती है। सुनामी की वजह से पानी की तेज लहरें बनती हैं और यह जमीन की ओर बढ़ता है। तो, यह पानी के अंतर्देशीय आंदोलन का कारण बनता है जो बहुत अधिक है और लंबे समय तक रहता है। इस प्रकार, इन तरंगों का प्रभाव भी बहुत अधिक है।

सूनामी के प्रभावों का दावा करने वाले ग्रीक धरती पर पहले लोग थे। उनका दावा है कि सुनामी जमीन के भूकंप की तरह है। साथ ही, सुनामी और भूकंप के बीच एकमात्र अंतर यह है कि सुनामी महासागरों में होती है। इस प्रकार, सूनामी के पैमाने और किण्वन को नियंत्रित करना लगभग असंभव है।

सुनामी का इतिहास

रिकॉर्ड किताबों में 9 जुलाई 1958 को सबसे ज्यादा दर्ज की गई सुनामी थी। यह एक खाड़ी में हुआ जो अलास्का के तटों के साथ लिगुला खाड़ी में स्थित था। भूकंप के बाद, चट्टान का एक विशाल द्रव्यमान पास की चट्टान से खाड़ी के पानी में गिर गया। इस प्रकार, इसने एक प्रभाव पैदा किया और 524 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचने वाली एक लहर का उत्पादन किया। इसके अलावा, यह सबसे अधिक दर्ज की गई सुनामी लहरों में से एक माना जाता है।

सुनामी की घटना के लिए जिम्मेदार विनाशकारी लहरें भी बे या झीलों के पानी में पैदा होती हैं। जैसे ही यह पानी तट के पास पहुंचा, यह बड़ा हो गया। हालांकि, गहरे समुद्र वाले क्षेत्रों में इस लहर का आकार बहुत कम है। झीलों या खालों में उत्पन्न होने वाली सुनामी लहरें लंबी दूरी की यात्रा नहीं करती हैं। इस प्रकार, वे उतने विनाशकारी नहीं हैं जितने समुद्र के पानी में पैदा होते हैं। कई दिशाएं हैं जिनमें सुनामी मुख्य बिंदु से यात्रा कर सकती है।

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एक समान विनाशकारी सूनामी भारत में 2004 में अनुभव की गई थी। हालांकि, इस सुनामी की उत्पत्ति इंडोनेशिया के पास स्थित थी। सुनामी के कारण, यह उम्मीद की गई थी कि कुल 2 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई। लहरों ने थाईलैंड, भारत, इंडोनेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश और मालदीव जैसे देशों में हजारों किलोमीटर की यात्रा की।

प्रशांत महासागर में मुख्य रूप से सुनामी आती है। बहुत संभावना है कि वे उस क्षेत्र में जगह लेते हैं जहां बड़े शरीर हैं। बहुत गहरे पानी के बगल में तटरेखाएं और खुले खंभे सुनामी को एक कदम-लहर की तरह आगे ले जा सकते हैं।

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Essay on Tsunami in Hindi Language – सुनामी पर निबंध

June 9, 2018 by essaykiduniya

Get information about Tsunami in Hindi. Here you will get Paragraph & Short Essay on Tsunami in Hindi Language for students of all Classes in 400 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में सुनामी पर निबंध मिलेगा।

Essay on Tsunami in Hindi Language

Short Essay on Tsunami in Hindi Language – सुनामी पर निबंध ( 400 words )

सुनामी एक जापानी शब्द है जो कि दो शब्दों से मिलकर बना है सु और नामी। सु का अर्थ है समुंद्र का तट और नामी का अर्थ है लहरें। हमें पता है कि समुंद्र में बहुत सी लहरें उत्पन्न होती है। समुंद्र में उत्पन्न होने वाली लहरे सूर्य चाँद और अन्य ग्रहों के गुरत्वाकर्षण के कारण होती हैं। सुनामी लहरें इन लहरों से अलग होती है। समुंद्र में जब किसी भी कारण से तेज हलचल होती है तब सुनामी लहरें जन्म लेती है। इनकी निचली परत में बहुत सारे किलोमीटर की दुरी होती है और बहुत ही उँची होती है। इनकी उँचाई लगभग 16-18 मीटर तक होती है। जब यह लहरे समुद्र के तट की ओर बढ़ती है तो इनकि गति बहुत ही ज्यादा होती है और सुनामी आती है।

सुनामी लहरों के उत्पन्न होने का मुख्य कारण भुकंप है। इसके अलावा भी धरती धँसने, प्रमाणु विस्फोटक जैसे ओर भी अन्य कारण हैं। ज्यादातर सुनामी उन क्षेत्रों में आती है जहाँ पर दो महाद्वीप मिल रहें होते हैं। जब एक समुंद्र के तट से लहर निकलती है तो वह उन दो द्वीपों के बीच की दरार में चली जाती है और धरती के अंदर के पानी से मिलकर वह 30 किलोमीटर तक की उँची लहर का निर्माण करती है जिसे कोई भी रोक नहीं सकता। प्रशांत महासागर सुनामी के आकर्षण का केंद्र है।

सुनामी अपने राह में आने वाली किसी भी चीज को नहीं छोड़ती। वह वन से लेकर इमारत तक सभी चीजों को नष्ट कर देती हैं। सुनामी के कारण देश में बहुत ही तबाही मचती है। सुनामी एक बहुत बी विनाश्कारक प्रिक्रिया है जिससे सब तहस नहस हो जाता है। सुनामी भी भुकंप की तरह ही है क्योंकि इसके आने का पहले से कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। यह अचानक से ही आती हैं।

हमें ऐसे अचानक से आने वाली प्राकृतिक आपधाओं से बचने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। अगर आप समुंद्र के किनारे रहते है तो आपको अपने साथ प्राथमिक चिकित्सा का बक्सा हमेशा रखना चाहिए। समुंद्र के पानी में हो रही तेजी और गिरावट का ध्यान रखना चाहिए। भूकंप के आने को बाद समुंद्र से दूर ही रहना चाहिए और ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। सुनामी एक लगातार चलने वाली प्रिक्रिया है जिससे एक बार में ही लाखों लोगों की जिंदगियाँ अस्त वयस्त हो जाती है और उन्हें फिर से पहले जैसा होने में कई साल लग जाते हैं।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Tsunami in Hindi Language – सुनामी पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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सुनामी पर निबंध (प्राकृतिक आपदा)

सुनामी पर निबंध-tsunami par hindi nibandh.

