essay on pollution in hindi in simple language

प्रदूषण पर निबंध | Essay on Pollution in Hindi

प्रदूषण पर निबंध, essay on pollution in hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Pollution (प्रदूषण)

प्रदूषण पर निबंध – इस लेख में प्रदूषण का अर्थ, प्रदूषण के स्रोत, प्रदूषण के परिणाम, प्रदूषण को रोकने के उपाय के बारे में जानेंगे | जब वायु, जल, मृदा आदि में अवांछनीय तत्व मिलकर उसे इस हद तक गंदा कर देते है, कि स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालने लगे तो उसे प्रदूषण कहते हैं। प्रदूषण हमारे जीवन के उन प्रमुख विषयों में से एक है, जो इस समय हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में प्रदूषण पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में प्रदूषण  पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250, 350, और 1500 शब्दों में अनुच्छेद और निबंध दिए गए हैं।

  • प्रदूषण पर 10 लाइन
  • प्रदूषण पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • प्रदूषण पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • प्रदूषण पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में
  • Also See: World Environment Day Slogans, Quotes, and Sayings

प्रदूषण पर 10 लाइन 10 lines on Pollution in Hindi

  • वर्तमान समय में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो हर किसी के जीवन पर प्रभाव डाल रहा है।
  • प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ है- वातावरण में किसी तत्व का असंतुलित मात्रा में विद्यमान होना। 
  • प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण लगातार वनों की कटाई और बढ़ती हुई जनसंख्या है। 
  • वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण, ये सभी प्रदूषण के विविध रूप हैं।
  • इन प्रदूषणों के कारण ही जलीय जीव-जंतु, पशु-पक्षी और वन्य जीव विलुप्त हो रहे हैं और लोगों को विभिन्न गंभीर प्रकार की बीमारियां हो रही है।
  • इन प्रदूषणों से नदी-झील, सागर-महासागर, पर्वत भी प्रभावित हो रहे हैं।
  • बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग का एक कारण प्रदूषण भी है।
  • प्रदूषण की समस्या केवल एक देश का नही है बल्कि पूरे विश्व की समस्या है।
  • भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण हर साल विश्व स्तर पर लगभग 7 मिलियन से अधिक लोगों की मृत्यु होती है, जिनमें से तकरीबन 4 मिलियन लोगों की मौत घरेलू वायु प्रदूषण के कारण होती है।
  • भारत में हर साल 2 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 

Short Essay on Pollution in Hindi प्रदूषण पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में

प्रदूषण पर निबंध/अनुच्छेद – प्रदूषण, जिसे पर्यावरण प्रदूषण भी कहा जाता है, एक प्रकार का हानिकारक पदार्थ है जो हवा, पानी, धूल-मिट्टी आदि के माध्यम से न केवल मनुष्य को नुकसान पहुंचाता है बल्कि जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों और वनस्पतियों को भी नुकसान पहुंचाता है। आज, इसके परिणामस्वरूप, पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों का अस्तित्व खतरे में है।

प्रदूषण पर अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

प्रदूषण आज के समय में एक बहुत ही गंभीर समस्या है और इससे हर किसी का जीवन प्रभावित हो रहा है। प्रदूषण बढ़ने का प्राथमिक कारण निरंतर वनों की कटाई और बढ़ती जनसंख्या है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण, इसके मुख्य प्रकार है। वायु, जल, भूमि में प्रदूषण हानिकारक तत्वों के मिलने से फैलता है और जबकि ध्वनि प्रदूषण, वाहन, रेडियो, टीवी, स्पीकर के ध्वनि से उत्पन्न होता है। इन प्रदूषणों के बढ़ने से लोगों को विभिन्न गंभीर प्रकार की बीमारियां हो रही है, और बहुत से जीव-जंतु, पशु-पक्षी मर रहे हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने बेहतर भविष्य सुरक्षित करने के लिए प्रदूषण से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करें।

प्रदूषण पर अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

प्रदूषण एक हानिकारक पदार्थ है जो हवा, पानी और धूल जैसे कई विभिन्न माध्यमों से मनुष्यों, जानवरों, पौधों और पर्यावरण को धीरे-धीरे खराब और नुकसान पहुंचा रहा है। आज प्रदूषण के कारण ही प्राणियों की जान खतरे में है। इसी कारण बहुत से जीव-जंतु, पशु-पक्षी और वन्य प्राणी विलुप्त हो गए हैं। ये प्रदूषण तब होता है जब प्रकृति के विभिन्न भागों में असंतुलन होता है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण इसके विभिन्न प्रकार हैं। वाहनों और कारखानों से निकलने वाली हानिकारक गैस वायु प्रदूषण का कारण बन रही है, जिसके परिणामस्वरूप मनुष्यों और जानवरों को श्वसन संबंधी बीमारियाँ हो रही हैं। जल प्रदूषण कारखानों, उद्योगों और सीवरेज से निकलने वाले कचरे को सीधे नदियों में छोड़े जाने के कारण होता है। भूमि प्रदूषण उर्वरकों, कीटनाशकों और अन्य कार्बनिक यौगिकों के उपयोग से होता है। रेडियो, टीवी, स्पीकर आदि द्वारा उत्पन्न ध्वनि, ध्वनि प्रदूषण के कारण है जो की सुनने की समस्या का कारण बन रही हैं। आज प्रदूषण को रोकने और स्वस्थ वातावरण प्राप्त करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों की बहुत आवश्यकता है।

प्रदूषण पर अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

प्रदूषण वर्तमान में एक गंभीर समस्या बन चुका है। यह समस्या  सिर्फ एक देश की नहीं बल्कि पूरे विश्व की समस्या है। जिसकी चपेट में धरती पर रहने वाले सभी जीव जंतु और अन्य निर्जीव पदार्थ भी आ गए है। इसका दुष्प्रभाव चारों ओर दिख रहा है। प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ है कि प्रकृति में संतुलन न होना, जीवन के लिए सभी जरूरी चीजों का दूषित हो जाना। जैसे- शुद्ध हवा न मिलना, शुद्ध जल न मिलना, शुद्ध भोजन व वातावरण न मिलना। प्रदूषण के मुख्य चार प्रकार है- वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण । इनमें से वायु प्रदूषण को सबसे खतरनाक प्रदूषण माना जाता है। इस प्रदूषण का मुख्य कारण कारखानों, उद्योगों और वाहनों से निकलने वाला धुआं है। इन स्रोतों से निकलने वाले हानिकारक धुएं से इंसान और जानवरों में फेफड़ों के कैंसर सहित अन्य सांस की बीमारियां होती हैं। जल प्रदूषण तब होता है जब कारखानों, उद्योगों और सीवरेज से निकलने वाले हानिकारक कचरे सीधे तौर पर नदियों, झीलों और महासागरों के पानी में बहा दिया जाता है और यह प्रदूषण जलीय जीवों को काफी नुकसान पहुंचाता है और मनुष्यों को स्वच्छ पानी तक पहुंच से वंचित कर देता है। भूमि प्रदूषण उर्वरकों, कीटनाशकों और अन्य कार्बनिक पदार्थों के अत्यधिक उपयोग के कारण होता है, जिससे खेती की गई फसलें प्रदूषित हो जाती हैं। नतीजतन, इन दूषित फसलों के सेवन से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। ध्वनि प्रदूषण भारी मशीनरी, वाहन, रेडियो, टीवी, स्पीकर आदि द्वारा उत्पन्न ध्वनि से होती  है जो की सुनने की समस्या और कभी कभी बहरेपन का कारण बनती हैं। इन प्रदूषण के लिए मनुष्य जिम्मेदार है क्योंकि मनुष्य अपने लाभ के लिए दिन रात प्रकृति को हानि पहुंचा रहा है। इसलिए मनुष्य को ही प्रदूषण के रोकथाम के लिए प्रयास करने चाहिए।

प्रदूषण पर अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 300 शब्दों में

प्रदूषण से तात्पर्य पर्यावरण में किसी भी पदार्थ की असंतुलित मात्रा में उपस्थिति से है। यह वैज्ञानिक प्रगति का एक नकारात्मक परिणाम है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं और प्राणियों की अकाल मृत्यु का आधार बन रही है। प्रदूषण प्रकृति के विभिन्न घटकों का संतुलन बिगड़ने से होता है। जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, भूमि प्रदूषण– ये सभी प्रदूषण के विविध रूप हैं। नदी-नाले, सागर-महासागर, पर्वत और ओज़ोन परत भी इसी प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं। अत्यधिक वनों का कटाव, आधुनिकीकरण की समस्या और शहरीकरण, बढ़ती जनसंख्या की समस्या आदि वायु प्रदूषण बढ़ने के सबसे बड़े कारण हैं। प्रकृति के अधिकतम शोषण से प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है। ऋतु चक्र में बदलाव आ गया है और शुद्ध वायु का मिलना कठिन होता जा रहा है। बड़े-बड़े कारखानों से निकलने वाला धुआं वायु को प्रदूषित कर रहा है और शहरों और महानगरों से निकलने वाला कचरा साफ पानी के स्रोतों को प्रदूषित कर रहा है। इसके अतिरिक्त, कारखाने गंदा पानी नदियों में छोड़ रहे हैं, जिससे जल प्रदूषण में वृद्धि हो रही है।  यातायात के आधुनिक साधन जहां एक तरफ वायु प्रदूषण बढ़ा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ रहा है, आकाश में उड़ते हवाई जहाज, तेज रफ्तार वाले जेट विमान, दिन-रात बजते हुए लाउडस्पीकरों से जो ध्वनी उत्पन्न होती है उससे हमारी सुनने की क्षमता को नुकसान पहुँच रहा है। भूमि प्रदूषण आज के समय की एक और नई समस्या है। खेतों से अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए रासायनिक खादों का अधिकाधिक प्रयोग धरती को बंजर बना रहा है। यह प्रदूषण सभी प्राणियों के लिए हानिकारक है, यह हवा, पानी और धूल जैसे विभिन्न माध्यमों से मनुष्यों, जानवरों, पक्षियों, पेड़ों और पौधों को नुकसान पहुँचाता है। आज इसी प्रदूषण के कारण सभी प्राणियों का अस्तित्व खतरे में आ गया है। इसलिए प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को शीघ्रता से कार्य करना चाहिए। इसके लिए वनों की कटाई को रोकना और जल स्रोतों के प्रदूषण को नियंत्रित करना आवश्यक है। यदि मनुष्य प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित कर ले तो प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है। यदि नहीं, तो परिणाम अप्रत्याशित होंगे।

Long Essay on Pollution in Hindi प्रदूषण  पर निबंध (1500 शब्दों में)

  pollution essay in hindi – प्रदूषण पर निबंध.

In the post will discuss the major causes of Pollution, Pollution Meaning, effects, and measures to prevent pollution

Essay on Pollution in Hindi is an important topic for Class 7th,8th, 9th, 10th, 11th, and 12th. Here we have compiled important points on pollution Essay in Hindi which is a useful resource for school and college students.

Here are some Important Points for प्रदूषण पर निबंध i.e is covered in this Article

  • Essay on Pollution in Hindi
  • प्रस्तावना (Preface)
  • प्रदूषण का अर्थ (What is Pollution (Meaning))
  • प्रदूषण के कारण (Reason for Pollution)
  • प्रदूषण के स्त्रोत (Sources of Pollution)
  • प्रदूषण के परिणाम (Consequences of Pollution)
  • प्रदूषण को रोकने के उपाय (Steps to Reduce Pollution)
  • उप-संहार / सारांश

प्रदूषण पर निबंध – Essay on Pollution in Hindi

  • प्रदूषण का अर्थ है दोष युक्त,अपवित्र  एवं अशुद्ध | अपने नाम के स्वरूप  प्रदूषण न केवल मानव जाति  बल्कि  समस्त  प्राणियों के लिए हानिकारक है | यह बात आज का मानव भली -भाँति  जानता भी है और समझता भी है |
  • लेकिन यह ज्ञान केवल किताबों तक और बातों तक सीमित है , व्यावहारिक  रूप में मानव की प्रगति की चाहत और सुख सुविधाओं की वृद्धि की इच्छा  में उसके द्वारा किये गए नित नए प्रयोगों  ने इस प्रदूषण में दिन- प्रतिदिन वृद्धि की है |
  • इस  प्रदूषण की सीमा केवल  धरती  ही नहीं बल्कि संपूर्ण वातावरण (वायु , जल , ध्वनि) सम्मिलित है | इस विस्तार सीमा के कारण अब प्रदूषण केवल भूमि प्रदूषण न होकर वायु प्रदूषण , जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण भी है |

Top प्रस्तावना – Preface

  • यदि जल दूषित है तो जल प्रदूषण मानव के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है |
  • वायु प्रदूषित है तो सांस  लेना ही दुर्भर हो जायेगा भाव कि जीवन ही खतरे में है | शुद्ध वायु प्राणो के लिए , श्वास प्रक्रिया  के लिए बहुत ही आवश्यक है।

इसी तरह मिट्टी हमारी मूल भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति  के लिए जरूरी है | खाने – पीने के लिए अनाज , शुद्ध हवाओं के लिए पेड़ पौधे  भी हमें इसी से मिलते हैं|  इसके बगैर हम प्राणी जगत और मानव जाती के विकास के बारे में सोच भी नहीं सकते | और यदि वातावरण में शोर अधिक मात्रा में है तो यह ध्वनि प्रदूषण है जो कि  मानसिक असंतुलन का कारण बनता है  |

Related – Bhumi Pradushan par nibandh in Hindi

प्रदूषण का अर्थ – Meaning of Pollution

भूमि, वायु, जल, ध्वनि में पाए जाने वाले तत्व यदि संतुलित न हो तो असंतुलित होते है | और यह असंतुलन ही प्रदूषण है | इस असंतुलन से इस पर होने वाली फसलें , पेड़ ,आदि सभी प्रभावित होते हैं | इसके अतिरिक्त जो कचरा और कूड़ा करकट हम फेंकते हैं वह भी प्रदूषण का कारण है| अतः  हम कह सकते हैं कि – “पर्यावरण के भौतिक, रासायनिक या जैविक गुणों में ऐसा कोई अवांछित परिवर्तन जिसका प्रभाव मनुष्य एवं अन्य जीवों पर पड़े या पर्यावरण की प्राकृतिक गुणवत्ता तथा उपयोगिता नष्ट हो प्रदूषण कहलाता है।”

प्रदूषण के कारण  – Reason For Pollution

  • बेकार पदार्थो की बढ़ती मात्रा और उचित  निपटान  के विकल्पों की कमी के कारण समस्या दिन प्रति  दिन बढ़ती जा रही है। कारखानों और घरों से बेकार उत्पादों को खुले स्थानों में रखा  और जलया  जाता है
  • जिससे  भूमि, वायु , जल , ध्वनि  प्रदूषित होते हैं| प्रदूषण विभिन्न मानवीय गतिविधियों के कारण और प्राकृतिक कारणों के कारण भी होता है।
  • कीटनाशकों का  बढ़ता उपयोग, औद्योगिक और कृषि  के बेकार पदार्थो के निपटान के लिए विकल्पों की कमी, वनों की कटाई, बढ़ते शहरी करण, अम्लीय वर्षा और खनन इस प्रदूषण के मूल कारक  हैं।
  • ये सभी कारक कृषि गतिविधियों में बाधा डालते हैं और जानवरों और मनुष्यों में विभिन्न बीमारियों का कारण भी  बनते हैं। जनसंख्या वृद्धि भी   कारण है बढ़ते हुए प्रदूषण’ का |

प्रदूषण के स्त्रोत – Sources of Pollution

प्रदूषण के स्त्रोतों को  निम्न  श्रेणियों  में बाँटा जा सकता है  : 1.घरेलू बेकार पदार्थ,जमा  हुआ  पानी,कूलरो  मे पड|  पानी , पौधो मे जम|  पानी 2. रासायनिक पदार्थ जैसे – डिटर्जेंट्स, हाइड्रोजन, साबुन, औद्योगिक एवं खनन के बेकार पदार्थ 3. प्लास्टिक 4. गैसें जैसे- कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, अमोनिया आदि। 5. उर्वरक जैसे- यूरिया, पोटाश । 6.  गंदा पानी 7. पेस्टीसाइड्स जैसे- डी.डी.टी, कीटनाशी। 8. ध्वनि। 9. ऊष्मा। 10. जनसंख्या वृद्धि

प्रदूषण के परिणाम – Consequences of Pollution

  • आज के समय की मुख्य चिंता है बढ़ता हुआ प्रदूषण | कचरा मैदान के आसपास दुर्गंध युक्त  गंध के कारण सांस लेना दुर्भर होता है | और इसके आस पास का स्थान रहने लायक नहीं रहता | विभिन्न श्वास सम्बन्धी रोग उत्पन्न होते हैं | अपशिष्ट उत्पादों से छुटकारा पाने के लिए जब इन्हे जलाया जाता है तो वायु प्रदूषित होती है |
  •  अपशिष्ट  पदार्थों के सीधे संपर्क में आने से त्वचा सम्बन्धी रोग,  विषाक्त पदार्थ विषैले जीव उत्पन्न करते हैं जो की जानलेवा रोगों के कारण बनते हैं | जैसे कि  मच्छर, मख्खियाँ  इत्यादि | कृषि खराब होती है और खाने पीने की वस्तुएँ खाने के लायक नहीं रहती |
  • पीने   का जल जो कि अमृत माना जाता था वह भी रोगो का साधन बन जाता है | ध्वनि जो की संगीत पैदा करती थी शोर बन कर मानसिक असंतुलन पैदा करती है |धरती पर ग्रीन कवच भी बहुत कम लगभग तीन प्रतिशत ही बच है जो कि चिन्तनीय है |

प्रदूषण को रोकने के उपाय – Measures to Prevent pollution

दैनिक जीवन में कुछ छोटे बदलाव करके  इसे कम करने की दिशा में योगदान कर सकते हैं। 1.बायोडिग्रेडेबल उत्पादों का उपयोग करें। क्योंकि बायोडिग्रेडेबल कचरे का निपटान करना आसान है। 2.भोजन कीटनाशकों के उपयोग के बिना उगाया जाए, जैविक सब्जियां और फल उगाए जाए | 3.पॉली बैग और प्लास्टिक के बर्तनों और वस्तुओं के उपयोग से बचें। क्योंकि किसी भी रूप में प्लास्टिक का निपटान करना मुश्किल है। 5.कागज़ या कपड़े की थैलियों का उपयोग करें । 6. अलग-अलग डस्टबिन में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग निपटाने से कचरा अलग हो जाता है। भारत सरकार ने पहले ही इस अभियान को शुरू कर दिया है और देश भर के विभिन्न शहरों में विभिन्न क्षेत्रों में कई हरे और नीले डस्टबिन लगाए गए हैं। 7.कागज़  उपयोग को सीमित करें। कागज़ बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष कई पेड़ काटे जाते हैं। यह   प्रदूषण का एक कारण है। डिजिटल प्रयोग  अच्छा विकल्प  है। 8. पुन: उपयोग योग्य डस्टर और झाड़ू का उपयोग करें। 9.प्रदूषण  हानि पहुँचाता है अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के  इस बारे में जागरूक करें । 10.घरों का कचरा बाहर खुले में नहीं फेंकना चाहिए। 11.खनिज पदार्थ्   भी सावधानी  से प्रयोग करने चाहिए  ताकि  भविष्य के लिये भी प्रयोग किये ज। सके । 12. हमें वायु को भी कम दूषित करना चाहिए और अधिक से अधिक पेड पौधे  लगाने चाहिये  ताकि अम्लीय वर्षा को रोक।| ज। सके  । 13. यदि  हम बेहतर जीवन जीन| चाहते  हैं और वातवरन मे  शुध्ध्ता चाहते  हैं वनो को सरन्क्षित  करना  होगा  | 14.हमें ऐसी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए जिन्हें हम दोबारा से प्रयोग में ला सके। उपसंहार

उप-संहार / सारांश – Essay on Pollution in Hindi

प्रदूषण एक प्रकार का धीमा जहर है जो हवा, पानी, धूल आदि के माध्यम से न केवल मनुष्य वरन् जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों और वनस्पतियों को भी सड़ा-गलाकर नष्ट कर देता है। आज प्रदूषण के कारण ही  प्राणियों का अस्तित्व खतरे में है। इसी कारण बहुत से प्राणी, जीव-जंतु, पशु-पक्षी, वन्य प्राणी विलुप्त हो गए हैं। यदि इसी तरह से प्रदूषण फैलता रहा तो जीवन बहुत ही कठिन हो जायेगा | न खाने को कुछ मिलेगा और सांस लेने के लिए शुद्ध हवा भी नहीं बचेगी | प्यास बुझाने के लिए पानी ढूंढने से नहीं मिलेगा | जीवन बहुत ही असंतुलित होगा | ऐसी परस्थितियो से बचने के लिए हमें पर्यावरण संरक्षण की और कदम बढ़ाने होंगे | जीवन आरामदायक बनाने की अपेक्षा उपयोगी बनाना होगा  कर्तव्यपरायणता की ओर कदम बढ़ने होंगे | विकास का  केवल  एक रास्ता शहर नही  गाँव  की  जीवन  शैली पर चलो प्रकृति से दूर नही , विपरीत नही बल्कि  इसके साथ्  हो  चलो जीवन आसान नही श्रमिक  और कृषक से हो चलो श्रमिक  और कृषक से हो चलो शुद्धता  जो चाहिये तो जीवन शैली बदल चलो ,प्र्दूषन को दूर कर प्रकृति से दूर नही, पास हो चलो, पास हो चलो |

प्रदूषण पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इन सवालों के जवाब आपको प्रदूषण पर अपने निबंध में शामिल करने के लिए महत्वपूर्ण बिंदु प्रदान करेंगे।

प्रदूषण वास्तव में क्या है? पर्यावरण में मौजूद संदूषण या रसायन, या पर्यावरण में उनका परिचय, जिसे प्रदूषण कहा जाता है। इन प्रदूषकों या पदार्थों की उपस्थिति या परिचय जीवित प्राणियों और प्राकृतिक दुनिया के लिए हानिकारक या असुविधाजनक हो सकता है।

पर्यावरण प्रदूषण के विभिन्न रूप क्या हैं? प्रदूषण कई प्रकार के होते हैं, जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण ।

प्रदूषित वायु में योगदान करने वाले कारक क्या हैं? वायु प्रदूषण कई अलग-अलग कारकों का परिणाम है, जिसमें ऑटोमोबाइल और औद्योगिक गतिविधियों से उत्सर्जन, जीवाश्म ईंधन का जलना और जंगलों का विनाश शामिल है।

प्रदूषित जल के कुछ परिणाम क्या हैं? पानी का प्रदूषण जलीय जीवन के लिए हानिकारक हो सकता है, जो तब पारिस्थितिक तंत्र को परेशान कर सकता है, और जो पानी वे पीते हैं उसे दूषित करके लोगों के स्वास्थ्य को भी खतरे में डाल सकते हैं।

मृदा संदूषण वास्तव में क्या है? मिट्टी में जहरीले यौगिकों की उपस्थिति, जो पौधों, जानवरों और अंततः इन संसाधनों पर निर्भर मनुष्यों के लिए हानिकारक हो सकती है, को मृदा प्रदूषण कहा जाता है।

“ध्वनि प्रदूषण” से वास्तव में क्या अभिप्राय है? ध्वनि जो अत्यधिक, अवांछित, या परेशान करने वाली है जो मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ वन्यजीवों के स्वास्थ्य और प्राकृतिक पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालने की क्षमता रखती है, ध्वनि प्रदूषण कहलाती है।

औद्योगीकरण किन विशिष्ट तरीकों से प्रदूषण की समस्या को बढ़ाता है? वायु, जल और भूमि में हानिकारक रसायनों और अपशिष्ट उत्पादों का निर्वहन सबसे आम तरीकों में से एक है जिससे औद्योगीकरण प्रदूषण का कारण बनता है। “प्रकाश प्रदूषण” का वास्तव में क्या अर्थ है? “प्रकाश प्रदूषण” शब्द कृत्रिम प्रकाश की अधिकता या इसके गलत दिशा को संदर्भित करता है, दोनों के मनुष्यों के स्वास्थ्य के साथ-साथ वन्य जीवन और पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य पर हानिकारक परिणाम हो सकते हैं।

प्रदूषण कम करने के समग्र लक्ष्य में व्यक्ति कैसे योगदान दे सकते हैं? कचरे में कमी , ऊर्जा का संरक्षण , सार्वजनिक परिवहन या हाइब्रिड वाहन का उपयोग, और पारिस्थितिक रूप से अनुकूल उत्पादों को बढ़ावा देने के सभी तरीके हैं जिनमें व्यक्ति प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में योगदान दे सकते हैं।

प्रदूषण को रोकने और साफ करने में सरकार की क्या भूमिका है? प्रदूषण के स्तर को कम करने और प्रदूषण को रोकने के लक्ष्यों के साथ सरकार द्वारा कानूनों और विनियमों की स्थापना और पालन, प्रदूषण नियंत्रण के दो सबसे महत्वपूर्ण पहलू हैं।

Recommended Read –

  • दुर्गा पूजा पर निबंध
  • बसंत ऋतु पर निबंध
  • भारत में साइबर सुरक्षा पर निबंध
  • भारत में चुनावी प्रक्रिया पर निबंध
  • योग पर निबंध
  • स्टार्टअप इंडिया पर निबंध
  • फिट इंडिया पर निबंध
  • द्रौपदी मुर्मू पर निबंध
  • क्रिकेट पर निबंध
  • क्रिप्टो करेंसी पर निबंध
  • सौर ऊर्जा पर निबंध
  • जनसंख्या वृद्धि पर निबंध
  • भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध for UPSC Students
  • शहरों में बढ़ते अपराध पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध
  • भारतीय संविधान पर निबंध
  • भारत के प्रमुख त्योहार पर निबंध
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध
  • टेलीविजन पर निबंध
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध 
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध 
  • विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर निबंध
  • टीचर्स डे पर निबंध
  • वैश्वीकरण पर निबंध
  • जलवायु परिवर्तन पर निबंध
  • मंकी पॉक्स वायरस पर निबंध
  • मेक इन इंडिया पर निबंध
  • भारत में सांप्रदायिकता पर निबंध
  • वेस्ट नील वायरस पर निबंध
  • पीएसयू का निजीकरण पर निबंध
  • भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों का प्रभाव पर निबंध
  • नई शिक्षा नीति 2020 पर निबंध
  • आधुनिक संचार क्रांति पर निबंध
  • सोशल मीडिया की लत पर निबंध
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निबंध
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध
  • प्रदूषण पर निबंध
  • मृदा प्रदूषण पर निबंध
  • वायु प्रदूषण पर निबंध
  • गाय पर हिंदी में निबंध
  • वन/वन संरक्षण पर निबंध
  • हिंदी में ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध
  • चंद्रयान पर निबंध
  • हिंदी में इंटरनेट पर निबंध
  • बाल श्रम या बाल मज़दूरी पर निबंध
  • ताजमहल पर निबंध
  • हिंदी में अनुशासन पर निबंध
  • भ्रष्टाचार पर निबंध
  • मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
  • गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में
  • स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
  • हिंदी में दिवाली पर निबंध
  • होली पर निबंध
  • नोट-बंदी या विमुद्रीकरण पर निबंध
  • निबंध लेखन, हिंदी में निबंध
  • World Environment Day Slogans, Quotes, and Sayings

Hindi Essays

  • असंतुलित लिंगानुपात पर निबंध
  • परहित सरिस धर्म नहीं भाई पर निबंध
  • चंद्रयान 3 पर निबंध
  • मुद्रास्फीति पर निबंध
  • युवाओं  पर निबंध
  • अक्षय ऊर्जा: संभावनाएं और नीतियां पर निबंध
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का महत्व पर निबंध
  • सच्चे धर्म पर निबंध
  • बैंकिंग संस्थाएं और उनका महत्व पर निबंध
  • नई शिक्षा नीति के प्रमुख लाभ पर निबंध
  • भारतीय संस्कृति के प्रमुख आधार पर निबंध
  • समय के महत्व पर निबंध
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध
  • सामाजिक न्याय के महत्व पर निबंध
  • छात्र जीवन पर निबंध
  • स्वयंसेवी कार्यों पर निबंध
  • जल संरक्षण पर निबंध
  • आधुनिक विज्ञान और मानव जीवन पर निबंध
  • भारत में “नए युग की नारी” की परिपूर्णता एक मिथक है
  • दूरस्थ शिक्षा पर निबंध
  • प्रधानमंत्री पर निबंध
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता
  • हमारे राष्ट्रीय चिन्ह पर निबंध
  • नक्सलवाद पर निबंध
  • आतंकवाद पर निबंध
  • भारत के पड़ोसी देश पर निबंध
  • पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी पर निबंध
  • किसान आंदोलन पर निबंध
  • ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध
  • डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध
  • मदर टेरेसा पर निबंध
  • भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध

Hindi Writing Skills

  • Formal Letter Hindi
  • Informal Letter Hindi
  • ई-मेल लेखन | Email Lekhan in Hindi Format
  • Vigyapan Lekhan in Hindi
  • Suchna lekhan
  • Anuched Lekhan
  • Anuchchhed lekhan
  • Samvad Lekhan
  • Chitra Varnan
  • Laghu Katha Lekhan
  • Sandesh Lekhan

HINDI GRAMMAR

  • 312 हिंदी मुहावरे अर्थ और उदाहरण वाक्य
  • Verbs Hindi
  • One Word Substitution Hindi
  • Paryayvaachi Shabd Class 10 Hindi
  • Anekarthi Shabd Hindi
  • Homophones Class 10 Hindi
  • Anusvaar (अनुस्वार) Definition, Use, Rules, 
  • Anunasik, अनुनासिक Examples
  • Arth vichaar in Hindi (अर्थ विचार), 
  • Adverb in Hindi – क्रिया विशेषण हिंदी में, 
  • Adjectives in Hindi विशेषण, Visheshan Examples, Types, Definition
  • Bhasha, Lipiaur Vyakaran – भाषा, लिपिऔरव्याकरण
  • Compound words in Hindi, Samaas Examples, Types and Definition
  • Clauses in Hindi, Upvakya Examples, Types 
  • Case in Hindi, Kaarak Examples, Types and Definition
  • Deshaj, Videshaj and Sankar Shabd Examples, Types and Definition
  • Gender in Hindi, Ling Examples, Types and Definition
  • Homophones in Hindi युग्म–शब्द Definition, Meaning, Examples
  • Indeclinable words in Hindi, Avyay Examples, Types and Definition
  • Idioms in Hindi, Muhavare Examples, Types and Definition
  • Joining / combining sentences in Hindi, Vaakya Sansleshan Examples, Types and Definition
  • संधि परिभाषा, संधि के भेद और उदाहरण, Sandhi Kise Kehte Hain?
  • Noun in Hindi (संज्ञा की परिभाषा), Definition, Meaning, Types, Examples
  • Vilom shabd in Hindi, Opposite Words Examples, Types and Definition
  • Punctuation marks in Hindi, Viraam Chinh Examples, Types and Definition
  • Proverbs in Hindi, Definition, Format, मुहावरे और लोकोक्तियाँ
  • Pronoun in Hindi सर्वनाम, Sarvnaam Examples, Types, Definition
  • Prefixes in Hindi, Upsarg Examples, types and Definition
  • Pad Parichay Examples, Definition
  • Rachna ke aadhar par Vakya Roopantar (रचना के आधार पर वाक्य रूपांतरण) – Types , Example
  • Suffixes in Hindi, Pratyay Examples, Types and Definition
  • Singular and Plural in Hindi (वचन) – List, Definition, Types, Example
  • Shabdo ki Ashudhiya (शब्दों की अशुद्धियाँ) Definition, Types and Examples
  • Shabdaur Pad, शब्द और पद Examples, Definition, difference in Shabd and Pad
  • Shabd Vichar, शब्द विचार की परिभाषा, भेद और उदाहरण | Hindi Vyakaran Shabad Vichar for Class 9 and 10
  • Tenses in Hindi (काल), Hindi Grammar Tense, Definition, Types, Examples
  • Types of sentences in Hindi, VakyaVishleshan Examples, Types and Definition
  • Voice in Hindi, Vachya Examples, Types and Definition
  • Verbs in Hindi, Kirya Examples, types and Definition
  • Varn Vichhed, वर्ण विच्छेद Examples, Definition
  • Varn Vichar, वर्ण विचार परिभाषा, भेद और उदाहरण
  • Vaakya Ashudhhi Shodhan, वाक्य अशुद्धिशोधन Examples, Definition, Types
  • List of Idioms in Hindi, Meaning, Definition, Types, Example

Latest Posts

  • Fair Play Question Answers | CBSE Class 6 English Lesson 7
  • Our Runaway Kite Summary, Explanation, Difficult Words | WBBSE Class 10 English Lesson 5
  • My Own True Family Question Answers WBBSE Class 10 English Bliss Book
  • My Own True Family Summary, Explanation, Difficult Words | WBBSE Class 10 English Lesson 4
  • Our Runaway Kite Question Answers WBBSE Class 10 English Bliss Book
  • BSEB Class 10 English word meanings
  • Poetic Devices in ICSE Class 10 English Poems
  • ICSE Class 10 English word meanings
  • Birthday Wishes in Hindi
  • Anniversary Wishes in Hindi
  • Father’s Day Quotes and Messages
  • Father’s Day quotes in Hindi
  • International Yoga Day Slogans, Quotes and Sayings
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस Slogans, Quotes and Sayings
  • Good Morning Messages in Hindi
  • Good Night Messages in Hindi | शुभ रात्रि संदेश

HindiKiDuniyacom

प्रदूषण पर निबंध (Pollution Essay in Hindi)

प्रदूषण

वह अवांछित तत्व जो किसी निकाय के संतुलन के प्रतिकूल हो और उसकी खराब दसा के लिए जिम्मेदार हो प्रदूषक तत्व कहलाते हैं तथा उनके द्वारा उत्पन्न विषम परिस्थितियां प्रदूषण कहलाती है। दूसरे शब्दों में “ हमारे द्वारा उत्पन्न वे अपशिष्ट पदार्थ जो पर्यावरण के पारिस्थितिकी तंत्र को असंतुलित कर रहे हैं, प्रदूषक तत्व तथा उनके वातावरण में मिलने से उत्पन्न विभिन्न प्रकार के संकट की स्थिति प्रदूषण कहलाती है। ”

प्रदूषण पर 10 वाक्य || प्रदूषण मानवता को कैसे प्रभावित करता है पर निबंध || शहरीकरण के कारण प्रदूषण पर निबंध

प्रदूषण पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essays on Pollution in Hindi, Pradushan par Nibandh Hindi mein)

प्रदूषण से संबंधित समस्त जानकारियां आपको इस निबंध के माध्यम से मिल जाएगी। तो आईए इस निबंध को पढ़कर पर्यावरण प्रदूषण के बारे में खुद को अवगत कराएं।

प्रदूषण पर निबंध 1 (300 शब्द) – प्रदूषण क्या है

बचपन में हम जब भी गर्मी की छुट्टियों में अपने दादी-नानी के घर जाते थे, तो हर जगह हरियाली ही हरियाली फैली होती थी। हरे-भरे बाग-बगिचों में खेलना बहुत अच्छा लगता था। चिड़ियों की चहचहाहट सुनना बहुत अच्छा लगता था। अब वैसा दृश्य कहीं दिखाई नहीं देता।

आजकल के बच्चों के लिए ऐसे दृश्य केवल किताबों तक ही सीमित रह गये हैं। ज़रा सोचिए ऐसा क्यों हुआ। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, मनुष्य, जल, वायु, आदि सभी जैविक और अजैविक घटक मिलकर पर्यावरण का निर्माण करते हैं। सभी का पर्यावरण में विशेष स्थान है।

प्रदूषण का अर्थ ( Meaning of Pollution )

प्रदूषण, तत्वों या प्रदूषकों के वातावरण में मिश्रण को कहा जाता है। जब यह प्रदूषक हमारे प्राकृतिक संसाधनो में मिल जाते है। तो इसके कारण कई सारे नकरात्मक प्रभाव उत्पन्न होते है। प्रदूषण मुख्यतः मानवीय गतिविधियों द्वारा उत्पन्न होते है और यह हमारे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करता है। प्रदूषण के द्वारा उत्पन्न होने वाले प्रभावों के कारण मनुष्यों के लिए छोटी बीमारियों से लेकर अस्तित्व संकट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए पेड़ो की अन्धाधुंध कटाई की है। जिस कारण पर्यावरण असंतुलित हो गया है। प्रदूषण भी इस असंतुलन का मुख्य कारण है।

प्रदूषण है क्या ? ( What is Pollution ?)