सुनामी एक तरह की प्राकृतिक विपदा है जो जन जीवन का सर्वनाश कर देती है। यह एक ऐसी आपदा  है जिसमे समुन्दर के तल में भयंकर कम्पन होता है। तेज़ और बड़ी लहरों की श्रृंखला आसमान की उंचाईयों तक जैसी पहुँच जाती है और विनाश का रूप धारण कर लेती है। भूकंप की वजह से सुनामी जैसे प्राकृतिक आपदा जन्म लेते है। इतिहास गवाह है कि सुनामी कितनी खतरनाक है। समुद्र के सतह पर उत्पन्न होने वाली लगातार तरंगे , जिसका प्रमुख बिंदु जो पानी के बिलकुल  नीचे उपलब्ध है , उसे सुनामी कहा जाता है। सुनामी के कारण पानी की लहरो का निर्माण तीव्रता से होता है। फिर यह जमीन के निकटम इलाको तक पहुँचता है और कहर बरसाता है।

ग्रीक लोगो ने सुनामी का दावा सबसे पहले किया था। दरअसल सुनामी भूकंप की तरह होती है। भूकंप जो समुंद्रतल में आती है , उसे सुनामी कहा जाता है।  सुनामी समुद्र और महासागरों में आती है। समुद्री लहरें 11 मीटर और 18  मीटर तक ऊँची होती है। यह समुद्री तटों पर आफत मचाता है। साल 2004 में हिन्द महासागर में सुनामी लहरों की वजह से लगभग तीन लाख लोगों की मौत हो गयी थी।

सुनामी ने कई देशो में जैसे भारत , थाईलैंड , मालदीव , मलेशिया ,  सोमालिया , बांग्लादेश इत्यादि देशो में भयंकर विनाश किया था। सुनामी समुद्र में तैरने वाले नावों , बड़े बड़े जहाजों सब को खत्म कर देती है। पेड़ पौधे नष्ट हो जाते है। समुद्री तटों से सटे क्षेत्रों में बसे गाँव , बस्तियों , मकान , विशाल इमारतों को पल भर में तबाह कर देती है। सुनामी के नाम से लोग कापने लगते है।  सुनामी बड़े  बड़े शहरों को भी नष्ट कर देती है।  जान माल का बहुत नुकसान होता है।

झीलों के जल में भी सुनामी की विनाशकारी और भयंकर लहरें उतपन्न होती है। यह  तट के पास विशाल हो जाता है। झीलों  में उठने  वाले लहरें समुद्री लहरों की  तरह इतने भयावह नहीं होते है। झीलों  में पैदा हुयी लहरें इतना दूर नहीं जाती है और समुद्र में आयी लहरें प्रमुख बिंदु से कई दिशाओ में यात्रा करती है।  इससे विनाश का तांडव देखा जाता है।  आज तक की सबसे ऊँची सुनामी अलास्का के खाड़ी में हुयी थी।  इसके कारण एक बहुत बड़ा चट्टान खाड़ी में गिर गया था।  लहरो की ऊंचाई तकरीबन 524  मीटर दर्ज की गयी थी।

साल   2004 में भयानक   सुनामी हमारे  देश  ने भी  देखी  थी । इस  भयावह सुनामी बिंदु की उत्पत्ति  इंडोनेशिया  से हुयी थी । इसमें  लाखो  लोगो  की मौत  हो गयी  थी । इस  सुनामी ने अपने  मुख्य  बिंदु से होते हुए  कई देशो  तक  यात्रा की और विनाश किया । थाईलैंड  , मालदीव  और बांग्लादेश भी इसकी  चपेट  में आ  गए  थे । समुद्र के जल में घर, कार , वाहन , दुकानों के ज़रूरी वस्तुएं सब  बह जाते है। कई लोग पानी में बह जाते है और उनकी मौत हो जाती है। सुनामी कब आएगा यह किसी के लिए भी बता  पाना बेहद मुश्किल है।

जैसे ही सुनामी आती है , मनुष्य से पूर्व पशुओं को इसके आने का अंदेशा हो जाता है। इसलिए वह सुरक्षित जगहों पर चले जाते है। समंदर तट के निकट क्षेत्रों में रहने वाले लोगो को जानवरो के बदलते व्यवहारों पर नज़र रखनी चाहिए।

सुनामी की चेतावनी  और उसका आभास होते ही लोगो को अपने सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए। जहाँ तक हो सके लोगो को ऊँची जगह यानी छतो पर आश्रय लेना चाहिए।कुछ लोग बहुत बेवफकूफी करते है और खड़े होकर सुनामी का भयावह  नज़ारा देखते है।  वह ऐसे दृश्यों की फोटो खींचते है और मोबाइल में कैद कर लेते है। ऐसे में कई लोग इस सुनामी जैसे हादसे की बलि चढ़ जाते है। लहरें इतनी तेज़ होती है कि लोगो को डूबा ले जाती है। उन स्थानों पर जहाँ सुनामी आने के प्रबल अनुमान किये जाते है , सरकार को आपातकालीन निकासी योजना बनानी चाहिए। इससे लोगो को सुरक्षित निकाला जा सकता है।

वर्ष 2007  में देश ने कई जगहों पर सुनामी चेतावनी सिस्टम लगवाए है। यह ऐसी कोई आपदा होने से पहले लोगो को सतर्क कर देता है। देश को ज़रूरत है कि वह आधुनिक चेतावनी सिस्टम लगाने के बारे में गौर करे। सुनामी  यंत्रो  को  लगाने से सुनामी जैसे विपदाओं के विषय में लोगो को सचेत किया जाता है। सुनामी चेतावनी अगर सरकार द्वारा दी जाती है , उसे मानना भी ज़रूरी है।

समुद्र तट पर रह रहे लोगो को भूकंप संबंधित सुचना रहनी  चाहिए।  समुद्र तट की सारी जानकारी टेलीविज़न और रेडियो द्वारा पहुंचाई जाती है।  यह ज़रूरी भी है। भूकंप कितनी तीव्र गति से आया है और किस दिशा में जा रहा है , यह सारी सूचना जन मानस के लिए ज़रूरी है।

सुनामी के समय    सुरक्षा किट अपने पास रखना  बहुत ज़रूरी है। यह सारी आवश्यक वस्तुएं लोगो के ज़रूरत के वक़्त काम आती है। ज़रूरी साधनो में  टोर्च , दवाई , मोमबत्ती , खाद्य सामग्री , पैसे  इत्यादि सामान लोगो को  रखना चाहिए। अगर सुनामी जैसी परिस्थिति में कोई भी घायल हुआ है तो तुरंत बचाव दल से लोगो को संपर्क करना चाहिए। लोगो को ऐसी गंभीर आपदा के समय एम्बुलेंस और डॉक्टर का नंबर अपने पास रखना चाहिए।

निष्कर्ष सुनामी एक खतरनाक आपदा है। यह पृथ्वी  की गुरुत्वाकर्षण से प्लेटो को समंदर में नीचे की ओर खींचती है। इसकी वजह से भयानक लहरें जन्म लेती है।  मनुष्य को अपने पर्यावरण का संरक्षण और संतुलन बनाये   रखना चाहिए ताकि ऐसी विनाशकारी स्थिति उतपन्न ना

  • महान व्यक्तियों पर निबंध
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सुनामी पर निबंध

Essay On Tsunami In Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज हम आप सभी को एक ऐसी प्राकृतिक आपदा के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण से प्लेटो को समंदर में नीचे की ओर खींचती है। जिसकी वजह से भयानक लहरें जन्म लेती है। इस प्राकृतिक आपदा का नाम सुनामी है।

Essay on Tsunami in Hindi

इस लेख के माध्यम से हम सुनामी पर निबंध शेयर करने जा रहे है। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

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सुनामी पर निबंध | Essay on Tsunami in Hindi

सुनामी पर निबंध (250 शब्दों में).