जब वायु, जल, मृदा आदि में अवांछनीय तत्व घुलकर उसे इस हद तक गंदा कर देते है, कि स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालने लगे तो उसे प्रदूषण कहते हैं। प्रदूषण से प्राकृतिक असंतुलन पैदा होता है। साथ ही यह मानव जीवन के लिए भी खतरे की घंटी है।

मनुष्य की यह जिम्मेदारी बनती है कि उसने जितनी नासमझी से प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया है, अब उतनी ही समझदारी से प्रदूषण की समस्या को सुलझाये। वनों की अंधाधुंध कटाई भी प्रदूषण के कारको में शामिल है। अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर इस पर काबू पाया जा सकता है। इसी तरह कई उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर प्रदूषण कम करने के प्रयास किए जा सकते हैं।

अगर हमें अपनी आगामी पीढ़ी को एक साफ, सुरक्षित और जीवनदायिनी पर्यावरण देना है, तो इस दिशा में कठोर कदम उठाने होंगे। और प्रदूषण पर नियंत्रण पाना सिर्फ हमारे देश ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण पृथ्वी के लिए आवश्यक है। ताकि सम्पूर्ण पृथ्वी पर जीवन रह सके।

प्रदूषण पर निबंध 2 (400 शब्द) – प्रदूषण के प्रकार

हमें पहले यह जानना जरुरी है कि हमारी किन-किन गतिविधियों के कारण प्रदूषण दिन प्रति दिन बढ़ रहा है और पर्यावरण में असंतुलन फैला रहा है।

पहले मेरे गांव में ढ़ेर सारे तालाब हुआ करते थे, किन्तु अब एक भी नहीं है। आज हम लोगों ने अपने मैले कपड़ो को धोकर, जानवरों को नहलाकर, घरों का दूषित और अपशिष्ट जल, कूड़ा-कचरा आदि तालाबों में फेंककर इसे गंदा कर दिया है। अब उसका जल कहीं से भी स्नान करने और न ही पीने योग्य रह गया है। इसका अस्तित्व समाप्ति की कगार पर है।

प्रदूषण के प्रकार ( Pradushan ke Prakar )

वातावरण में मुख्यतः चार प्रकार के प्रदूषण हैं –

  • जल प्रदूषण ( Water Pollution )

घरों से निकलने वाला दूषित पानी बहकर नदियों में जाता है। कल-कारखानों के कूड़े-कचरे एवं अपशिष्ट पदार्थ भी नदियों में ही छोड़ा जाता है। कृषि में उपयुक्त उर्वरक और कीट-नाशक से भूमिगत जल प्रदूषित होता है। जल प्रदूषण से डायरिया, पीलिया, टाइफाइड, हैजा आदि खतरनाक बीमारियाँ होती है।

  • वायु प्रदूषण (Air Pollution)

कारखानों की चिमनी और सड़को पर दौड़ते वाहनों से निकलते धुएँ में कार्बन मोनो ऑक्साइड, ग्रीन हाउस गैसें जैसै कार्बन डाई ऑक्साइड, मिथेन, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन आदि खतरनाक गैसें निकलती हैं। ये सभी गैसें वायुमंडल को भारी नुकसान पहुंचाती हैं। इससे हमारे सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। दमा, खसरा, टी.बी. डिप्थीरिया, इंफ्लूएंजा आदि रोग वायु प्रदूषण का ही कारण हैं।

  • ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution)

मनुष्य के सुनने की क्षमता की भी एक सीमा होती है, उससे ऊपर की सारी ध्वनियां उसे बहरा बनाने के लिए काफी हैं। मशीनों की तीव्र आवाज, ऑटोमोबाइल्स से निकलती तेज़ आवाज, हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है। इनसे होने वाला प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण कहलाता है। इससे पागलपन, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, बहरापन आदि समस्याएं होती है।

  • मृदा प्रदूषण (Soil Pollution)

खेती में अत्यधिक मात्रा में उर्वरकों और कीट-नाशकों के प्रयोग से मृदा प्रदूषण होता है। साथ ही प्रदूषित मिट्टी में उपजे अन्न खाकर मनुष्यों एवं अन्य जीव-जंतुओं के सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसकी सतह पर बहने वाले जल में भी यह प्रदूषण फैल जाता है।

प्रदूषण को रोकना बहुत अहम है। पर्यावरणीय प्रदूषण आज की बहुत बड़ी समस्या है, इसे यदि वक़्त पर नहीं रोका गया तो हमारा समूल नाश होने से कोई भी नहीं बचा सकता। पृथ्वी पर उपस्थित कोई भी प्राणी इसके प्रभाव से अछूता नहीं रह सकता। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी  आदि सभी का जीवन हमारे कारण खतरे में पड़ा है। इनके जीवन की रक्षा भी हमें ही करनी है। इनके अस्तित्व से ही हमारा अस्तित्व संभव है।

इन्हे भी पढ़ें: वाहन प्रदूषण पर निबंध || पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध || प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध || वायु प्रदूषण पर निबंध || मृदा प्रदूषण पर निबंध || जल प्रदूषण पर निबंध || ध्वनि प्रदूषण पर निबंध

प्रदूषण पर निबंध 3 (500 शब्द) – प्रदूषण के कारण

2019 में दीवाली के कुछ दिन बाद ही राजधानी दिल्ली में पॉल्यूशन हॉलीडे हुआ। यह अत्यंत चौंकाने वाली बात थी कि, दिल्ली सरकार को पॉल्यूशन के कारण विद्यालय बंद कराना पड़ा। कितने दुःख की बात है। ऐसी नौबत आ गयी है, अपने देश में।

पर्यावरणीय प्रदूषण आज के टाइम की सबसे बड़ी प्राब्लम है। विज्ञान की अधिकता ने हमारे जीवन को सरल तो बनाया है, साथ ही प्रदूषण बढ़ाने में भी योगदान दिया है। मनुष्य ने अपने लाभ के लिए प्रकृति से बहुत छेड़छाड़ किया है। प्रकृति का अपना नियम होता है, सभी जीव-जंतु उसी नियम के हिसाब से अपना-अपना जीवन-चक्र चलाते हैं, किंतु हम मनुष्यों ने इससे पर्याप्त छेड़-छाड़ किया है, जिससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है।

प्रदूषण के मुख्य कारण (Main Reason for Pollution)

प्रदूषण के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं –

  • वनों की कटाई (Deforestation)

बढ़ती जनसंख्या भी एक महत्वपूर्ण कारण हैं, जिस कारण लगातार वनों को काटा गया है।  पर्यावरण प्रदूषण के पीछे सबसे बड़े कारणों में से एक निर्वनीकरण है। वृक्ष ही वातावरण को शुध्द करते हैं। वनोन्मूलन के कारण ही वातावरण में ग्रीन-हाउस गैसों की अधिकता होते जा रही है। जिसके दुष्परिणाम ग्लोबल-वार्मिग के रूप में प्रकट हो रही है। क्योंकि पेड़ ही पर्यावरण में मौजूद कार्बन डाइआऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और आक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं।

  • उद्योग-धंधे (Industries)

भोपाल गैस त्रासदी अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड कारखाने में कीटनाशक रसायन को बनाने के लिए मिक गैस का उत्पादन होता था। इस गैस संयंत्र के कारखाने में 2-3 दिसंबर 1984 को जहरीली मिक गैस (मिथाइल आइसो सायनाइड) के रिसाव के कारण कुछ ही घंटो में करीबन 2500 लोगों की जान चली गयी थी और हजारों घायल हुए थे। हजारों जानवरो की भी मृत्यु हो गयी थी। इस घटना को भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है।

इस घटना की चर्चा यहाँ इसलिए की, क्योंकि यह औद्योगिकीकरण के कारण हुए प्रदूषण का उदाहरण है। इतना ही नहीं, 6 से 9 अगस्त, 1945 में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में किए गए एटॉमिक बम अटैक के कारण हुए भयंकर परिणाम से पूरी दुनिया वाक़िफ है। उसके कारण हुए वायु-प्रदूषण से जापान आज तक उबर नहीं पाया है। अटैक के कारण विनाशकारी गैसें सम्पूर्ण वायु-मंडल में समा गयी थी।

वैज्ञानिकों की माने तो औद्योगिकीकरण के नाम पर बीते 100 सालों में 36 लाख टन कार्बन डाइआऑक्साइड वायुमंडल में छोड़ी गयी है, जिस कारण हमारी पृथ्वी का तापमान बढ़ा है। और तो और मौसम में तब्दीलियां भी इसी कारण हो रही हैं, जैसे अत्यधिक गर्मी, बाढ़, सूखा, अम्लीय वर्षा, बर्फ का पिघलना, समुद्र के जल-स्तर में वृध्दि होना आदि। अकेले अमेरिका विश्व का लगभग 21% कार्बन वायुमंडल में उत्सर्जित करता है।

बढ़ता प्रदूषण आज समूल विश्व का सरदर्द बन चुका है। प्रदूषण के कारण चीजें दिन प्रति दिन बद से बदतर होती जा रही है। चूँकि पूरा विश्व इसके प्रति गंभीर है। लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए हर साल पर्यावरण दिवस, जल दिवस, ओजोन दिवस, पृथ्वी दिवस, जैव विविधता दिवस आदि मनाये जाते है। समय-समय पर पर्यावरण के संरक्षण के लिए स्कॉटहोम सम्मेलन, मॉट्रियल समझौता आदि होता रहा है।

Pollution Essay in Hindi

प्रदूषण पर निबंध 4 (600 शब्द) – प्रदूषण के प्रकार व रोकथाम

आज के समय में प्रदूषण एक वैश्विक समस्या बन चुका है। इसने हमारे पृथ्वी को पूर्ण रुप से बदल कर रख दिया है और दिन-प्रतिदिन पर्यावरण को क्षति पहुंचाते जा रहे है, जोकी हमारे जीवन को और भी ज्यादे मुश्किल बनाते जा रहा है। कई तरह के जीव और प्रजातियां प्रदूषण के इन्हीं हानिकारक प्रभवों के कारण धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहीं है।

प्रदूषण के प्रकार (Types Of Pollution)

1. वायु प्रदूषण (Air Pollution)

वायु प्रदूषण को सबसे खतरनाक प्रदूषण माना जाता है, इस प्रदूषण का मुख्य कारण उद्योगों और वाहनों से निकलने वाला धुआं है। इन स्त्रोतों से निकलने वाला हानिकारक धुआं लोगो के लिए सांस लेने में भी बाधा उत्पन्न कर देता है। दिन प्रतिदिन बढ़ते उद्योगों और वाहनों ने वायु प्रदूषण में काफी वृद्धि कर दी है। जिसने ब्रोंकाइटिस और फेफड़ो से संबंधित कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी कर दी है।

2. जल प्रदूषण (Water Pollution)

उद्योगों और घरों से निकला हुआ कचरा कई बार नदियों और दूसरे जल स्त्रोतों में मिल जाता है, जिससे यह उन्हें प्रदूषित कर देता है। एक समय साफ-सुथरी और पवित्र माने जानी वाली हमारी यह नदियां आज कई तरह के बीमारियों का घर बन गई है क्योंकि इनमें भारी मात्रा में प्लास्टिक पदार्थ, रासयनिक कचरा और दूसरे कई प्रकार के नान बायोडिग्रेडबल कचरे मिल गये है।

3. भूमि प्रदूषण (Soil Pollution)

वह औद्योगिक और घरेलू कचरा जिसका पानी में निस्तारण नही होता है, वह जमीन पर ही फैला रहता है। हालांकि इसके रीसायकल तथा पुनरुपयोग के कई प्रयास किये जाते है पर इसमें कोई खास सफलता प्राप्त नही होती है। इस तरह के भूमि प्रदूषण के कारण इसमें मच्छर, मख्खियां और दूसरे कीड़े पनपने लगते है, जोकि मनुष्यों तथा दूसरे जीवों में कई तरह के बीमारियों का कारण बनते है।

4. ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution)

ध्वनि प्रदूषण कारखनों में चलने वाली तेज आवाज वाली मशीनों तथा दूसरे तेज आवाज करने वाली यंत्रो से उत्पन्न होता है। इसके साथ ही यह सड़क पर चलने वाले वाहन, पटाखे फूटने के कारण उत्पन्न होने वाला आवाज, लाउड स्पीकर से भी ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि होती है। ध्वनि प्रदूषण मनुष्यों में होने वाले मानसिक तनाव का मुख्य कारण है, जोकि मस्तिष्क पर कई दुष्प्रभाव डालने के साथ ही सुनने की शक्ति को भी घटाता है।

5. प्रकाश प्रदूषण (Light Pollution)

प्रकाश प्रदूषण किसी क्षेत्र में अत्यधिक और जरुरत से ज्यादे रोशनी उत्पन्न करने के कारण पैदा होता है। प्रकाश प्रदूषण शहरी क्षेत्रों में प्रकाश के वस्तुओं के अत्यधिक उपयोग से पैदा होता है। बिना जरुरत के अत्याधिक प्रकाश पैदा करने वाली वस्तुएं प्रकाश प्रदूषण को बढ़ा देती है, जिससे कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।

6. रेडियोएक्टिव प्रदूषण (Radioactive Pollution)

रेडियोएक्टिव प्रदूषण का तात्पर्य उस प्रदूषण से है, जो अनचाहे रेडियोएक्टिव तत्वों द्वारा वायुमंडल में उत्पन्न होता है। रेडियोएक्टिव प्रदूषण हथियारों के फटने तथा परीक्षण, खनन आदि से उत्पन्न होता है। इसके साथ ही परमाणु बिजली केंद्रों में भी कचरे के रुप में उत्पन्न होने वाले अवयव भी रेडियोएक्टिव प्रदूषण को बढ़ाते है।

7. थर्मल प्रदूषण (Thermal Pollution)

कई उद्योगों में पानी का इस्तेमाल शीतलक के रुप में किया जाता है जोकि थर्मल प्रदूषण का मुख्य कारण है। इसके कारण जलीय जीवों को तापमान परिवर्तन और पानी में आक्सीजन की कमी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।

8. दृश्य प्रदूषण (Visual Pollution)

मनुष्य द्वारा बनायी गयी वह वस्तुएं जो हमारी दृष्टि को प्रभावित करती है दृष्य प्रदूषण के अंतर्गत आती है जैसे कि बिल बोर्ड, अंटिना, कचरे के डिब्बे, इलेक्ट्रिक पोल, टावर्स, तार, वाहन, बहुमंजिला इमारते आदि।

विश्व के सर्वाधिक प्रदूषण वाले शहर (Most Polluted City of The World)

एक तरफ जहां विश्व के कई शहरों ने प्रदूषण के स्तर को कम करने में सफलता प्राप्त कर ली है, वही कुछ शहरों में यह स्तर काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। विश्व के सबसे अधिक प्रदूषण वाले शहरों की सूची में कानपुर, दिल्ली, वाराणसी, पटना, पेशावर, कराची, सिजीज़हुआन्ग, हेजे, चेर्नोबिल, बेमेन्डा, बीजिंग और मास्को जैसे शहर शामिल है। इन शहरों में वायु की गुणवत्ता का स्तर काफी खराब है और इसके साथ ही इन शहरों में जल और भूमि प्रदूषण की समस्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिससे इन शहरों में जीवन स्तर काफी दयनीय हो गया है। यह वह समय है जब लोगों को शहरों का विकास करने के साथ ही प्रदूषण स्तर को भी नियंत्रित करने की आवश्यकता है।

प्रदूषण कम करने के उपाय (Tips for Preventing Pollution)

जब अब हम प्रदूषण के कारण और प्रभाव तथा प्रकारों को जान चुके हैं, तब अब हमें इसे रोकने के लिए प्रयास करने होंगे। इन दिये गये कुछ उपायों का पालन करके हम प्रदूषण की समस्या पर काबू कर सकते है।

1. कार पूलिंग

2. पटाखों को ना कहिये

3. रीसायकल/पुनरुयोग

4. अपने आस-पास की जगहों को साफ-सुथरा रखकर

5. कीटनाशको और उर्वरकों का सीमित उपयोग करके

6. पेड़ लगाकर

7. काम्पोस्ट का उपयोग किजिए

8. प्रकाश का अत्यधिक और जरुरत से ज्यादे उपयोग ना करके

9. रेडियोएक्टिव पदार्थों के उपयोग को लेकर कठोर नियम बनाकर

10. कड़े औद्योगिक नियम-कानून बनाकर

11. योजनापूर्ण निर्माण करके

प्रदूषण दिन-प्रतिदिन हमारे पर्यावरण को नष्ट करते जा रहा है। इसे रोकने के लिए हमें जरुरी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि हमारी इस पृथ्वी की खूबसूरती बरकरार रह सके। यदि अब भी हम इस समस्या का समाधान करने बजाए इसे अनदेखा करते रहेंगे, तो भविष्य में हमें इसके घातक परिणाम भुगतने होंगे।

FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – भारत का सबसे अधिक प्रदूषित राज्य राजधानी नई दिल्ली है।

उत्तर – भारत में सबसे कम प्रदूषित शहर मिजोरम का लुंगलेई शहर है।

उत्तर – विश्व का सबसे कम प्रदूषित देश डेनमार्क है।

उत्तर –जल प्रदूषण की मात्रा BOD (Biological Oxygen Demand) से मापी जाती है। 

उत्तर –भारत में प्रदूषण नियंत्रण “केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड” के अंतर्गत आता है।

Related Information:

प्रकृति संरक्षण पर निबंध

प्लास्टिक बैग पर क्यों प्रतिबंध लगना चाहिए पर निबंध

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

CollegeDekho

Frequently Search

Couldn’t find the answer? Post your query here

  • एजुकेशन आर्टिकल्स

प्रदूषण पर निबंध (Essay on Pollution in Hindi): हिंदी में प्रदूषण पर 200-500 शब्दों में निबंध

Updated On: June 13, 2024 05:34 pm IST

  • प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 500+ शब्दों में (Long Essay …
  • प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 250+ शब्दों में (Short Essay …

प्रदूषण पर निबंध 10 लाइन (Essay on Pollution 10 line)

प्रदूषण पर निबंध

प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 500+ शब्दों में (Long Essay on pollution in Hindi)

प्रस्तावना (introduction), प्रदूषण पर निबंध (essay on pollution in hindi) - प्रदूषण की वर्तमान स्थिति.

प्रदूषण हमारे जीवन के उन प्रमुख विषयों में से एक है, जो इस समय हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा व चिंता का विषय रहा है तथा 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इसके प्रभाव को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी इस समस्या के समाधान करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है।

इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीवित रहने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग आदि शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, मगर फिर भी उन्हें अभी एक लंबा रास्ता तय करना है। इन स्थानों की वायु गुणवत्ता खराब है और भूमि तथा जल प्रदूषण में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। अब समय आ गया है कि इन शहरों से प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए, यहाँ मौजूद प्रशासन एक ठोस रणनीति तैयार करके उसपर अमल करें।

प्रदूषण के कारण (Due to Pollution)

प्रदूषण होने के पीछे कई बड़े कारण हैं। ये वो कारण हैं जिसने प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या को जन्म दिया है। प्रदूषण ने प्रकृति और मानव जीवन में ज़हर के समान दूषित और जहरीले तत्वों को घोलकर हमें मौत के नज़दीक लाकर खड़ा कर दिया है। प्रदूषण के बड़े कारणों में निम्नलिखित कारण शामिल हैं, जैसे-

  • वनों को तेजी से काटना
  • कम वृक्षारोपण
  • बढ़ती जनसंख्या
  • बढ़ता औद्योगिकीकरण
  • प्रकृति के साथ छेड़छाड़
  • कारखाने, वाहन और मशीनें
  • वैज्ञानिक संसाधनों का अधिक उपयोग
  • कीटनाशकों का बढ़ता उपयोग
  • तेजी से बढ़ता शहरीकरण
  • प्राकृतिक संसाधनों की बढ़ती खपत

ये सभी वो कारण हैं जिन्होंने प्रदूषण को बढ़ावा दिया है। इनके अलावा न जाने और कितने ही ऐसे छोटे-बड़े कारण हैं जिनका अंदाज़ा लगा पाना मुश्किल है। एक सबसे गंभीर कारण है और वो है देश की बढ़ती हुई जनसंख्या। ये वो कारण है जिसकी वजह से तेजी से पेड़ों की कटाई की जा रही है, औद्योगिकीकरण को और तेज़ किया जा रहा, मशीनों के प्रयोग में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है, गांवों को धीरे-धीरे खत्म करके उन्हें शहर में बदला जा रहा है, लोग रोज़गार के लिए अपने गांवों को छोड़कर शहरों में जा रहे हैं, प्राकृतिक संसाधनों और खनिजों का उपयोग लोग असीमित मात्रा में कर रहे हैं जिस वजह से प्रदूषण का स्तर लगातर बढ़ता ही जा रहा है। पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए पेड़-पौधे सबसे अहम भूमिका अदा करते हैं लेकिन हम मानव जाति के लोग अपनी ज़रूरतों के लालच में इन्हें बढ़ी ही बेरहमी से खत्म कर रहे हैं।

प्रदूषण को रोकने में यूएनओ की भूमिका (UNO's role in Preventing Pollution)

संयुक्त राष्ट्र ने वायु प्रदूषण कम करने और सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के इरादे से  साझेदार संगठनों के साथ मिलकर सरकारों से ‘क्लीन एयर इनिशिएटिव’ से जुड़ने का आह्वान किया है। सितंबर में यूएन जलवायु शिखर वार्ता से पहले सरकारों से वायु की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की अपील की गई है ताकि नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा हो सके और 2030 तक जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण नीतियों में एकरूपता लाई जा सके। सरकार हर स्तर पर ‘Clean Air Initiative’ या ‘स्वच्छ वायु पहल’ में शामिल हो सकती है और कार्रवाई के लिए संकल्प ले सकती है। उदाहरण के तौर पर:

वायु की गुणवत्ता और जलवायु परिवर्तन की नीतियों को लागू करने से ताकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु गुणवत्ता के लिए निर्धारित मानक हासिल किए जा सकें।

ई-मोबिलिटी और टिकाऊ मोबिलिटी नीतियों और कारर्वाई को लागू करने से ताकि सड़क परिवहन के ज़रिए होने वाले उत्सर्जन में कमी लाई जा सके।

प्रगति पर नज़र रखना, अनुभवों और बेस्ट तरीक़ों को एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के ज़रिए साझा करना।

प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए प्रमुख कदम (Steps taken to Curb Pollution)

बसों में परियायंत्र फिल्ट्रेशन इकाइयों (Pariyayantra Filtration Units) की स्थापना: एक प्रायोगिक अध्ययन के हिस्से के रूप में 30 बसों की छतों पर परियायंत्र फिल्ट्रेशन इकाइयों को इनस्टॉल किया गया।

यातायात चौराहों पर ‘WAYU’ वायु शोधन इकाइयाँ: दिल्ली के प्रमुख यातायात चौराहों पर रणनीतिक रूप से कुल 54 ‘WAYU’ वायु शोधन इकाइयाँ स्थापित की गई हैं।

परिवेशी वायु प्रदूषण में कमी के लिये आयनीकरण तकनीक: इस तकनीक का उद्देश्य आयनीकरण प्रक्रियाओं के माध्यम से प्रदूषकों को निष्प्रभावी करना है जिससे लक्षित क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

इलेक्ट्रिक वाहन (EV) स्वायत्त प्रौद्योगिकी में प्रगति: EV-आधारित स्वायत्त वाहनों पर केंद्रित एक स्वायत्त नेविगेशन फाउंडेशन की स्थापना DST अंतःविषयक साइबर-भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on Interdisciplinary Cyber-Physical Systems- NM-ICPS) के तहत की गई थी।

प्रदूषण पर निबंध (Essay on pollution in Hindi)- प्रदूषण के प्रकार (Types of Pollution)

वायु प्रदूषण: वायु प्रदूषण मुख्य रूप से वाहनों से गैस के उत्सर्जन के कारण होता है। बेहद ही हानिकारक गैस कारखानों और उद्योगों में उप-उत्पाद के रूप में उत्पादित होती हैं, प्लास्टिक और पत्तियों जैसे जहरीले पदार्थों को खुले में जलाने से, वाहनों के एग्जॉस्ट से, रेफ्रीजरशन उद्योग में उपयोग किए जाने वाले सीएफ़सी से वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है।

हाल के दशक में बेहतर आय की वजह से भारत में सड़कों पर वाहनों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी गई है। ये सल्फर डाइऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों को फैलाने के लिए भी जिम्मेदार हैं। ये गैसें पृथ्वी के वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा को कम करने के लिए जिम्मेदार हैं। इनकी वजह से सांस लेने की कई समस्याएं, श्वसन रोग, कई प्रकार के कैंसर आदि जैसी बीमारियाँ तेजी से पनप रही हैं। ध्वनि प्रदूषण: वायु प्रदूषण में योगदान देने के अलावा, भारतीय सड़कों पर बड़ी संख्या में मौजूद वाहन, ध्वनि प्रदूषण में भी भरपूर योगदान देते हैं। यह उन लोगों के लिए खतरनाक है जो शहरी क्षेत्रों में या राजमार्गों के पास रहते हैं। यह लोगों में चिंता और तनाव जैसे संबंधित मुद्दों का कारण बनता है। ध्वनि प्रदूषण दो प्रकार से होता है- प्राकृतिक स्रोतों से तथा मानवीय क्रियाओं से। 1. प्राकृति स्रोतों से - बादलों की बिजली की गर्जन से, अधिक तेज वर्षा, आँधी, ओला, वृष्टि आदि से शोर गुल अधिक होता है। 2. मानवीय क्रियाओं द्वारा - शहरी क्षेत्रों में स्वचालित वाहनों, कारखानों, मिलों, रेलगाड़ी, वायुयान, लाउडस्पीकार, रेडियों, दूरदर्शन, बैडबाजा, धार्मिक पर्व, विवाह उत्साह, चुनाव अभियान, आन्दोलन कूलर, कुकर आदि से ध्वनि प्रदूषण होता है।

जल प्रदूषण: जल प्रदूषण आजकल मनुष्यों के सामने मौजूद सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। सीवेज अपशिष्ट, उद्योगों या कारखानों आदि के कचरे को सीधे नहरों, नदियों और समुद्रों जैसे जल निकायों में डाला जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप समुद्री जीव जंतुओं के आवास का नुकसान हो रहा है और जल निकायों में घुली ऑक्सीजन का स्तर भी घट रहा है। पीने योग्य पानी की कमी जल प्रदूषण का एक बड़ा दुष्प्रभाव है। लोग प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं जिससे हैजा, डायरिया, पेचिश आदि रोग होने का खतरा बना रहता है।

भूमि प्रदूषण: भारतीय आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है। इस काम के लिए, किसान बहुत सारे शाकनाशी, उर्वरक, कवकनाशी और अन्य समान प्रकार के रासायनिक यौगिकों का उपयोग करते हैं। इनके इस्तेमाल से मिट्टी दूषित होती है और इससे मिट्टी आगे फसल उगाने लायक नहीं रह जाती। इसके अलावा, अगर अधिकारी जमीन पर पड़े औद्योगिक या घरेलू कचरे को डंप नहीं करते हैं, तो यह भी मिट्टी के प्रदूषण में बड़ा योगदान देता है। इसकी वजह से मच्छरों के प्रजनन में वृद्धि होती है, जो डेंगू जैसी कई जानलेवा बीमारियों का कारण बनता है। प्रकाश प्रदूषण: बढ़ती बिजली की जरुरत और काम के लिए बढ़ती प्रकाश की जरुरत भी प्रकाश प्रदुषण कारण है। बढ़ती गाड़ियों के कारण हाई वोल्ट के बल्ब का इस्तेमाल, किसी कार्यक्रम में जरुरत से ज्यादा डेकोरेशन करना, एक कमरे में अधिक बल्ब को लगाना आदि भी प्रदूषण के कारण है। रेडियोएक्टिव प्रदूषण: ठोस, तरल या गैसीय पदार्थ में जहाँ अनायास या अवांछनीय रेडियोधर्मी पदार्थ की उपस्थिति होती है, उसे रेडियोएक्टिव प्रदूषण कहते हैं। इसका प्रभाव पर्यावरण, जीव जन्तुओं और मनुष्यों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। थर्मल प्रदूषण: ओधोगिकी के कारण थर्मल प्रदूषण फैलता है। पेट्रोलियम रिफाइनरी, पेपर मील्स, शुगर मील्स, स्टील प्लांट्स जैसे ओधोगिकी पानी का इस्तेमाल करते हैं। या तो उस पानी को गर्म किया जाता है या उपकरणो को ठंडा करने केलिए इस्तेमाल किया जाता है। और फिर उस पानी को नदी में बहा दिया जाता है। इससे पानी की तापमान में वृद्धि होती है और पानी प्रदूषित होता है और इसमें थर्मल पावर प्लांट के कारण भी पानी प्रदूषित होता है। दृश्य प्रदूषण: दृश्य प्रदूषण मनुष्यों के देखने वाले क्षेत्रों में नकारात्मक बदलाव करने पर होते हैं। जैसे हरे भरे पेड़ पौधों को काट देना, मोबाइल आदि के टावर लगा देना। बिजली के खम्बे, सड़क आदि स्थानों में बिखरे कचरे आदि इस श्रेणी में आते हैं। यह एक तरह के बनावट के कारण भी होता है, जिसे बिना पर्यावरण आदि को देखे ही बना दिया जाता है। जैसे किसी स्थान पर केवल इमारत, मकान आदि का होना।

प्रदूषण पर निबंध (Pradushan Par Nibandh) - प्रदूषण पर प्रतिबंध लगाने के विभिन्न तरीके

  • वाहनों का प्रयोग सीमित करें: वाहन प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। वाहनों का प्रयोग कम से कम करें। यदि संभव हो, तो उन्हें व्यक्तिगत उपयोग के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलने का प्रयास करें। आने-जाने के लिए ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करें।
  • अपने आस-पास साफ-सफाई रखें: एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्तव्य होना चाहिए कि हम अपने घर के आस-पास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखें। हमें कचड़ा इधर-उधर फेंकने की बजाय कूड़ेदान में फेकना चाहिए।
  • पेड़ लगाएं: कई कारणों से पेड़ों की कटाई जैसे सड़कों का चौड़ीकरण, घर बनाना आदि के कारण विभिन्न प्रकार के प्रदूषण में वृद्धि हुई है। पौधे वातावरण में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड आदि जैसे हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं। चूंकि वे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन छोड़ते हैं, इसलिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाएं और उनकी देखभाल करें।
  • पटाखों का इस्तेमाल बंद करें: जब आप दशहरा, दिवाली या किसी अन्य अवसर पर त्योहार मनाते हैं, तो पटाखों का इस्तेमाल ना करें। यह ध्वनि, मिट्टी के साथ-साथ प्रकाश प्रदूषण का कारण बनता है। साथ ही इसका हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
  • प्रदूषण को कम करने के लिए हमें अपने गांवों को बचाकर रखना होगा, वहाँ की हरियाली को खत्म होने से रोकना होगा और शुद्ध हवा और पानी को दूषित होने से बचाना होगा। इन छोटे-छोटे प्रयासों से ही हम प्रदूषण को खत्म करने के अपने सपने को पूरा कर सकेंगे।

निष्कर्ष (Conclusion)

उपरोक्त सभी बातों को पढ़कर हम निष्कर्ष के तौर पर यह कह सकते हैं कि पर्यावरण को दूषित होने से रोकने के लिए हमें मिलकर छोटे-छोटे प्रयास करने की ज़रूरत है, तभी देश में कोई बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। हमेशा किसी बड़े बदलाव की शुरुआत एक छोटे रूप में ही होती है। प्रकृति को कुदरत और ईश्वर दोनों ने ही मिलकर इस उम्मीद से रचा है कि हम मनुष्य उसके साथ बिना कुछ गलत किए उसकी हमेशा रक्षा करेंगे और उसकी शुद्धता, सुंदरता और नवीनता को बरकरार रखेंगे। इसलिए आइये मिलकर शुरुआत करें और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में सहयोग करें।

प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 250+ शब्दों में (Short Essay on pollution in Hindi)

प्रदूषण पर निबंध (Essay on pollution in Hindi)- हम सभी इस बात को लेकर चिंचित हैं कि हमारे देश में प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है। प्रदूषण की समस्या बड़े शहरों में ज़्यादा बढ़ गई है। शहरों में निवास कर रहे लोगों पर प्रदूषण इस कदर हावी हो चुका है कि अब वह उनके स्वास्थ्य को भी खराब करने लगा है। इसीलिए शहरो में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब वहाँ के लोगों में प्रदूषण के प्रति जागरूकता फैलाना बेहद ज़रूरी हो गया है। प्रदूषण से न सिर्फ मनुष्यों को बल्कि सभी प्राकृतिक चीज़ें जैसे पेड़-पौधे, जानवर, हवा, पानी, मिट्टी, खाने-पीने की चीज़ें आदि सभी को हानि पहुँच रही है। जो प्राकृतिक घटनाएँ, आपदाएँ, महामारियाँ आदि समय-समय पर अपना प्रकोप दिखाती हैं, उसके लिए भी प्रदूषण को ही जिम्मेदार ठहरना गलत नही होगा।

शहरों में प्रदूषण

वाहन परिवहन के कारण शहरों में प्रदूषण की दर गांवों की तुलना में अधिक है। कारखानों और उद्योगों के धुएं शहरों में स्वच्छ हवा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं और इसे सांस लेने के लायक नहीं बनाते हैं। बड़ी सीवेज प्रणाली से गंदे पानी, घरों से निकलने वाला कचरा, कारखानों और उद्योगों के उत्पादों द्वारा नदियों, झीलों और समुद्रों में पानी को विषाक्त और अम्लीय बना दिया जाता है।

गांवों में प्रदूषण

हालाँकि शहरों की तुलना में गाँवों में प्रदूषण की दर कम है, लेकिन तेजी से हो रहे शहरीकरण के परिणामस्वरूप गाँवों का स्वच्छ वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है। कीटनाशकों और उर्वरकों के परिवहन और उपयोग में वृद्धि ने गाँवों में हवा और मिट्टी की गुणवत्ता को अत्यधिक प्रभावित किया है। इसने भूजल के दूषित होने से विभिन्न बीमारियों को जन्म दिया है।

प्रदूषण की रोकथाम

शहरों और गांवों में प्रदूषण को केवल लोगों में सामाजिक जागरूकता बढ़ाने से रोका जा सकता है। प्रदूषण कम करने के लिए वाहन के उपयोग को कम करने, अधिक पेड़ लगाने, उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को सीमित करने, औद्योगिक कचरे का उचित निपटान आदि जैसी पहल की जा सकती हैं। सरकार को हमारे ग्रह को प्रदूषण के खतरों से बचाने के लिए प्लास्टिक और पॉलिथीन के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए।

  • आजकल बढ़ती आधुनिकता के कारण प्रदूषण की मात्रा अत्यधिक बढ गई है।
  • पेड़-पौधों के काटे जाने से या नष्ट कर देने से स्वच्छ वायु नहीं मिल पाती जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।
  • घर से निकलने वाले कूड़े कचरे को नदियों में बहा देने से भी जल प्रदूषण काफी ज्यादा बढ़ गया है।
  • जगह-जगह कूड़ा कचरा फेंकने से प्रकृति दूषित होती जा रही है।
  • बढ़ते प्रदूषण के कारण वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड जेैसी जहरीली गैसों की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है।
  • कारखानों के अधिक विकास के कारण वायु प्रदूषण की काफी मात्रा बढ़ गई है जिसके कारण आम लोग परेशान है।
  • बढ़ते प्रदूषण के कारण कई प्रकार की बीमारियां पैदा हो रही है जिनका इलाज कर पाना मुश्किल हो रहा है।
  • हमारे देश में रोजाना करोड़ों टन कूड़ा करकट निकलता है जो कि प्रदूषण का कारण बनता है।
  • जल प्रदूषण के कारण समुद्री जीवो पर भी प्रदूषण का प्रभाव देखने को मिल रहा है।
  • बढ़ते उद्योग धंधे नदियों में अपने दूषित जल को छोड़ते हैं जिससे जल प्रदूषण बढ़ रहा है।

निबंध संबधित आर्टिकल्स पढ़ें-

Are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard?

Say goodbye to confusion and hello to a bright future!

क्या यह लेख सहायक था ?

सबसे पहले जाने.

लेटेस्ट अपडेट प्राप्त करें

क्या आपके कोई सवाल हैं? हमसे पूछें.

24-48 घंटों के बीच सामान्य प्रतिक्रिया

व्यक्तिगत प्रतिक्रिया प्राप्त करें

बिना किसी मूल्य के

समुदाय तक पहुंचे

समरूप आर्टिकल्स

  • यूजीसी नेट 2024 परीक्षा (UGC NET 2024 Exam): एग्जाम दिन के लिए गाइडलाइन और आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट
  • बीएड एंट्रेंस एग्जाम 2024 लिस्ट (B.Ed Entrance Exams 2024 List in Hindi): डेट, एप्लीकेशन फॉर्म, एलिजिबिलिटी और सिलेबस देखें
  • बिहार बीएड सीईटी 2024 अपेक्षित कटऑफ (Expected Cutoff for Bihar B.Ed CET 2024 in Hindi): पिछले वर्षों के कटऑफ रुझान यहां जाचें
  • बी.कॉम के बाद बी.एड (B.Ed after B.Com) - सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन, शुल्क, एप्लीकेशन फॉर्म, टॉप कॉलेज यहां देखें
  • हरियाणा बीएड एडमिशन 2024 (Haryana B.Ed Admission 2024): एप्लीकेशन फॉर्म, पात्रता मानदंड, मेरिट लिस्ट, काउंसलिंग प्रक्रिया और सीट आवंटन
  • गुरुग्राम विश्वविद्यालय बी.एड एडमिशन 2024 (Gurugram University B.Ed Admission 2024): एप्लीकेशन फॉर्म, सीट आवंटन, शुल्क और कॉलेज

नवीनतम आर्टिकल्स

  • बी.एड एडमिशन 2024 के लिए टॉप प्राइवेट यूनिवर्सिटी (Top Private Universities for B.Ed Admissions 2024 in India): कॉलेजों की लिस्ट देखें
  • झारखंड बीएड एंट्रेंस एग्जाम 2024 (B.Ed Entrance Exam 2024 List in Jharkhand) - एडमिट कार्ड, एग्जाम डेट, आंसर की, रिजल्ट
  • दिल्ली विश्वविद्यालय के बी.एड कॉलेज (Delhi University B.Ed Colleges): एडमिशन तारीखें, एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया, फीस और कोर्स
  • कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी बीएड एडमिशन 2024 (Kurukshetra University B.Ed Admission 2024): तारीखें, एप्लीकेशन फॉर्म, एलिजिबिलिटी, मेरिट लिस्ट, सीट अलॉटमेंट, फीस, एफिलेट बी.एड. कालेज जानें
  • भारत में बी.एड स्पेलाइजेशन की लिस्ट (List of B.Ed Specialisations in India)
  • झारखंड बीएड एडमिशन 2024 (Jharkhand B.Ed Admission 2024): डेट, रजिस्ट्रेशन, फॉर्म सुधार, पात्रता, मेरिट लिस्ट, सीट आवंटन
  • जादवपुर विश्वविद्यालय बीएड एडमिशन 2024 (Jadavpur University B.Ed Admission 2024) - तारीख, एप्लीकेशन फॉर्म, पात्रता, मेरिट लिस्ट देखें
  • 30 दिनों में यूपी बीएड एंट्रेंस एग्जाम 2024 की तैयारी कैसे करें? (Preparations of UP B.Ed. JEE 2024 in 30 Days)
  • एमपी प्री बीएड परीक्षा 2024 (MP Pre B.Ed Exam 2024): तारीखें, एप्लीकेशन फॉर्म, पात्रता, पैटर्न और सिलेबस यहां देखें
  • बीएड डिसटेंस एजुकेशन एडमिशन प्रोसेस 2024 (B.Ed Distance Education Admission Process 2024): एलिजिबिलिटी, शुल्क, तारीखें, टॉप कॉलेज यहां देखें
  • बिहार बी.एड सीईटी 2024 इम्पोर्टेन्ट टॉपिक (Bihar B.Ed CET 2024 Important Topics in Hindi)
  • बीएड एडमिशन 2024 (B.Ed Admission 2024): आवेदन तारीख, पात्रता, चयन प्रक्रिया और टॉप कॉलेज
  • बी.एड के बाद करियर विकल्प (Career Options after B.Ed): बी.एड. के बाद स्कोप, जॉब प्रोफाइल और कोर्स
  • इग्नू बीएड एडमिशन 2024 (IGNOU B.Ed Admission 2024): एप्लीकेशन फॉर्म जारी, एडमिशन और चयन प्रक्रिया जानें
  • बीएड एंट्रेंस एग्जाम सिलेबस 2024 (B.Ed Entrance Exam Syllabus 2024 in Hindi)
  • बिहार बीएड एडमिशन 2024 (Bihar B.Ed Admission 2024): एग्जाम डेट, पात्रता, आवेदन, चयन प्रक्रिया, टॉप कॉलेज
  • बीएड कॉमर्स 2024 में कॉमर्स विषयों की लिस्ट (List of Commerce Subjects in B.Ed Commerce 2024) - एडमिशन प्रक्रिया, एप्लीकेशन फॉर्म, एलिजिबिलिटी, टॉप कॉलेज
  • सीटेट पास टीचर की सैलरी (CTET Qualified Teachers Salary): प्राइमरी टीचर की सैलरी पैकेज डिटेल जानें
  • सीटीईटी सर्टिफिकेट 2024 (CTET Certificate 2024): वैधता, प्राप्त करने के स्टेप्स, आवश्यक डाक्यूमेंट
  • सीटीईटी एग्जाम 2024 के बाद करियर के अवसर (Career Opportunities After CTET Exam 2024): नौकरियां, वेतनमान, शिक्षण पद जानें
  • सीटेट पासिंग मार्क्स 2024 (CTET Passing marks 2024): जनरल, ओबीसी, एससी, एसटी क्वालीफाइंग मार्क्स चेक करें
  • सीटेट 2024 ऑफलाइन टेस्ट निर्देश (CTET 2024 Offline Test Instructions in Hindi): दिशानिर्देश और प्रक्रिया यहां देखें
  • सीटेट पेपर 1 (CTET Paper 1): वेटेज और प्रश्नों के प्रकार, प्रिपरेशन टिप्स यहां चेक करें
  • सीटीईटी ओएमआर शीट 2024 (CTET OMR Sheet 2024): इंस्ट्रक्शंस, स्कोर कैलकुलेशन और सैंपल

नवीनतम समाचार

  • NTA ने पुनः एग्जाम के लिए नीट एडमिट कार्ड 2024 जारी किया

ट्रेंडिंग न्यूज़

सीयूईटी 2024 रिजर्वेशन पॉलिसी (CUET 2024 Reservation Policy): आरक्षण कोटा और सीटों का वितरण

Subscribe to CollegeDekho News

  • Select Program Type UG PG Diploma Ph.D Certificate

Top 10 Education Colleges in India

  • Approved by: UGC, NAAC, National Assessment and Accreditation Council (NAAC)
  • Type: Private Aided
  • Download Brochure
  • Approved by: ISO, NAAC, AICTE
  • Type: Private UnAided
  • Get Free Counselling
  • Approved by: UGC, NAAC
  • Type: Public
  • Type: Private
  • Approved by: Bar Council of India, AIU, NCTE, Pharmacy Council of India, NABL, IAP, UGC-AICTE-DEC ( Joint committee), ICAR, Indian Association of Physiotherapists, NCTE, ACU, UGC, ACBSP, NAAC, COA, National Assessment and Accreditation Council (NAAC), IAU, Punjab State Council For Agricultural Education (PSCAE), Institute Of Town Planners, ITPI
  • Approved by: UGC, National Assessment and Accreditation Council (NAAC)
  • Type: Government
  • Approved by: UGC, AIU, ISO, RCI, ICAR, NCTE, ACU, BCI, PCI
  • Approved by: UGC, AICTE, BCI, AIU, NCTE, NAAC

Popular Degrees

  • B.Ed. (Bachelor of Education)
  • M.Ed. (Master of Education)
  • B.Ed. + M.Ed.

कॉलेजदेखो के विशेषज्ञ आपकी सभी शंकाओं में आपकी मदद कर सकते हैं

  • Enter a Valid Name
  • Enter a Valid Mobile
  • Enter a Valid Email
  • Select Level UG PG Diploma Ph.D Certificate
  • By proceeding ahead you expressly agree to the CollegeDekho terms of use and privacy policy

शामिल हों और विशेष शिक्षा अपडेट प्राप्त करें !

Details Saved

essay on pollution in hindi in simple language

Your College Admissions journey has just begun !

Try our AI-powered College Finder. Feed in your preferences, let the AI match them against millions of data points & voila! you get what you are looking for, saving you hours of research & also earn rewards

For every question answered, you get a REWARD POINT that can be used as a DISCOUNT in your CAF fee. Isn’t that great?

1 Reward Point = 1 Rupee

Basis your Preference we have build your recommendation.

Easy Hindi

केंद्र एव राज्य की सरकारी योजनाओं की जानकारी in Hindi

प्रदूषण पर निबंध | Essay On Pollution in Hindi | Pradushan Par Nibandh, 10 Lines

Essay On Pollution in Hindi

प्रदूषण पर निबंध हिंदी में | Essay on Pollution in Hindi : वर्तमान समय में प्रदूषण से पूरे विश्व के लोग परेशान है एवं इससे होने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करते हैं इन समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए विश्व के सभी देश कई सारे उपाय का व्यवस्था कर रहे हैं |

जिससे प्रदूषण पर रोक लगाया जा सके विभिन्न देशों की तरह हमारा देश भी प्रदूषण समस्या से मुक्ति पाने के लिए कई सारे उपाय कर रहे हैं सबसे पहले हम जानेंगे प्रदूषण क्या होता है

साथ ही साथ साथ प्रदूषण के प्रकार  इससे होने वाले प्रभाव एवं इसके रोकथाम से संबंधित जानकारी को इस आर्टिकल में मैं आप लोगों को दूंगा एवं प्रदूषण पर निबंध लिखने की प्रक्रिया के बारे में बताएंगे इसलिए आप लोगों से निवेदन है कि हमारी इस आर्टिकल को पूरा अंत तक पढ़े-

प्रदूषण पर निबंध (300 शब्द) Pradushan Par Nibandh

कुछ वर्ष पहले जब हम लोग अपने किसी परिवार के घर जाते थे तो वहां चारों तरफ हरियाली, एवं पेड़ पौधे एवं चिड़ियों का आवाज करना यह सारी चीज देखने को मिलती थी और मैदाने में एवं बगीचों में हम लोग खेलते थे वर्तमान समय में यह सब सारी चीज देखने को बहुत कम मिलती है

इस तरह के दृश्य अभी के बच्चों के लिए सपना ही हो गया पर्यावरण का निर्माण पेड़ पौधे जीव जंतु, पशु पक्षी, मनुष्य, जल, हवा, भूमि आदि  मिलकर होता है  इन सभी का पर्यावरण में एक महत्वपूर्ण स्थान है

प्रदूषण का प्रभाव

प्रदूषण का पृथ्वी के प्रत्येक वर्ग जीव जंतु मनुष्य एवं हर एक प्राणी पर हानिकारक प्रभाव होता है वातावरण में प्रदूषण होने के कारण मानव शरीर को विभिन्न तरीकों से हानिकारक प्रभाव करता है पर्यावरण में बढ़ती प्रदूषण के कारण मनुष्य का शरीर विभिन्न रोगों का शिकार हो रहा है बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी वर्ग इस प्रदूषण के प्रभाव के  चपेट में है

प्रदूषण के कारण हवा पानी भूमि सभी प्रदूषित हो गए हैं जिसके कारण हम लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मिल पाता है और यह दूषित पानी पीने से हमें कई तरह के रोग होते हैं

विभिन्न प्रकार के कल कारखानों से रासायनिक धुएं निकलती है जो हवा के साथ मिल  जाती है और जब हम लोग सांस लेते हैं तब वही हवा हमारे शरीर में हृदय रूपी रोग उत्पन्न करती है

हम लोग के द्वारा जगह-जगह कचरा फेंकी जाती है जिसके कारण मच्छर एवं मक्खियों का जन्म होता है और जिनके काटने से हमें कई प्रकार के रोग होते हैं

अगर हम लोगों को अपने भविष्य के पीढ़ी के जीवन को सुरक्षित करना है तो उन्हें एक स्वच्छ पर्यावरण देना होगा इसके लिए हम लोगों को प्रकृति के द्वारा दिए गए संसाधनों का सही उपयोग करना होगा प्रदूषण पर नियंत्रण करना या हमारे देश के नहीं बल्कि पूरे पृथ्वी हे लोगो की कार्य है ताकि पृथ्वी पर आने वाले पीढ़ी आरामदायक जीवन यापन कर सके |

प्रदूषण पर निबंध (500 शब्द) | Essay on Pollution in Hindi

सौरमंडल में कई प्रकार की ग्रह उपलब्ध होते हैं लेकिन पृथ्वी एक ऐसा ग्रह है जिसमें हवा मिट्टी पानी जैसी प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध होते हैं इनका खराब तरीके से उपयोग करने का मतलब अपने जीवन को खतरे में डालने के बराबर है दिन प्रतिदिन प्रदूषण की मात्रा बढ़ती ही जा रही है अर्थात आपको अगर प्रदूषण पर कंट्रोल करना होगा तो सभी मनुष्य को एक साथ मिलकर अपना योगदान देना होगा

प्रदूषण पर्यावरण के कारण

प्रदूषण पर्यावरण के कुछ मुख्य कारण नीचे दिए गए हैं इसको अपने ध्यानपूर्वक पढ़े:-

1- आधुनिकीकरण : वर्तमान समय में दिन प्रतिदिन आधुनिकीकरण बड़ी तेजी के साथ हो रहा है लेकिन इसके नकारात्मक प्रभाव हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है

2- वनों की कटाई : वर्तमान समय में वनों की कटाई बड़ी तेजी के साथ हो रही है इसका मुख्य कारण है जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिसके कारण पेड़ पौधों की कमी दिन पर दिन होती जा रही है और पेड़ पौधे ही पर्यावरण को शुद्ध करते हैं क्योंकि पेड़ के पर्यावरण में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है और ऑक्सीजन  को  निकलते  हैं

3- प्राकृतिक कारण : कभी-कभी  पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदाएँ होती है जैसे कि मलाशय, बाढ़, भूकंप आदि| इन सभी आपदाओं के कारण प्रदूषण बढ़ता है इन आपदाओं के कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, आदि होते हैं

4- परिवहन विस्तार : वर्तमान समय आप लोग देख रहे होंगे कि परिवहन का विस्तार जल मार्ग वायु मार्ग सड़क मार्ग तीनों मार्गो में भारी मात्रा में हुआ है जिसके कारण इन परिवारों के द्वारा जो धुएं निकलते हैं उन दिनों से हमारा वायु प्रदूषण होता है और यह प्रक्रिया दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिसके कारण हम लोग के सामने एक बहुत बड़ा संकट पर्यावरण प्रदूषण उत्पन्न हुआ है

पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उपाय अथवा सुझाव

पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उपाय अथवा सुझाव कुछ इस प्रकार है जिसके द्वारा आप लोग पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में कुछ हद तक सफल रहेंगे जो निम्न है:-

●  जंगलों के कटाई पर रोक लगनी चाहिए

●  गंदी बस्तियों पर रोक लगनी चाहिए उचित आवास का व्यवस्था कर देनी चाहिए

●  वृक्षारोपण के लिए लोगों के अंदर जागरूकता पैदा करना होगा

●  पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार के नियम लागू करनी चाहिए

●  पर्यावरण संबंधित शिक्षा स्कूलों में आरंभ करनी चाहिए

● साइकिल को प्राथमिकता देनी चाहिए

● खेतों में  रासायनिक खादो का उपयोग  काम करके जैविक खेती   को बढ़ावा देना चाहिए

पर्यावरण प्रदूषण का भविष्य पर प्रभाव

पर्यावरण प्रदूषण का प्रभाव हमारे जीवन में काफी घातक हो सकते हैं पर्यावरण प्रदूषित होने से हमें सांस लेने में समस्या होगी जिसके लिए हम लोगों को प्रत्येक व्यक्ति को हमेशा अपने साथ ऑक्सीजन किट लेकर घूमना पड़ेगा स्वच्छ पानी पीने के लिए हमें भारी मात्रा में इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी

इसके अलावा मनुष्य का जीवन काल कम हो जाएगा और साथ ही साथ कई खतरनाक बीमारियों का शिकार भी हो जाएंगे हमें अपने जीवन यापन करने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा

पर्यावरण में बढ़ता प्रदूषण किसी देश विशेष की समस्या नहीं है बल्कि यह पूरे विश्व की समस्या है वर्तमान समय में नए-नए आधुनिकीकरण के कारण हमें तो आराम एवं आनंददायक महसूस होता है लेकिन दूसरी तरफ इसका प्रभाव काफी खतरनाक है क्योंकि इसके द्वारा हमारा परिवार में प्रदूषण बढ़ते जा रहे हैं इसलिए हम सभी को मिलकर इस पर्यावरण में प्रदूषण को रोकने के लिए उचित कदम उठानी होगी

प्रदूषण पर  हिंदी निबंध (750 शब्द) | Hindi Essay On Pollution

प्रकृति के द्वारा हम लोगों को कई तरह के संसाधन प्राप्त हुए हैं जैसे  इनमें पेड़ पौधे,वायु, जल, नदिया, पहाड़ ,जंगल, पशु पक्षी, जीव जंतु, आदि आते हैं  इन सभी संसाधनों का सुरक्षा करना हम लोगों का यानी मनुष्य का कर्तव्य है हम लोग इन प्राकृतिक संसाधनों के साथ जैसा व्यवहार करेंगे वैसा फल मिलेगा अगर हम लोग इन प्राकृतिक संसाधनों के साथ खराब व्यवहार करेंगे तो प्रदूषण बढ़ेगा और इस पृथ्वी पर निवास कर रहे हैं प्रत्येक वर्ग के लोगों को इसका भुगतान करना पड़ेगा

प्राकृतिक आपदाओं एवं घटनाओं एवं महामारियों के लिए मनुष्य ही जिम्मेदार है क्योंकि यह सारी चीज प्रदूषण के कारण होती है उदाहरण के लिए मैं आप लोगों को कोरोना जैसी महामारी बीमारी का उदाहरण लेते हैं जब हमारे देश में कोरोना का संकट था तब उसे समय हमारे देश की  सभी फैक्ट्री ,कल कारखाने ,यातायात के साधन अर्थात वाहन, बंद थी तब उसे समय हमारे देश का प्रदूषण काफी हद तक कम हो गया था अर्थात हम कह सकते हैं अगर हम प्राकृतिक संसाधनों का सुरक्षा करेंगे तभी प्राकृतिक संसाधन हमारी सुरक्षा करेगी

प्रदूषण क्या है ? What is Pollution

प्रदूषण क्या है मैं आप लोगों को सरल भाषा में बताता हूं कि जब हमारे प्राकृतिक संसाधनों में जैसे हवा पानी मिट्टी मैं कुछ खराब तत्व मिलकर उसे दूषित कर देते हैं  और इसका प्रभाव पेड़ पौधे जीव जंतु एवं मनुष्य आदि प्राकृतिक संसाधन  के  स्वास्थ्य पर खराब प्रभाव पड़ता है तो उसी को प्रदूषण कहते हैं प्रदूषण एक गंभीर समस्या मानव जीवन के लिए खड़ी कर सकती है

अर्थात यह हम लोग का कर्तव्य है कि प्राकृतिक संसाधनों का सुरक्षा करना है  हम लोग के द्वारा किए गए जाने अनजाने में प्राकृतिक संसाधनों के साथ छेड़छाड़ को  सुधार करना पड़ेगा ताकि प्रदूषण के समस्या से हमें काफी राहत प्रदान हो पेड़ पौधे को ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना होगा क्योंकि हम लोगों के द्वारा बीते कुछ वर्षों में पेड़ पौधे के कटनी और जंगलों की सफाई ज्यादा हुई है इसी तरह और भी कोई उपाय है जिसके द्वारा हम प्रदूषण को कंट्रोल कर सकते हैं

प्रदूषण के कारण

हमारी पृथ्वी पर प्रदूषण होने के कई कारण होते हैं इन्हीं कारणो  के कारण प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न हुई है यह प्रदूषण होने के कुछ बड़े कारण निम्नलिखित है जैसे:-

●  कम वृक्षारोपण

●   जंगल को  तेजी से काटना

●  प्रकृति के साथ छेड़छाड़

●  कल कारखाने ,वाहन एवं मशीनों के कारण

●  कीटनाशक दवाइयां का बढ़ता उपयोग

●  तेजी से बढ़ रहा है शहरीकरण

●  बढ़ती जनसंख्या

● वैज्ञानिक संसाधनों का अधिक उपयोग

●  बढ़ता औद्योगिकरण

 ऊपर दिए गए करण के द्वारा प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है इसके अलावा भी कई छोटे-छोटे कारण है जो हमारे प्रदूषण को बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाते हैं |

इन प्रमुख निबंधों को भी पढ़ें:-

1.
2.
3.
4.
5.
6.
7.

प्रदूषण के प्रकार

प्रदूषण कई प्रकारों में होते हैं इनमें से कुछ प्रकारों के द्वारा बीते कुछ वर्षों में प्रदूषण काफी ज्यादा बढ़ गया है तो लिए मैं आप लोगों को प्रदूषण के प्रकार  के बारे में संक्षेप में निम्न रूप से बता रहा हूं  जो इस प्रकार के हैं:-

वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण को प्रदूषण के प्रकारों में से सबसे खतरनाक प्रकार माना जाता है प्रदूषण का मुख्य कारण हमारे उद्योग धंधे एवं वाहनों के द्वारा जो धुआं निकलता है वह सीधे हवा में में घुल कर हमारे सेहत पर सीधा प्रभाव करता है दिन प्रतिदिन उद्योग धंधे एवं वाहनों ने वायु में प्रदूषण को काफी वृद्धि कर दी है वायु प्रदूषण के कारण लोगों के दिल एवं फेफड़े संबंधित कई प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं

उद्योग धंधों एवं घरों से जो कचरा निकालते हैं वह नदी एवं पानी के  अन्य श्रोताओं में मिल जाते हैं जिससे जल प्रदूषण हो जाता है पहले हमारी नदियां साफ़-सूत्री एवं पवित्र मानी जाती थी लेकिन वर्तमान समय में इन नदियों में विभिन्न कल कारखानों का गंदा पानी एवं कचरा कूड़ा करकट एवं रासायनिक कचरा प्लास्टिक के पदार्थ पानी में घुल जाना यह जल प्रदूषण को बढ़ावा देता है

भूमि प्रदूषण

जो कचरा कल कारखाने एवं घरेलू माध्यम से निकलते हैं वह पानी में पूरी तरह से घुल नहीं पाते हैं और वह  जमीन के ऊपर फैला रहता है जबकि सरकार के द्वारा इनका पुनः दोबारा उपयोग एवं रीसायकल करने की व्यवस्था की जाती है लेकिन इसमें कोई खास सफलता प्राप्त नहीं होता हैं इस कारण इन चीजों के कारण भूमि प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है

इसलिए इस भूमि प्रदूषण के कारण मच्छर मक्खियों विभिन्न प्रकार के कीट पतंग का जन्म होता है जो मनुष्य एवं अन्य जीव जंतुओं के लिए बीमारी का कारण बनता है इस कारण इन चीजों के कारण भूमि प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है

ध्वनि प्रदूषण

ध्वनि प्रदूषण का मतलब कल कारखानों में होने वाली तेज आवाज से होता है अर्थात इन कल कारखानों में तरह-तरह के मशीनों की तरह-तरह की आवाज़ के तेजी के साथ  निकलती है जिससे ध्वनि प्रदूषण होता है इसके अलावा भी हमारे रास्ते में जो वाहन चलाते हैं उनके द्वारा जो आवाज निकलती है,  एवं पटाखों के  फूटने से, एवं लाउडस्पीकर के द्वारा जो आवाज निकलती है, इन सब के द्वारा भी ध्वनि प्रदूषण होता है ध्वनि प्रदूषण मनुष्य के दिमाग पर प्रभाव डालता है जिसके कारण मनुष्य मानसिक रूपी रोग से ग्रसित हो जाता है साथ ही साथ सुनने की क्षमता भी काम हो जाती है

प्रदूषण से हानियां

प्रदूषण से कई प्रकार की हानियां होती है जैसे जल अगरअगर प्रदूषित हो जाए तो तो जल प्रदूषण हो जाता है अर्थात इसके जल को पीने से हमें कई प्रकार के रोग हो सकते हैं एवं प्रदूषित हवा हो जाए तो हमें सांस लेने में तकलीफों का सामना करना पड़ेगा एवं अगर भूमि प्रदूषित हो जाए तो  विभिन्न प्रकार के मच्छर एवं मक्खी का जन्म होगा जो हमारे लिए हानिकारक हो सकते हैं क्योंकि इनके काटने से हम लोग बीमार ग्रसित हो सकते हैं ध्वनि प्रदूषण से मनुष्य मानसिक रूप से कमजोर हो जाता है अर्थात उसको मानसिक संबंधित रोग हो जाते हैं साथ ही साथ सुनने की शक्ति भी कम हो जाती है

इसलिए हम लोग को यह कर्तव्य बनता है कि स्वच्छ हवा के लिए ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण का कार्य किया जाए नदियां तालाब में जिन जानवरों को मारो नहलाते हैं इस पर रोक लगाना चाहिए क्योंकि उनको इन नदी और तालाब में नहाने से पानी प्रदूषित हो जाता है जिस कारण से जल प्रदूषण में बढ़ावा मिल रहा है

प्रदूषण से बचाव का उपाय

वर्तमान समय में देश के प्रत्येक व्यक्ति प्रदूषण के के संकट से परेशान है प्रदूषण से  कैसे अपने आप को बचाव करें एवं प्रदूषण मुक्त होने के लिए क्या-क्या उपाय करें? यह प्रश्न प्रत्येक व्यक्ति के मन में है तो लिए मैं आप लोगों को प्रदूषण से बचाव का उपाय बताता हूं सबसे पहले हम लोगों को अपनेआप में बदलाव लाना पड़ेगा  प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग उतना ही करें जितना हमें जरूरत हो ताकि हमारे भविष्य की पीढ़ी के लिए यह संसाधन उपलब्ध हो 

हम लोगों को प्राकृतिक संसाधनों का सुरक्षा करना यह भावना अपने मन में रखना होगा हम लोग को ज्यादा से ज्यादा वृक्ष रोपण करना होगा,  अपने आसपास सफाई रखनी होगी, मशीनों का कम इस्तेमाल करके, प्लास्टिक से बने बैग  का इस्तेमाल न करना, अपने आसपास के नदियों तालाबों का सफाई रखना, और कचरा  को  जमीन पर जहां तहां ना फेंकना यह सारी चीज कर कर हम प्रदूषण से मुक्त हो सकते हैं

इस आर्टिकल के ऊपर जो बातें लिखी गई है उसको पढ़कर हम लोग इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि पर्यावरण को प्रदूषण होने से बचाने के लिए हम लोगों को साथ मिलकर कार्य करना होगा हम लोगों से प्रत्येक व्यक्ति अगर छोटे से छोटे कार्य प्रदूषण रोकने के लिए करेंगे तो समाज में एक नया परिवर्तन लाया जा सकता है |

प्रदूषण पर निबंध PDF Download | Download Pollution Hindi Essay in PDF

प्रदूषण पर पर निबंध कैसे लिखें इसकी जानकारी में आप लोगों को पीडीएफ फाइल के रूप में उपलब्ध करवा रहे हैं जिसको आप लोग अपने मोबाइल में PDF डाउनलोड करके आसानी पूर्वक देख सकते हैं |

PDF Download:

प्रदूषण पर 5 Lines | Pollution Essay in Hindi 5 lines

●  प्रदूषित हवा और पानी इंसानों और जानवरों में कई  प्रकार के बीमारियों का बीमारियों का निर्माण करता है

●  प्रदूषण बहुत ही कम समय में पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है

●  उर्वरकों और कीटनाशकों दवाइयां के ज्यादा उपयोग से मृदा प्रदूषण होता है और मिट्टी बंजर हो जाती है।

●   वर्तमान समय में बढ़ रहे आधुनिकीकरण की कारण के उनकी मात्रा अधिक बढ़ गई है

●  कूड़ा कचरा  को जहां तहां फेंक देने से प्रकृति दूषित होती जा रही है |

प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 100 शब्दों | Pollution Essay in hindi

प्रदूषण हमारे पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधन को नष्ट करने वाले तत्व है प्रदूषण मनुष्य के  दैनिक जीवन को काफी कभी प्रभावित करता है साथी साथ पृथ्वी पर निवास करें सभी जीव जंतुओं के जीवन यापन पर भी काफी प्रभाव डालता है प्रदूषण को हम लोग कई रूपों में देख सकते हैं अर्थात इसको कई रूप में बांट सकते हैं जैसे वायु प्रदूषण जल प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण भूमि प्रदूषण आदि है

प्रदूषण से कैसे बचे

प्रदूषण से बचने के लिए हमें कई सारे उपाय करने होंगे जैसे कि पता है वायु प्रदूषण से हम लोगों को सांस लेने की समस्या उत्पन्न हो रही है अर्थात सांस संबंधित बीमारियां हो जाती है हम लोगों को अपने आसपास साफ सफाई रखनी होगी, एवं ज्यादा से ज्यादा वृक्ष रोपण करना होगा ,इसके साथ ही साथ वाहनों का इस्तेमाल कम करना होगा, एवं मशीनों का इस्तेमाल भी, काम करना होगा अपने आसपास के नदियां तालाबों को साफ़ सफाई रखना होगा, और ज्यादा तेज से जो आवाज निकलती है उसे पर नियंत्रण करना होगा एवं सरकार जो नियम बनाएगी उसे नियम का पालन करना होगा

प्रदूषण पर निबंध 10 Lines | Pradushan Par Nibandh 10 Lines

essay on pollution in hindi in simple language

●  प्रदूषण पूरी दुनिया के लिए सबसे गंभीर  समस्या है।

●  प्रदूषण के इतनी तेजी के बढ़ने का मुख्य कारण मनुष्य है

●  प्रदूषण सभी  जीव जंतु के लिए हमेशा  हानिकारक होता है

●  प्रदूषण कारण कैंसर हृदय संबंधित रोग चमड़ा रोग दमा, आदि जैसी गंभीर बीमारियां होती है

●  वृक्षारोपण करना ,एवं जल संसाधनों को स्वच्छ रखना, प्लास्टिक उपयोग का प्रतिबंध लगाना, प्रदेशों के प्रदूषण को कम कम करने की उपाय हैं

●  घरेलू एवं कल कारखानों के कचरे को नदी में  बहाने से नदी का पानी दूषित हो जाता है

●  प्लास्टिक का ज्यादा उपयोग से प्लास्टिक प्रदूषण का जन्म हुआ है

●  प्रदूषण के मुख्य प्रकार वायु प्रदूषण जल प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण भूमि प्रदूषण है

● प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के कारण प्रत्येक वर्ष लाखों लोगों की जान चली जाती है

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Related News

Essay on Basant Ritu

बसंत ऋतु पर निबंध | Essay on Basant Ritu

Essay on dog in hindi

Essay on dog in hindi। कुत्ते पर निबंध हिंदी में

Essay on mera gaon।मेरा गांव पर निबंध

Essay on mera gaon। मेरा गांव पर निबंध

Essay on Tiger । बाघ पर निबंध

Essay on Tiger । बाघ पर निबंध

  • Times Now Navbharat
  • Times Drive
  • ET Now Swadesh

ट्रेंडिंग :

Essay on Pollution: प्रदूषण पर 300 शब्द का सबसे आसान हिन्दी निबंध, इन बातों को जरूर करें शामिल

Essay on pollution in hindi (प्रदूषण पर निबंध हिन्दी में): स्कूलों में बच्चों को अक्सर प्रदूषण पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। निबंध लिखने से न केवल बच्चे प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या को लेकर जागरुक होंगे बल्कि इससे पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को भी जानेंगे।.

author-479261308

Updated May 28, 2024, 08:53 PM IST

Essay on Pollution

Essay on Pollution

भारत में प्रदूषण

Types of pollution: प्रदूषण के प्रकार, air pollution : वायु प्रदूषण, water pollution : जल प्रदूषण, noise pollution : ध्वनि प्रदूषण, soil pollution : मृदा प्रदूषण, ऐसे करें सुधार, लेटेस्ट न्यूज.

IPL 2025 Mega Auction को लेकर आया बड़ा अपडेट रिटेंशन से लेकर सैलरी कैप तक में हो सकता है बड़ा बदलाव

IPL 2025 Mega Auction को लेकर आया बड़ा अपडेट, रिटेंशन से लेकर सैलरी कैप तक में हो सकता है बड़ा बदलाव

मुजफ्फरपुर की अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद पत्र दायर

मुजफ्फरपुर की अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद पत्र दायर

Hathras Stampede भोले बाबा के सत्संग में मारे गए 116 लोग इतनी लाशें देख सिपाही को आया हार्ट अटैक मौके पर मौत

Hathras Stampede: भोले बाबा के सत्संग में मारे गए 116 लोग, इतनी लाशें देख सिपाही को आया हार्ट अटैक, मौके पर मौत

Sonakshi -Zaheer को गले लगाकर शादी की बधाई देते हुए नजर आए Salman Khan रिसेप्शन का अनसीन वीडियो वायरल

Sonakshi -Zaheer को गले लगाकर शादी की बधाई देते हुए नजर आए Salman Khan, रिसेप्शन का अनसीन वीडियो वायरल

दुर्घटना या साजिश हम इसकी तह तक जाएंगे- हाथरस में मची भगदड़ पर बोले यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ

दुर्घटना या साजिश, हम इसकी तह तक जाएंगे- हाथरस में मची भगदड़ पर बोले यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ

Hathras Stampede Video हाथरस में भोले बाबा का सत्संग खत्म हो गया था फिर अचानकचश्मदीदों ने बताया वो खौफनाक मंजर

Hathras Stampede Video: 'हाथरस में भोले बाबा का सत्संग खत्म हो गया था, फिर अचानक'....चश्मदीदों ने बताया वो 'खौफनाक मंजर'

National Teacher Awards 2024 नेशनल टीचर अवॉर्ड के लिए आवेदन जारी जल्द करें अप्लाई जानें कैसे होता है चयन

National Teacher Awards 2024: नेशनल टीचर अवॉर्ड के लिए आवेदन जारी, जल्द करें अप्लाई, जानें कैसे होता है चयन

Naxal Encounter छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन मारे गए पांच माओवादी

Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन, मारे गए पांच माओवादी

National Teacher Awards 2024 नेशनल टीचर अवॉर्ड के लिए आवेदन जारी जल्द करें अप्लाई जानें कैसे होता है चयन

Hathras Stampede Case: डीएम बनते ही 7 दिन के भीतर मिला बड़ा चैलेंज, जानें कौन हैं हाथरस DM आशीष कुमार

CDAC C-CAT Admit Card 2024 cdacin पर हुए जारी जानें कब है परीक्षा व क्या होगा पैटर्न

CDAC C-CAT Admit Card 2024 cdac.in पर हुए जारी, जानें कब है परीक्षा, व क्या होगा पैटर्न

CLAT 2025 क्या है CLAT क्यों किया जाता है इसका आयोजन जानें कौन दे सकता है यह परीक्षा

CLAT 2025: क्या है CLAT? क्यों किया जाता है इसका आयोजन? जानें कौन दे सकता है यह परीक्षा

Brain Teaser Math Question माथापच्ची करने पर मजबूर कर देगा ये सवाल अच्छे-अच्छे हुए फेल

Brain Teaser Math Question: माथापच्ची करने पर मजबूर कर देगा ये सवाल, अच्छे-अच्छे हुए फेल

UP By Election उत्तर प्रदेश उपचुनाव में भी PDA फॉर्मुले पर आगे बढ़ेगी सपा लोकसभा में इसी के सहारे मिल चुकी है जीत

UP By Election: उत्तर प्रदेश उपचुनाव में भी PDA फॉर्मुले पर आगे बढ़ेगी सपा, लोकसभा में इसी के सहारे मिल चुकी है जीत

हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले की भविष्यवाणी BJP के लिए किया ये बड़ा दावा

हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले की भविष्यवाणी, BJP के लिए किया ये बड़ा दावा

कितना बदल जाएगा झारखंड विधानसभा चुनाव का समीकरण हेमंत सोरेन की रिहाई का नफा-नुकसान समझिए

कितना बदल जाएगा झारखंड विधानसभा चुनाव का समीकरण? हेमंत सोरेन की रिहाई का नफा-नुकसान समझिए

महाराष्ट्र हरियाणा और झारखंड का दौरा करेंगे अमित शाह समझें विधानसभा चुनाव की रणनीति

महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड का दौरा करेंगे अमित शाह; समझें विधानसभा चुनाव की रणनीति

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए BJP ने बनाया खास प्लान जानें किन मुद्दों पर जोर देने की है तैयारी

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए BJP ने बनाया खास प्लान, जानें किन मुद्दों पर जोर देने की है तैयारी

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited

ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay On Pollution in Hindi Language – प्रदूषण पर निबंध

September 23, 2017 by essaykiduniya

Get information about Pollution in Hindi. Here you will get Paragraph & Short Essay on Pollution in Hindi Language / Pradushan par Nibandh / Pradushan ke Karan in Hindi for students of all classes in 150, 250, 500, 600 and 1000 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में प्रदूषण पर निबंध मिलेगा।

Essay On Pollution in Hindi Language – प्रदूषण पर निबंध

Essay on pollution in hindi language – प्रदूषण पर निबंध ( 150 words ).