प्रकृति के सौंदर्य में हम इतने खो जाते हैं कि हम उसके भयानक रूप के बारे में रूप कल्पना भी नहीं कर सकते। प्रकृति सदा से ही मानव की सहचरी है। ईश्वर ने प्रकृति को मानव से पहले बनाया। प्रकृति सभी प्राणियों को अनेक सुख सुविधाएं, अन्न, जल, वर्षा, ताप, फल, फूल, वृक्ष आदि प्रदान करके पालती है। मनुष्य जाति में पृथ्वी पर अपने प्रादुर्भाव के समय से ही प्रतिकूल परिस्थितियों के साथ संघर्ष भी किया है।

मनुष्य ने अपनी रक्षा के नए-नए तरीके खोजें है और अनेक क्षेत्रों में सफलता की प्राप्ति की है। परंतु कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां मनुष्य का कोई उपाय नहीं चलता, जिसके कारण उसे सब कुछ सहना ही पड़ता है। सुनामी प्रकृति की विध्वनशक घटनाओं में से एक है, जिसके सामने मनुष्य मजबूर हो जाता है और स्वयं अपनी आंखों के सामने अपने धन और जन की हानि होते देखता है।

सुनामी को देखकर प्रकृति की न्यारी लीला पर असर होने लगता है। कभी तो धरती पानी की प्यास से व्याकुल होती है। भीषण गर्मी से भूमि फटने लगती है। दूर-दूर तक घटा दिखाई नहीं देती और कभी इतना पानी होने लगता है, जो आंधी तूफान की गति से बहता हुआ कितने बस्तियों कस्बों और नगरों को अपनी चपेट में ले लेता है और शहरों को बर्बाद कर देता है।

सुनामी की चेतावनी और उसका आभास होते ही लोगों को अपने सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए। जहाँ तक कि हो सके लोगों को ऊँची जगह यानी छतों पर आश्रय लेना चाहिए। कुछ लोग बहुत बेवफकूफी करते है और खड़े होकर सुनामी का भयावह नज़ारा देखते है, वह ऐसे दृश्यों की फोटो खींचते है और भयंकर दुर्घटना की चपेट में आ जाते हैं।

सुनामी पर निबंध (800 शब्दों में)

समुंदर में भूचाल आने से सुनामी का भाव होता है। यह लहरें बहुत ही विकट होती है व बहुत ऊंची-ऊंची उठती है। सुनामी का मतलब तबाही की लहरों से होता है। जैसा कि आपको ज्ञात होगा कि यह एक प्राकृतिक विपदा है, जो हमारी इस दुनिया को बर्बाद करने की क्षमता रखती है।

सुनामी विनाश का रूप कुछ इस प्रकार धारण करती है कि सबसे पहले समुंदर के निचले भाग में बहुत ही तेजी से कंपन उत्पन्न होता है और लहरें तेजी मात्रा में अपना कार्य करने लगती हैं। सरल भाषा मे कहा जाए तो समुद्र की सतह पर जो तरंगे लगातार उत्पन्न होती है और उसका जो मुख्य बिंदु पानी पर नीचे की ओर मौजूद होता है, उसे ही हम सुनामी की संज्ञा देते हैं। इसके अधिक मात्रा से ही दुनिया मे कहर बरपना शुरू हो जाता है।

सुनामी के इतिहास की बात करें तो इसका इतिहास बहुत पुराना है। कहा जाता है कि ग्रीक के लोगों ने इसका दावा बहुत पहले किया था। सुनामी की लहरें लगभग 18 मीटर ऊंची होती है, यह बहुत ही खतरनाक होती है। साल 2004 में हिन्द महासागर में सुनामी के आ जाने से लाखों लोगों की मौत हो गयी थी।

इसके पहले की भी बात करें तो ३२६ ई.पू. में पहली बार सुनामी आयी थी। इस सुनामी के कारण सिकंदर का मेसिडोनियन बेड़ा तहस नहस हो गया था और इस आपदा को अंतर्राष्ट्रीय त्रासदी का नाम दिया था।

सुनामी से होने वाले दुष्प्रभाव

प्रभाव-1: सुनामी अनेक आपदाओं में सबसे जटिल आपदा मानी जाती है। सुनामी के कारण पूरी दुनिया का विनाश हो सकता है। सुनामी समुद्र में तैरने वाले जितने भी जहाज जैसे छोटे जहाज या बड़े जहाज उन सब को नष्ट कर देती है और आस-पास के तट व उसके आस-पास बसे हुए बस्ती, घर आदि को भी तबाह कर देती है। पेड़ पौधे नष्ट हो जाते हैं, इससे हमारे घर के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी अधिक मात्रा में नुकसान होता है।

प्रभाव-2: सुनामी के कारण अधिक मात्रा में कुछ देशों जैसे भारत, बांग्लादेश, मालदीप, मलेशिया आदि देशों को बहुत नुकसान हुआ था। जो आस पास झील होती है वो भी बहुत प्रभावित होती है। झीलों में जो लहरे उत्पन्न होती हैं, वो इतनी हानिकारक नहीं होती है, जितनी कि समुद्री लहरे होती है।

प्रभाव-3: अलास्का की सुनामी इतिहास में आज तक सबसे बड़ी सुनामी मानी जाती है। इस सुनामी के कारण एक विशालकाय चट्टान खाड़ी में गिर गया था और जिस कारण इसके लहरों की ऊंचाई 520 मीटर रिकॉर्ड की गयी थी।

सुनामी से कैसे बचें?

सुनामी जैसी खतरनाक आपदा से बचने के लिए सबसे पहले हमको सुरक्षित जगह जैसे किसी ऊपरी सतह पर चले जाना चाहिए और अपनों को अपने आप को सुरक्षित रखना चाहिए। किसी ऐसी जगह प्रस्थान ले लेना चाहिए, जिसकी ऊंचाई अधिक हो। बहुत से लोग वहां पर उस नज़ारे को देखते हैं और सोचते हैं कि अभी समय है तब तक हम निकल जाएंगे पर यह बेवकूफी है। इस बेवकूफी की वजह से आपकी जान भी जा सकती है।

सरकार सुनामी की आपदा आने से पहले ही उन स्थानों पर हाई अलर्ट कर देती है और इसके अलावा लोगों को रहने की उचित व्यवस्था भी कराती है। हमारे वैज्ञानिकों द्वारा सुनामी यंत्र से हम अनुमान लगा सकते हैं कि सुनामी अपना विकट रूप कब ले लेगी।

आपको सभी को ज्ञात होगा कि भूकंप जब भी आता है तो उससे पहले सरकार के द्वारा टेलीविजन या रेडियो के द्वारा सूचना का संचार होने लगता है और आज के समय में वैज्ञानिक यह तक अनुमान लगा लेते हैं कि भूकंप कितनी देर में कितनी गति से और कौन से दिशा में आएगा।