हमारे चारों ओर की चीज़ों को पर्यावरण कहा जाता है। यह जीवित प्राणियों और वनस्पतियों की दुनिया के साथ भूमि, पानी, हवा का संयोजन है। प्रकृति द्वारा बनाए गए पर्यावरण में एक अद्भुत संतुलन रहा है, और यह पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखता है। लेकिन मनुष्य जो की सबसे बुद्धिमान प्राणी है, ने अपने लाभ के लिए प्रकृति का शोषण करने की कोशिश की है। उन्होंने संसाधनों का उपयोग अपने तरीके से करने के लिए आविष्कारक कौशल लागू किया है। इसने प्रदूषण के कारण पारिस्थितिक संतुलन वितरित किया है। हमारी तथाकथित प्रगति और समृद्धि के लिए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने की हमारी इच्छा ने हमें अपने पर्यावरण को नष्ट कर दिया है जिससे हमारे लिथोस्फीयर, वायुमंडल, जलमंडल और जीवमंडल को काफी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हम निश्चित रूप से भविष्य में परेशानी में होंगे। इसलिए, हमें किसी भी कीमत पर अपने पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए।

Essay On Pollution in Hindi Language – प्रदूषण पर निबंध ( 250 Words ) 

यह सही कहा जाता है कि मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन मनुष्य ही है वह इतना स्वार्थी हो गया है कि वह प्रकृति का शोषण कर रहा है। आज मनुष्य द्वारा बनाई गई सबसे गंभीर समस्या पर्यावरण प्रदूषण है। दूर के अतीत में कोई भी समस्या पर गंभीरता से ध्यान नहीं देता, लेकिन आज यह एक भयानक समस्या बन गई है। प्रदूषण की समस्या के लिए औद्योगिकीकरण की तेजी से प्रगति के साथ आधुनिक जीवन शैली को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। हर जगह हम अपने साँस को दबाने के अंधेरे बादलों को देख सकते हैं। सड़कों में वाहनों से भीड़ होती है जो जहरीली गैसों का उत्सर्जन करती हैं। कारखानों और कार्यशालाओं की चिमनी से निकलने वाले धुएं के कारण स्थिति बढ़ गई है।

व्यस्त सड़क पर कुछ मिनट के लिए भी चलना मुश्किल है। यह लोगों की एक आम शिकायत है कि उनकी आँखें अंधी हैं, कान बहरे हुए हैं और नाक की रासायनिक धूल और धुआं लापरवाह वनों की कटाई के परिणामस्वरूप ग्लोबल वार्मिंग और अनियमित मानसून में हुई है। आक्सीजन इन दिनों दुर्लभ हो रहा है। दिन दूर नहीं हैं जब हमें श्वास लेने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाना होगा। रसायन उर्वरकों, कीटनाशकों और दवाइयों के अत्यधिक उपयोग ने हमारी धरती को जहरीली बना दिया है। पीने के पानी खतरनाक रसायनों से भरे हुए हैं।

वायु प्रदूषण भी चर्चा करने के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि विज्ञान ने कई घातक बीमारियों का इलाज पाया है लेकिन प्रदूषण ने घातक रोगों की सूची में कई बीमारियों को शामिल किया है। इन बीमारियों को कभी भी नहीं सुना था। अब स्थिति ऐसे पास से आई है जहां मनुष्य, पशु और वनस्पति का हर अस्तित्व राज्य में है। हमें जागना और प्रदूषण को रोकना चाहिए अन्यथा यह बहुत देर हो जाएगी।

Essay On Pollution in Hindi Language – प्रदूषण पर निबंध ( 500 Words )

प्रदूषण का अर्थ है वातावरण या वायुमंडल का दूषित होना। प्रदूषण की समस्या आधुनिक वैज्ञानिक युग की देन है। इस समस्या से विश्व के अधिकांश देश ग्रसित हैं। प्रकृति ने मानव की जीवन-प्रक्रिया को स्वस्थ बनाए रखने के लिए, उसे शुद्ध वायु, जल और वनस्पति तथा भूमि प्रदान की है। परंतु जब किन्हीं कारणों से ये सब दूषित हो जाती हैं तो मानव तथा अन्य प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए विभिन्न प्रकार से हानिकारक हो जाती हैं।

प्रदूषण चार प्रकार का होता है-वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और भूमि प्रदूषण। आधुनिक वैज्ञानिक युग में आर्थिक प्रगति के नाम पर अनेक प्रकार के छोटेबड़े कल-कारखानों और उद्योगों का विकास मानव ने अपनी भौतिक सुख-सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए कर लिया है। जनसंख्या वृद्धि के कारण ग्राम, नगर और महानगरों ने बढ़ना आरंभ कर दिया है। वन क्षेत्र को काटकर आवास की समस्या हल की जा रही है। उत्पादन और सुरक्षा के लिए ऐसे यंत्रों का निर्माण किया जा रहा है जो रात-दिन ध्वनि और धुआँ उगलते रहते हैं। नदियों पर बा रहे हैं। परिवहन की सुविधा उपलब्ध होने के कारण ग्रामीण राज उगलते रहते हैं। नदियों पर बाँध बनाए जा बड़ी संख्या में नगरों-महानगरों की ओर आ रहे हैं। महानगरों के लोग ओर आ रहे हैं। महानगरों के लोग अपने उद्योगधंधा का गांव की ओर बढ़ा रहे हैं। इससे प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है।

कल-कारखानों का दुषित और अनियंत्रित जल-मल बाहर निकलकर दुयु गैस फैलाला है। कारखानों की धुआँ गलती हुई चिमनियाँ दूर-दूर तक वातावरण को दूषित करती हैं, इनसे वायुमंडल दषित हो जाता है। इससे सॉस और फेफड़ा के रोग पनपते हैं, आँखें खराब होती हैं। वाहनों और मशीनों के शोर, यातायात के साधनों के हार्मों की चिल्ल-पों, चीखते लाउडस्पीकर, तेज आवाज़ में चलते टेलीविज़न, रेडियो, टेपरिकार्डर आदि से ध्वनि प्रदूषण फैलता है। सुनाई देना कम हो जाता है, रक्तचाप बढ़ जाता है। शारीरिक व मानसिक रोग पनपते हैं। इससे मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। जा स्रोतों में नहाने, कपडे धोने, मल-मूत्र त्यागने, जानवरों के नहलाने, शवा की राख बहाने आदि से भी जल प्रदूषित हो जाता है जिससे हैजा, आंत्रशोथ तथा पेचिश जैसे रोग हो जाते हैं। उपज बढ़ाने के लिए भूमि में विभिन्न प्रकार की रासायनिक खादों को मिलाया।

जा रहा है जिससे भूमि प्रदूषण होता है। ऐसी प्रदूषित भूमि में उत्पन्न होने वाला खाद्यान्न, साग-सब्ज़ियाँ भी प्रदूषित हो जाती हैं। इनके खाने से मानव के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। हमारे देश में ही नहीं, विश्व के अन्य देशों में भी प्रदूषण की समस्या निर्बाध रूप से बढ़ रही है। यह ठीक है कि विज्ञान की प्रगति के साथ औद्योगीकरण का विकास भी अनिवार्य हो गया है। यही रास्ता है जिस पर चलकर कोई देश आर्थिक रूप से संपन्न हो सकता है। किंतु फिर भी हमें आधुनिक सभ्यता के पर्याय ध्वनि विस्तारक यंत्र, आँखों को चौंधियाती बत्तियाँ, रसायनों से बने खाद्य और वस्त्र, औषधियाँ और सौंदर्य प्रसाधन, परिवहन के साधनों की अनिवार्यता पर अंकुश लगाना पड़ेगा।

इसके अतिस्क्ति मानव निर्मित कृत्रिम वातावरण व प्रकृति द्वारा प्रदत्त वातावरण में संतलन कायम करना होगा। वनों की अंधाधुंध कटाई को रोकना पड़ेगा। वन क्षेत्र बढाने के लिए वृक्ष लगाने होंगे। जनसंख्या पर नियंत्रण करना पड़ेगा। खतरनाक रसायनों को कम-से-कम प्रयोग करना पड़ेगा। अणुबमों के विकास तथा परीक्षण पर रोक लगानी पड़ेगी, तभी आधुनिक सभ्यता में जीने वाला मानव स्वस्थ और सुखी जीवन व्यतीत कर सकेगा।

Essay On Pollution in Hindi Language – प्रदूषण पर निबंध ( 600 Words )

प्रदूषण मानव जाति के लिए सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है| प्रदूषण को बहुत बड़ी मात्रा में पर्यावरण में जहरीले और अवांछित पदार्थों के अलावा के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। तीन तरह के प्रदूषण-हवा, पानी और मिट्टी है विभिन्न ऑटोमोबाइल और उद्योगों द्वारा वातावरण में कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड जैसे विषाक्त गैसों का उत्सर्जन, जीवन देने वाले ऑक्सीजन की असंतुलन का कारण बनता है। इस प्रकार हवा प्रदूषित हो जाता है और सांस लेने के लिए अयोग्य है। उद्योगों से अपशिष्ट जल और उनके तरल पदार्थों को नदियों और समुद्रों में छोड़ दिया जाता है।

वे जल प्रदूषण करने के अलावा समुद्री जीवन को भी मारते हैं, तटीय और नदी के पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाते हैं और पेयजल संसाधनों को नष्ट करते हैं। मक्खियों जो इन प्रदूषकों पर फ़ीड अपने शरीर पर जहर बरकरार रखता है। जब मनुष्य इन मछलियों का उपभोग करते हैं तो उन्हें जहर मिलता है।  पर्यावरण प्रदूषण एक बहुत गंभीर विषय है| कृषि में उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक और गैर-जिम्मेदार उपयोग से मिट्टी प्रदूषण का कारण बनता है। यह केवल इसलिए है क्योंकि पौधे केवल उर्वरक या कीटनाशक का एक निश्चित मात्रा ले सकता है अतिरिक्त मात्रा मिट्टी में जाती है जिससे मिट्टी के पुनरुत्थान की शक्तियों को नष्ट हो जाता है और इसे बांझकर बना दिया जाता है। बारिश के दौरान अक्सर यह अतिरिक्त उर्वरक और कीटनाशक के पास के तालाबों और नहरों में प्रवाह होता है, जो इस प्रकार ज़हर हो जाते हैं।

नवीनतम प्रदूषक जो हवा, पानी और मिट्टी की धमकी दे रहा है वह परमाणु अपशिष्ट और उत्सर्जन है। परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में कोई भी दुर्घटना मिट्टी, वायु, अनाज, पानी इत्यादि में उत्पन्न होती है, जिससे उन्हें सभ्यता के लिए अयोग्य बनाते हैं। वैसे, सबकुछ नष्ट नहीं हुआ है। हाल ही में तकनीकी प्रगति ने प्रदूषण को नियंत्रित करने और पारिस्थितिकी को अपने मूल गुणवत्ता में लौटाना संभव बना दिया है। इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिटीटेटर्स या औद्योगिक उत्सर्जन, ऑटोमोबाइल उत्सर्जन के लिए उत्प्रेरक कन्वर्टर्स, औद्योगिक अपशिष्ट जल और तरल पदार्थों के लिए पौधों को रीसाइक्लिंग और कृषि प्रयोजनों के लिए जैव उर्वरक और कीटनाशकों आदि आदि कुछ ऐसे उपाय हैं जो प्रकृति को अपनी पवित्रता प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। इन उपायों की उपस्थिति में अब जो जरूरी है वह जनता है और राजनीतिक दृढ़ संकल्प को छूटेगा, ताकि हम एक बार फिर साफ वातावरण में रह सकें।

शोर प्रदूषण का भी पर्यावरण और लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अनुसंधान से पता चलता है कि कई बीमारियां शोर प्रदूषण से जुड़ी हैं, जैसे कि सुनवाई हानि, उच्च रक्तचाप, कोरोनरी हृदय रोग और भाषण हस्तक्षेप। औद्योगिक शोर भी पशुओं के जीवन को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, जहाज़ों की आवाज़ के कारण व्हेल नेविगेशन प्रणाली टूट जाती है| इसके अलावा, औद्योगिक शोर जंगली प्रजातियों को अधिक जोर देने के लिए संवाद करता है जिससे अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता होती है और उनकी जीवन अवधि कम हो जाती है। जनसंख्या और तकनीकी प्रगति का विकास पृथ्वी के पारिस्थितिक अवस्था पर आधारित है।

प्राकृतिक स्रोतों, कारखानों और पौधों का काम, और मानव गतिविधि के अन्य उत्पादों का निष्कर्षण परिणामस्वरूप विभिन्न पर्यावरणीय समस्याओं में होता है। पानी, वायु और ध्वनि का प्रदूषण हमारे पर्यावरण पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्रदूषण के प्रभाव में एसिड बारिश, हानिकारक बीमारियों और लोगों और जानवरों की बीमारियों और ग्लोबल वार्मिंग शामिल है। पर्यावरण प्रदूषण वैश्विक समस्या है जो पर्यावरण संरक्षण और पुनर्वास के लिए कट्टरपंथी कार्यों की मांग करता है। इसके अलावा, वैश्विक समुदाय के एकजुट प्रयासों द्वारा इस समस्या का वैश्विक स्तर पर हल किया जाना चाहिए।

Essay On Pollution in Hindi Language – प्रदूषण पर निबंध ( 1000 Words )

‘प्रदूषण’ शब्द को लैटिन शब्द ‘प्रदूषण’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘गंदी बनाना’ प्रदूषण पर्यावरण को बनाने की प्रक्रिया है, अर्थात्, भूमि, पानी और हवा में हानिकारक पदार्थों को जोड़कर गंदा। पर्यावरण में प्रदूषण असंतुलन का कारण बनता है। इस असंतुलन ने जीवन के सभी रूपों के बहुत अस्तित्व को खतरा बताया है यह पूरी दुनिया के लिए खतरा है| पर्यावरण निष्पादन सूचकांक 2012 में भारत 132 देशों में से कम 125 में स्थान रखता है। यह रिपोर्ट विश्व आर्थिक मंच के साथ मिलकर येल और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की जाती है। पर्यावरण प्रदूषण औद्योगिक समाज की एक गंभीर समस्या है औद्योगिक विकास और हरित क्रांति ने पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।

लोगों ने पूरे जीवन की जीवन-प्रणाली को अपने संसाधनों में परिवर्तित कर दिया है और प्राकृतिक पारिस्थितिक संतुलन में काफी परेशान किया है। मानवीय लालच को संतुष्ट करने के लिए संसाधनों का अति प्रयोग, दुरुपयोग और कुप्रबंधन के कारण गंभीर गिरावट और कमी ‘का कारण रहा है। पर्यावरण प्रदूषण को हमारे परिवेश के प्रतिकूल परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया गया है। यह मानवीय गतिविधियों का उप-उत्पाद है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण में होने वाले बदलावों के लिए जिम्मेदार हैं। ये परिवर्तन भूमि, वायु या पानी के शारीरिक, रासायनिक या जैविक विशेषताओं में हो सकते हैं जो मानव जीवन और अन्य जीवित चीजों को नुकसान पहुंचाते हैं। जनसंख्या विस्फोट, तेजी से औद्योगिकीकरण, वनों की कटाई, अनियोजित शहरीकरण, वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नति आदि पर्यावरण प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं।

भारत के कुल भूमि क्षेत्र का लगभग 35 प्रतिशत गंभीर पर्यावरणीय प्रदूषण के अधीन है। पृथ्वी के तीन-चौथाई पानी होते हैं, फिर भी पिटबुल पानी की कमी होती है भारत में, नदियों, झीलों, तालाबों और कुओं जैसे पानी के सभी स्रोत प्रदूषित हैं और पीने के लिए अयोग्य हैं। उर्वरकों के बढ़ते उपयोग के परिणामस्वरूप, नदियों, समुद्र और महासागर हानिकारक प्रदूषक के साथ दूषित हो गए हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि हर साल 500 टन से अधिक पारा महासागर में प्रवेश करता है। तेल की सफ़ाई, औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थों, सीवेज और उर्वरकों ने जल जीवन को भी धमकी दी है। औद्योगिकीकरण ने शहरीकरण के लिए नेतृत्व किया है।

काम की तलाश में शहरों में ग्रामीण आबादी का उत्थान एक अस्वस्थ वातावरण बनाता है। यह झुग्गी क्षेत्रों की भीड़-भाड़ और स्थापना के लिए प्रेरित हुआ है। कस्बों और शहरों में धुएं, गंदगी, धूल, बकवास, गैसों, गंध और शोर से भरे हुए हैं। वायु प्रदूषण प्रदूषण का सबसे खतरनाक रूप है। यह उद्योगों से गैस उत्सर्जन, थर्मल पावर स्टेशन, घरेलू दहन, आदि से निकलता है। वायु प्रदूषण के कारण, हवा की संरचना पूरी दुनिया में बदल रही है। ज्यादातर गैस और वायु प्रदूषण ईंधन के जलने से उत्पन्न होते हैं। कोयले की जलन कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड आदि उत्पन्न करती है, जो अम्ल वर्षा के लिए जिम्मेदार हैं।

क्लोरोफ्लोरोकार्बन, जो प्रणोदक और रेफ्रिजरेंट के रूप में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, ओजोन की कमी के कारण होता है। परमाणु विस्फोट और परमाणु परीक्षण, जो दिन से बढ़ रहे हैं, हवा में रेडियोधर्मी सामग्री फैलाएं। यह रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण मानव में कैंसर, असामान्य जन्म और उत्परिवर्तन हो सकता है। आगरा में ताजमहल , मथुरा रिफाइनरी से उत्सर्जित धुएं से प्रभावित है। रिपोर्टों का अनुमान है कि रिफाइनरी से हानिकारक उत्सर्जन के कारण स्मारक बीस वर्षों के अंतराल के भीतर विलीन हो जाएगा।

जल प्रदूषण में पानी की गुणवत्ता में भारी प्रभाव पड़ता है। यह पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को परेशान करता है और स्वास्थ्य संबंधी खतरों का कारण बनता है। पानी अकार्बनिक और जैविक या जैविक पदार्थों की मौजूदगी या इसके अलावा के द्वारा प्रदूषित हो जाता है। नदियों में फेंकने वाले औद्योगिक अपशिष्ट जल को जल प्रदूषण के स्तरों में जोड़ देते हैं। शोर भी प्रमुख प्रदूषकों में से एक है। मेगा शहरों में सामान्य शोर स्तर खतरनाक रूप से बढ़ रहा है शोर मुख्यतः लाउडस्पीकर, एयरक्राफ्ट और अन्य मोटर वाहन, जुलूस और रैलियों के कारण होता है|

मृदा प्रदूषण आम तौर पर कृषि पद्धतियों से और अमानवीय आदतों से ठोस और अर्द्ध ठोस अपशिष्टों के निपटान से निकलता है। खतरनाक सामग्री और सूक्ष्म जीवों द्वारा मिट्टी को अत्यधिक प्रदूषित किया जाता है, जो खाद्य श्रृंखला या पानी में प्रवेश करते हैं और कई स्वास्थ्य खतरा पैदा करते हैं ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में जलवायु परिवर्तन हुआ है।

प्रदूषण की वृद्धि के कारण ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि हुई है। प्राकृतिक और मानव गतिविधि दोनों के परिणामस्वरूप ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण पृथ्वी के तापमान में ग्लोबल वार्मिंग औसत वृद्धि है जलवायु परिवर्तन का शब्द अक्सर ग्लोबल वार्मिंग शब्द के साथ एक दूसरे शब्दों में प्रयोग किया जाता है। ध्रुवीय क्षेत्रों में बर्फ टोपी तेजी से पिघल शुरू हो गई है इससे समुद्र और महासागरों के जल स्तर के उदय में वृद्धि हुई है। अंटार्कटिका में ‘घास अंकुरण’ और संयुक्त अरब अमीरात के रेगिस्तान में बर्फबारी, ग्लोबल वार्मिंग के सभी चेतावनी संकेत हैं। ये ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण होते हैं|

भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है, लेकिन जंगलों के विनाश के कारण जलवायु परिवर्तन में बदलाव आया है। इससे वन्य जीवन की कई दुर्लभ प्रजातियों के विलुप्त होने का भी कारण बन गया है। प्रदूषण विभिन्न प्रकार के रोगों का कारण बनता है वायु प्रदूषण एलर्जी, अस्थमा, फेफड़े के कैंसर और ब्रोंकाइटिस का कारण बनता है।

रेडियोधर्मी प्रदूषण श्वसन समस्याओं, पक्षाघात, कैंसर और अन्य बीमारियों का कारण है। अत्यधिक शोर प्रदूषण के कारण बधिरता, चिंता, तनाव, दिल की धड़कन की दर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि हो सकती है। ओजोन परत की कमी के कारण त्वचा रोग भी हो सकते हैं। प्रदूषण के इस खतरे से लड़ने के लिए, जोरदार प्रयास किए जाने चाहिए। प्रदूषण विरोधी कानून को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। जल प्रदूषण को रोकने के लिए, सीवेज और कारखाना कचरे को उचित तरीके से इलाज और साफ करने से पहले साफ किया जाना चाहिए। हर जगह और वाहनों को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाना चाहिए।

जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य के बीच सीधा संबंधों की जागरूकता, इन समस्याओं से प्रभावी ढंग से निपटने और विनाश से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है। दुनिया के सभी देशों को पर्यावरण पर नियंत्रण रखने के लिए जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए प्रदूषण। इस दिशा में एक कदम संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सम्मेलन है, जो दुनिया के सभी सदस्य देशों को एक मेज पर मंथन करने के लिए लाता है, और जलवायु परिवर्तन से निपटने के तरीके अपनाता है।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध (  Essay On Pollution in Hindi Language – प्रदूषण पर निबंध )को पसंद करेंगे।

More Articles:

Speech On Environment In Hindi – पर्यावरण पर भाषण

Environment Day Speech In Hindi 2018- विश्व पर्यावरण दिवस पर भाषण

Environment Essay in Hindi – पर्यावरण पर निबंध

Essay on Environment Pollution in Hindi – पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध

प्रदूषण पर निबंध 100, 150, 250 & 300 शब्दों में (10 lines Essay on Pollution in Hindi)

essay on pollution in hindi in simple language

प्रदूषण पर निबंध (Pollution Essay in Hindi ) – प्रदूषण के प्रति जागरूक होना इन दिनों सभी छात्रों के लिए काफी अनिवार्य है। आने वाली पीढ़ियों के लिए दुनिया का एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए हर बच्चे को पता होना चाहिए कि मानवीय गतिविधियाँ पर्यावरण और प्रकृति पर कैसे प्रभाव छोड़ रही हैं। प्रदूषण पर निबंध (Pollution Essay in Hindi ) यह विषय काफी महत्वपूर्ण है। और, स्कूली बच्चों को ‘ प्रदूषण निबंध पर (Pollution Essay in Hindi )’ सहजता से एक दिलचस्प निबंध लिखना सीखना चाहिए। नीचे एक नज़र डालें। 

प्रदूषण निबंध 10 पंक्तियाँ (Pollution Essay 10 Lines in Hindi)

  • 1) प्रदूषण प्राकृतिक संसाधनों में कुछ अवांछित तत्वों को मिलाने की क्रिया है।
  • 2) प्रदूषण के मुख्य प्रकार वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और भूमि प्रदूषण हैं।
  • 3) प्रकृति के साथ-साथ मानवीय गतिविधियाँ, दोनों प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं।
  • 4) प्रदूषण के प्राकृतिक कारण बाढ़, जंगल की आग और ज्वालामुखी आदि हैं।
  • 5) प्रदूषण एक राष्ट्रीय नहीं बल्कि एक वैश्विक समस्या है।
  • 6) प्रदूषण को रोकने के लिए पुन: उपयोग, कम करना और पुनर्चक्रण सबसे अच्छे उपाय हैं।
  • 7) अम्ल वर्षा और ग्लोबल वार्मिंग प्रदूषण के परिणाम हैं।
  • 8) प्रदूषण हमेशा जानवरों और इंसानों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
  • 9) प्रदूषित हवा और पानी इंसानों और जानवरों में कई बीमारियों का कारण बनते हैं।
  • 10) हम पर्यावरण के अनुकूल संसाधनों और सौर पैनलों का उपयोग करके प्रदूषण को रोक सकते हैं।

प्रदूषण पर निबंध 100 शब्द (Pollution Essay 100 Words in Hindi)

प्रदूषण पर निबंध (Pollution Essay in Hindi ) प्रदूषण इन दिनों एक बड़ी समस्या बन गया है। तेजी से हो रहे औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण पर्यावरण जिसमें हवा, पानी और मिट्टी शामिल है, प्रदूषित हो गया है। वनों की कटाई और औद्योगीकरण के कारण, हवा अत्यधिक प्रदूषित हो रही है, और इससे ग्लोबल वार्मिंग हो रही है। आज सभी जल स्रोत अत्यधिक प्रदूषित हैं। कीटनाशकों और उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग ने मिट्टी को बुरी तरह प्रदूषित कर दिया है। पटाखों, लाउडस्पीकरों आदि का प्रयोग। हमारी सुनने की क्षमता को प्रभावित करता है प्रदूषण का हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। यह सिरदर्द, ब्रोंकाइटिस, हृदय की समस्याओं, फेफड़ों के कैंसर, हैजा, टाइफाइड, बहरापन आदि का कारण बनता है। प्रदूषण के कारण प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है। हमें इस मुद्दे को गंभीरता और गंभीरता से लेना होगा।

प्रदूषण पर निबंध 150 शब्द (Pollution essay 150 Words in Hindi)

प्रदूषण पर निबंध (Pollution Essay in Hindi ) – यह एक बड़ी पर्यावरणीय समस्या है। जब पर्यावरण दूषित होता है तो प्रदूषण उत्पन्न होता है। पर्यावरण में तीन प्रमुख प्रकार के प्रदूषण हैं। मृदा प्रदूषण, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण आदि।

प्रदूषण के कुछ प्रमुख कारण हैं, जैसे ईंधन वाहनों का अत्यधिक उपयोग, कृषि में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग।

प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य को बहुत बुरी तरह प्रभावित करता है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। वायु प्रदूषण से सांस संबंधी बीमारियां और फेफड़ों से जुड़ी अन्य समस्याएं होती हैं। जल प्रदूषण जल को प्रदूषित करता है। ध्वनि प्रदूषण से बीपी की समस्या और सुनने की समस्या होती है। यह तनाव का कारण भी बनता है। मृदा प्रदूषण से फसलों के उत्पादन में कमी आती है, हमें इसे रोकना चाहिए। उत्पादन को भी बनाए रखने के द्वारा। औद्योगिक कचरे का उचित उपचार, वर्षा जल की आपूर्ति का भंडारण, प्लास्टिक उत्पादों को कम करना और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का उपयोग करना।इस प्रकार के उपाय करके हम प्रदूषण पर भी नियंत्रण कर सकते हैं।

इनके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
  • New Year Essay
  • New Year Speech
  • Mahatma Gandhi Essay
  • My Best Friend Essay
  • My School Essay

प्रदूषण पर निबंध 250 शब्दों में – 300 शब्दों में (Essay on pollution in Hindi)

प्रदूषण पर निबंध (Pollution Essay in Hindi ) प्रदूषण कई अलग-अलग रूपों में होता है। यह पूरी दुनिया में एक प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दा बन गया है। हवा, जमीन, मिट्टी, पानी आदि में कोई भी अप्रिय और अप्रिय परिवर्तन। प्रदूषण में योगदान देता है। ये सभी परिवर्तन रासायनिक, जैविक या भौतिक परिवर्तनों के रूप में हो सकते हैं। प्रदूषण फैलाने वाले माध्यम को प्रदूषक कहते हैं।

दुनिया में प्रदूषण को रोकने के लिए कई कानून बनाए गए हैं। भारत में पर्यावरण की सुरक्षा और उसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बनाया गया कानून पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 है।

आइए हम विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों पर विस्तार से एक नज़र डालें:

वायु प्रदुषण

जब पूरा वातावरण आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों के कारण निकलने वाली हानिकारक जहरीली गैसों से भर जाता है, तो इससे वायु और पूरा वातावरण प्रदूषित होता है। इससे वायु प्रदूषण होता है।

यह प्रदूषण का एक और प्रमुख रूप है जो प्रकृति के लिए बहुत विनाशकारी है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पानी के प्राकृतिक स्रोत दिन-ब-दिन कम होते जा रहे हैं और इसने पानी को एक दुर्लभ वस्तु बना दिया है। दुर्भाग्य से, इन महत्वपूर्ण समय में भी, ये शेष जल स्रोत कई स्रोतों (जैसे औद्योगिक अपशिष्ट, कचरा निपटान आदि) से अशुद्धियों से दूषित हो रहे हैं, जो उन्हें मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त बनाता है।

कचरा प्रदूषण

जब लोग अपशिष्ट निपटान के उचित तंत्र का पालन नहीं करते हैं, तो इसका परिणाम कचरे का संचय होता है। यह बदले में कचरा प्रदूषण का कारण बनता है। इस समस्या का समाधान करने का एकमात्र साधन यह सुनिश्चित करना है कि अपशिष्ट निपटान के लिए एक उचित प्रणाली मौजूद है जो पर्यावरण को दूषित नहीं करती है।

ध्वनि प्रदूषण

ध्वनि प्रदूषण के पीछे सामान्य कारण उद्योग, योजनाओं और अन्य स्रोतों से आने वाली ध्वनि है जो अनुमेय सीमा से अधिक तक पहुँचती है। स्वास्थ्य और शोर के बीच एक सीधा संबंध है जिसमें उच्च रक्तचाप, तनाव से संबंधित आवास, श्रवण हानि और भाषण हस्तक्षेप शामिल हैं।

Pollution Essay से सबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

Q.1 प्रदूषण के प्रभाव क्या हैं.

A.1 प्रदूषण अनिवार्य रूप से मानव जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। यह हमारे द्वारा पीने वाले पानी से लेकर हवा में सांस लेने तक लगभग सभी चीजों को खराब कर देता है। यह स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाता है।

प्रश्न 2 प्रदूषण को कैसे कम किया जा सकता है?

उ.2 हमें प्रदूषण कम करने के लिए व्यक्तिगत कदम उठाने चाहिए। लोगों को चाहिए कि वे अपने कचरे को सोच समझकर विघटित करें, उन्हें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। इसके अलावा, जो कुछ वे कर सकते हैं उसे हमेशा रीसायकल करना चाहिए और पृथ्वी को हरा-भरा बनाना चाहिए।

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध Essay on Environmental Pollution in Hindi

इस लेख में हिंदी में पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Essay on Environmental Pollution in Hindi) को सरल शब्दों में लिखा गया है। इसमें पर्यावरण प्रदूषण क्या है, प्रदूषण के कारण, इसके कुल प्रकार, प्रभाव तथा पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

Table of Content

पर्यावरण प्रदुषण पर निबंध ENVIRONMENTAL POLLUTION ESSAY IN HINDI

पर्यावरण प्रदूषण क्या है? What is Environmental Pollution in Hindi?

मुख्य प्रकार के पर्यावरण प्रदूषण हैं – वायु प्रदुषण, जल प्रदुषण, ध्वनि प्रदुषण, ऊष्मीय प्रदूषण, मिट्टी प्रदूषण और प्रकाश प्रदूषण।

विभिन्न कारणों की वजह से प्रदूषण अपना स्तर बढ़ा रहा है, जिससे पूरे विश्व को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

पर्यावरण प्रदूषण के कारण Causes of Environmental Pollution in Hindi

जंगलों का दोहन destruction of forests, परिवहन साधनों में वृद्धि increased in vehicles and transportation.

आज बिल्कुल विपरीत हो रहा है, जहां अब सड़कों पर लोगों की जगह जहरीली गैसे छोड़ने वाली और पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित करने वाली परिवहन का संचालन हो रहा है।

प्राकृतिक संसाधन का शोषण Exploitation of Natural Resources

जनसंख्या वृद्धि increased population.

आखिर प्रदूषण को फैलाने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान तो मानव द्वारा ही दिया जा रहा है। प्रतिदिन जनसंख्या में होने वाली वृद्धि हमें एक नई समस्या की ओर ले जा रही है।

आधुनिक तकनीकें Advanced Technology

लोगों में जागरूकता का अभाव lack of awareness in peoples.

यह कहना गलत नहीं होगा कि लोगों का स्वार्थ एक दिन सभी को ले डूबेगा। प्रकृति के प्रति कोई भी जागरूक होने में अधिक रूचि नहीं ले रहा, जोकि पर्यावरण प्रदूषण को अनदेखा करने जैसा हो रहा है।

पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार Type of Environmental Pollution in Hindi

वायु प्रदूषण (air pollution).

इसके अलावा यदि प्राकृतिक रूप से देखा जाए, तो कई बार ज्वालामुखी विस्फोट होने के कारण भी इससे जहरीली धुएं सीधे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं।

जल प्रदूषण (Water pollution)

हम इस तरह से जल प्रदूषण के जंजाल में फस चुके हैं, कि वातावरण में चारों तरफ फैली ज़हरीली वायु एसिड वर्षा के रूप में जमीन की गहराइयों तक जाकर प्रत्येक चीज को प्रदूषित कर रही है।

भूमि प्रदूषण (Land pollution)

ध्वनि प्रदूषण (noise pollution).

ध्वनि प्रदूषण ऐसा प्रदूषण है, जिसका प्रभाव तुरंत देखा जा सकता है। श्रवण शक्ति से अधिक ऊंची आवाज में कोई भी ध्वनी श्रवण शक्ति को धीरे-धीरे कमजोर करती है, जिससे कई मनोवैज्ञानिक रोग और अन्य स्वाभाविक बीमारियां उत्पन्न होती है।

प्रकाश प्रदूषण (Light pollution)

इसके अलावा मानवीय गतिविधियों के कारण भी प्रकाश प्रदूषण दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। आवश्यकता से अधिक बिजली का उपयोग करके हाई वोल्टेज बल्ब के उपयोग के कारण भी प्रदूषण जैसे समस्या उत्पन्न होते हैं।

पर्यावरण प्रदूषण के प्रभाव Effect of Environmental Pollution in Hindi

पर्यावरण प्रदूषण : 10 नियंत्रण एवं उपाय how to control pollution in hindi, निष्कर्ष conclusion.

essay on pollution in hindi in simple language

Similar Posts

ओजोन दिवस पर निबंध essay on ozone day in hindi, आधुनिक भारतीय नारी पर निबंध essay on modern indian women in hindi, महाराजा अग्रसेन जयंती पर निबंध essay on maharaja agrasen jayanti in hindi, पर्यावरण संरक्षण पर निबंध व नारे save environment essay & slogans in hindi, पीढ़ी अंतराल पर निबंध (जनरेशन गैप) essay on generation gap in hindi, विश्व जल दिवस पर निबंध world water day essay in hindi, leave a reply cancel reply, 35 comments.

  • CBSE Class 10th

CBSE Class 12th

  • UP Board 10th
  • UP Board 12th
  • Bihar Board 10th
  • Bihar Board 12th
  • Top Schools
  • Top Schools in India
  • Top Schools in Delhi
  • Top Schools in Mumbai
  • Top Schools in Chennai
  • Top Schools in Hyderabad
  • Top Schools in Kolkata
  • Top Schools in Pune
  • Top Schools in Bangalore

Products & Resources

  • JEE Main Knockout April
  • Free Sample Papers
  • Free Ebooks
  • NCERT Notes

NCERT Syllabus

  • NCERT Books
  • RD Sharma Solutions
  • Navodaya Vidyalaya Admission 2024-25

NCERT Solutions

  • NCERT Solutions for Class 12
  • NCERT Solutions for Class 11
  • NCERT solutions for Class 10
  • NCERT solutions for Class 9
  • NCERT solutions for Class 8
  • NCERT Solutions for Class 7
  • JEE Main 2024
  • MHT CET 2024
  • JEE Advanced 2024
  • BITSAT 2024
  • View All Engineering Exams
  • Colleges Accepting B.Tech Applications
  • Top Engineering Colleges in India
  • Engineering Colleges in India
  • Engineering Colleges in Tamil Nadu
  • Engineering Colleges Accepting JEE Main
  • Top IITs in India
  • Top NITs in India
  • Top IIITs in India
  • JEE Main College Predictor
  • JEE Main Rank Predictor
  • MHT CET College Predictor
  • AP EAMCET College Predictor
  • GATE College Predictor
  • KCET College Predictor
  • JEE Advanced College Predictor
  • View All College Predictors
  • JEE Advanced Cutoff
  • JEE Main Cutoff
  • MHT CET Result 2024
  • JEE Advanced Result
  • Download E-Books and Sample Papers
  • Compare Colleges
  • B.Tech College Applications
  • AP EAMCET Result 2024
  • MAH MBA CET Exam
  • View All Management Exams

Colleges & Courses

  • MBA College Admissions
  • MBA Colleges in India
  • Top IIMs Colleges in India
  • Top Online MBA Colleges in India
  • MBA Colleges Accepting XAT Score
  • BBA Colleges in India
  • XAT College Predictor 2024
  • SNAP College Predictor
  • NMAT College Predictor
  • MAT College Predictor 2024
  • CMAT College Predictor 2024
  • CAT Percentile Predictor 2024
  • CAT 2024 College Predictor
  • Top MBA Entrance Exams 2024
  • AP ICET Counselling 2024
  • GD Topics for MBA
  • CAT Exam Date 2024
  • Download Helpful Ebooks
  • List of Popular Branches
  • QnA - Get answers to your doubts
  • IIM Fees Structure
  • AIIMS Nursing
  • Top Medical Colleges in India
  • Top Medical Colleges in India accepting NEET Score
  • Medical Colleges accepting NEET
  • List of Medical Colleges in India
  • List of AIIMS Colleges In India
  • Medical Colleges in Maharashtra
  • Medical Colleges in India Accepting NEET PG
  • NEET College Predictor
  • NEET PG College Predictor
  • NEET MDS College Predictor
  • NEET Rank Predictor
  • DNB PDCET College Predictor
  • NEET Result 2024
  • NEET Asnwer Key 2024
  • NEET Cut off
  • NEET Online Preparation
  • Download Helpful E-books
  • Colleges Accepting Admissions
  • Top Law Colleges in India
  • Law College Accepting CLAT Score
  • List of Law Colleges in India
  • Top Law Colleges in Delhi
  • Top NLUs Colleges in India
  • Top Law Colleges in Chandigarh
  • Top Law Collages in Lucknow

Predictors & E-Books

  • CLAT College Predictor
  • MHCET Law ( 5 Year L.L.B) College Predictor
  • AILET College Predictor
  • Sample Papers
  • Compare Law Collages
  • Careers360 Youtube Channel
  • CLAT Syllabus 2025
  • CLAT Previous Year Question Paper
  • NID DAT Exam
  • Pearl Academy Exam

Predictors & Articles

  • NIFT College Predictor
  • UCEED College Predictor
  • NID DAT College Predictor
  • NID DAT Syllabus 2025
  • NID DAT 2025
  • Design Colleges in India
  • Top NIFT Colleges in India
  • Fashion Design Colleges in India
  • Top Interior Design Colleges in India
  • Top Graphic Designing Colleges in India
  • Fashion Design Colleges in Delhi
  • Fashion Design Colleges in Mumbai
  • Top Interior Design Colleges in Bangalore
  • NIFT Result 2024
  • NIFT Fees Structure
  • NIFT Syllabus 2025
  • Free Design E-books
  • List of Branches
  • Careers360 Youtube channel
  • IPU CET BJMC
  • JMI Mass Communication Entrance Exam
  • IIMC Entrance Exam
  • Media & Journalism colleges in Delhi
  • Media & Journalism colleges in Bangalore
  • Media & Journalism colleges in Mumbai
  • List of Media & Journalism Colleges in India
  • CA Intermediate
  • CA Foundation
  • CS Executive
  • CS Professional
  • Difference between CA and CS
  • Difference between CA and CMA
  • CA Full form
  • CMA Full form
  • CS Full form
  • CA Salary In India

Top Courses & Careers

  • Bachelor of Commerce (B.Com)
  • Master of Commerce (M.Com)
  • Company Secretary
  • Cost Accountant
  • Charted Accountant
  • Credit Manager
  • Financial Advisor
  • Top Commerce Colleges in India
  • Top Government Commerce Colleges in India
  • Top Private Commerce Colleges in India
  • Top M.Com Colleges in Mumbai
  • Top B.Com Colleges in India
  • IT Colleges in Tamil Nadu
  • IT Colleges in Uttar Pradesh
  • MCA Colleges in India
  • BCA Colleges in India

Quick Links

  • Information Technology Courses
  • Programming Courses
  • Web Development Courses
  • Data Analytics Courses
  • Big Data Analytics Courses
  • RUHS Pharmacy Admission Test
  • Top Pharmacy Colleges in India
  • Pharmacy Colleges in Pune
  • Pharmacy Colleges in Mumbai
  • Colleges Accepting GPAT Score
  • Pharmacy Colleges in Lucknow
  • List of Pharmacy Colleges in Nagpur
  • GPAT Result
  • GPAT 2024 Admit Card
  • GPAT Question Papers
  • NCHMCT JEE 2024
  • Mah BHMCT CET
  • Top Hotel Management Colleges in Delhi
  • Top Hotel Management Colleges in Hyderabad
  • Top Hotel Management Colleges in Mumbai
  • Top Hotel Management Colleges in Tamil Nadu
  • Top Hotel Management Colleges in Maharashtra
  • B.Sc Hotel Management
  • Hotel Management
  • Diploma in Hotel Management and Catering Technology

Diploma Colleges

  • Top Diploma Colleges in Maharashtra
  • UPSC IAS 2024
  • SSC CGL 2024
  • IBPS RRB 2024
  • Previous Year Sample Papers
  • Free Competition E-books
  • Sarkari Result
  • QnA- Get your doubts answered
  • UPSC Previous Year Sample Papers
  • CTET Previous Year Sample Papers
  • SBI Clerk Previous Year Sample Papers
  • NDA Previous Year Sample Papers

Upcoming Events

  • NDA Application Form 2024
  • UPSC IAS Application Form 2024
  • CDS Application Form 2024
  • CTET Admit card 2024
  • HP TET Result 2023
  • SSC GD Constable Admit Card 2024
  • UPTET Notification 2024
  • SBI Clerk Result 2024

Other Exams

  • SSC CHSL 2024
  • UP PCS 2024
  • UGC NET 2024
  • RRB NTPC 2024
  • IBPS PO 2024
  • IBPS Clerk 2024
  • IBPS SO 2024
  • Top University in USA
  • Top University in Canada
  • Top University in Ireland
  • Top Universities in UK
  • Top Universities in Australia
  • Best MBA Colleges in Abroad
  • Business Management Studies Colleges

Top Countries

  • Study in USA
  • Study in UK
  • Study in Canada
  • Study in Australia
  • Study in Ireland
  • Study in Germany
  • Study in China
  • Study in Europe

Student Visas

  • Student Visa Canada
  • Student Visa UK
  • Student Visa USA
  • Student Visa Australia
  • Student Visa Germany
  • Student Visa New Zealand
  • Student Visa Ireland
  • CUET PG 2024
  • IGNOU B.Ed Admission 2024
  • DU Admission 2024
  • UP B.Ed JEE 2024
  • LPU NEST 2024
  • IIT JAM 2024
  • IGNOU Online Admission 2024
  • Universities in India
  • Top Universities in India 2024
  • Top Colleges in India
  • Top Universities in Uttar Pradesh 2024
  • Top Universities in Bihar
  • Top Universities in Madhya Pradesh 2024
  • Top Universities in Tamil Nadu 2024
  • Central Universities in India
  • CUET DU Cut off 2024
  • IGNOU Date Sheet
  • CUET DU CSAS Portal 2024
  • CUET Response Sheet 2024
  • CUET Result 2024
  • CUET Participating Universities 2024
  • CUET Previous Year Question Paper
  • CUET Syllabus 2024 for Science Students
  • E-Books and Sample Papers
  • CUET Exam Pattern 2024
  • CUET Exam Date 2024
  • CUET Cut Off 2024
  • CUET Exam Analysis 2024
  • IGNOU Exam Form 2024
  • CUET PG Counselling 2024
  • CUET Answer Key 2024

Engineering Preparation

  • Knockout JEE Main 2024
  • Test Series JEE Main 2024
  • JEE Main 2024 Rank Booster

Medical Preparation

  • Knockout NEET 2024
  • Test Series NEET 2024
  • Rank Booster NEET 2024

Online Courses

  • JEE Main One Month Course
  • NEET One Month Course
  • IBSAT Free Mock Tests
  • IIT JEE Foundation Course
  • Knockout BITSAT 2024
  • Career Guidance Tool

Top Streams

  • IT & Software Certification Courses
  • Engineering and Architecture Certification Courses
  • Programming And Development Certification Courses
  • Business and Management Certification Courses
  • Marketing Certification Courses
  • Health and Fitness Certification Courses
  • Design Certification Courses

Specializations

  • Digital Marketing Certification Courses
  • Cyber Security Certification Courses
  • Artificial Intelligence Certification Courses
  • Business Analytics Certification Courses
  • Data Science Certification Courses
  • Cloud Computing Certification Courses
  • Machine Learning Certification Courses
  • View All Certification Courses
  • UG Degree Courses
  • PG Degree Courses
  • Short Term Courses
  • Free Courses
  • Online Degrees and Diplomas
  • Compare Courses

Top Providers

  • Coursera Courses
  • Udemy Courses
  • Edx Courses
  • Swayam Courses
  • upGrad Courses
  • Simplilearn Courses
  • Great Learning Courses

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in Hindi) - 200, 300, 500 शब्दों में

वायु प्रदूषण पर निबंध: वायु, जल और भोजन- जीवन की इन तीन अनिवार्य आवश्यकताओं के बिना जीवन संभव नहीं हैं। इनमें भी वायु यानी हवा सबसे अनिवार्य है क्योंकि भोजन तथा पानी के बिना तो जीव कुछ समय तक जिंंदा रह सकता है, लेकिन हवा के बिना दो मिनट भी जीवित रहना मुश्किल है। वायु गैसों का मिश्रण है, स्वच्छ वायु में लगभग 78% प्रतिशत भाग नाइट्रोजन और 21% भाग ऑक्सीजन और बाकी कार्बन डाई ऑक्साइड, मिथेन, आर्गन, जल वाष्प की मात्रा रहती है। अगर इनमें खासकर कार्बन, मिथेन, नाइट्रोजन की मात्रा में बदलाव हुआ तो ये वायु प्रदूषित हो जाती है। वर्तमान समय में वायु में इसी तरह की गैस और धूलकणों की मात्रा लगातार बढ़ रही है जिससे वैश्विक स्तर पर इसको लेकर चिंता बढ़ी है। हिंदी में पत्र लेखन सीखें ।

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) - वायु प्रदूषण क्या है? (What is Air Pollution?)

वायु प्रदूषण पर निबंध (essay on air pollution in hindi) - वायु प्रदूषण कितने प्रकार का होता है, वायु प्रदूषण पर निबंध (essay on air pollution in hindi) - वायु प्रदूषण के कारण, वायु प्रदूषण पर निबंध (essay on air pollution in hindi) - स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव, वायु प्रदूषण पर निबंध (essay on air pollution in hindi) - वायु प्रदूषण कैसे कम किया जा सकता है, वायु प्रदूषण पर निबंध (essay on air pollution in hindi) - कुछ विचार और नारे, वायु प्रदूषण पर निबंध (essay on air pollution in hindi) - उपसंहार.

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in Hindi) - 200, 300, 500 शब्दों में

औद्योगीकरण की तेज रफ़्तार ने वायु प्रदूषण (Air Pollution) को जन्म दिया है। वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) के माध्यम से हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution in hindi) से इस विकट समस्या को जहां समझने में आसानी होगी, वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार अन्य कारणों से भी परिचित हो सकेंगे। इससे स्कूली छात्रों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Hindi Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध (essay on air pollution hindi) से छात्रों को परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त करने में मदद मिलेगी। साथ ही पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on World Environment Day in hindi) लिखने में भी यह लेख उनकी सहायता करेगा।

हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on air pollution in hindi) विशेष इस लेख के माध्यम से हमें सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि वायु प्रदूषण क्या है? मनुष्यों तथा अन्य जीवित प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद ऐसे तत्व प्रदूषक कहलाते हैं, जो प्राकृतिक तौर पर वायु में नहीं पाए जाते हैं और वायु में ऐसे प्रदूषकों के मिलने से वायु प्रदूषण होता है। जब वायु में प्रदूषक तत्व उपस्थित होते हैं, तो कहा जाता है कि वायु प्रदूषित है।

सामान्य तौर पर कहें तो वायु प्रदूषण का मतलब हवा में किसी भी भौतिक, रासायनिक या जैविक परिवर्तन से है। यह हानिकारक गैसों, धूल तथा धुएं द्वारा हवा में खैला प्रदूषण है जो पौधों, जानवरों और मनुष्यों को काफी प्रभावित करता है।

अन्य लेख पढ़ें-

  • गणतंत्र दिवस पर भाषण
  • दशहरा पर निबंध
  • दिवाली पर निबंध
  • महात्मा गांधी पर निबंध

वायु प्रदूषण के प्रकार को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जाता है -

प्राथमिक प्रदूषकों से होने वाला प्रदूषण - प्राथमिक प्रदूषक वाले प्रदूषण में ज्वालामुखी विस्फोट से राख, लावा धुँआ; वाहनों आदि से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस, कारखानों से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड गैस आदि से होने वाला प्रदूषण आता है।

द्वितीयक प्रदूषकों से होने वाला प्रदूषण - द्वितीयक प्रदूषक सीधे उत्सर्जित नहीं होते हैं, बल्कि जब प्राथमिक प्रदूषक आपस में क्रिया या प्रतिक्रिया करते हैं। तब वे वायु में निर्मित होते हैं। जमीनी स्तर की ओज़ोन द्वितीयक प्रदूषक का प्रमुख उदाहरण है, जो धूम-कोहरा (स्मॉग) बनाती है।

वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) के इस भाग में अब हम वायु प्रदूषण के स्रोतों के बारे में जानेंगे। वायु प्रदूषण के स्रोतों को दो भागों में बाँटा जा सकता है-

विभिन्न प्रकार के ईंधनों के दहन से संबंधित मानवजनित स्रोत (मानव गतिविधि) और प्राकृतिक स्रोत।

वायु प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से एक मानवीय गतिविधियाँ हैं। विद्युत संयंत्र, कल-कारखाने, लकड़ी, कोयले और उपले या अन्य सामग्रियों के दहन से निकले वाली गैस और वाहनों से निकलने वाला धुँआ आदि इसका एक प्रमुख कारण है।

कभी-कभी वायु प्रदूषण प्राकृतिक कारणों से जैसे कि ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाला धुँआ या धूल की वजह से भी होता है, तो कई बार वनों में लगने वाली आग से निकलने वाला धुँआ भी इसके लिए जिम्मेदार होता है।

इसे भी देखें- होली पर निबंध

वायु प्रदूषण के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में सांस लेने में कठिनाई, घबराहट, खाँसी, अस्थमा और श्वसन व हृदय संबंधी बीमारियों का होना शामिल हो सकता है। वायु प्रदूषण के कारण खराब हुई वायु गुणवत्ता के मानव स्वास्थ्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ते हैं, लेकिन मुख्य रूप से शरीर की श्वसन प्रणाली और हृदय प्रणाली पर इसका अधिक प्रभाव पड़ता है। वायु प्रदूषकों के प्रति व्यक्ति विशेष पर पड़ने वाला असर संपर्क में आने वाले प्रदूषक के प्रकार, उस वातावरण में बिताए गए समय, व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आनुवंशिकी पर निर्भर करता है। वायु प्रदूषण के सबसे आम स्रोतों में निलंबित कण, ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड आदि आते हैं। घर के अंदर और बाहर वायु प्रदूषण की स्थिति के कारण होने वाली कुल मौतों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि विकासशील देशों में रहने वाले पांच साल से कम उम्र के बच्चों पर वायु प्रदूषण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा साल 2014 में लगाए गए अनुमान के अनुसार हर साल वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में लगभग 70 लाख लोगों की असमय मौत होती है। मार्च 2019 में प्रकाशित अध्ययनों से पता चलता है कि यह संख्या लगभग 88 लाख तक हो सकती है। पर्यावरणीय स्वास्थ्य खतरों के कारण होने वाली मौतों के मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा कारण है। वायु प्रदूषण के कारण भारत में मृत्यु दर सबसे अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत में अस्थमा से अधिक मौतें होती हैं। दिसंबर 2013 में चीन में प्रत्येक साल वायु प्रदूषण से लगभग 500,000 लोगों की मौत का अनुमान लगाया गया था। इस तरह हम देख सकते हैं कि वायु प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति मानव जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सभी को अपनी जिम्मेदारियों को न केवल समझना होगा, बल्कि निभाने की भी जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर निबंध (Air Pollution Essay in hindi) के इस अहम भाग में हम वायु प्रदूषण की समस्या को खत्म या कम करने के कुछ उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे-

पेड़-पौधे वातावरण की कार्बन डाईऑक्साइड को खींचकर ऑक्सीजन छोड़ते हैं। इसलिए वायु प्रदूषण को रोकने के सबसे अहम उपायों में से एक है बड़ी संख्या में पेड़-पौधे लगाना।

पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण वायु प्रदूषण की स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है। इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए और कड़ाई से इसका पालन किया जाना चाहिए। जंगलों में लगने वाली आग के त्वरित नियंत्रण के उपाय किए जाएँ।

जीवाश्म ईंधन के बजाए वैकल्पिक ईंधन के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा का प्रयोग किया जाए।

कल-कारखानों में प्रदूषण मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए।

वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार गतिविधियों को सीमित या बंद किया जाए।

नागरिकों को वायु प्रदूषण के नुकसान, प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों तथा इन्हें रोकने के उपायों के बारे में जागरूक करना।

प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को शहर और रिहायशी इलाकों से दूर रखना।

ऐसी तकनीकों का उपयोग करना, जिससे कम से कम धुँआ उत्सर्जित हो।

उम्मीद है कि वायु प्रदूषण पर निबंध (वायु प्रदूषण पर लेख) विशेष इस लेख के माध्यम से वायु प्रदूषण को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली होगी और हम सब वायु प्रदूषण पर निबंध (Air Pollution Essay in hindi) में बताई गई जानकारियों का उपयोग कर वायु प्रदूषण को कम कर बेहतर पर्यावरण के निर्माण की दिशा में अपना छोटा लेकिन बेशकीमती योगदान देंगे।

वायु प्रदूषण की समस्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सरल शब्दों में नारे (स्लोगन) तैयार किए जाते हैं जो आसानी से समझ में आ जाते हैं और लंबे समय तक याद भी रहते हैं। प्रदूषण, विशेषकर वायु प्रदूषण के बारे में नीचे हमने कुछ नारे संकलित किए हैं, जिनका उपयोग लोगों को जागरूक करने और वायु प्रदूषण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए किया जा सकता है।

नीचे कुछ वायु प्रदूषण पर नारे हिंदी में दिए गए हैं -

1. स्वच्छ वायु के लिए कुछ कर दिखाना होगा; पेड़ों, बाग-बगीचों को कटने से बचाना होगा।

2. तरक्की की क्या खूब हमने गढ़ी कहानी है, वायु प्रदूषण इसकी सबसे बड़ी निशानी है।

3. जागरूक नागरिक बनिए, वायु प्रदूषण फैलाने से बचिए।

4. आओ वायु प्रदूषण को मिलकर हटाएँं, हम सब मिलकर पड़े लगाएँ।

5. कुछ पाने की हमने बड़ी कीमत चुकाई, अपनी साँसों को खुद हमने जहरीली हवा पिलाई।

6. जागो तुम, जागेगा भारत, शुद्ध हवा पाएगा भारत।

7. स्वच्छ हवा को अगर पाना है, सबको पेड़ लगाना है।

8. अपना नहीं भविष्य का सोचो, वायु प्रदूषण को आज ही रोको।

9. सबका एक ही नारा, प्रदूषण मुक्त हो देश हमारा।

11. स्वस्थ और बलशाली लोग भी वायु प्रदूषण से प्रभावित हो सकते हैं।– जेन लैपिंग

12. धरती माता अपने सभी बच्चों के साथ गैस चैंबर की ओर जा रही हैं- स्टीवन मैगी

स्वार्थपरता से ऊपर उठकर दुनिया के सभी देशों को इसमें अपनी भूमिका का सक्रियता से निर्वहन करने की जरूरत है। दुनिया के बड़े और शक्तिशाली देशों ने ही सबसे अधिक वायु प्रदूषण किया है इसलिए इसकी रोकथाम करने की दिशा में भी सबसे बड़ी जिम्मेदारी इनकी ही बनती है, क्योंकि न केवल जरूरी संसाधन और विशेषज्ञता के कारण ये ऐसा करने में सक्षम हैं, बल्कि इनके ही कर्मों की सजा पूरी दुनिया को भुगतनी पड़ रही है। वायु प्रदूषण दुनिया में तेजी से बढ़ रही एक गंभीर समस्या है, जिसकी रोकथाम करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। छोटे-छोटे व्यक्तिगत प्रयास भी इसमें अहम भूमिका निभाएँगे। हम सभी को पर्यावरण प्रदूषण रोकने और वायु प्रदूषण को कम करने में अपनी भूमिका को समझना होगा और उसका ईमानदारी के साथ निर्वहन करना होगा, केवल तभी वायु प्रदूषण की समस्या पर लगाम कसी जा सकेगी।

हम उम्मीद करते हैं कि वायु प्रदूषण पर निबंध (Air Pollution Essay in hindi) विशेष इस लेख से आपको न सिर्फ वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध (Air Pollution Essay in hindi) लिखने में ही सहायता मिलेगी, बल्कि आप वायु प्रदूषण को लेकर काफी जागरूक भी हुए होंगे। धन्यवाद।

Frequently Asked Question (FAQs)

मनुष्यों और अन्य जीवित प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद ऐसे तत्व प्रदूषक कहलाते हैं जो प्राकृतिक तौर पर वायु में नहीं पाए जाते। वायु में इन प्रदूषकों के मिलने से वायु प्रदूषण होता है। वायु में प्रदूषक तत्वों के उपस्थित होने की स्थिति में वायु प्रदूषण होता है।

वायु प्रदूषण मोटे तौर पर दो प्रकार का होता है-

प्राथमिक प्रदूषकों से होने वाला प्रदूषण - प्राथमिक प्रदूषक वाले प्रदूषण में ज्वालामुखी विस्फोट से राख, लावा धुँआ; वाहनों आदि से निकलने वलीकार्बन मोनो ऑक्साइड गैस, कारखानों से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड गैस आदि से होने वाला प्रदूषण आता है।

द्वितीयक प्रदूषकों से होने वाला प्रदूषण - द्वितीयक प्रदूषक सीधे उत्सर्जित नहीं होते हैं। बल्कि जब प्राथमिक प्रदूषक आपस में क्रिया या प्रतिक्रिया करते हैं तब वे वायु में निर्मित होते हैं। जमीनी स्तर की ओज़ोन द्वितीयक प्रदूषक का प्रमुख उदाहरण है जो धूम-कोहरा (स्मॉग) बनाती है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मार्च 2019 में प्रकाशित अध्ययनों से पता चलता है कि हर साल वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में  लगभग 88 लाख लोगों की असमय मौत होती है। वायु प्रदूषण के कारण भारत में मृत्यु दर सबसे अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत में अस्थमा से अधिक मौतें होती हैं। वायु प्रदूषण के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में सांस लेने में कठिनाई, घबराहट, खाँसी, अस्थमा और श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों का बिगड़ना शामिल हो सकता है। वायु प्रदूषण के कारण खराब हुई वायु गुणवत्ता के मानव स्वास्थ्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ते हैं, लेकिन मुख्य रूप से शरीर की श्वसन प्रणाली और हृदय प्रणाली पर अधिक प्रभाव पड़ता है। वायु प्रदूषकों के प्रति व्यक्ति विशेष पर पड़ने वाला असर संपर्क में आने वाले प्रदूषक के प्रकार, उस वातावरण में बिताए गए समय, व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आनुवंशिकी पर निर्भर करता है।   

वायु प्रदूषण रोकने के उपाय कई तरह के हो सकते हैं। वायु प्रदूषण रोकने कुछ उपाय नीचे दिए गए हैं-

पेड़-पौधे वातावरण की कार्बन डाई ऑक्साइड को खींचकर ऑक्सीजन छोड़ते हैं। इसलिए वायु प्रदूषण को रोकने के सबसे अहम उपायों में से एक है बड़ी संख्या में पेड़-पौधे लगाना।

पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के कारण वायु प्रदूषण की स्थिति दिनों-दिन बिगड़ रही है। इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए और कड़ाई से इसका पालन किया जाना चाहिए। जंगलों में लगने वाली आग के त्वरित नियंत्रण के उपाय किए जाएँ।

जीवाश्म ईंधन के वैकल्पिक ईंधन के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा का प्रयोग किया जाए।

  • नागरिकों को वायु प्रदूषण के नुकसान, प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों और इन्हें रोकने के उपायों के बारे में जागरूक करना।

ऐसी तकनीकों का उपयोग करना जिससे कम से कम धुँआ उत्सर्जित हो।

छोटे-छोटे व्यक्तिगत प्रयास भी वायु प्रदूषण नियंत्रण में अहम भूमिका निभाएँगे। सभी को पर्यावरण प्रदूषण रोकने और वायु प्रदूषण को कम करने में अपनी भूमिका को समझना होगा और उसका ईमानदारी के साथ निर्वहन करना होगा। वायु प्रदूषण नियंत्रण के कुछ व्यक्तिगत उपाय नीचे दिए गए हैं- 

  • अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना।
  • पेड़ों, बाग-बगीचों को नुकसान न पहुँचाएँ और दूसरों को भी ऐसा करने से रोकें।
  • छोटे-मोटे आयोजन कर आस-पास वायु प्रदूषण को रोकने के लिए प्रयास करने वालों को प्रोत्साहित और पुरस्कृत करना।
  • वैकल्पिक ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा का प्रयोग किया जाए आदि।
  • Latest Articles
  • Popular Articles

Upcoming School Exams

National institute of open schooling 12th examination.

Application Date : 07 June,2024 - 06 July,2024

National Institute of Open Schooling 10th examination

Gujarat board secondary school certificate examination.

Admit Card Date : 15 June,2024 - 06 July,2024

Jammu and Kashmir State Board of School Education 10th Examination

Others : 21 June,2024 - 12 July,2024

Gujarat Board Higher Secondary School Certificate

Exam Date : 24 June,2024 - 06 July,2024

Applications for Admissions are open.

Aakash iACST Scholarship Test 2024

Aakash iACST Scholarship Test 2024

Get up to 90% scholarship on NEET, JEE & Foundation courses

JEE Main Important Physics formulas

JEE Main Important Physics formulas

As per latest 2024 syllabus. Physics formulas, equations, & laws of class 11 & 12th chapters

JEE Main Important Chemistry formulas

JEE Main Important Chemistry formulas

As per latest 2024 syllabus. Chemistry formulas, equations, & laws of class 11 & 12th chapters

TOEFL ® Registrations 2024

TOEFL ® Registrations 2024

Accepted by more than 11,000 universities in over 150 countries worldwide

PTE Exam 2024 Registrations

PTE Exam 2024 Registrations

Register now for PTE & Save 5% on English Proficiency Tests with ApplyShop Gift Cards

JEE Main high scoring chapters and topics

JEE Main high scoring chapters and topics

As per latest 2024 syllabus. Study 40% syllabus and score upto 100% marks in JEE

Explore on Careers360

  • Board Exams
  • Navodaya Vidyalaya
  • NCERT Solutions for Class 10
  • NCERT Solutions for Class 9
  • NCERT Solutions for Class 8
  • NCERT Solutions for Class 6

NCERT Exemplars

  • NCERT Exemplar
  • NCERT Exemplar Class 9 solutions
  • NCERT Exemplar Class 10 solutions
  • NCERT Exemplar Class 11 Solutions
  • NCERT Exemplar Class 12 Solutions
  • NCERT Books for class 6
  • NCERT Books for class 7
  • NCERT Books for class 8
  • NCERT Books for class 9
  • NCERT Books for Class 10
  • NCERT Books for Class 11
  • NCERT Books for Class 12
  • NCERT Notes for Class 9
  • NCERT Notes for Class 10
  • NCERT Notes for Class 11
  • NCERT Notes for Class 12
  • NCERT Syllabus for Class 6
  • NCERT Syllabus for Class 7
  • NCERT Syllabus for class 8
  • NCERT Syllabus for class 9
  • NCERT Syllabus for Class 10
  • NCERT Syllabus for Class 11
  • NCERT Syllabus for Class 12
  • CBSE Date Sheet
  • CBSE Syllabus
  • CBSE Admit Card
  • CBSE Result
  • CBSE Result Name and State Wise
  • CBSE Passing Marks

CBSE Class 10

  • CBSE Board Class 10th
  • CBSE Class 10 Date Sheet
  • CBSE Class 10 Syllabus
  • CBSE 10th Exam Pattern
  • CBSE Class 10 Answer Key
  • CBSE 10th Admit Card
  • CBSE 10th Result
  • CBSE 10th Toppers
  • CBSE Board Class 12th
  • CBSE Class 12 Date Sheet
  • CBSE Class 12 Admit Card
  • CBSE Class 12 Syllabus
  • CBSE Class 12 Exam Pattern
  • CBSE Class 12 Answer Key
  • CBSE 12th Result
  • CBSE Class 12 Toppers

CISCE Board 10th

  • ICSE 10th time table
  • ICSE 10th Syllabus
  • ICSE 10th exam pattern
  • ICSE 10th Question Papers
  • ICSE 10th Result
  • ICSE 10th Toppers
  • ISC 12th Board
  • ISC 12th Time Table
  • ISC Syllabus
  • ISC 12th Question Papers
  • ISC 12th Result
  • IMO Syllabus
  • IMO Sample Papers
  • IMO Answer Key
  • IEO Syllabus
  • IEO Answer Key
  • NSO Syllabus
  • NSO Sample Papers
  • NSO Answer Key
  • NMMS Application form
  • NMMS Scholarship
  • NMMS Eligibility
  • NMMS Exam Pattern
  • NMMS Admit Card
  • NMMS Question Paper
  • NMMS Answer Key
  • NMMS Syllabus
  • NMMS Result
  • NTSE Application Form
  • NTSE Eligibility Criteria
  • NTSE Exam Pattern
  • NTSE Admit Card
  • NTSE Syllabus
  • NTSE Question Papers
  • NTSE Answer Key
  • NTSE Cutoff
  • NTSE Result

Schools By Medium

  • Malayalam Medium Schools in India
  • Urdu Medium Schools in India
  • Telugu Medium Schools in India
  • Karnataka Board PUE Schools in India
  • Bengali Medium Schools in India
  • Marathi Medium Schools in India

By Ownership

  • Central Government Schools in India
  • Private Schools in India
  • Schools in Delhi
  • Schools in Lucknow
  • Schools in Kolkata
  • Schools in Pune
  • Schools in Bangalore
  • Schools in Chennai
  • Schools in Mumbai
  • Schools in Hyderabad
  • Schools in Gurgaon
  • Schools in Ahmedabad
  • Schools in Uttar Pradesh
  • Schools in Maharashtra
  • Schools in Karnataka
  • Schools in Haryana
  • Schools in Punjab
  • Schools in Andhra Pradesh
  • Schools in Madhya Pradesh
  • Schools in Rajasthan
  • Schools in Tamil Nadu
  • NVS Admit Card
  • Navodaya Result
  • Navodaya Exam Date
  • Navodaya Vidyalaya Admission Class 6
  • JNVST admit card for class 6
  • JNVST class 6 answer key
  • JNVST class 6 Result
  • JNVST Class 6 Exam Pattern
  • Navodaya Vidyalaya Admission
  • JNVST class 9 exam pattern
  • JNVST class 9 answer key
  • JNVST class 9 Result

Download Careers360 App's

Regular exam updates, QnA, Predictors, College Applications & E-books now on your Mobile

student

Certifications

student

We Appeared in

Economic Times

essay on pollution in hindi in simple language

पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध | Essay On Pollution In Hindi

Essay on Pollution in Hindi

भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में प्रदूषण एक बड़ा पर्यावरणीय मुद्दा है जिसके बारे में हर किसी को पता होना चाहिए। माता-पिता को प्रदुषण के प्रकार, कारण और रोकथाम के बारे में पता होना चाहिए ताकि वो अपने बच्चो को इसके बारे में बता सके।

प्रदूषण आज दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। प्रदूषण से तात्पर्य गंदगी से है और प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होने से है। प्रदूषण की गिरफ्त में आज पूरा मानव समुदाय ही नहीं बल्कि सभी जीव-जन्तु और वनस्पति भी इसकी चपेट में हैं।

प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभावों को हर तरफ देखा जा सकता है। वहीं पिछले कुछ दशकों से प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि, जिससे मानव जीवन खतरे में पड़ गया है। वहीं अगर इस समस्या पर जल्द गौर नहीं किया तो वो दिन दूर नहीं जब प्रदूषण की वजह से रोजाना किसी न किसी की मृत्यु होगी और दुनिया का आस्तित्व ही खत्म हो जाएगा।