आप कभी भी ऐसे आपत्ति जनक स्थिति में हैं आपको यह ध्यान रखना है कि आप अपने जगह से दूसरी जगह सुरक्षित होने के लिए जाएं तो अपने पास बहुत सी महत्वपूर्ण चीजें जैसे खाद्य सामग्री, टॉर्च, कुछ पैसे और जल आदि अपने पास रख लें। ऐसी स्थिति में सरकार के द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी कर दिए जाते हैं और टोल फ्री नंबर चालू कर दिए जाते हैं। आप उनके माध्यम से भी अपने आपको बचा सकते हो।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह सुनामी पर निबंध (Essay On Tsunami In Hindi) पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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tsunami history in hindi essay

Essay on Tsunami in Hindi- सुनामी पर निबंध

In this article, we are providing Essay on Tsunami in Hindi. सुनामी पर निबंध

प्रकृति का मनोरम रूप जहां मनुष्य के विकास के लिए सदा सहायक है, वहाँ भयंकर रूप उसके विनाश का कारण भी बनता हा है। मानव जहाँ आदिकाल से प्रकृति की गोद में खेलकूद कर बड़ा होता है, वही गोद कभी-कभी उसको निगल भी जाती है। अतिवरि अत्यधिक वषा), बाढ़, भूकंप, समुद्री तूफान, आधी आदि प्राकृतिक प्रकोप के विभिन्न रूप हैं। 26 दिसंबर, 2004 को समुद्र  में उठी भयंकर लहरें भी विनाशकारी प्राकृतिक प्रकोप था । महाविनाशकारी ‘सुनामी’ की उत्पत्ति भी वास्तव में समद्रतल में। य आने से होती है। समुद्र के भीतर भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या भू-स्खलन के कारण यदि बड़े स्तर पर पृथ्वी की सतह (प्लेटें) यती हैं तो इससे सतह पर 50 से 100 फुट ऊँची लहरें, 800 कि०मी० प्रति घंटे की तीव्र गति से तटों की ओर दौड़ने लग जाती  है। पणिमा की रात्रि को तो ये लहरें और भी भयंकर रूप धारण कर लेती हैं। 26 दिसंबर को भूकंप के कारण उठी इन लहरों ने  भयंकर रूप धारण कर लाखों लोगों की जाने ले ली और अरबों की संपत्ति को नष्ट कर डाला। आज भी उस दृश्य दृश्य के विषय में सोचकर दिल दहल जाता है।

वस्तुतः ‘सुनामी’ शब्द जापानी भाषा का है। जहाँ अत्यधिक भकंप आने के कारण बहाँ के लोगों को बार-बार प्रकृति प्रकोप का सामना करना पड़ता है। हिंद महासागर के तल में आए भूकंप के कारण ही 26 दिसंबर को समुद्र में भयंकर सुनाना । उत्पन्न हुई थी। इस सुनामी तूफान ने चार अरब वर्ष पुरानी पृथ्वी में ऐसी हलचल मचा दी कि इंडोनेशिया, मालद्वीप, श्रीलका, मलेशिया, अंडमान, निकोबार, तमिलनाडु, आंध्र-प्रदेश, केरल आदि सारे तटीय क्षेत्रों पर तबाही का नग्न तांडव हुआ। मछाल पकड़कर आजीविका कमाने वाले कई हजार मछआरे इस भयंकर सनामी लहरों की चपेट में आकर जीवन से हाथ धो बैठे। अंडमाननिक दीप समूहों में स्थित वाय-सेना के अड़े को भी भयंकर क्षति पहुँची तथा सौ से अधिक वाय-सेना के जवान, ऑधकारावा पारजन काल के ग्रास बन गए। नौ-सेना के जलयान बँधी हुई रस्सियों के टट जाने के कारण बच तो गए, किंतु चार नागरिक जहाज क्षतिग्रस्त हो गए। पोर्ट ब्लेयर हवाई पट्टी को क्षति पहुँची। उसकी पाँच हजार फीट की पट्टी सुरक्षित होने से राहत पहुँचाने वाले 14 विमान उतारे गए। इस संकट के समय में भारतीय विमानों को श्रीलंका और मालदीव के लोगों की सहायता के लिए भेजा गया। कई मीटर ऊँची सुनामी लहरों ने निकोबार में एटी०सी० टावर को भी ध्वस्त कर डाला था, किंतु तत्काल संचल एटी०सी० टावर की व्यवस्था कर ली गई थी।

यदि पुराने इतिहास पर दृष्टि डालकर देखा जाए तो पता चलेगा कि यह समुद्री तूफान व बाढ़ कोई नई घटना नहीं है। प्राचीन इराक में आज से लगभग छह हजार वर्ष पूर्व आए समुद्री तूफान और बाढ़ से हुई तबाही के प्रमाण मिलते हैं। बाइबल और कुरान शरीफ में भी विनाशकारी तूफानों का वर्णन मिलता है। ‘श्रीमद्भागवदपुराण’ में भी प्रलय का उल्लेख मिलता है। उसमें यताया गया है कि जब प्रलय से सृष्टि का विनाश हो रहा था तब मनु भगवान् ने एक नौका पर सवार होकर सभी प्राणियों के एक-एक जोड़े को बचा लिया था। भले ही यह वर्णन कथा के रूप में कहा गया है, किंतु इससे यह सिद्ध होता है कि समुद्र में तूफान आदिकाल से आते रहे हैं जिनका सामना मनुष्य करता आया है। इतना ही नहीं, भूकंप और समुद्री तूफानों ने पृथ्वी पर अनेक परिवर्तन भी कर दिए हैं। इन्हीं ने नए द्वीपों व टापुओं की रचना भी की है। भारत में प्राचीन द्वारिका समुद्र में डूब गई थी। इसके आज भी प्रमाण मिलते हैं। इसी प्रकार वैज्ञानिक विश्व के अन्य स्थानों की परिवर्तित स्थिति का कारण समुद्री तूफानों व भूकंपों को मानते हैं। यू०एस० जियोलॉजिकल सर्वे के विशेषज्ञ केन हडनर के अनुसार सुमात्रा द्वीप से 250 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में समुद्र-तल के नीचे आए, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9 के लगभग थी। यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसने कई छोटे-बड़े द्वीपों को 20-20 मीटर तक अपने स्थान से हिलाकर रख दिया। विद्वानों का यह भी मत है कि यदि भारत अथवा एशिया के क्षेत्र में कहीं भी महासागर की तलहटी में होने वाली भूगर्भीय हलचलों के आकलन की चेतावनी प्रणाली विकसित होती तो इस त्रासदी से होने वाली जान-माल की क्षति को कम किया जा सकता था।

यह बात भी सही है कि प्राकृतिक प्रकोपों को रोक पाना मनुष्य व उसके साधनों के वश में नहीं है, फिर भी यथासंभव सूचना देकर बचने की कुछ व्यवस्था की जा सकती है। 26 दिसंबर, 2004 को सुनामी समुद्री भूकंप भारतीयों के लिए एक नया अनुभव है। भारतीय मौसम विभाग के सामने अन्य महासागरों में उठी सुनामी लहरों से हुई जान-माल की हानि के उदाहरण थे। किंतु भारतीय मौसम विभाग समुद्री भूकंप की सूचना होते हुए भी यह कल्पना तक नहीं कर सका कि सुनामी तरंगों से भारतीय तटीय क्षेत्र की दशा कैसी हो सकती है।