प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से स्कूल, कॉलेजों में इसके लिए बच्चों को जागरूक किया जाता है और इस विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित करवाई जाती है, जिससे लोग इससे होने वाले दुष्परिणामों के बारे में जान सके और इससे बचने के उपायों की जानकारी प्राप्त कर सकें।

इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख में प्रदूषण पर अलग-अलग शब्द सीमा के साथ निबंध (Essay On Pollution) उपलब्ध करवाएंगे जो कि आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है।

Essay On Pollution In Hindi

प्रदुषण पर निबंध – Essay On Pollution In Hindi

“आओ दोस्तों कसम ये खाये, प्रदुषण को हम दूर भगाये…”

प्रदूषण का मतलब होता है, जब कुछ दूषित तत्व प्राकृतिक परिवेश में प्रवेश कर जाते हैं और पर्यावरण को प्रदूषित कर देते हैं, जिससे प्राकृतिक संतुलन पूरी तरह बिगड़ जाता है और जिससे न हमें शुद्ध वायु मिलती है, न शुद्द जल मिलता है और न ही शांत वातावरण मिलता है।

जिससे कई तरह की गंभीर समस्याएं पैदा हो जाती हैं। प्रदूषण न सिर्फ हमारी सामान्य जीवन शैली को प्रभावित करता है, बल्कि कई तरह की गंभीर बीमारियों और ग्लोबल वार्मिंग को जन्म भी देता है।

इसमें किसी तरह का कोई शक नहीं है कि आज के मॉडर्न और आधुनिक युग में मनुष्य अपनी सुख-सुविधा के लिए ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है और इसी वजह से प्रदूषण अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया है।

विज्ञान और टेक्नोलॉजी के विकास से जहां मानव क्षमता में भारी वृद्धि हुई हैं तो वहीं लोग अपने द्धारा बनाई गई रचनाओं के गिरफ्त में आ गए हैं, अर्थात आज का इंसान आधुनिकरण और सुख-सुविधाओं का इतना आदि हो गया है कि वह इन संसाधनों के बिना अपने जीवन की कल्पना ही नहीं कर सकता है और मानव निर्मित उपकरण की वजह से ही प्राकृतिक संसाधनों का जमकर हनन हो रहा है और प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ रही है।

इसलिए प्रदूषण की समस्या पर लगाम लगाने की जरुरत है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसकी तरफ ध्यान देने की जरूरत है।

प्रदूषण पर निबंध – Pradushan Par Nibandh

स्वच्छ और शुद्ध वातावरण में रहने से न सिर्फ मानव का विकास होता है, बल्कि स्वस्थ समाज का भी निर्माण होता है। यहां शुद्ध वातावरण से तात्पर्य – प्रदूषण रहित वातावरण से है। वहीं जब तक सभी मिलकर वातावरण को स्वच्छ रखने में मद्द नहीं करेंगे तो हर तरफ गंदगी होगी और प्रदूषण फैलेगा।

प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए इससे पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव और इससे बचने के उपायों के बारे में जानना बेहद आवश्यक है, तभी लगातर बढ़ रहे प्रदूषण पर रोक लगाई जा सकेगी।

दरअसल, हम बिना सोचे-समझे अपनी सुख-सुविधाओं के लिए अपनी प्रकृति का हनन करते हैं, जिसकी वजह से कई तरह की गंभीर समस्याएं पैदा होती हैं। इसलिए प्रदूषण की गंभीर समस्या से निपटने के लिए हमें अपनी जानकारी को बढ़ाना चाहिए और अपनी सोच को व्यापक और विस्तृत करना चाहिए।

इसलिए अलग-अलग तरह के प्रदूषण, उनके कारणों  और मानव जीवन और वातावरण पर पड़ने वाले इसके प्रभाव के बारे जानना बेहद आवश्यक है।

आपको बता दें कि अलग-अलग तरीके से कुछ रसायन, सूक्ष्म और दूषित तत्व हमारे वातावरण में मिल रहे हैं, जिनसे अलग-अलग तरह का प्रदूषण होता है – जैसे कि वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण, रसायनिक प्रदूषण और रेडियोधर्मी प्रदूषण। जब वायु में कुछ दूषित तत्व मिलकर वायु मौजूद गैसों का संतुलन बिगाड़ देते हैं तो उसे वायु प्रदूषण कहते हैं, इससे अस्थमा, दमा समेत कई तरह की श्वास संबंधित बीमारियां फैलती हैं।

इसी तरह से जब प्राकृतिक जल स्त्रोतों में कारखानों और घरों से निकलने वाला कचरा मिलता है तो जल प्रदूषण की समस्या पैदा होती है। वहीं मोटर वाहनों, डीजे, लाउडस्पीकर और पटाखों से इतना शोर होता है कि ध्वनि प्रदूषण की समस्या पैदा हो जाती है जिससे इंसान की सुनने की शक्ति कमजोर हो जाती है।

इस तरह अलग-अलग प्रदूषण का हमारी पृथ्वी और मानव दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिसके पर गौर करने की और जागरूकता फैलाने की जरूरत है, तभी इस गंभीर समस्या से निपटा जा सकता है।

प्रदूषण पर निबंध – Pradushan Essay In Hindi

प्रस्तावना –

प्रदूषण की समस्या आज पूरी दुनिया की सबसे बड़ी समस्या के रुप में सामने आ रही है। आधुनिक युग में मनुष्य सुख-सुविधाओं का इतना आदि हो गया है कि इसके लिए प्रकृति के साथ छेड़ छाड़ कर रहा है, जिससे प्रदूषण की समस्या उपज रही है।

वहीं अब प्रदूषण का स्तर चरम सीमा पर पहुंच गया है, अगर अब वातावरण को स्वच्छ रखने में ध्यान नहीं दिया तो आगे चलकर पृथ्वी पर रह रहे मनुष्य और जीव-जंतु सभी का आस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए सबसे पहले यह जानना जरुरी है कि आखिर प्रदूषण किन कारणों की वजह से हो रहा है –

प्रदूषण के प्रमुख कारण – Pradushan Ke Karan

प्रदूषण फैलने के कई प्राकृतिक और मानवनिर्मित कारण हैं, दरअसल मानव अपने सुख-सुविधाओं के लिए पेड़-पौधों को लगातार काट रहे हैं, वनों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, जिससे प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है और प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या उपज रही है।

यही नहीं आजकल लोग वाहनों का अत्याधिक इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे वाहनों से निकलने वाला धुआं जहरीली गैस के रुप में हवा से मिल जाता है, जिससे वायु प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

इसके अलावा वाहनों से होने वाले शोर से मनुष्य की सुनने की क्षमता प्रभावित होती है।  वहीं शहरों में तेजी से हो रहे औद्योगिकरण से एक तरफ जहां देश के विकास को गति मिली है तो दूसरी तरफ इससे काफी नुकसान भी हो रहा है।

दरअसल औद्योगिक से निकलने वाला कचरा और दूषित अवयव प्राकृतिक जल स्त्रोतों में बहा दिए जाते हैं जिससे प्रदूषण की समस्या को बढ़ावा मिलता है। आधुनिक तकनीक कृषि में जहां सिंचाई में वृद्धि हुई है और उत्तम किस्म की फसल की पैदावार होने लगी है तो वहीं इसके लिए उपयोग किए जाने वाले रसायन और कीटनाशकों से जलस्त्रोतों में प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ जाती है, और इसी दूषित पानी के सेवन से लोग बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।

निष्कर्ष:

जाहिर है कि, आज विज्ञान और तकनीक ने हमारी जिंदगी को बेहद आसान बना दिया है और मनुष्य कहीं न कहीं इसका आदि हो गया है। जिसकी वजह से अब मनुष्य अपनी सुख-सुविधाओं के लिए प्रकृति के साथ छेड़छाड़ कर रहा है जिससे पर्यावरण पर इसका बेहद बुरा असर पड़ रहा है और प्रदूषण की समस्या उपज रही है।

अर्थात इस समस्या पर जल्द गौर नहीं किया गया तो आने वाले दिनों मे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

 प्रदूषण पर निबंध – Pollution Par Nibandh

प्रस्तावना

प्रदूषण से न सिर्फ मानव जीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि इस धरती पर रहने वाले तमाम जीव-जंतु पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है।

और तो और बढ़ रहे प्रदूषण की वजह से कई जीव-जंतु की प्रजातियां भी विलुप्त हो गईं हैं। पर्यावरण पर प्रदूषण का असर पड़ने से कई घातक बीमारियां जन्म ले रही हैं।

प्रदूषण के प्रमुख प्रकार – Types Of Pollution

पृथ्वी पर अलग-अलग तरह के प्रदूषण जन्म ले रहे हैं, जैसे कि वायु प्रदूषण , ध्वनि प्रदूषण और जल प्रदूषण , भूमि प्रदूषण, रेडियोधर्मी प्रदूषण। रासायनिक प्रदूषण आदि, कुछ प्रमुख प्रदूषणों के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं, जो कि इस प्रकार हैं –

  • वायु प्रदूषण – Air Pollution

आज पूरी दुनिया वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रही है, क्योंकि इंसान को वायु प्रदूषण की वजह से शुद्ध हवा नसीब नहीं हो रही है, जिससे आज मनुष्य दमा, अस्थमा समेत तमाम श्वास संबंधी बीमारियों की चपेट में आ गया है। दरअसल, जब हमारे वायुमंडल में जैविक, रसायन, सूक्ष्म  और कई तरह के विषैले पदार्थ प्रवेश कर जाते हैं तो वह वायु प्रदूषण कहलाता है।

इन दूषित तत्वों के मिल जाने से वायु दूषित हो जाती है। आपको बता दें कि हमारे वायुमंडल में एक निश्चत मात्रा में और निश्चत अनुपात में गैंसे पाईं जाती हैं, लेकिन जब इस तरह के कुछ तत्व हमारे वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं तो इन गैसों का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे वायु प्रदूषण की समस्या को बढ़ावा मिलता है।

तेजी से बढ़ रहा औद्योगिकरण, बढ़ती आबादी, वनों की अंधाधुंध कटाई और वाहनों का अत्याधिक इस्तेमाल करने से भी वायु प्रदूषण की  समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।

  • जल प्रदूषण – Water Pollution

जल प्रदूषण की वजह से न सिर्फ मानव जीवन बल्कि जीव-जंतु और वनस्पति भी प्रभावित हो रही है। जल प्रदूषण का मतलब है, जब जल के प्राकृतिक स्त्रोतों में तमाम तरह के दूषित पदार्थ शामिल हो जाते हैं तो जल प्रदूषण की स्थिति पैदा हो जाती है।

दरअसल, जब उद्योगों से निकलने वाला कचरा जल स्त्रोतों में फेंका जाता है तो इससे पूरा पानी जहरीला हो जाता है, यही नहीं घरो में इस्तेमाल किए गए पानी में जब अन्य रसायन पदार्थ मिलते हैं, तो यह पूरे पानी को जहरीला बना देते हैं।

और यही दूषित पानी का सेवन करने से मनुष्य कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाता है। वहीं जल प्रदूषण की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है, जिसके समाधान के लिए गंभीर प्रयास करने की जरूरत है।

  • ध्वनि प्रदूषण – Sound Pollution

उच्च ध्वनि से होने वाले प्रदूषण को ध्वनि प्रदूषण कहा जाता है। ध्वनि प्रदूषण वाहनों, मशीनरों , रेडियो ,लाउडस्पीकर, टेलीविजन समेत तमाम ऐसे उपकरणों से होता है, जिसकी वजह से इंसान की सुनने की क्षमता प्रभावित होती है।

कई बार तो इंसान ध्वनि प्रदूषण की वजह से बहरेपन, हार्ट अटैक और तनाव जैसे बीमारियों की चपेट में आ जाता है। इसके बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है, तभी इस समस्या से निजात मिल सकती है।

प्रदूषण किसी भी तरह का हो, यह हर तरह से हानिकारक होता है। इसलिए प्रदूषण की समस्या पर गौर करने की जरूरत है और यह तभी संभव है जब सभी लोग मिलकर अपने पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संकल्प लें और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं। इसके साथ ही पुराने वाहनों का इस्तेमाल कम करें और शहर से दूर से फैक्ट्री, कारखाने आदि लगाएं।

प्रदूषण पर निबंध – Short Essay On Paryavaran Pradushan In Hindi

आज के मॉडर्न युग में प्रदूषण, एक बहुत बड़ी समस्या के रुप में हमारे सामने मुंह बांय खड़ी हुई है। जिसकी वजह से मानव जीवन, जीव-जंतु और जलवायु पर इसका काफी बुरा असर पड़ा रहा है।

तेजी से हो रहे औद्योगीकरण, बढ़ रहे वाहन, वनों की हो रही अंधाधुंध कटाई, तेजी से बढ़ रही आबादी समेत तमाम कारणों की वजह से प्रदूषण की समस्या पैदा हो रही है। वहीं मनुष्य अपनी सुख-सविधा के लिए आज-कल प्रकृति के साथ भी जमकर छेड़छाड़ कर रहा है।

जिसका सीधा असर हमारे वातावरण और जलवायु पर पड़ा रहा है। हमारे वातावरण में कुछ जहरीली गैसें उत्पन्न हो रही हैं, जो कि वातावरण में मिलकर प्रदूषण उत्पन्न कर रही हैं और मानव जीवन को प्रभावित कर रही हैं। प्रदूषण अलग-अलग रुपों में पृथ्वी पर रह रहे लोगों को प्रभावित कर रहा है –

प्रदूषण के प्रकार:

इस निबंध में हम अलग-अलग तरह के प्रदूषण के बारे में बता रहे हैं, जिनसे होने वाले प्रभाव हमारे पर्यावरण और दैनिक जीवन को अलग-अलग तरह से प्रभावित कर रहे हैं –

  • जल प्रदूषण
  • वायु प्रदूषण
  • ध्वनि प्रदूषण
  • रेडियोधर्मी प्रदूषण
  • रसायनिक प्रदूषण
  • प्रकाश प्रदूषण
  • रेडियोएक्टिव प्रदूषण
  • दृश्य प्रदूषण
  • थर्मल प्रदूषण

प्रदूषण का प्रभाव:

प्रदूषण अलग-अलग तरीकों से मानव जीवन, जीव-जन्तु और वनस्पति को प्रभावित कर रहा है। उद्योगों और वाहनों से निकलने वाला धुआं वायु से मिलकर हमारे वायुमंडल को दूषित कर रहा है, जिसकी वजह से मनुष्य तमाम तरह की श्वास संबंधी बीमारियों से ग्रस्त हो रहा है।

इसके अलावा उद्योगों और घरों से निकला कचरा, प्राकृतिक जल स्त्रोतों से मिलकर उन्हें प्रदूषित कर देता है, जो कि इंसान के लिए जानलेवा सिद्द हो रहा है। हालांकि प्रदूषण के बारे में जागरूकता फैलाने की और इसके दुष्परिणामों को लोगों को बताने की जरूरत है, तभी हम प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या से निजात पा सकेंगे।

प्रदूषण से होने वाले कुछ प्रभावों के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं –

  • जयवायु परिवर्तन
  • तमाम तरह की बीमारियां ले रहीं जन्म
  • मौसम चक्र में हो रहा परिवर्तन
  • ग्लोबल वार्मिंग
  • कृषि दूषितकरण
  • अम्लीय वर्षा

प्रदूषण के कारण – Causes Of Pollution

प्रदूषण कई तरह से फैलता है, प्रदूषण बढ़ने के प्राकृतिक ही नहीं बल्कि मानवनिर्मित कारण भी हैं। प्रदूषण के कुछ मुख्य कारणों के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं –

  • वनों की अंधाधुध कटाई
  • कीटनाशकों का अत्याधिक इस्तेमाल
  • तेजी से हो रहा औद्योगिकरण
  • वाहनों का अत्याधिक इस्तेमाल

प्रदूषण को रोकने के उपाय – Measures to Prevent Pollution

शहरों और गावों में बढ़ते प्रदूषण को मात्र लोगों में जागरुकता लाकर ही रोका जा सकता है। इसके लिए हमें कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है जैसे कि वाहनों के उपयोग को कम करना, अधिक पेड़ लगाना, रसायनों और कीटनाशकों का कम उपयोग करना आदि कई ऐसे उपाय है जिनके द्वारा प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सकता है।

इसके अलावा प्रदूषण की इस समस्या को देखते हुए सरकार को भी प्लास्टिक और पॉलीथिन के इस्तेममाल पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है। कुछ मुख्य उपायों के बारे में नीचे लिखा गया है –

  • ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाएं
  • वाहनों का इस्तेमाल कम करें
  • सही तरीके से कचरे का निस्तारण
  • कीटनाशकों को इस्तेमाल सीमित मात्रा में करें
  • पर्यावरण को स्वच्छ और साफ-सुथरा
  • उद्योगों के लिए कठोर नियम -कनून बनाकर

प्रदूषण आज के युग की एक बड़ी समस्या बन गया है, जिसका बुरा असर मनुष्य के स्वास्थ्य पर और जलवायु पर पड़ रहा है। अगर प्रदूषण की समस्या पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो आने वाले दिनों में इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

इसलिए प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या से छुटकारा पाने के लिए हमें जागरूकता फैलाने की जरूरत है, इसके लिए जगह-जगह पर शिविर लगाए जाने चाहिए और एकजुट होकर ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।

वातावरण को स्वच्छ रखना चाहिए और वाहनों का जितना हो सके कम इस्तेमाल करना चाहिए । बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए, तभी हम प्रदूषण जैसी समस्या से निजात पा सकेंगे।

जरुर पढ़े: Slogans on pollution – प्रदूषण को रोको

पर्यावरण पर नारे: Slogan on environment in  H indi

More Essay Collection: Essay In Hindi

Note:-  आपके पास Paryavaran Pradushan या Pollution Essay In Hindi मैं और Information हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इस अपडेट करते रहेंगे. धन्यवाद…. नोट : अगर आपको Essay On Pollution In Hindi Language अच्छा लगे तो जरुर हमें facebook पर share कीजिये.

68 thoughts on “पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध | Essay On Pollution In Hindi”

' src=

Sir isame kam h thoda jyada hona tha bese to thik h

' src=

good line of thinking some another

' src=

Wow amazing essay

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Gyan ki anmol dhara

Grow with confidence...

  • Computer Courses
  • Programming
  • Competitive
  • AI proficiency
  • Blog English
  • Calculators
  • Work With Us
  • Hire From GyaniPandit

Other Links

  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Refund Policy

essay on pollution in hindi in simple language

45,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today

Here’s your new year gift, one app for all your, study abroad needs, start your journey, track your progress, grow with the community and so much more.

essay on pollution in hindi in simple language

Verification Code

An OTP has been sent to your registered mobile no. Please verify

essay on pollution in hindi in simple language

Thanks for your comment !

Our team will review it before it's shown to our readers.

essay on pollution in hindi in simple language

  • Essays in Hindi /

Essay on Pollution : प्रदुषण पर छात्र ऐसे लिख सकते हैं निबंध, यहाँ देखें सैम्पल्स

' src=

  • Updated on  
  • जून 5, 2024

essay on pollution in hindi in simple language

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 2022 की रिपोर्ट के अनुसार 156 शहरों में तीन शहरों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब रही। बहुत खराब का मतलब है कि इन शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से अधिक रहा। जबकि 21 शहरों की हवा की क्वालिटी खराब श्रेणी में दर्ज की गई। प्रदूषण एक ऐसा अभिशाप है जो हवा, पानी, धूल आदि के माध्यम से न केवल मनुष्य बल्कि जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों और वनस्पतियों को भी नष्ट कर देता है। आज प्रदूषण के कारण ही प्राणियों का अस्तित्व खतरे में है। इसी कारण बहुत से प्राणी, जीव-जंतु, पशु-पक्षी, वन्य प्राणी विलुप्त हो गए हैं। प्रदूषण की समस्या को समझते हुए कई बार विद्यार्थियों को इसके ऊपर निबंध लिखने को दिया जाता है। यहां Essay on Pollution in Hindi दिया गया है, जिसे आप अपने स्कूल या कॉलेज के प्रोजक्ट में प्रयोग कर सकते हैं।

This Blog Includes:

प्रदूषण के बारे में, प्रदुषण पर निबंध 100 शब्द , प्रदुषण पर निबंध 200 शब्द , प्रदूषण पर निबंध 500 शब्द , प्रदूषण के प्रकार , प्रदुषण पर कोट्स.

हम सभी को बचपन में एक बात ज़रूर बताई जाती है कि हमें ऑक्सीजन पेड़-पौधों से मिलती है। ऑक्सीजन की वजह से ही हम जिंदा रहते हैं और सांस लेते हैं। लेकिन इसके बाद भी वनों की कटाई के मामले लगातार से बढ़ रहे हैं और प्रदूषण के सभी प्रकारों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। प्रदूषण से हमारा तात्पर्य है कि हवा, पानी और मिट्टी का दूषित या खराब हो जाना, जो प्रदूषण को जन्म देता है। प्रदूषण (संस्कृत शब्द: प्रदूषणम्) पर्यावरण में दूषक पदार्थों (कंटामिनेंट्स) के प्रवेश के कारण प्राकृतिक संतुलन में उत्पन्न होने वाले दोष को कहते हैं। प्रदूषण पर्यावरण को और जीव-जन्तुओं को नुकसान पहुँचाते हैं।

essay on pollution in hindi in simple language

Essay on Pollution in Hindi 100 शब्दों में नीचे दिया गया है-

प्रदूषण एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है। यह  पृथ्वी पर जीवन को प्रभावित कर रहा है। प्रदूषण मुख्यतः 4  प्रकार का होता है  वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भू प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण। वाहनो के बढ़ती संख्या की वजह से  हानिकारक और ज़हरीली गैसों का स्तर निरंतर बढ़ता जा रहा है  वही दूसरी और कारखाने और खुले में आग जलाना, वायु प्रदुषण के मुख्य कारण हैं। कारखानें भी  निर्माण प्रक्रिया के दौरान  कुछ विषाक्त गैसें, गर्मी और ऊर्जा रिलीज  करते  है वायु प्रदूषण इंसान और जानवरों में फेफड़ों के कैंसर सहित अन्य सांस की बीमारियां उत्पन्न कर रहीं हैं|

कारखानों, उद्योगो, सीवेज सिस्टम और खेतों आदि के हानिकारक कचरे का सीधे तौर पे नदियों, झीलों और महासागरों के पानी के मुख्य स्रोत में मिलाना  जल प्रदुषण का मुख्य कारण है। उर्वरक, कवकनाशी, शाकनाशी, कीटनाशकों और अन्य कार्बनिक यौगिकों के उपयोग के कारण भू  प्रदूषण होता है। भारी मशीनरी, वाहन, रेडियो, टीवी, स्पीकर आदि द्वारा उत्पन्न ध्वनि, ध्वनि प्रदूषण के कारण है जो की सुनने की समस्याओ और कभी कभी बहरापन का कारण बनती हैं। प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए संयुक्त प्रयास की आवश्यकता है जिससे की हम एक स्वस्थ्य और प्रदुषण मुक्त वातावरण पा सके।

यह भी पढ़ें : प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

Essay on Pollution in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है-

प्रदूषण का सीधा संबंध प्रकृति से मानते हैं, लेकिन यह सिर्फ किसी भी एक चीज़ को होने वाली हानि या नुकसान से जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि उन सभी प्राकृतिक संसाधनों को खराब करने या व्यर्थ करने से है जो हमें प्रकृति ने बड़े ही सौंदर्य के साथ सौंपे हैं। यह कहावत हम सबने सुनी और पढ़ी है कि जैसा व्यवहार हम प्रकृति के साथ करेंगे वैसा ही बदले में हमें प्रकृति से मिलेगा। मिसाल के तौर पर हम कोरोनाकाल के लॉकडाउन के समय को याद कर सकते हैं कि किस प्रकार प्रकृति की सुंदरता देखी गई थी, जब मानव निर्मित सभी चीज़ें (वाहन, फैक्ट्रियाँ, मशीनें आदि) बंद थीं और भारत में प्रदूषण का स्तर कुछ दिनों के लिए काफी कम हो गया था या कहें तो, लगभग शून्य ही हो गया था।

इस उदाहरण से एक बात तो पानी की तरह साफ है कि समय-समय पर हो रहीं प्राकृतिक घटनाओं, आपदाओं, महामारियों आदि के लिए ज़िम्मेदार केवल-और-केवल मनुष्य ही है। जब भी हम प्रकृति या प्राकृतिक संसाधनों की बात करते हैं, तो उनमें वो सभी चीज़ें शामिल हैं जो मनुष्य को ईश्वर या प्रकृति से वरदान के रूप में मिली हैं। इनमें वायु, जल, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, नदियाँ, वन, पहाड़ आदि चीज़ें शामिल हैं। मनुष्य होने के नाते इन सभी प्राकृतिक चीज़ों और संसाधनों की रक्षा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है। प्रकृति हमारी रक्षा तभी करेगी जब हम उसकी रक्षा करेंगे।

Essay on Pollution in Hindi 500 शब्दों में नीचे दिया गया है-

इस दुनिया में भूमि, वायु, जल, ध्वनि में पाए जाने वाले तत्व यदि संतुलित न हो तो पर्यावरण में असंतुलन बढ़ जाता है। और यह असंतुलन ही प्रदूषण मुख्य कारण बनता है। इस असंतुलन से इस पर होने वाली फसलें , पेड़ ,आदि सभी चीजों पर इसका असर पड़ता हैं।

इसके अलावा जो भी कचरा और कूड़ा करकट हम फेंकते हैं वह भी प्रदूषण का एक मुख्य कारण है। अतः हम कह सकते हैं कि – “पर्यावरण के भौतिक, रासायनिक या जैविक गुणों में ऐसा कोई अवांछित परिवर्तन जिसका प्रभाव मनुष्य एवं अन्य जीवों पर पड़े या पर्यावरण की प्राकृतिक गुणवत्ता तथा उपयोगिता नष्ट हो प्रदूषण कहलाता है।”

 प्रदूषण के कारण 

  • बेकार पदार्थो की बढ़ती मात्रा और उचित  निपटान  के विकल्पों की कमी के कारण समस्या दिन प्रति  दिन बढ़ती जा रही है। कारखानों और घरों से बेकार उत्पादों को खुले स्थानों में रखा  और जलया  जाता है
  • जिससे  भूमि, वायु , जल , ध्वनि  प्रदूषित होते हैं| प्रदूषण विभिन्न मानवीय गतिविधियों के कारण और प्राकृतिक कारणों के कारण भी होता है।
  • कीटनाशकों का  बढ़ता उपयोग, औद्योगिक और कृषि  के बेकार पदार्थो के निपटान के लिए विकल्पों की कमी, वनों की कटाई, बढ़ते शहरी करण, अम्लीय वर्षा और खनन इस प्रदूषण के मूल कारक  हैं।
  • ये सभी कारक कृषि गतिविधियों में बाधा डालते हैं और जानवरों और मनुष्यों में विभिन्न बीमारियों का कारण भी  बनते हैं। जनसंख्या वृद्धि भी   कारण है बढ़ते हुए प्रदूषण’ का |

 प्रदूषण के सोर्स

  • घरेलू बेकार पदार्थ, जमा  हुआ  पानी, कूलर में पड़ा पानी, पौधों मे जमा पानी
  • रासायनिक पदार्थ जैसे – डिटर्जेंट्स, हाइड्रोजन, साबुन, औद्योगिक एवं खनन के बेकार पदार्थ
  • गैसें जैसे- कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, अमोनिया आदि
  • उर्वरक जैसे- यूरिया, पोटाश 
  • पेस्टीसाइड्स जैसे- डी.डी.टी, कीटनाशी
  • जनसंख्या वृद्धि

प्रदूषण के परिणाम 

आज के समय की मुख्य चिंता है बढ़ता हुआ प्रदूषण। कचरा मैदान के आसपास दुर्गंध युक्त  गंध के कारण सांस लेना दुर्भर होता है। इसके आस पास का स्थान रहने लायक नहीं रहता। विभिन्न श्वास सम्बन्धी रोग उत्पन्न होते हैं। अपशिष्ट उत्पादों से छुटकारा पाने के लिए जब इन्हे जलाया जाता है तो वायु प्रदूषित होती है। अपशिष्ट  पदार्थों के सीधे संपर्क में आने से त्वचा सम्बन्धी रोग,  विषाक्त पदार्थ विषैले जीव उत्पन्न करते हैं जो की जानलेवा रोगों के कारण बनते हैं, जैसे कि  मच्छर, मक्खियाँ व्इ त्यादि। कृषि खराब होती है और खाने पीने की वस्तुएँ खाने के लायक नहीं रहती। पीने का जल जो कि अमृत माना जाता था वह भी रोगो का साधन बन जाता है। ध्वनि जो की संगीत पैदा करती थी शोर बन कर मानसिक असंतुलन पैदा करती है। धरती पर ग्रीन कवच भी बहुत कम लगभग तीन प्रतिशत ही बच है जो कि चिन्तनीय है।  

प्रदूषण को रोकने के उपाय

  • बायोडिग्रेडेबल उत्पादों का उपयोग करें। क्योंकि बायोडिग्रेडेबल कचरे का निपटान करना आसान है।
  • भोजन कीटनाशकों के उपयोग के बिना उगाया जाए, जैविक सब्जियां और फल उगाए जाए। 
  • पॉली बैग और प्लास्टिक के बर्तनों और वस्तुओं के उपयोग से बचें। क्योंकि किसी भी रूप में प्लास्टिक का निपटान करना मुश्किल है।
  • कागज़ या कपड़े की थैलियों का उपयोग करें ।
  • अलग-अलग डस्टबिन में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग निपटाने से कचरा अलग हो जाता है। भारत सरकार ने पहले ही इस अभियान को शुरू कर दिया है और देश भर के विभिन्न शहरों में विभिन्न क्षेत्रों में कई हरे और नीले डस्टबिन लगाए गए हैं।
  • कागज़  उपयोग को सीमित करें। कागज़ बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष कई पेड़ काटे जाते हैं। यह प्रदूषण का एक कारण है। इसके उपाय के लिए डिजिटल प्रयोग अच्छा विकल्प  है।
  • पुन: उपयोग योग्य डस्टर और झाड़ू का उपयोग करें।
  • प्रदूषण  हानि पहुँचाता है अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के  इस बारे में जागरूक करें ।
  • घरों का कचरा बाहर खुले में नहीं फेंकना चाहिए।
  • खनिज पदार्थ्   भी सावधानी  से प्रयोग करने चाहिए  ताकि  भविष्य के लिये भी प्रयोग किये ज। सके ।
  • हमें वायु को भी कम दूषित करना चाहिए और अधिक से अधिक पेड पौधे  लगाने चाहिये  ताकि अम्लीय वर्षा को रोका जा सके ।
  • यदि  हम बेहतर जीवन जीन| चाहते  हैं और वातवरन मे  शुध्ध्ता चाहते  हैं वनो को सरन्क्षित  करना  होगा  |
  • हमें ऐसी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए जिन्हें हम दोबारा से प्रयोग में ला सके। 

निष्कर्ष 

प्रदूषण एक प्रकार का धीमा जहर है जो हवा, पानी, धूल आदि के माध्यम से न केवल मनुष्य वरन् जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों और वनस्पतियों को भी सड़ा-गलाकर नष्ट कर देता है। आज प्रदूषण के कारण ही  प्राणियों का अस्तित्व खतरे में है। इसी कारण बहुत से प्राणी, जीव-जंतु, पशु-पक्षी, वन्य प्राणी विलुप्त हो गए हैं।

यदि इसी तरह से प्रदूषण फैलता रहा तो जीवन बहुत ही कठिन हो जायेगा, न खाने को कुछ मिलेगा और सांस लेने के लिए शुद्ध हवा भी नहीं बचेगी, प्यास बुझाने के लिए पानी ढूंढने से नहीं मिलेगा, जीवन बहुत ही असंतुलित होगा | ऐसी परस्थितियो से बचने के लिए हमें पर्यावरण संरक्षण की और कदम बढ़ाने होंगे। जीवन आरामदायक बनाने की अपेक्षा उपयोगी बनाना होगा  कर्तव्यपरायणता की ओर कदम बढ़ने होंगे। 

जब वायु, जल, मृदा आदि में अवांछनीय तत्व घुलकर उसे इस हद तक गंदा कर देते हैं, कि स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालने लगे तो उसे प्रदूषण कहते हैं। प्रदूषण से प्राकृतिक असंतुलन पैदा होता है। साथ ही यह मानव जीवन के लिए भी खतरे की घंटी है।

वायु प्रदूषण : वायु प्रदूषण को सबसे खतरनाक प्रदूषण माना जाता है, इस प्रदूषण का मुख्य कारण उद्योगों और वाहनों से निकलने वाला धुआं है। इन स्त्रोतों से निकलने वाला हानिकारक धुआं लोगो के लिए सांस लेने में भी बाधा उत्पन्न कर देता है। दिन प्रतिदिन बढ़ते उद्योगों और वाहनों ने वायु प्रदूषण में काफी वृद्धि कर दी है। जिसने ब्रोंकाइटिस और फेफड़ो से संबंधित कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी कर दी है।

जल प्रदूषण : उद्योगों और घरों से निकला हुआ कचरा कई बार नदियों और दूसरे जल स्त्रोतों में मिल जाता है, जिससे यह उन्हें प्रदूषित कर देता है। एक समय साफ-सुथरी और पवित्र माने जानी वाली हमारी यह नदियां आज कई तरह के बीमारियों का घर बन गई है क्योंकि इनमें भारी मात्रा में प्लास्टिक पदार्थ, रासयनिक कचरा और दूसरे कई प्रकार के नान बायोडिग्रेडबल कचरे मिल गये है।

भूमि प्रदूषण : वह औद्योगिक और घरेलू कचरा जिसका पानी में निस्तारण नही होता है, वह जमीन पर ही फैला रहता है। हालांकि इसके रीसायकल तथा पुनरुपयोग के कई प्रयास किये जाते है पर इसमें कोई खास सफलता प्राप्त नही होती है। इस तरह के भूमि प्रदूषण के कारण इसमें मच्छर, मख्खियां और दूसरे कीड़े पनपने लगते है, जोकि मनुष्यों तथा दूसरे जीवों में कई तरह के बीमारियों का कारण बनते है।

ध्वनि प्रदूषण : ध्वनि प्रदूषण कारखनों में चलने वाली तेज आवाज वाली मशीनों तथा दूसरे तेज आवाज करने वाली यंत्रो से उत्पन्न होता है। इसके साथ ही यह सड़क पर चलने वाले वाहन, पटाखे फूटने के कारण उत्पन्न होने वाला आवाज, लाउड स्पीकर से भी ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि होती है। ध्वनि प्रदूषण मनुष्यों में होने वाले मानसिक तनाव का मुख्य कारण है, जोकि मस्तिष्क पर कई दुष्प्रभाव डालने के साथ ही सुनने की शक्ति को भी घटाता है।

प्रकाश प्रदूषण : प्रकाश प्रदूषण किसी क्षेत्र में अत्यधिक और जरुरत से ज्यादे रोशनी उत्पन्न करने के कारण पैदा होता है। प्रकाश प्रदूषण शहरी क्षेत्रों में प्रकाश के वस्तुओं के अत्यधिक उपयोग से पैदा होता है। बिना जरुरत के अत्याधिक प्रकाश पैदा करने वाली वस्तुएं प्रकाश प्रदूषण को बढ़ा देती है, जिससे कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।

प्रदूषण दिन-प्रतिदिन हमारे पर्यावरण को नष्ट करते जा रहा है। इसे रोकने के लिए हमें जरुरी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि हमारी इस पृथ्वी की खूबसूरती बरकरार रह सके। यदि अब भी हम इस समस्या का समाधान करने बजाए इसे अनदेखा करते रहेंगे, तो भविष्य में हमें इसके घातक परिणाम भुगतने होंगे।

  • “हम सब मिलकर प्रदूषण को मिटाएंगे, और अपने पर्यावरण को स्वच्छ बनाएंगे।।
  • आओ मिलकर कसम ये खाये, प्रदुषण को हम दूर भगाये।
  • “प्रदूषण को रोकने में दे सभी अपना सहयोग, और प्लास्टिक का बंद करें उपयोग।
  • शर्म करो-शर्म करो करोड़ो रुपये पटाखों पर बर्बाद मत करो-मत करो।
  • “प्रदूषण का यह खतरनाक जहर, लगा रहा है पर्यावरण पर ग्रहण।
  • प्रदूषण हटाओ, पर्यावरण बचाओं।
  • “प्रदूषण की समस्या एक दीमक की तरह है, जो पर्यावरण को धीरे-धीरे खोखला बनाती जा रही है।।
  • हम सब की है ये जिम्मेदारी, प्रदूषण से मुक्त हो दुनिया हमारी।

सम्बंधित आर्टिकल्स 

इसके कारण नदियों व समुद्रों मे जीव-जंतुओं की ऑक्सीजन की कमी होने व जहरीला पानी होने के कारण मृत्यु हो जाती है। रासायनिक खादों और कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करने शहरी गंदगी तथा कूड़ा-करकट को खुला फेंकने, कल-कारखानों का अपशिष्ट पदार्थ व रसायनों को भूमि पर फेंकने से भूमि प्रदूषण होता है।

ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, धूल के कण, वाष्प कणिकाएं, धुंआ इत्यादि वायु प्रदूषण का मुख्य कारक हैं।

कारखानों, रेलगाड़ियों तथा शक्ति स्थलों द्वारा कोयला अथवा अशुद्ध तेल के जलने, स्वचालित वाहनों तथा घरेलू ईंधनों के रूप में पेट्रोलियम पदार्थों, कोयला, लकड़ी आदि के जलने से निकलने वाले धुएँ और अशुद्ध गैसें, सीवर तथा नालियों से निकलने वाली दुर्गंध, कीटनाशकों तथा उर्वरकों की निर्माण प्रक्रिया से उत्पन्न विषैली गैसें, परमाणु हथियारों के परीक्षण तथा विस्फोट से उत्पन्न जहरीले पदार्थ एवं गैसें आदि वायु प्रदूषण के प्रमुख घटक हैं।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Essay on Pollution in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य   निबंध से संबंधित ब्लॉग्स   पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

' src=

Team Leverage Edu

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।

Contact no. *

12 comments

IT IS VERY HELPFULL TO ME Thank you

आपका आभार, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।

This is very helpful to me thanks

आपका धन्यवाद, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।

The essay is really on the point. And it’s also very thought provoking. Kudos to the writer!!

आपका शुक्रिया, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।

धन्यवाद sir

आपका शुक्रिया। ऐसे ही हमारी https://leverageedu.com/ पर बने रहिये।

NYC very nice eassybeasy to write

browse success stories

Leaving already?

8 Universities with higher ROI than IITs and IIMs

Grab this one-time opportunity to download this ebook

Connect With Us

45,000+ students realised their study abroad dream with us. take the first step today..

essay on pollution in hindi in simple language

Resend OTP in

essay on pollution in hindi in simple language

Need help with?

Study abroad.

UK, Canada, US & More

IELTS, GRE, GMAT & More

Scholarship, Loans & Forex

Country Preference

New Zealand

Which English test are you planning to take?

Which academic test are you planning to take.

Not Sure yet

When are you planning to take the exam?

Already booked my exam slot

Within 2 Months

Want to learn about the test

Which Degree do you wish to pursue?

When do you want to start studying abroad.

September 2024

January 2025

What is your budget to study abroad?

essay on pollution in hindi in simple language

How would you describe this article ?

Please rate this article

We would like to hear more.

essay on pollution in hindi in simple language

Essay on Pollution in Hindi- प्रदूषण पर निबंध

इस लेख / निबंध में आप प्रदूषण की समस्या और प्रदूषण को रोकने के उपाय की पूरी जानकारी है।प्रदूषण आज दुनिया के लिए बहुत बड़ी समस्या बन गए है हमे मिलकर इसका सामना करना होगा। Here we providing Essay on Pollution in Hindi- you will get know-What is Pollution, type of pollution,  Causes of pollution &  Measures to Prevent Pollution, Pollution Essay in Hindi for class 5,6,7,8,9,10,11,12

Essay on Pollution in Hindi- प्रदूषण पर निबंध ( पोल्लुशन पर एस्से )

प्रदूषण पर निबंध in 100 words

प्रदुषण आज के समय में बहुत बड़ी समस्या है और इसका उत्पन्न मनुष्य की गतिविधियों से हुआ है। उसने अपनी प्रगति के लिए कारखानों वाहनों का निर्माण किया जिससे निकलने वाला धुआँ वातावरण को प्रदुषित करता है। प्रदुषण के कारण स्वास्थय पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हमें बढ़ते हुए प्रदुषण को रोकने की आवश्यक्ता है जिसके लिए हमें ज्यादा सो ज्यादा पेडय लगाने चाहिए और पर्यावरण को दुषित करने वाली चीजें जैसे पॉलीथीन आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। निजी वाहनों की बजाय सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करना चाहिए। वातावरण को प्रदुषण मुक्त बनाना हमारा कर्तव्य है।

Pollution Essay in Hindi ( 150 words )

पर्यावरण- प्रदूषण का अर्थ है- वातावरण के प्राकृतिक संतुलन में गड़बड़ी पैदा होना। प्रदूषण मुख्यतः तीन प्रकार का होता है वाय-प्रदूषण, जल-प्रदूषण तथा ध्वनि-प्रदूषण। शहरीकरण तथा वैज्ञानिक प्रगति प्रदषण फैलने के दो बड़े कारण हैं। एक अन्य बड़ा कारण है-बढ़ती जनसंख्या। इस कारण वातावरण में इतना मल, कचरा, धुआँ और गंद जमा हो जाता है कि मनुष्य के लिए स्वस्थ वायुमंडल में साँस लेना दूबर हो जाता है। जल-प्रदषण से सभी नदियाँ, नहरें, भूमि दूषित हो रही है।परिणामस्वरूप हमें प्रदूषित फसले मिलती है और गंदा जल मिलता है। आजकल वाहनों, भोंपूओं, फैक्टरियों रक्तचाप, मानसिक तनाव, बहरापन आदि बीमारियाँ बढ रही हैं। प्रदषण से मुक्ति के उपाय हैं आसपास पेड़ लगाना। हरियाली को अधिकाधिक स्थान देना। अनावश्यक शोर को काम करना। विलास की वस्तुओं की बजाय सादगीपूर्ण ढंग से जीवनपान करना। घातक बीमारियां पैदा करने वाले उद्योगों को बंद करना अदि। आज यह समस्या विश्व भर में व्याप्त है। इसलिए विश्व-समुदाय को मिलकर कुछ कठोर निर्णय लेने पड़ेंगे।

Pradushan essay in Hindi ( 200 words )

प्रदुषण आज के समय की सबसे बड़ी समस्या है जिससे हमारा समस्त वातावरण दुषित होता जा रहा है और इसका नकारात्मक प्रभाव सभी जैविक और अजैविक चीजों पर पड़ता है। पृथ्वी में भौतिक और रसायनिक तत्वों में बदलाव होने के कारण प्रदुष होता है यानि कि किसी भी चीज का दुषित होना प्रदुषण कहलाता है। प्रदुषण चार प्रकार होता है जैसे वायु प्रदुषण, दल प्रदुषण, भूमि प्रदुषण और ध्वनि प्रदुषण। इसके कारण जलवायु में भी परिवर्तन होता है बहुत सी बिमारियाँ भी फैलती हैं। मनुष्य के क्रिया कलापों के कारण ही वातावरण में प्रदुषण की मात्रा बढ़ी है। पेड़ काटने, खुले में कचरा फेंकने, पॉलीथिन आदि के प्रयोग से प्रदुषण में वृद्धि हुई है।

प्रदुषण के कारण लोगौं का जीवन दुष्वार होता जा रहा है और हमें इस बढ़ते प्रदुषण को रोकने की आवश्यकता है अन्यथा एक दिन वनस्पति और मनुष्य का जीवन खतरे में आ जाऐगा। हमें पेड़ो को काटने की बजाय ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए और पर्यायवरण के लिए हीनिकारक वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए। प्रदुषण को रोकने का उपाय हम सबको मिलकर करना होगा और वातावरण को सुरक्षित रखना होगा। प्रदुषण से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को बताना चाहिए और उन्हें जागरूक करना चाहिए।

Essay on Pollution in Hindi ( 800 words )

भूमिका – मानव ने जब प्रकृति माता की गोद में आँखें खोलीं तो उसने अपने चारों ओर उज्वल प्रकाश, निर्मल जल और स्वच्छ वायु का वरदान पाया। वन प्रदेशों की मनोहर हरियाली में उसने जीवन के मधुरतम सपने देखे। उसका पेड़-पौधों से, फल, फूलों से, चहकते पक्षियों से, प्रभात और संध्याबेला से नित्य का संबंध था। प्रकृति के आंगन में खेलते हुए उसने पाया पुष्ट , निरोग शरीर और उत्साह-उल्हास से लबालब तनावहींन मानस। किन्तु धीरे-धीरे उसके मन में प्रकृति पर शासन करने की लालसा जागी। उसने प्रकृति को माँ के स्थान से हटाकर दासी के स्थान पर धकेलना चाहा। इसको नाम दिया गया ‘वैज्ञानिक-प्रगति।” आज वैज्ञानिक युग में मानव जीवन के सामने अनेक समस्याएं है। विज्ञानं ने जहा एक और सुख सुविद्याएँ उत्पन करके मानव जीवन को सुखी बनाया, वहां मनुष्य के जीवन में अनेक दुखो को भी जनम दिया है। अंत: विज्ञानं अगर वरदान है तो अभिशाप भी है। आज प्रदूषण विज्ञानं का प्रमुख अभिशाप है जिसे संसार के अधिकतर लोगो को भोगना पड़ रहा है। प्रदूषण की यह समस्या सारे संसार में फैल चुकी है।

प्रदूषण के प्रकार ( Types of pollution )

आज सृष्टि का कोई पदार्थ, कोई कोना प्रदूषण के प्रहार से नहीं बच पाया है। प्रदूषण मानवता के अस्तित्व पर एक नंगी तलवार की भाँति लटक रहा है। प्रदूषण के मुख्य स्वरूप निम्नलिखित हैं –

1. जल प्रदूषण ( Water Pollution ) – जल मानव-जीव के लिए परम आवश्यक पदार्थ है। जल के परंपरागत स्रोत हैं- कुएँ तालाब, नदी तथा वर्षा का जल । प्रदूषण ने इन सभी स्रोतों को दूषित कर दिया है। औद्योगिक प्रगति के साथ-साथ हानिकारक कचरा और रसायन बड़ी बेदर्दी से इन जल स्रोतों में मिल रहे हैं। महानगरों के समीप से बहने वाली नदियों की दशा तो अकथनीय है। गंगा यमुना, गोमती सभी नदियों की पवित्रता प्रदूषण की भेंट चढ़ गयी है।

2. वायु प्रदूषण ( Air Pollution ) -वायु भी जल जितना ही आवश्यक पदार्थ है। श्वास-प्रश्वास के साथ वादु निरंतर शरीर में जाती है। आज शुद्ध वायु का मिलना भी कठिन हो गया है। वाहनों, कारखानों और सड़ते हुए औद्योगिक कचरे ने वायु में भी जहर भर दिया है। घातक गैसों के रिसाव भी यदा-कदा खंड प्रलय मचाते रहते हैं।

3. खाद्य प्रदूषण ( Food pollution ) -प्रदूषित जल और वायु के बीच पनपने वाली वनस्पति या उसका सेवन करने वाले पशुपक्षी भी आज दूषित हो रहे हैं। चाहे शाकाहारी हो या माँसाहारी कोई भोजन के प्रदूषण से नहीं बच सकता।

4. ध्वनि प्रदूषण ( Noise pollution ) -आज मनुष्य को ध्वनि के प्रदूषण को भी भोगना पड़ रहा है। कर्णकटु और कर्कश ध्वनियाँ मनुष्य के मानसिक संतुलन को बिगाड़ती हैं और उसकी कार्यक्षमता को भी कुप्रभावित करती हैं। वैज्ञानिक और औद्योगिक प्रगति की किरपा के फलसरूप आज मनुष्य कर्कश, असहनीय और श्रवणशक्ति को क्षींण करने वाली ध्वनियों के समुद्र में रहने को मजबूर है। आकाश में वायुयानों की कानफोड़ ध्वनियाँ धरती पर वाहनों, यंत्रों और संगीत का मुफ्त दान करने वाले ध्वनि विस्तारकों का शोर आदि सब मिलकर मनुष्य को बहरा बना देने पर तुले हुए हैं।

प्रदूषण बढ़ने के कारण ( Causes of pollution )

-प्राय: हर प्रकार के प्रदूषण की वृद्ध के लिये हमारी औद्योगिक और वैज्ञानिक प्रगति  तथा मनुष्य का अविवेकपूर्ण आचरण ही जिम्मेदार है। चर्म उद्योग, कागज़ उद्योग, छपाई उदयोग, वस्तर उदयोग और नाना प्रकार के रासायनिक उद्योगों का कचरा और प्रदूषित जल लाखों लीटर की मात्रा में रोज़ नदियों में बहाया जाता है या जमीन में समाया जा रहा है। गंगा जल जोकि वर्षों तक शुद्ध और अविकृत रहने के लिए प्रसिद्ध था, वह भी हमारे पापों से मलीन हो गया है।

वाहनों का विसर्जन, चिमनियों का धुआँ, रसायनशालाओं की विषैली गैसें मनुष्यों की साँसों में गरल घोल रही हैं। प्रगति और समृद्ध के नाम पर जहरीला व्यापार दिन दुगुना बढ़ता जा रहा है। सभी प्रकार के प्रदूषण हमारी औद्योगिक, वैज्ञानिक और जीवन स्तर की प्रगति से जुड़ गये हैं। हमारी हालत साँप-छछुंदर जैसी हो रही है।

प्रदूषण रोकने के उपाय ( Measures to Prevent Pollution )

– प्रदूषण ऐसा रोग नहीं है कि जिसका कोई उपचार ही न हो। इसका पूर्ण रूप से उन्मूलन न भी हो सके तो इसे हानिरहित सीमा तक नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिये कुछ कठोर, अप्रिय और असुविधाजनक उपाय भी अपनाने पड़ेंगे।

प्रदूषण फैलाने वाले सभी उद्योगों को बस्तियों से सुरक्षित दूरी पर ही स्थापित और स्थानांतरित किया जाना चाहिये। उद्योगों से निकलने वाले कचरे और दूषित जल को निष्क्रिय करने के उपरांत ही विसर्जित करने के कठोर आदेश होने चाहिये।

ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति भी तभी मिलेगी जब कि वाहनों का अंधाधुंध प्रयोग रोका जाए। हवाई अड्डे बस्तियों से दूर बने और वायु मार्ग भी बस्तियों के ठीक ऊपर से न गुजरें। रेडियो, टेप तथा लाउडस्पीकरों को मंद ध्वनि से बजाया जाए।

उपसंहार- प्रदूषण की समस्या मनुष्य का अदृश्य शत्रु है। धीरे धीरे यह मानव-जीवन को निगलने के लिये बढ़ी आ रही है। यदि इस पर समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया तो आदमी शुद्ध जल, वायु, भोजन और शांत वातावरण के लिये तरस जायेगा। प्रशासन और जनता दोनों प्रयासों से ही प्रदूषण से मुक्ति मिल सकती है। गंगा सफ़ाई अभियान प्रशासन का ऐसा ही प्रयास था, किंतु ये आयोजन सिर्फ एक प्रशासकीय फैशन या तमाशा बन कर नहीं रह जाएं। एक स्वच्छ और स्वास्थ्यकर विश्व में रहना है तो प्रदूषण से लड़ना ही होगा।

# Hindi Essay on Pollution # pradushan par nibandh # paryavaran pradushan essay in Hindi language # पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध

Related Articles-

मृदा (भूमि) प्रदूषण पर निबंध- Essay on Soil Pollution in Hindi

जल प्रदूषण पर निबंध- Water Pollution Essay in Hindi

वायु प्रदूषण पर निबंध- Essay on Air Pollution in Hindi

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध- Noise Pollution Essay in Hindi

ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Essay on Pollution in Hindi & Paryavaran Pradushan पर लिखा हुआ निबंध आपको अच्छा लगा तू जरूर शेयर करे ।

HiHindi.Com

HiHindi Evolution of media

प्रदूषण पर निबंध Essay On Pollution In Hindi And English

प्रदूषण पर निबंध Essay On Pollution In Hindi And English : Pollution Essay In Hindi: Air, earth, water, Soil are important elements of life on earth.

but in the present world Pollution is a global problem. its rising day by day by our cause and their bedside effects face our upcoming generation.

pradushan par nibandh in this 150, 200, 250, 300, 500, 800 and 1000 words Essay On Pollution for students and kids.

they read in class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 talking about Essay On Pollution In Hindi And English language for free and you can download this Pollution in India essay pdf file.

let us begin Pollution In Hindi in our second part of the paragraph before this read  Pollution essay English.

प्रदूषण पर निबंध Essay On Pollution In Hindi And English

Introduction- by the term pollution, we mean the rotten stage or the destruction of the purity of some things.

these days, it is mainly used for the pollution of natural environment i.e Earth, water, noise and Air.

Main Cause Of pollution In our Life

water pollution-  wastage of oil refineries and atomic plants is dumped into the rivers and the seas. nearly the wastage and leftover of all of our mills and factories is drained into the river.

dirty water containing fifth form our houses add to the pollution. this water lacks oxygen. thus the river water is polluted and the fish and allied creatures living in the water die away.

air pollution-

we Along with other living beings pollute the air when we outhale our breathing.

the smoke coming out of the Chemical of factories, mills, workshops, hearths and airways system modern navigate the system, generator sets, railway engines ass to it. like other persons you also must be owning a vehicle.

the smoke coming out of their silencers make matter from bad to worse. dr. vibes have written that every year nearly sixty-ton carbon goes up and gathers in the atmosphere.

the air pollution may cause lungs cancer, asthma and other slow dangerous directly concerned out system.

nitrogen oxide cause diseases of lungs, hearts, skin, and eyes. ozone cause pain chest, cough, and eye disease. even sometimes non-curable skin diseases are caused by it.

noise pollution-  the roaring vehicles, thundering machines and allied loud sound cause noise pollution.

dr. vibasi has observed that the noise of 95 decibels may increase systolic blood pressure and diastolic blood pressure up to 7 ml. and 3 ml. respectively.

Earth pollution – discharge of urine and excreta as well as spitting here and there, throwing the garbage on streets instead of putting in the dustbin,

the blowing of wind full of garbage, dirt and sand, the falling of garbage in bites here and there from the overloaded municipal carts and trucks add to earth pollution.

Pollution Solution-  it is our duty to use water carefully according to our needs so that the least possible water be polluted.

instead of falling the polluted water into rivers and seas, it should be stored in the barren piece of land away from the populated area.

the use of fuel given out smoke should be minimized. the engine’s such a way as the pollution exhaust be negligible.

machinery bearing the I.S.I. mark of trusted firms should be brought into use to reduce noise pollution.

in the context of earth pollution, human waste should be kept in the dustbin. for spitting, bathing and discharging etc. only proper places should be used.

प्रदूषण पर निबंध Essay On Pollution In Hindi

सामान्य अर्थ में प्रदूषण का अर्थ बर्बाद तथा किसी भी वस्तु के बिगड़े हुए स्वरूप को कहा जाता है. जिसके कारण उस वस्तु के मौलिक तत्वों का विनाश हो जाता है. विभिन्न प्रकार के ये प्रदूषण आज मुख्य रूप से विद्यमान है. भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण आदि.

प्रदूषण का के मुख्य कारण

जल प्रदूषण-

तेल रिफाइनरियों और परमाणु संयंत्रों से निकलने वाले जल व अपशिष्टों को नदियों और समुद्रों में फेंक दिया जाता है। लगभग सभी मिलों और कारखानों का अपशिष्ट और बचे हुए नदी को नदी में निकाला जाता है।

इसके अतिरिक्त घरों से निकलने वाले नाले भी इन जल स्रोतों में मिला दिया जाता है, जिससे जल प्रदूषित हो जाता है तथा उसमें रहने वाले जलीय जीव मर जाते है.

वायु प्रदुषण-

कल कारखानों, मीलों, वाहनों तथा हवाई जहाजो से निकलने वाला धुआं हमारे वायु मंडल को दूषित करता है. किसी बाहरी कारक के कारण वायु के भौतिक तत्वों में बदलाव आना ही वायु प्रदूषण कहलाता है. मुख्य रूप से धुआ सबसे अधिक वायु प्रदूषण को फैलाता है.

पुराने तथा डीजल से चलने वाले वाहन सबसे अधिक प्रदूषण फैलाते है। डॉ। विबासी ने लिखा है कि हर साल लगभग साठ टन कार्बन ऊपर जाता है और वातावरण में इकट्ठा होता है। वायु प्रदूषण फेफड़ों के कैंसर, अस्थमा जैसे रोग वायु प्रदूषण के फलस्वरूप फैलते है.

नाइट्रोजन ऑक्साइड फेफड़ों, दिल, त्वचा, और आंखों की बीमारियों का कारण बनता है। ओजोन छाती में दर्द , खांसी, और आंख की बीमारी का कारण बनती है।

ध्वनि प्रदूषण-

तेज गर्जन करने वाले वाहन, वातानुकूलित मशीनों और जनरेटर से निकलने वाली कर्णकटू ध्वनि ही ध्वनि प्रदूषण का कारण बनती है। डॉ। विबासी ने लिखा है कि 95 डेसिबल का शोर सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को क्रमशः 7 मिलीलीटर, 3 मिलीलीटर तक बढ़ा सकता है।

भूमि प्रदूषण –

मूत्र और उत्सर्जन के निर्वहन के साथ-साथ यहां-वहां थूकने, कूड़े करकट को कचरापात्र  में डालने की बजाए सड़कों पर कचरा फेंकना, गंदगी और रेत से भरी हवा चलने, इधर उधर कचरा डालना ओवरलोडेड नगरपालिका गाड़ियां और ट्रक भूमि प्रदूषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रदूषण की समस्या का समाधान-

हमारी जरूरतों के हिसाब से पानी का सावधानीपूर्वक उपयोग करना हमारा कर्तव्य है ताकि कम से कम जल प्रदूषित हो। प्रदूषित पानी को नदियों और समुद्रों में गिरने के बजाय, इसे आबादी वाले इलाके से दूर भूमि के बंजर भाग में प्रवाहित करना चाहिए।

अधिक प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन के उपयोग को कम किया जाना चाहिए। समय समय पर अपनी गाडी के इंजन की मरम्मत करवानी चाहिए.

नई बिल्डिंग अथवा फैक्ट्री को आबादी से दूर तथा शौर को कम करने वाले संयंत्रो का उपयोग करना चाहिए. कचरा हमेशा कचरा पात्र में ही डाले. गंदे पानी को जल स्रोतों में कभी न डाले, यदि ऐसा कोई करता है तो इसकी शिकायत करे.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Hindi Yatra

प्रदूषण पर निबंध – Essay on Pollution in Hindi

Essay on Pollution in Hindi : दोस्तों आज हमने प्रदूषण पर निबंध लिखा है. वर्तमान में प्रदूषण के कारण मानव जीवन और अन्य प्राणियों के जीवन पर बहुत अधिक बुरा प्रभाव पड़ा है. प्रदूषण के कारण असमय मृत्यु होना तो जैसे आम बात ही हो गई है.

इसलिए प्रदूषण को रोकना बहुत आवश्यक है सभी विद्यार्थियों को प्रदूषण के बारे में जानकारी होना आवश्यक है.

इसलिए Essay on Pollution कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए है. इस निबंध को हमने सभी कक्षा के विद्यार्थियों की सुविधा को देखते हुए अलग-अलग शब्द सीमा में लिखा है.

Essay on Pollution in Hindi

Get Some Essay on Pollution in Hindi under 100, 250, 500 and 2000 words

Short Essay on Pollution in Hindi 100 Words

प्रदूषण यह एक धीमा जहर है जो कि दिन-प्रतिदिन हमारे पर्यावरण और हमारे जीवन को नष्ट करता जा रहा है. प्रदूषण को मुख्यतः तीन भागों में बांटा गया है वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण..

वायु प्रदूषण वाहनों से निकलने वाले धुए, कल कारखानों, उड़ती हुई धूल इत्यादि कारणों से होता है. ध्वनि प्रदूषण वाहनों के हॉर्न, मशीनों के चलने से और अन्य शोर उत्पन्न करने वाली वस्तुओं से होता है.

जल प्रदूषण नदियों और तालाबों में फैक्ट्रियों का अपशिष्ट पदार्थ और प्लास्टिक कचरा व अन्य वस्तुएं डालने से होता है.

अगर हमें पर दूसरों को कम करना है तो अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाने होंगे और लोगों को प्रदूषण के प्रति जागरूक करना होगा तभी जाकर हम अच्छे भविष्य की कामना कर सकते है.

Paragraph on Pollution in Hindi 250 Words

प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है यह सिर्फ हमारे देश की नहीं यह एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है जिसकी चपेट में पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतु और अन्य निर्जीव पदार्थ भी आ गए है. इसका दुष्प्रभाव चारों ओर दिखाई दे रहा है.

प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ है कि प्रकृति का संतुलन खराब होना जीवन के लिए जरूरी चीजों का दूषित हो जाना जैसे स्वच्छ जल नहीं मिलना, स्वच्छ वायु नहीं मिलना और प्रदूषित माहौल का पैदा होना.

पृथ्वी का तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है और वातावरण में भी परिवर्तन आ रहा है कभी अत्यधिक वर्षा हो रही है तो कभी सूखा पड़ रहा है ऋतु परिवर्तन असमय हो रहा है जो की यह दर्शा रहा है कि भविष्य में कितनी बड़ी समस्या दस्तक दे रही है.

प्रदूषण के कारण तरह-तरह की विकराल बीमारियां जन्म ले रही है जिसे कैंसर, डायबिटीज, अस्थमा, हृदय की बीमारी इत्यादि के कारण मानव की आयु कम हो गई है.

यह भी पढ़ें – जनसंख्या वृद्धि पर निबंध – Essay on Population in Hindi

वर्तमान में हर घर में कोई ना कोई बीमार है और दवाईयां लेकर अपना जीवन यापन कर रहा है. प्रदूषण के कारण जीव जंतु में इसकी चपेट में आ गए हैं जीव-जंतुओं की कई प्रजातियां तो विलुप्त हो चुकी है और कुछ विलुप्त होने की कगार पर है.

हमारे जीवन प्रणाली कुछ इस प्रकार की हो गई है कि हमें पैसों और तरक्की के अलावा कुछ और दिखाई नहीं दे रहा है.

हमें प्रदूषण को बढ़ने से रोकना होगा नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी पर जीवन का नामोनिशान नहीं होगा हमें प्रदूषण को कम करने के लिए सबसे पहले लोगों को जागरूक करना होगा.

किसी भी प्रकार के प्रदूषण को अगर कम करना है तो हमारा पहला कदम पेड़ों की कटाई रोकना होना चाहिए और जितना हो सके पेड़ लगाने होंगे.

Paryavaran Pradushanpar Nibandh 500 Words

प्रस्तावना –

वर्तमान में प्रदूषण ने बहुत ही विकराल रूप धारण कर लिया है. इसके कारण बड़े महानगरों में जीवन बहुत कठिन हो गया है यहां पर हर दिन कोई ना कोई नई बीमारी जन्म ले रही है.

प्रदूषण इतनी तेजी से फैल रहा है कि आजकल तो ऐसा लग रहा है कि यह हमारे जीवन का हिस्सा सा बन गया है. प्रदूषण के कारण केवल मनुष्य का ही जीवन प्रभावित नहीं हुआ है इसके कारण वन्य जीव जंतुओं और पृथ्वी के वातावरण में भी बदलाव आया है.

प्रदूषण के प्रकार –

प्रदूषण को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार मुख्यतः तीन भागों में बाटा गया है इसके अलावा भी बहुत प्रकार के प्रदूषण होते है –

वायु प्रदूषण – हवा में प्रदूषित कारको के मिश्रण के कारण वायु प्रदूषण होता है वायु प्रदूषण के मुख्य स्त्रोत मोटर वाहनों से निकलने वाला धुआं, कल कारखानों और चिमनीओं से निकलने वाला धुआं, धूल उड़ने से, वस्तुओं के सड़ने से उत्पन्न हुई दुर्गंध, पटाखों इत्यादि कारणों से वायु प्रदूषण फैलता है.

जल प्रदूषण – जल में कई प्रकार के हानिकारक केमिकल्स, जीवाणु इत्यादि मिलने के कारण जल प्रदूषण होता है जल प्रदूषण के मुख्य स्रोत फैक्ट्री और कारखानों से निकलने वाला प्रदूषित जल का नदियों और तालाबों में मिलना, गटर लाइन को नदियों में छोड़ना, जल में प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट पदार्थ डालने के कारण जल प्रदूषण फैलता है.

ध्वनि प्रदूषण – सुनने की एक सीमा से अधिक तीखी और असहनीय आवाज ध्वनि प्रदूषण की श्रेणी में आता है. ध्वनि प्रदूषण का मुख्य स्रोत – लाउडस्पीकर, वाहनों का हॉर्न, मशीनों की आवाज, बादलों की गड़गड़ाहट इत्यादि है जिसके कारण ध्वनि प्रदूषण फैलता है.

प्रदूषण की रोकथाम के उपाय –

वायु प्रदूषण को रोकने के लिए नहीं अधिक मात्रा में पेड़ लगाने चाहिए साथ ही जहां पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है वहां पर रोक लगानी चाहिए. वायु प्रदूषण को फैलाने वाले उद्योग धंधों को नई तकनीक अपनानी चाहिए जिससे कम प्रदूषण हो.

जल प्रदूषण को कम करने के लिए हमें साफ सफाई की ओर अधिक ध्यान देना होगा हम नदियों तालाबों में ऐसे ही कचरा डाल देते है. जल प्रदूषण के लिए जो भी फैक्ट्रियां और कारखाने जिम्मेदार है उनको बंद कर देना चाहिए.

ध्वनि प्रदूषण अधिकतर मानव द्वारा ही किया जाता है इसलिए अगर हम स्वयं हॉर्न बजाना बंद कर दें और मशीनों की नियमित रूप से अगर देखभाल करें तो उन से आवाज नहीं आएगी और ध्वनि प्रदूषण में कमी आएगी.

उपसंहार –

हमारी पृथ्वी पर प्रदूषण जिस तरह से बढ़ रहा है आने वाले कुछ सालों में यह विनाश का रूप ले लेगा, अगर जल्द ही प्रदूषण को रोकने के लिए कुछ सख्त नियम नहीं बनाए गए तो हमारी पृथ्वी का पूरा वातावरण खराब हो जाएगा और हमारा जीवन संकट में पड़ सकता है.

अगर हमें प्रदूषण को कम करना है तो सर्वप्रथम हमें स्वयं को सुधारना होगा और लोगों को प्रदूषण के कारण हो रही हानियों के बारे में अवगत कराना होगा.

जब तक हमारे पूरे देश के लोग जागरुक नहीं होंगे तब तक किसी भी प्रकार के प्रदूषण को कम करना मुमकिन नहीं है.

Essay on Pollution in Hindi 2000 Words

रूपरेखा –

प्रदूषण आज भारत की ही नहीं संपूर्ण विश्व की समस्या है बढ़ते हुए प्रदूषण को देखकर सभी देश इससे चिंतित है. आज संसार की लगभग सभी वस्तुएं चाहे वह सजीव है या निर्जीव किसी न किसी रूप में प्रदूषित होती जा रही है.

जल, वायु, मृदा तथा संपूर्ण भूमंडल प्रदूषण की चपेट में आ गया है. आए दिन प्रदूषण के कारण कोई ना कोई समस्या या फिर नई बीमारियां उत्पन्न होती रहती है.

कारखानों से गैस रिसने, परमाणु संयंत्रों से रेडियोधर्मिता के बढ़ने, नदियों, तालाबों, समुद्रों में कारखानों और फैक्ट्रियों से निकले विषाक्त केमिकल्स और गंदे पानी के मिलने से पूरा वातावरण प्रदूषित हो रहा है.

आज हम सिर्फ अपनी प्रगति की ओर ध्यान दे रहे है लेकिन प्रकृति की जरा भी चिंता नहीं कर रहे है. विज्ञान ने आज बहुत तरक्की कर ली है लेकिन प्रदूषण को रोकने में आज भी सफल नहीं हो पाई है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व के सभी देशों को बार-बार चेतावनी दी जा रही है लेकिन फिर भी प्रदूषण के बढ़ने पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जा रही है.

हमारे भारत देश को तो जात-पात और आरक्षण से ही फुर्सत नहीं मिल रही है तो वह पर्यावरण के बारे में क्या सोचेगा.

प्रदूषण क्या है –

हमारे स्वच्छ वातावरण में किसी भी प्रकार की गंदगी का घूमना प्रदूषण की श्रेणी में आता है प्रदूषण कई प्रकार का होता है जैसे जल, हवा, ध्वनि, मृदा प्रमुख है.

इनमें से अगर कोई भी घटक प्रदूषित होता है तो उसका सीधा असर पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं, मनुष्यों और निर्जीव वस्तुओं पर बुरा असर पड़ता है.

प्रदूषण के प्रकार और दुष्प्रभाव –

जल प्रदूषण –

वर्तमान में जल प्रदूषण एक बड़ी समस्या है वर्तमान में हमारे सभी प्रमुख नदियां जैसे गंगा यमुना चंबल इत्यादि सभी गंदगी से अटी पड़ी है इनमें तरह-तरह का प्लास्टिक और अन्य कचरा पड़ा हुआ है.

कुछ स्थानों पर तो ऐसा लगता है कि नदी में जल की जगह कचरा बह रहा है, कुछ लोग अपनी नित्य क्रिया, कपड़े धोने, जानवरों को नहलाना भी नदियों के पास करते है जिसके कारण उनका जल दूषित हो जाता है.

इससे भी बड़ी चिंता का विषय यह है कि कल कारखानों और फैक्ट्रियों से निकला जहरीला और केमिकल युक्त पानी भी नदियों और तालाबों में छोड़ दिया जाता है.

एक ताजा आंकड़े के अनुसार हमारे देश में प्रदूषित जल पीने की वजह से प्रति घंटे लगभग 73 लोगों की मृत्यु हो जाती है और यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है.

जल प्रदूषण को बढ़ाने में हमारी सरकारें भी कम नहीं है क्योंकि गटर से निकलने वाला पानी अक्सर नदियों और समुद्रों में छोड़ दिया जाता है जिसके कारण पूरा जल प्रदूषित हो जाता है.

जो जल को जहरीला बना देता है जिसके कारण नदी में रहने वाले जीवों का जीवन संकट में पड़ जाता है और यही जहरीला जल हमें पीने को मिलता है जिसके कारण तरह-तरह की बीमारियां फैलती है.

वायु प्रदूषण –

वायु प्रदूषण चिंता का विषय है क्योंकि विश्व में सबसे विश्व में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषित शहरों की सूची में शीर्ष दश में हमारे देश के ही शहर आते है.

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे देश में वायु प्रदूषण किस तेजी से बढ़ रहा है. हमारे देश में हर साल वायु प्रदूषण की वजह से 12.4 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है और यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है.

वायु प्रदूषण सामान्यतः वाहनों से निकलने वाले धुएं, कल कारखानों और चिमनियो का धुँआ, कोयले का धुँआ, घरों से निकलने वाला धुआं, फसलों की पराली जलाने से निकला धुँआ इत्यादि वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण है.

वायु प्रदूषण का एक अन्य प्रमुख कारण यह भी है कि दिन प्रतिदिन पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है और शहरीकरण बढ़ रहा है जिसके कारण वायु प्रदूषण बढ़ रहा है.

वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा कैंसर चर्म रोग आंखों में जलन हृदय संबंधी बीमारियां हो जाती है जिसके कारण मानव और अन्य जीव जंतुओं की असमय मृत्यु हो जाती है.