भारत में सनामी तफान से हुए विनाश को देखकर विश्वभर के लोगों के हृदय दहल उठे थे। अतः उस समय हम सबका कर्तव्य है कि हम तन, मन और धन से ध्वस्त लोगों के परिवार के साथ खड़े होकर उनकी सहायता करें। इसमें संदेह नहीं कि विश्व  के अनेक देशों व संस्थाओं ने सुनामी से पीड़ित लोगों की धन से सहायता की है, किंतु इससे उनके अपनों के जाने का गम तो दूर नहीं किया जा सकता। हमें उनके प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए और उनका धैर्य बँधाना चाहिए।

Essay on Earthquake in Hindi

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The Tsunami summary in hindi

The Tsunami विषय की जानकारी, कहानी | The Tsunami summary in hindi

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क्या आप एक आठवीं कक्षा के छात्र हो, और आपको NCERT के English Honeydew ख़िताब के chapter “The Tsunami” के बारे में सरल भाषा में सारी महत्वपूर्ण जानकारिय प्राप्त करनी है? अगर हा, तो आज आप बिलकुल ही सही जगह पर पहुचे है। 

आज हम यहाँ उन सारे महत्वपूर्ण बिन्दुओ के बारे में जानने वाले जिनका ताल्लुक सीधे 8वी कक्षा के इंग्लिश के chapter “The Tsunami” से है, और इन सारी बातों और जानकारियों को प्राप्त कर आप भी हजारो और छात्रों की तरह इस English Honeydew chapter में महारत हासिल कर पाओगे।

साथ ही हमारे इन महत्वपूर्ण और point-to-point notes की मदद से आप भी खुदको इतना सक्षम बना पाओगे, की आप इस English Honeydew chapter “The Tsunami” से आने वाली किसी भी तरह के प्रश्न को खुद से ही आसानी से बनाकर अपने परीक्षा में अच्छे से अच्छे नंबर हासिल कर लोगे।

तो आइये अब हम शुरु करते है “The Tsunami” पे आधारित यह एक तरह का summary या crash course, जो इस topic पर आपके ज्ञान को बढ़ाने के करेगा आपकी पूरी मदद।

Table of Contents

The Tsunami Summary in hindi

सुनामी, जिसमें प्राकृतिक आपदा के कारण होने वाले विनाश और तबाही के बारे में तीन भाग शामिल हैं। इससे बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति हुई और हजारों लोग बेघर हो गए।

इस इकाई को तीन भागों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक भाग इस बात से संबंधित है कि कैसे कुछ लोगों ने कठिन समय में दूसरों को एक-दूसरे की मदद करने के लिए प्रेरित किया जब सुनामी ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित किया। हमने नीचे प्रत्येक भाग को सरल भाषा में समझाया है।

The Tsunami: Part 1 Summary in hindi 

भाग 1 में उन लोगों की चार कहानियाँ हैं, जिन्होंने 26 दिसंबर, 2004 को घातक सुनामी का सामना किया था। इसमें चर्चा की गई है कि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के विभिन्न लोगों का जीवन भयानक सुनामी के प्रभाव से कैसे प्रभावित हुआ था।

पहली कहानी में, इग्नेसियस कैटचेल में एक सहकारी समिति का प्रबंधक है। उनकी पत्नी ने उन्हें सुबह 6 बजे उठाया जब उन्हें कुछ झटके महसूस हुए। हालाँकि, यह कोई साधारण भूकंप नहीं था, यह समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा था। उस स्थान पर सुनामी आई थी। लहरें इतनी विशाल थीं कि वे उनकी पत्नी, बच्चों, ससुर और साले सहित उनके परिवार को बहा ले गईं।

भाग 1 की दूसरी कहानी में, संजीव नाम के एक पुलिसकर्मी ने अपने परिवार के सदस्यों, जिसमें उसकी पत्नी और उसकी बेटी शामिल थी, को खतरनाक लहरों से बचाया। हालाँकि, वह गेस्ट हाउस के रसोइये, जॉन की पत्नी को बचाने की कोशिश करते समय डूब गया, भारी लहरों के कारण वे दोनों बह गए।

भाग 1 की तीसरी घटना एक तेरह वर्षीय लड़की मेघना के बारे में है, जो अपने माता-पिता और कई अन्य लोगों के साथ लहरों में बह गई थी। वह एक लकड़ी का तख्ता पकड़े हुए समुद्र में तैर रही थी और एक लहर उसे किनारे पर ले आई। हालाँकि वह बच गई, लेकिन समुद्र के किनारे चलते समय वह पूरी तरह से चकित हो गई थी।

भाग 1 की चौथी कहानी दस साल की लड़की अल्मास जावेद के बारे में है। उसके पिता ने देखा था कि भूकंप के झटकों के बाद समुद्र का पानी कम हो रहा था। उन्हें एहसास हुआ कि यह एक बड़े खतरे का संकेत है, इसलिए उन्होंने सभी को सुरक्षित स्थान पर शरण लेने की चेतावनी दी। 

जब वह दूसरों की मदद कर रहा था, एक बड़ी लहर आई और अल्मास के पिता के साथ-साथ उसके दादा को भी बहा ले गई। धीरे-धीरे उसका पूरा परिवार बह गया, जबकि अल्मास तैरते हुए लकड़ी के लट्ठे पर चढ़ गई और बेहोश हो गयी। जब वह उठी तो उसने खुद को कामोर्टा के एक अस्पताल में पाया। वह इतनी सदमे में थी कि उसने इस घटना के बारे में कभी किसी से बात नहीं की।

The Tsunami: Part 2 Summary in hindi 

भाग 2 टिली स्मिथ नाम की एक युवा ब्रिटिश स्कूली छात्रा की कहानी है, जो क्रिसमस मनाने के लिए अपने परिवार के साथ थाईलैंड के फुकेत समुद्र तट पर गई थी। 26 दिसंबर 2004 को वह और उनका पूरा परिवार समुद्र तट पर थे। उसने और उसकी माँ ने देखा कि समुद्र की लहरें धीरे-धीरे बढ़ रही थीं। उनमें झाग बनने लगा था और वे भँवर बना रहे थे। हालाँकि उसकी माँ संकेतों को लेकर ज़्यादा चिंतित नहीं थी, टिली को एहसास हो गया था कि कुछ ठीक नहीं है।

टिली को याद आया कि उसके भूगोल शिक्षक ने एक बार उल्लेख किया था कि सुनामी भूकंप, हिंसक झटके, ज्वालामुखी और भूस्खलन के कारण हो सकती है। उसने हल्ला मचा दिया कि घातक लहरें सुनामी के संकेत हैं। उसने अपने परिवार और समुद्र तट पर मौजूद कई लोगों को सूचित किया ताकि वे जल्द से जल्द होटल लौट सकें। सौभाग्य से, टिली का परिवार जिस होटल में रह रहा था, वह सुनामी के प्रभाव को झेल सका और वे सभी आपदा से बच गए।

The Tsunami: Part 3 Summary in hindi 

इस इकाई के भाग 3 में विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं की पहचान करने में जानवरों की छठी इंद्रिय का उल्लेख है। घरेलू और जंगली दोनों तरह के कई जानवरों को दिसंबर 2004 के दौरान सुनामी के आने का आभास हो गया था, और वे अपने आश्रयों में चले गए और अपने घरों से बाहर आने में झिझक रहे थे। एक दर्जन देशों में लगभग 1,50,000 लोगों की जान चली गई, जबकि इसकी तुलना में इस आपदा में केवल कुछ जानवर ही मरे।

श्रीलंका में स्थित याला नेशनल पार्क विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों का घर है। यहाँ लगभग 60 visitors की मृत्यु हो गई, जबकि केवल दो जानवरों के शव पाए गए। इसके अलावा, पार्क के कुछ लोगों ने देखा था कि सुनामी आने से एक घंटे पहले तीन हाथी पतनंगला समुद्र तट से भाग रहे थे। 

एक अन्य घटना में, गॉल तट के पास रहने वाले एक श्रीलंकाई सज्जन के पास दो कुत्ते थे जिन्होंने समुद्र तट पर टहलने से इनकार कर दिया। यह वास्तव में उनके और उनके मालिक के लिए एक चेतावनी संकेत था, जो सुनामी के व्यापक प्रभाव से बच गए थे।

Conclusion : The Tsunami in hindi 

इस अध्याय सुनामी छात्रों को सबक सिखाती है कि सुनामी एक प्राकृतिक आपदा है, जो बड़े पैमाने पर विनाश और जीवन और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाती है। प्रत्येक कहानी में, हमने कठिन जीवन के सबक और दृढ़ संकल्प, साहस, लचीलापन और अस्तित्व के आश्वस्त विवरण के बारे में सीखा। व्यक्ति को सहनशक्ति और पुनर्स्थापन (restoration) के कठिन संघर्ष में साहस, करुणा और जिम्मेदारी का प्रदर्शन करना चाहिए।

FAQ (Frequently Asked Questions)

भारत में हाल ही में आई सुनामी कौन सी थी.

26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के सुमात्रा में सुनामी आई और भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट से टकराई। नागपट्टिनम, चेन्नई , कुड्डालोर, वेलानकन्नी और पूम्पुहार में विनाशकारी प्रभाव पड़ा और कई लोगों की जान चली गई।

सुनामी कैसे उत्पन्न होती है?

जब समुद्र में बड़ा और अचानक विस्थापन होता है, तो आमतौर पर समुद्र तल के नीचे या उसके पास भूकंप के परिणामस्वरूप सुनामी/लंबी लहरें बनती हैं।

पुनरुद्धार (Restoration) का क्या अर्थ है?

Restoration किसी चीज़ की मरम्मत या नवीनीकरण करने का कार्य है।

आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस articleको अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।

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Hindi Essay on “Prakritik Aapda Tsunami” , ”प्राकृतिक आपदा सुनामी ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

प्राकृतिक आपदा सुनामी , prakritik aapda tsunami.

‘सुनामी’ पिछले कुछ वर्षों में काफी चर्चा में रहा। लेकिन यह दीगर बात है कि अब भी लोग ‘सुनामी’ का सही मतलब नहीं समझ पा रहे हैं। लेकिन प्रत्यक्षतः यह अनुभव करते हैं कि समुद्र में जोरदार तूफान आया जिसमंे लाखांे लोग जान से हाथ धो बैठे।

‘सूनामी’ एक जापानी शब्द है जो सु$नामी (दो शब्दों के योग से बना है।) जिसका अलग-अलग अर्थ है सु- बन्दरगाह, नामी- लहर। इस प्रकार इस अर्थ से सुनामी के प्रति लोगों की अवधारणा बिल्कुल स्पष्ट होती है। कुछ हद तक इस अर्थ को जानने पर लोग यह अनुभव करते हैं कि समुद्र के उत्पात का ही यह कोई रूप है, लेकिन इसकी गहराई में और क्या है, इसे लोग नहीं जान सके हैं। कुछ लोग सुनामी लहरों का सम्बन्ध ज्वारीय लहरों से जोड़ते हैं। लकिन वास्तव में ‘सुनमी लहरें’ ज्वारीय लहरें नहीं हैं। ‘सुनामी’ तरंगों की एक ऐसी श्रृंखला है जो पानी के अन्दर हलचल मचाने पर जलस्तम्भ के विस्थापित होने से उठती है। इसकी चपेट में निचले तटवर्ती इलाके बुरी तरह आते हैं। ज्वारीय लहरों की भांति सुनामी लहरें कभी अकेली नहीं होतीं बल्कि सुनामी लहरें 5 से 10 मिनट के अन्तराल पर एक के बाद एक तबाही मचाती हैं। यद्यपि खुले एवं गहरे समुद्र में ‘सुनामी लहरें’ विनाशकारी नहीं होती, किन्तु जैसे-जैसे ये छिछले सागरीय क्षेत्रों एवं तटीय क्षेत्रों में पहुंच जाती हैं इसका रौद्र रूप बढ़ता जाता है।

इसमें दो राय नहीं कि सुनामी लहरें भयंकर विनाशकारी होती हैं। इसी भंयकरता की दृष्टि से समुद्र वैज्ञानिकांे ने इसे दूसरा नाम भी दे रखा है- ‘जियोलाॅजिकल टाइम बम’। ये सुनामी लहरें वृत्ताकार तरंगों के रूप में एक के बाद एक जल के स्पर्श बिन्दु से निकलकर चारों तरफ प्रसारित होती हैं। जैसे-जैसे ये लहरें किनारे पर पहुंचती जाती हैं इनकी ऊंचाई एवं मोटाई बढ़ती जाती है। जब समुद्र के किसी क्ष़्ोत्र में शक्तिशाली भूकंप आता है, तब जल के ऊपरी सतह पर केन्द्रीय बिन्दु से कुछ संेटीमीटर लम्बी जल की वृत्ताकार तरगें निकलकर आगे प्रसारित होने लगती है। उत्पत्ति के समय ये तरंगें हानिकारक नहीं होती, किन्तु जैसे-जैसे ये लहरें छिछले जल वाले तटवर्ती क्षेत्रों की ओर बढ़ती हैं, विनाशकारी होती जाती है एवं सब कुछ यानी धन-जन अपने अन्दर समेट लेती हैं। ये लहरें जेट विमान से भी तीव्र गति से चलती हैं। इसका कारण यह है कि भूकम्प केे कारण जब धरती बुरी तरह कांपती है तो भूकम्प के झटकों से लचीली तरेंगें उत्पन्न होकर ठोस धरती से होकर गतिशील हो जाती हैं। यह स्थिति जब समुद्र के भीतर या समुद्र के तटवर्ती क्षेत्रों में उत्पन्न होती है तो भूकंप के केन्द्र पर समुद्र की आन्तरिक सतह तीव्र गति से ऊपर उठती है एवं पुनः अन्दर आती है जिसके चलते समुद्री जल भी दबाव की क्रिया से ऊपर उठता है और पुनः नीचे जाता है। भूकम्प से मुक्त हुई ऊर्जा समुद्री जल को सामान्य स्तर से ऊपर उठाकर स्थितिज ऊर्जा सुनामी लहरों के उत्पन्न होते ही गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है एवं इन तरंगों को धक्का देकर आगे प्रसारित करने लगती है। कुछ समय बाद ही गतिज ऊर्जा से ओत-प्रोत ये तरंगें शक्तिशाली सुनामी लहरों के रूप में बदल जाती हैं। ये शक्तिशाली लहरें अपने मार्ग में आने वाली प्रत्येक वस्तु को नष्ट करते हुए दैत्याकार रूप में आगे बढ़ने लगती हैं। इस प्रकार यह मानकर चलना चाहिए कि सुनामी लहरांे के मूल में समुद्र की तलहटी में भूकम्प की बात छिपी हुई है। यानी सुनामी लहरें सिर्फ समुद्री तूफान नहीं हैं बल्कि भूकम्प जनित समुद्री तूफान है। तूफान और भूकम्प दानों का सम्मिलित रूप ही इस प्रकार का जलजला पैदा करता है।

गहरे समुद्री जल में उत्पन्न सुनामी लहरों की वेवलेंथ 500 कि.मी. से अधिक होती है। यह लगभग 1 घंटे तक बरकरार रहता है। सुनामी की उत्पत्ति स्थल पर यदि समुद्र 20,000 फुट गहरा है तो सुनमी लहरें 550 मील (700-800 कि.मी.) प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढेंगी। इस तरह स्पष्ट है कि इस गति से ये सुनामी लहरें जेट विमान की गति को भी पीछे छोड़ सकती हैं। 24 घंटे से कम समय में भी यह लहरें समुद्र क्षेत्र को आर-पार कर सकती हैं।

सुनामी लहरों की उत्पन्न होने की क्रिया को निम्नलिखित बिन्दुआंे में व्यक्त किया जा सकता है।-

             जब सागर के अन्दर उठा-पटक की शक्ति जलस्तम्भ को उठा देती है।

             जब समुद्र तल में उठा-पटक से ऊपर (समुद्र तटीय भाग) भी हलचज मचाती है।

             गुरूत्वीय प्रभाव से जल में ऊपर से हलचल बढ़ती है।

समुद्री लहरों के प्रभाव से क्या-क्या हो सकता है इस विषय की अधिकाधिक जानकारी के लिए निम्नलिखित बिन्दुओं का अवलोकन अनिवार्य है-

             इससे हिन्द महासागर के द्वीपों में बदलाव की संभावना प्रतीत होती है।

             सुमात्रा द्वीप के दक्षिण-पश्चिम तट के आस-पास के छोटे-छोटे द्वीप 20 मीटर खिसक जा सकते हैं।

             सुमात्रा तथा उसके आस-पास के द्वीपों के ऊपर उठने की संभावना हो सकती हैै।

             भारतीय प्लेटफार्म प्लेट से नीचे जा सकता है।

             दिन की अवधि कम हो जा सकती है।

             पृथ्वी के घूमने की गति में बदलाव आ सकता है।

             तमिलनाडु की भौगोलिक स्थिति में बदलाव हो सकता है।

सन् 1755 से 2004 के बीच सुनामी लहरों ने पांच बार कहर ढाया है। 1 नवम्बर, 1755 में सुनामी के कारण पुर्तगाल और समस्त यूरोप में लगभग 60,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। 27 अगस्त 1883 में सुनामी के कारण इण्डोनेशिया के जावा और सुमात्रा द्वीपों में लगभग 36,000 लोग मारे गए। 15 जून, 1896 को जापान के पूर्वी तटवर्ती क्षेत्र में लगभग 27,000 लोग मारे गए। 23 अगस्त, 1976 में दक्षिण-पश्चिमी फिलीपींस में 80,000 लोग मारे गए और 26 नवम्बर, 2004 में इण्डोनेशिया, भारत, श्रीलंका, थाइलैंड, सोमालिया, म्यांमार, मालदीव, मलेशिया, तंजानिया और बांग्लादेश में लगभग 2,00,000 (दो लाख) लोग मारे गए।

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Essay on Tsunami in Hindi | सुनामी पर निबंध 

👀 “ Essay on tsunami in hindi  | सुनामी पर निबंध  ”  पर लिखा हुआ यह निबंध  (Essay on tsunami in Hindi)  आप को अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए निबंध लिखने में सहायता कर सकता है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयों पर हिंदी में निबंध मिलेंगे (👉  निबंध सूचकांक ), जिन्हे आप पढ़ सकते है, तथा आप उन सब विषयों पर अपना निबंध लिख कर साझा कर सकते हैं

Essay on Tsunami in Hindi सुनामी पर निबंध 

🎃 Essay on tsunami in hindi  | सुनामी पर निबंध   पर यह निबंध class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए और अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लिखा गया है।

Essay on tsunami in hindi | सुनामी पर निबंध 

प्रस्तावना :

वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी के इतने विकसित होने के बावजूद प्राकृतिक आपदाओं से बचने या उसे रोकने के तरीके काफी कम हैं। किसी भी प्राकृतिक आपदाओं में सुनामी का नाम भी शामिल है। इस आर्टिकल में हम सुनामी पर निबंध (Essay on Tsunami in Hindi) पर ही बात करेंगे और Tsunami essay in hindi के ज़रिए हम सुनामी के बारे में और जानेंगे। सुनामी एक ऐसी समस्या है जिस कारण लोगों को ना केवल परेशानियां होती हैं बल्कि कई बार उनसे उनका घर और परिवार भी छिन जाता है। समुद्र में तेज लहरों के तूफान को सुनामी कहा जाता है।

सुनामी सागर में आए तूफान या सागर के तल में हुए भयानक हलचल के कारण पैदा होती हैं। सुनामी की तेज लहरें अपने आसपास की जगहों और वहां मौजूद सब कुछ तबाह कर सकते हैं। Essay on Tsunami in Hindi के बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।

सुनामी के कारण :

Sunami aane ke karan – समुद्र की गहराइयों में होने वाली हलचल से सुनामी का जन्म होता है। इसके अलावा महासागरों में आए भूकंप भी सुनामी के कारण बनते हैं। कभी-कभी ज्वालामुखी के उत्पन्न होने और भूस्खलन के कारण पानी में होने वाली खतरनाक बदलाव समुद्री लहरों की तरंगों की एक भयंकर श्रृंखला पैदा करती है। इसके कारण जल प्रलय या तटीय क्षेत्रों में सुनामी आती है। सुनामी एक खतरनाक और प्राकृतिक आपदा है जो समुद्र की गहराइयों में मौजूद प्लेटो को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से खींचती है। इसके कारण भयानक और तेज लहरें पैदा होती हैं। सुनामी जैसी आपदा पर्यावरण में आए बदलाव के कारण भी होते हैं। 

सुनामी का प्रभाव :

सुनामी से तटीय क्षेत्रों को भयंकर नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा उसके आसपास की जगहों पर भी काफी प्रभाव पड़ता है। सुनामी के कारण लोगों की जान, उनकी संपत्ति, घर और परिवार का नुकसान देखा जाता है। इससे देश और विश्व के आकार एवं उनकी स्थिति में भी बदलाव आ जाते हैं। सुनामी के कारण पृथ्वी में हुए बदलाव के कारण उसके घूर्णन गति में भी वृद्धि हो गई है। सुनामी के कारण समुद्र का खारा पानी तटीय क्षेत्र में मौजूद मिट्टी में चला जाता है। इसके कारण मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी खत्म होने लगती है।

सुनामी से संबंधित आंकड़े :

Sunami essay hindi me – सुनामी एक भयंकर प्राकृतिक जल प्रलय है। आज तक न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई क्षेत्रों में भयानक सुनामी आई है। इसके कारण लाखों करोड़ों लोगों ने अपना सब कुछ खो दिया है। सुनामी के आंकड़ों के मुताबिक 9 जुलाई 1958 में अलास्का में आई सुनामी आज तक की सबसे भयानक सुनामी मानी जाती है। अलास्का के लिगुआ खाड़ी में एक खतरनाक भूकंप के कारण लगभग 524 मीटर की समुद्री लहरें उठी थीं। इसके कारण वहां काफी विनाश हुआ था।

साल 2004 में भारत में भी ऐसी ही खतरनाक सुनामी आई थी। इसका केंद्र इंडोनेशिया था। श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, मालदीव के साथ साथ भारत जैसे देशों के समुद्री इलाकों को बर्बाद करते हुए इस सुनामी ने लगभग दो लाख लोगों की जान ले ली थी। इन दो भयंकर सुनामी के अलावा कई और देशों में भी ऐसी सुनामी आई हैं। 

इंग्लैंड के ब्रिस्टल चैनल में साल 1607 में आई सुनामी के कारण हजारों लोग जल में डूब गए थे। साल 1896 में जापान की सानरीकू गाँव में भी सुनामी आई थी। इसके कारण लगभग 26,000 लोग उस भयानक सुनामी में बह गए थे। इससे सानरीकू गाँव भी पूरी तरह से खत्म हो गया। बलूचिस्तान के मेकरान कोस्ट में भी साल 1945 में एक खतरनाक सुनामी आई थी।

इसके अलावा साल 1524 में महाराष्ट्र और साल 1762 में म्यामांर के अराकान कोस्ट में भयंकर सुनामी आई। इसके बाद साल 1819 में गुजरात की रण ऑफ कच्छ में खतरनाक सुनामी का सामना किया गया। साल 1881 में निकोबार द्वीप और साल 1976 में फिलीपींस जैसे जगहों में भी लाखों लोग सुनामी से प्रभावित हुए।

सुनामी से बचने के लिए किए जाने वाले प्रयास :

Sunami hindi Essay – सुनामी जैसे आपदा से बचने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास किए जाने चाहिए। सुनामी को रोकने का कोई भी प्रभावशाली तरीका आज तक नहीं पाया गया है। वहीं उसके आने की जानकारी मिलना काफी आसान हो गया है। इसके कारण सुनामी से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। सुनामी से बचने के लिए निम्नलिखित प्रयास किए जा सकते हैं –

• जो लोग तटीय भागों में रहते हैं उन्हें सुनामी चेतावनी यंत्र पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही सुनामी से जुड़ी भविष्यवाणी या उसके खबरों की जानकारी रखनी चाहिए।

• सुनामी के आने का कोई निश्चित समय नहीं होता है। भले ही मनुष्य को पता न चले लेकिन पशु पक्षी को इस बात का अंदाजा हो जाता है। इसलिए पशु पक्षियों के गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए। पशु पक्षियों का अपनी जगह छोड़ना, मनुष्य के पास आकर आश्रय लेना या फिर अजीबोगरीब हरकतें करना इसके इशारे हो सकते हैं।

• सुनामी के प्रभाव से अगर पूरा क्षेत्र डूब रहा है तो 30 मीटर ऊंचे किसी क्षेत्र या पहाड़ी पर चले जाना चाहिए।

• इसके अलावा सुनामी के समय जल में तैरने वाली चीज को पकड़ लेना चाहिए।

• समुद्र के तटवर्ती इलाकों में बस्तियों को समुद्र तटीय क्षेत्रों से दूर और ऊंचे जगहों पर बसाने चाहिए।

• सुनामी से संबंधित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बचाव दल, एंबुलेंस, चिकित्सक आदि के कांटेक्ट नंबर याद रहने चाहिए। इसे जरूरत के समय तुरंत मदद मिल जाती है।

• सुनामी के समय टेलिफोन लाइन और धातु के पाइप में इलेक्ट्रिसिटी का संचार हो सकता है। सुनामी की आशंका होने पर प्लग से बिजली के तार अलग कर देना चाहिए।

आज भी कई क्षेत्रों में सुनामी (Essay on Tsunami in Hindi) की आशंका बनी रहती है। यह गंभीर चिंता का विषय है। हालांकि सरकार भी इस मामले में पीछे नहीं हटती। जिन क्षेत्रों में सुनामी की आशंका होती है, वहां सरकार अक्सर उपाय करती रहती है। इसके साथ ही हमारा भी काम है कि सुनामी के होने वाले कारणों के बारे में जानें। यदि हम सुनामी के कारण समझ जाएंगे तो सुनामी से होने वाले नुकसान (sunami se hone wale nuksan) को कम कर पाएंगे।

सुनामी आने के कई प्राकृतिक कारण मौजूद हैं, जिनका हम कुछ नहीं कर सकते। लेकिन अपनी तरफ से किए जाने वाले प्रयास काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। इसके अलावा जो क्षेत्र सुनामी से ग्रसित हो गए हैं, उन्हें फिर से बसाने में हम मदद कर सकते हैं। सुनामी के बाद लोगों को भोजन, दवाइयों आदि की जरूरत पड़ती है। ऐसे समय में यदि हम उनकी मदद करें और अपनी तरफ से कुछ डोनेट करें तो काफी मदद मिल सकती है।

👉 आप नीचे दिये गए  छुट्टी पर निबंध  पढ़ सकते है और आप अपना निबंध साझा कर सकते हैं |

विनम्र अनुरोध: 

आशा है आप इसे पढ़कर लाभान्वित हुए होंगे। आप से निवेदन है कि इस निबंध “ Essay on tsunami in hindi  | सुनामी पर निबंध  “ में आपको कोई भी त्रुटि दिखाई दे तो हमें ईमेल जरूर करे। हमें बेहद प्रसन्नता होगी तथा हम आपके सकारात्मक कदम की सराहना करेंगे। हम आपके लिये भविष्य में इसी प्रकार  Essay on tsunami in hindi  | सुनामी पर निबंध  की भाँति अन्य विषयों पर भी उच्च गुणवत्ता के सरल और सुपाठ्य निबंध प्रस्तुत करते रहेंगे।

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  22. Indian Ocean tsunami of 2004

    The tsunami and its aftermath were responsible for immense destruction and loss on the rim of the Indian Ocean. On December 26, 2004, at 7:59 am local time, an undersea earthquake with a magnitude of 9.1 struck off the coast of the Indonesian island of Sumatra. Over the next seven hours, a tsunami —a series of immense ocean waves—triggered ...

  23. Essay On Tsunami In Hindi

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