वायु प्रदूषण से हमारा वातावरण भी प्रभावित होता है पेड़ पौधे मुरझा जाते है जिसके कारण और अत्यधिक वायु प्रदूषण होने लग जाता है

ध्वनि प्रदूषण –

ध्वनि प्रदूषण लाउडस्पीकर, हॉर्न, वाहनों की खड़ खड़ाहट, मशीनों की आवाज, हवाई जहाज की आवाज, कंस्ट्रक्शन का कार्य, बादलों की गड़गड़ाहट इत्यादि कारणों से ध्वनि प्रदूषण होता है,

लेकिन ध्वनि प्रदूषण का मुख्य स्त्रोत मानव जनित कार्यों से ही होता है. मानव अगर सीमित ध्वनि से ज्यादा की आवाज में अधिक समय तक रहता है तो वह बहरा भी हो सकता है साथ ही वह अपना मानसिक संतुलन भी हो सकता है.

वर्तमान में लोग हर जगह शादियों, पार्टियों, किसी भी प्रकार के प्रचार में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करते हैं जो कि ध्वनि प्रदूषण को बहुत अधिक बढ़ा देता है.

ध्वनि प्रदूषण के कारण बच्चे और बूढों को अधिक परेशानी होती है. ध्वनि प्रदूषण जीव-जंतुओं की दिन-प्रतिदिन की दिनचर्या को भी प्रभावित करता है.

मृदा प्रदूषण –

मृदा प्रदूषण का मुख्य कारण मानव के द्वारा किए गए कार्य ही हैं क्योंकि मानव अपनी थोड़े से लोभ के लिए प्रत्येक प्रकार के प्रदूषण को बढ़ावा देता है.

मानव फैक्ट्रियों और कल कारखानों से निकलने वाला अपशिष्ट पदार्थ या तो मृदा में गाड़ देते है या फिर ऐसे ही फेंक देते है जिसके कारण वहां की भूमि धीरे धीरे बंजर होने लग जाती है.

वर्तमान में प्लास्टिक के कारण बहुत अधिक मृदा प्रदूषण हो रहा है क्योंकि प्लास्टिक से हर वक्त जहरीले पदार्थ निकलते रहते है जो की पूरी भूमि को जहरीला बना देते है.

खेतों में इस्तेमाल होने वाली यूरिया खादो का उपयोग भी बहुत अधिक बढ़ गया है जिसके कारण भूमि प्रदूषित हो जाती है.

इन सब का असर मानव स्वास्थ्य पर ही होता है क्योंकि भूमि से उत्पन्न होने वाला अनाज और सब्जियों में जहरीले केमिकल्स मिल जाते है जिससे मानव स्वास्थ्य बिगड़ जाता है इसीलिए आज तरह-तरह की बीमारियां फैल रही है.

प्रकाश प्रदूषण –

दिन और रात प्राकृतिक क्रिया है अगर इनमें कोई बदलाव आता है तो वह पूरी प्रकृति को प्रभावित करता है. वर्तमान में विज्ञान की प्रगति के कारण बिजली का बहुत अधिक उपयोग हो रहा है.

और आजकल अधिक रोशनी वाली लाइटो का उपयोग किया जाता है जिसके कारण रात में भी दिन जैसा लगता है. बढ़ते हुए शहरीकरण के कारण रात में भी बहुत अधिक उजाला रहता है. जिसके कारण वन्य जीव जंतुओं को बहुत अधिक परेशानी होती है उनकी पूरी दिनचर्या इसके कारण बिगड़ जाती है. प्रकाश प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है इसके कारणों से पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती है.

रेडियोधर्मिता प्रदूषण –

रेडियोएक्टिव विकिरणों से फैलने वाला प्रदूषण रेडियोधर्मिता प्रदूषण कहलाता है. यह प्रदूषण आंखों से दिखाई नहीं देता लेकिन स्वास्थ्य के लिए सबसे अधिक खतरनाक होता है.

इसके संपर्क में आने वाले व्यक्ति या अन्य कोई जीव जंतु कि कुछ ही समय में मृत्यु हो जाती है.

यह प्रदूषण सामान्यत है परमाणु बम, परमाणु बिजली घर से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ से होता है. यह प्रदूषण जहां भी फैलता है वहां पर जीवन का नामोनिशान मिट जाता है.

थर्मल प्रदूषण –

वर्तमान में थर्मल प्रदूषण बहुत अधिक तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि जैसे जैसे लोगों की जरूरत है बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे तरह-तरह की फैक्ट्रियां लग रही है जिनमें जल का उपयोग कई प्रकार के पदार्थों और अन्य वस्तुओं को ठंडा रखने में किया जाता है.

जिसके कारण वह जल बहुत अधिक गर्म हो जाता है और वह सीधा नदियों में छोड़ दिया जाता है जिसके कारण अचानक जल के तापमान में बदलाव हो जाता है. इससे नदियों में रहने वाले जीवो की मृत्यु हो जाती है.

प्रदूषण संतुलन के उपाय –

पेड़ लगाना –

हमारी पृथ्वी को अगर प्रदूषण से बचाना है तो हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे और जो भी लोग पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रही है उन पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें रोकना होगा.

पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हमें ऑक्सीजन देते हैं अगर पेड़ ही नहीं होंगे तो हमें ऑक्सीजन नहीं मिलेगी और हमारा जीवन समाप्त हो जाएगा.

आज ही प्रण ले अपने हर जन्मदिन पर कम से कम एक पेड़ जरूर लगाएं.

प्लास्टिक का उपयोग बंद करना –

वर्तमान में हमारे जीवन के साथ प्लास्टिक कैसे जुड़ गया है जैसे जल और हवा हो, हर वस्तु में प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है. प्लास्टिक से हजारों वर्षों तक जहरीले पदार्थ निकलते रहते है जो कि जल, वायु एवं पूरे वातावरण को प्रदूषित करता है.

हमें प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा, सरकार भी प्लास्टिक पर पाबंदी लगा रही है लेकिन जब तक हम जागरूक नहीं होंगे तब तक प्लास्टिक का उपयोग बढ़ता रहेगा.

कार पुलिंग को बढ़ावा दे –

वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण ईंधन की खबर भी बहुत अधिक हो गई है और इसके कारण अधिक मात्रा में वायु प्रदूषण हो रहा है. आजकल हर व्यक्ति अपना वाहन लेकर चलता है जो कि वायु प्रदूषण की समस्या को और बढ़ा देता है.

अगर हम पब्लिक वाहनों का उपयोग करें और अगर एक ही ऑफिस में जाते हैं तो एक कार में ही बैठकर जाएंगे से ईंधन की बचत होगी और वायु प्रदूषण भी कम होगा.

ऊर्जा का सही इस्तेमाल करें –

हमें ऊर्जा का सही इस्तेमाल करना होगा बिना वजह ऊर्जा का उपयोग करने से हर प्रकार का प्रदूषण घटता है क्योंकि जितने भी प्रकार के हम इंजन देखते है उन्हें बनाने में बहुत प्रदूषण फैलता हैऔर अपशिष्ट पदार्थ भी निकलता है जो कि जहरीला होता है.

नदियों को साफ करें –

हम सबको मिलजुल कर नदियों तालाबों और समुद्रों को साफ करना होगा, क्योंकि वही से हमें पीने के लिए जल मिलता है और अन्य प्राणियों को भी जल मिलता है.

अगर यही जल जहरीला होने लगा तो तरह-तरह की बीमारियां फैल जाएंगी जो की महामारी का रूप भी ले सकती है इसलिए हमें कूड़ा करकट नदियों और तालाबों में नहीं डालना चाहिए.

वाहनों/मशीनों का रखरखाव पर ध्यान दें –

वाहनों और मशीनों का रखरखाव करना बहुत जरूरी है अगर इनका रखरखाव नहीं किया जाए तो इनसे बहुत अधिक मात्रा में ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ वायु प्रदूषण भी होता है.

हम कुछ रुपए बचाने के लिए अपने पर्यावरण को प्रदूषित कर देते है यह बहुत ही चिंता का विषय है इसलिए हमेशा समय समय पर वाहनों और मशीनों का रखरखाव जरूरी है.

यूरिया खाद का उपयोग कम करे –

किसानों द्वारा खेतों में अधिक पैदावार के लिए यूरिया खाद का उपयोग किया जा रहा है जो की फसल की पैदावार तो अच्छी कर देती है लेकिन भूमि को बंजर कर देती है और साथ ही उस फसल में भी कई प्रकार के जहरीले पदार्थ आ जाते है.

जो सीधे हमारे शरीर में जाते हैं और हमारा स्वास्थ्य बिगड़ जाता है इसलिए किसानों को यूरिया खाद का उपयोग कम करना चाहिए और प्राकृतिक खाद का उपयोग करना चाहिए.

कड़े नियम कानून बनाएं –

भारतीय सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए कई कानून बनाए हैं लेकिन उन कानूनों कि सही से पालना नहीं होने के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रदूषण को रोकने के लिए बनाए गए कानूनों की पालना सही से हो रही है या नहीं.

भारतीय सरकार को प्रदूषण के खिलाफ और कड़े कानून बनाने चाहिए क्योंकि अगर प्रकृति ही नहीं रहेगी तो हम भी नहीं रहेंगे इसलिए पर्यावरण को बचाना बहुत जरूरी है.

प्रदूषण के प्रति जागरूकता फैलाएं –

हम सबको मिलजुल कर प्रदूषण के प्रति जागरुकता फैलाने होगी क्योंकि ज्यादातर पढ़े-लिखे लोग यह जानते हैं कि क्या करने से प्रदूषण फैलता है फिर भी वे इस और ध्यान नहीं देते और प्रदूषण फैलाते है.

हमें लोगों को समझाना होगा कि अगर हम यूं ही प्रदूषण फैलाते रहे तो आगे आने वाली पीढ़ी का जीवन मुश्किल में पड़ जाएगा. साथ ही प्रदूषण के कारण हमारा पूरा पर्यावरण भी नष्ट हो रहा है.

इसलिए हमें शहर शहर गांव गांव जाकर लघु नाटको और अन्य तरीकों से लोगों को प्रदूषण के बारे में बताना होगा तभी जाकर प्रदूषण को रोका जा सकता है.

हमारे देश में पर्यावरण प्रदूषण के निराकरण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए है, हमारी सरकार ने मध्य प्रदेश में प्रदूषण संस्थान की स्थापना की है जोकि प्रत्येक वर्ष सरकार को प्रदूषण संबंधी जानकारियां देंगी.

जो भी व्यक्ति या संस्थान प्रदूषण बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है उन पर सख्त कार्यवाही की जा रही है. वर्तमान में छोटे छोटे शहरों में भी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे है. साथ ही प्रत्येक वर्ष वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाए जा रहे.

अगर हम सब भी पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए सहयोग करें तो वह दिन दूर नहीं जब पर्यावरण में संतुलन आ जाएगा और मानव जीवन के साथ साथ अन्य प्राणियों का जीवन भी खतरे से बाहर हो जाएगा.

यह भी पढ़ें –

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध दुष्प्रभाव, निवारण – Plastic Pollution

Essay on Van Mahotsav in Hindi – वन महोत्सव पर निबंध

Essay on Importance of Trees in Hindi – पेड़ों का महत्व पर निबंध

कंप्यूटर पर निबंध – Essay on Computer in Hindi

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Pollution in Hindi  आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

30 thoughts on “प्रदूषण पर निबंध – Essay on Pollution in Hindi”

Thank you it is very helpful to me.

Welcome Ananya

Thanks for this Hindi essay on pollution. It very helpful for me.

welcome Chandan kumar

Thanks 😊😊😊😊😊😊😊 I am happy

Welcome Aksh

yes hii how are u u are great it is so much helpful

Thank you Ridhi

It is very much easy and very nice essay it help me very much thank you for the good essay

Welcome Ali, we glad you like our content thank you for visiting hindi yatra.

Its very easy and knowledgeable essay for the students. Thank you very much for your help.

Welcome Sukhmanpreet kaur

Nice. Thankyou. It help me very much..

Welcome Aryan and thank you very much for appreciation.

Wow very good essay these essay are very helpful for all class. Very nice Good 😉😉😉😉😉

Welcome Krishna for appreciation, we glad you like our content.

Essays written by u are to much helpful for all the classes. For essays I always visit hindiyatra. Now I request that add more and more essays to help students.

Thank you yash for appreciation, We will keep writing new essays like this.

It is really very helpful …to the students … I love it keep sharing more essay …

Thank you shreya for your valuable comment, keep visiting hindiyatra.

I like this paragraph! Wow such a great paragraph

Thank you Ayesha kamal for appreciation.

Really helpful, thank you

Welcome Taiba, keep visiting hindiyatra.

Nice information sir

Thank you Sachin Gangwar, We were very happy that you liked the essay written by us. Keep visiting our website to read such essays.

wow amazing thanks

Thank you rks for appreciation keep visiting hindiyatra.

helpful essays

Thank you arjun for appreciation, keep visiting hindiyatra.

Leave a Comment Cancel reply

HindiLearning

Essay On Pollution in Hindi | प्रदूषण पर निबंध

हेलो स्टूडेंट, आज के इस निबंध के लेख में बहुत ही संवेदनशील सामाजिक विषय के बारे में लिख रहे है | यह निबंध Pollution nibandh in Hindi पर है | इस लेख में हमने बहुत ही विस्तार से प्रदूषण पर निबंध को बताया है | इस लेख की मदद से आप अपने एग्जाम में निबंध में बहुत अच्छे marks ला सकते है | यह निबंध Class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के सभी कक्षाओं के लिए है |

Table of Contents

Essay On Pollution in Hindi – प्रदूषण पर निबंध

  • प्रदूषण का अर्थ
  • प्रदूषण के प्रकार
  • प्रदूषण संतुलन के उपाय

प्रस्तावना:

विज्ञान के इस युग में जहाँ हमे कुछ वरदान मिले है, वही अभिशाप भी मिले है और इसके अलावा ऐतिहासिक कहे या समाजिक बदलाव। इसका हमारे युवा पीढ़ी पर बहुत बुरे असर परतें है। जिस प्रकार ए प्रदूषण विज्ञान की कोख में जन्मा वेसे ही कुछ ऐसे प्रदूषण है जो इंसान की सोच से पनपा है।

बढ़ता प्रदूषण वर्तमान समय की एक सबसे बड़ी समस्या है, जो आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत समाज में तेजी से बढ़ रहा है। प्रदूषण के कारण मनुष्य जिस वातावरण या पर्यावरण में रहा है, वह दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा है।

कहीं अत्यधिक गर्मी सहन करनी पड़ रही है तो कहीं अत्यधिक ठंड। इतना ही नहीं, समस्त जीवधारियों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है। प्रकृति और उसका पर्यावरण अपने स्वभाव से शुद्ध, निर्मल और समस्त जीवधारियों के लिए स्वास्थ्य-वर्द्धक होता है, परंतु किसी कारणवश यदि वह प्रदूषित हो जाता है तो पर्यावरण में मौजूद समस्त जीवधारियों के लिए वह विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न करता है।

ज्यों-ज्यों मानव सभ्यता का विकास हो रहा है, त्यों-त्यों पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती ही जा रही है। इसे बढ़ाने में मनुष्य के क्रियाकलाप और उनकी जीवनशैली काफी हद तक जिम्मेवार है।

प्रदूषण का अर्थ:

प्रदूषण, पर्यावरण में दूषक पदार्थों के प्रवेश के कारण प्राकृतिक संतुलन में पैदा होने वाले दोष को कहते हैं। … प्रदूषण का अर्थ है – ‘हवा, पानी, मिट्टी आदि का अवांछित द्रव्यों से दूषित होना’, जिसका सजीवों पर प्रत्यक्ष रूप से विपरीत प्रभाव पड़ता है तथा पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान द्वारा अन्य अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ते हैं।

प्रदूषण के प्रकार:

प्रदूषण कई प्रकार के है, जैसे  वायु प्रदूषण  ,  जल प्रदूषण  ,  भूमि प्रदुषण  और  धवनि प्रदूषण  ये तो हुए प्रकर्तिक जो प्रकर्ति पर असंतुलन पैदा करने से उत्पन्न होता है। दूसरा हमारा सांस्कृतिक और दैनिक क्रियाओं  वाले प्रदुषण।

जल प्रदूषण:

वर्तमान में जल प्रदूषण एक बड़ी समस्या है वर्तमान में हमारे सभी प्रमुख नदियां जैसे गंगा यमुना चंबल इत्यादि सभी गंदगी से अटी पड़ी है इनमें तरह-तरह का प्लास्टिक और अन्य कचरा पड़ा हुआ है.

कुछ स्थानों पर तो ऐसा लगता है कि नदी में जल की जगह कचरा बह रहा है, कुछ लोग अपनी नित्य क्रिया, कपड़े धोने, जानवरों को नहलाना भी नदियों के पास करते है जिसके कारण उनका जल दूषित हो जाता है.

इससे भी बड़ी चिंता का विषय यह है कि कल कारखानों और फैक्ट्रियों से निकला जहरीला और केमिकल युक्त पानी भी नदियों और तालाबों में छोड़ दिया जाता है.

एक ताजा आंकड़े के अनुसार हमारे देश में प्रदूषित जल पीने की वजह से प्रति घंटे लगभग 73 लोगों की मृत्यु हो जाती है और यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है.

जल प्रदूषण को बढ़ाने में हमारी सरकारें भी कम नहीं है क्योंकि गटर से निकलने वाला पानी अक्सर नदियों और समुद्रों में छोड़ दिया जाता है जिसके कारण पूरा जल प्रदूषित हो जाता है.

जो जल को जहरीला बना देता है जिसके कारण नदी में रहने वाले जीवों का जीवन संकट में पड़ जाता है और यही जहरीला जल हमें पीने को मिलता है जिसके कारण तरह-तरह की बीमारियां फैलती है.

वायु प्रदूषण:

वायु प्रदूषण चिंता का विषय है क्योंकि विश्व में सबसे विश्व में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषित शहरों की सूची में शीर्ष दश में हमारे देश के ही शहर आते है.

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे देश में वायु प्रदूषण किस तेजी से बढ़ रहा है. हमारे देश में हर साल वायु प्रदूषण की वजह से 12.4 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है और यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है.

वायु प्रदूषण सामान्यतः वाहनों से निकलने वाले धुएं, कल कारखानों और चिमनियो का धुँआ, कोयले का धुँआ, घरों से निकलने वाला धुआं, फसलों की पराली जलाने से निकला धुँआ इत्यादि वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण है.

वायु प्रदूषण का एक अन्य प्रमुख कारण यह भी है कि दिन प्रतिदिन पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है और शहरीकरण बढ़ रहा है जिसके कारण वायु प्रदूषण बढ़ रहा है.

वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा कैंसर चर्म रोग आंखों में जलन हृदय संबंधी बीमारियां हो जाती है जिसके कारण मानव और अन्य जीव जंतुओं की असमय मृत्यु हो जाती है.

वायु प्रदूषण से हमारा वातावरण भी प्रभावित होता है पेड़ पौधे मुरझा जाते है जिसके कारण और अत्यधिक वायु प्रदूषण होने लग जाता है

ध्वनि प्रदूषण:

ध्वनि प्रदूषण लाउडस्पीकर, हॉर्न, वाहनों की खड़ खड़ाहट, मशीनों की आवाज, हवाई जहाज की आवाज, कंस्ट्रक्शन का कार्य, बादलों की गड़गड़ाहट इत्यादि कारणों से ध्वनि प्रदूषण होता है,

लेकिन ध्वनि प्रदूषण का मुख्य स्त्रोत मानव जनित कार्यों से ही होता है. मानव अगर सीमित ध्वनि से ज्यादा की आवाज में अधिक समय तक रहता है तो वह बहरा भी हो सकता है साथ ही वह अपना मानसिक संतुलन भी हो सकता है.

वर्तमान में लोग हर जगह शादियों, पार्टियों, किसी भी प्रकार के प्रचार में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करते हैं जो कि ध्वनि प्रदूषण को बहुत अधिक बढ़ा देता है.

ध्वनि प्रदूषण के कारण बच्चे और बूढों को अधिक परेशानी होती है. ध्वनि प्रदूषण जीव-जंतुओं की दिन-प्रतिदिन की दिनचर्या को भी प्रभावित करता है.

मृदा प्रदूषण:

मृदा प्रदूषण का मुख्य कारण मानव के द्वारा किए गए कार्य ही हैं क्योंकि मानव अपनी थोड़े से लोभ के लिए प्रत्येक प्रकार के प्रदूषण को बढ़ावा देता है.

मानव फैक्ट्रियों और कल कारखानों से निकलने वाला अपशिष्ट पदार्थ या तो मृदा में गाड़ देते है या फिर ऐसे ही फेंक देते है जिसके कारण वहां की भूमि धीरे धीरे बंजर होने लग जाती है.

वर्तमान में प्लास्टिक के कारण बहुत अधिक मृदा प्रदूषण हो रहा है क्योंकि प्लास्टिक से हर वक्त जहरीले पदार्थ निकलते रहते है जो की पूरी भूमि को जहरीला बना देते है.

खेतों में इस्तेमाल होने वाली यूरिया खादो का उपयोग भी बहुत अधिक बढ़ गया है जिसके कारण भूमि प्रदूषित हो जाती है.

इन सब का असर मानव स्वास्थ्य पर ही होता है क्योंकि भूमि से उत्पन्न होने वाला अनाज और सब्जियों में जहरीले केमिकल्स मिल जाते है जिससे मानव स्वास्थ्य बिगड़ जाता है इसीलिए आज तरह-तरह की बीमारियां फैल रही है.

प्रकाश प्रदूषण:

दिन और रात प्राकृतिक क्रिया है अगर इनमें कोई बदलाव आता है तो वह पूरी प्रकृति को प्रभावित करता है. वर्तमान में विज्ञान की प्रगति के कारण बिजली का बहुत अधिक उपयोग हो रहा है.

और आजकल अधिक रोशनी वाली लाइटो का उपयोग किया जाता है जिसके कारण रात में भी दिन जैसा लगता है. बढ़ते हुए शहरीकरण के कारण रात में भी बहुत अधिक उजाला रहता है.

जिसके कारण वन्य जीव जंतुओं को बहुत अधिक परेशानी होती है उनकी पूरी दिनचर्या इसके कारण बिगड़ जाती है. प्रकाश प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है इसके कारणों से पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती है.

रेडियोधर्मिता प्रदूषण:

रेडियोएक्टिव विकिरणों से फैलने वाला प्रदूषण रेडियोधर्मिता प्रदूषण कहलाता है. यह प्रदूषण आंखों से दिखाई नहीं देता लेकिन स्वास्थ्य के लिए सबसे अधिक खतरनाक होता है.

इसके संपर्क में आने वाले व्यक्ति या अन्य कोई जीव जंतु कि कुछ ही समय में मृत्यु हो जाती है.

यह प्रदूषण सामान्यत है परमाणु बम, परमाणु बिजली घर से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ से होता है. यह प्रदूषण जहां भी फैलता है वहां पर जीवन का नामोनिशान मिट जाता है.

थर्मल प्रदूषण:

वर्तमान में थर्मल प्रदूषण बहुत अधिक तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि जैसे जैसे लोगों की जरूरत है बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे तरह-तरह की फैक्ट्रियां लग रही है जिनमें जल का उपयोग कई प्रकार के पदार्थों और अन्य वस्तुओं को ठंडा रखने में किया जाता है.

जिसके कारण वह जल बहुत अधिक गर्म हो जाता है और वह सीधा नदियों में छोड़ दिया जाता है जिसके कारण अचानक जल के तापमान में बदलाव हो जाता है. इससे नदियों में रहने वाले जीवो की मृत्यु हो जाती है.

प्रदूषण संतुलन के उपाय:

पेड़ लगाना:.

हमारी पृथ्वी को अगर प्रदूषण से बचाना है तो हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे और जो भी लोग पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रही है उन पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें रोकना होगा.

पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हमें ऑक्सीजन देते हैं अगर पेड़ ही नहीं होंगे तो हमें ऑक्सीजन नहीं मिलेगी और हमारा जीवन समाप्त हो जाएगा.

आज ही प्रण ले अपने हर जन्मदिन पर कम से कम एक पेड़ जरूर लगाएं.

प्लास्टिक का उपयोग बंद करना:

वर्तमान में हमारे जीवन के साथ प्लास्टिक कैसे जुड़ गया है जैसे जल और हवा हो, हर वस्तु में प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है. प्लास्टिक से हजारों वर्षों तक जहरीले पदार्थ निकलते रहते है जो कि जल, वायु एवं पूरे वातावरण को प्रदूषित करता है.

हमें प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा, सरकार भी प्लास्टिक पर पाबंदी लगा रही है लेकिन जब तक हम जागरूक नहीं होंगे तब तक प्लास्टिक का उपयोग बढ़ता रहेगा.

कार पुलिंग को बढ़ावा दे:

वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण ईंधन की खबर भी बहुत अधिक हो गई है और इसके कारण अधिक मात्रा में वायु प्रदूषण हो रहा है. आजकल हर व्यक्ति अपना वाहन लेकर चलता है जो कि वायु प्रदूषण की समस्या को और बढ़ा देता है.

अगर हम पब्लिक वाहनों का उपयोग करें और अगर एक ही ऑफिस में जाते हैं तो एक कार में ही बैठकर जाएंगे से ईंधन की बचत होगी और वायु प्रदूषण भी कम होगा.

ऊर्जा का सही इस्तेमाल करें:

हमें ऊर्जा का सही इस्तेमाल करना होगा बिना वजह ऊर्जा का उपयोग करने से हर प्रकार का प्रदूषण घटता है क्योंकि जितने भी प्रकार के हम इंजन देखते है उन्हें बनाने में बहुत प्रदूषण फैलता हैऔर अपशिष्ट पदार्थ भी निकलता है जो कि जहरीला होता है.

नदियों को साफ करें:

हम सबको मिलजुल कर नदियों तालाबों और समुद्रों को साफ करना होगा, क्योंकि वही से हमें पीने के लिए जल मिलता है और अन्य प्राणियों को भी जल मिलता है.

अगर यही जल जहरीला होने लगा तो तरह-तरह की बीमारियां फैल जाएंगी जो की महामारी का रूप भी ले सकती है इसलिए हमें कूड़ा करकट नदियों और तालाबों में नहीं डालना चाहिए.

वाहनों/मशीनों का रखरखाव पर ध्यान दें:

वाहनों और मशीनों का रखरखाव करना बहुत जरूरी है अगर इनका रखरखाव नहीं किया जाए तो इनसे बहुत अधिक मात्रा में ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ वायु प्रदूषण भी होता है.

इसे भी पढ़े: महात्मा गांधी पर निबंध

हम कुछ रुपए बचाने के लिए अपने पर्यावरण को प्रदूषित कर देते है यह बहुत ही चिंता का विषय है इसलिए हमेशा समय समय पर वाहनों और मशीनों का रखरखाव जरूरी है.

यूरिया खाद का उपयोग कम करे:

किसानों द्वारा खेतों में अधिक पैदावार के लिए यूरिया खाद का उपयोग किया जा रहा है जो की फसल की पैदावार तो अच्छी कर देती है लेकिन भूमि को बंजर कर देती है और साथ ही उस फसल में भी कई प्रकार के जहरीले पदार्थ आ जाते है.

जो सीधे हमारे शरीर में जाते हैं और हमारा स्वास्थ्य बिगड़ जाता है इसलिए किसानों को यूरिया खाद का उपयोग कम करना चाहिए और प्राकृतिक खाद का उपयोग करना चाहिए.

कड़े नियम कानून बनाएं:

भारतीय सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए कई कानून बनाए हैं लेकिन उन कानूनों कि सही से पालना नहीं होने के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रदूषण को रोकने के लिए बनाए गए कानूनों की पालना सही से हो रही है या नहीं.

भारतीय सरकार को प्रदूषण के खिलाफ और कड़े कानून बनाने चाहिए क्योंकि अगर प्रकृति ही नहीं रहेगी तो हम भी नहीं रहेंगे इसलिए पर्यावरण को बचाना बहुत जरूरी है.

प्रदूषण के प्रति जागरूकता फैलाएं:

हम सबको मिलजुल कर प्रदूषण के प्रति जागरुकता फैलाने होगी क्योंकि ज्यादातर पढ़े-लिखे लोग यह जानते हैं कि क्या करने से प्रदूषण फैलता है फिर भी वे इस और ध्यान नहीं देते और प्रदूषण फैलाते है.

हमें लोगों को समझाना होगा कि अगर हम यूं ही प्रदूषण फैलाते रहे तो आगे आने वाली पीढ़ी का जीवन मुश्किल में पड़ जाएगा. साथ ही प्रदूषण के कारण हमारा पूरा पर्यावरण भी नष्ट हो रहा है.

इसलिए हमें शहर शहर गांव गांव जाकर लघु नाटको और अन्य तरीकों से लोगों को प्रदूषण के बारे में बताना होगा तभी जाकर प्रदूषण को रोका जा सकता है.

विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए चाहिए कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं, हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घने वृक्ष हों। आबादी वाले क्षेत्र खुले हों, हवादार हों, हरियाली से ओतप्रोत हों।

कल-कारखानों को आबादी से दूर रखना चाहिए और उनसे निकले प्रदूषित मल को नष्ट करने के उपाय सोचना चाहिए। प्रदूषण से बचने के लिए प्रदूषित ईधनों को बंद करे! सब से पहले फॉर व्हीलर का उपयोग बंद करे !

इस प्रकार देखा जाए तो हर तरह का प्रदूषण युवा वर्ग के लिए एक समस्या है। चाहे वो शारीरिक हो या मानसिक पर्दूषण, प्रदूषण होता है। हर तरह के प्रदूषण में जल ,वायु ,ध्वनि ,इत्यादि आते है ,इन सब से बचने का एक ही उपाए है |

दूसरे विषयों पर हिंदी निबंध लेखन:  Click Here

जगह – जगह हम पेड़ पौधे लगाए और कड़े कानून बनाये जिसके डर से इन प्रदूषण पर अंकुश लग सके इस्से हमारा शारीरिक स्वस्थ अच्छा रहेगा और मानसिक स्वास्थ के लिए हमे हमारे विचारो में परिवर्तन लाना होग़ा सही विचार और सही सोच इन्शान को हमेशा स्वस्थ रखती है। इसलिए शारीरक और मानसिक दोनों रूप से युवा वर्ग को स्वस्थ रहकर इस समस्या से छुटकारा पाना होंगा।

Related Posts

Essay on GST in Hindi

Essay on GST in Hindi | GST पर निबंध

मकर संक्रांति पर निबंध

मकर संक्रांति पर निबंध हिंदी में

क्रिसमस का पर्व पर निबंध

क्रिसमस का पर्व पर निबंध

मेरा भारत महान पर निबंध

मेरा भारत महान पर निबंध लिखिए

दुर्गा पूजा पर निबंध

दुर्गा पूजा पर निबंध लिखे | Essay on Durga Puja in Hindi

गणेश चतुर्थी पर निबंध

गणेश चतुर्थी पर निबंध | Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

essay on pollution in hindi in simple language

क्रिसमस का पर्व पर निबंध (बड़ा दिन का त्योहार)- Christmas Essay in Hindi

essay on pollution in hindi in simple language

भारतीय समाज में नारी का स्थान पर निबंध Hindi Essay on Women in Indian society

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध – adarsh vidyarthi essay in hindi.

essay on pollution in hindi in simple language

देश प्रेम पर निबंध – Desh Prem Essay in Hindi

Leave a comment cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

  • Now Trending:
  • Nepal Earthquake in Hind...
  • Essay on Cancer in Hindi...
  • War and Peace Essay in H...
  • Essay on Yoga Day in Hin...

HindiinHindi

Essay on pollution in hindi प्रदूषण पर निबंध.

Students today we are going to discuss very important topic i.e essay on pollution in Hindi. What is pollution? How can we control pollution? Write an essay on pollution in Hindi as Pollution essay in Hindi is asked in many exams. The long essay on Pollution in Hindi is defined in more than 200, 300, 500, 700, 800, 1000 words. Learn essay on pollution in Hindi for class 10 and think how you can control pollution. Essay on pollution in Hindi is asked in 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. प्रदूषण एक समस्या और प्रदूषण पर हिन्दी में निबंध (Pradushan Par Nibandh).

hindiinhindi Essay on Pollution in Hindi

Essay on Pollution in Hindi 200 Words

विचार-बिंदु – • भूमिका • विकट समस्या • कारण • निवारण।

प्रदूषण का अर्थ है – दूषित होना। पर्यावरण-प्रदूषण का अर्थ है-वातावरण के प्राकृतिक संतुलन में गड़बड़ी पैदा होना। शुद्ध जलवायु में दूषित तत्वों का मिल जाना। प्रदूषण मुख्यतः तीन प्रकार का होता है – वायु-प्रदूषण, जल – प्रदूषण तथा धवनि प्रदूषण। शहरीकरण तथा वैज्ञानिक प्रगति प्रदूषण फैलने के दो बड़े कारण हैं। एक अन्य बड़ा कारण है – बढ़ती जनसँख्या। इस कारण वातावरण में इतना मल, कचरा, धुआँ और गंद जमा हो जाता है कि मनुष्य के लिए स्वस्थ में साँस लेना दूभर हो जाता है। जल-प्रदूषण से सभी नदियाँ, नहरें, भूमि दूषित हो रही हैं। परिणामस्वरूप हमे प्रदूषित फसलें मिलती हैं और गंदा जल मिलता है। आजकल वाहनों, भोंपुओं, फैक्टरियों और मशीनों के सामूहिक शोर से रक्तचाप, मानसिक तनाव, बहरापन आदि बीमारियाँ बढ़ रही हैं। प्रदूषण से मुक्ति के उपाय हैं – आसपास पेड़ लगाना। हरियाली को अधिकाधिक स्थान देना। अनावश्यक शोर को कम करना। विलास की वस्तुओं की बजाय सादगीपूर्ण ढंग से जीवनयापन करना। घातक बीमारियाँ पैदा करने वाले उद्योगों को बंद करना। परमाणु विस्फोटों पर रोक लगाना आदि।

Essay on Pollution in Hindi 300 Words

पर्यावरण प्रदूषण उस स्थिति को कहते हैं जब मानव द्वारा पर्यावरण में अवांछित तत्वों की उपस्तिति अत्यधिक मात्रा में बढ़ जाती है। प्रदूषण कई प्रकार का होता है जैसे- वायुप्रदूषण, जल-प्रदूषण और ध्वनि-प्रदूषण इत्यादि। प्रदूषण की समस्या आज मानव समाज के सामने खड़ी सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। पिछले कुछ दशकों में प्रदूषण तेजी से बढ़ता जा रहा है,जो कि ना केवल भारत अपितु पूरे विश्व के लिए एक गंभीर समस्या है। इस भयंकर सामाजिक समस्या का मुख्य कारण औद्योगीकरण, वनों की कटाई, शहरीकरण, और प्राकृतिक संसाधन को गन्दा करने वाले उत्पादों का सामान्य जीवन में इस्तेमाल का बढ़ना है।

पुरातन कल में, प्रकृति से संसाधनों को प्राप्त करना मनुष्य के लिए सामान्य बात थी। उस समय बहुत कम लोग ही यह सोच सके थे कि संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग मानव जाती के लिए इतनी बड़ी समयस्या खड़ी कर सकता है। हम जितना भी प्रकृति से लेते थे, प्रकृति उतने संसाधन दोबारा पैदा कर देती थी। ऐसा लगता था कि प्रकृति का भंडार असीमित है जो कभी ख़त्म ही नहीं होगा लेकिन जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ने लगी, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन बढ़ता ही चला गया। वनों को अंधाधुन्द काटा जाने गया, अपनी जरुरतो के लिए प्रकति को नुकसान पहचाया गया। मानव दवारा मशीनों के निर्माण ने इस काम में और तेजी ला दी।

औद्योगिक क्रांति का प्रभाव लोगों को पर्यावरण पर दिखने लगा। जंगल खत्म होने लगे। उसके बदले बड़ी-बड़ी इमारतें, कल-कारखाने खुलने लगे और प्रदूषण की समस्या हमारे सर पर आकर खड़ी हो गई, जिसे कम करना हमारे लिए बहुत ही मुश्किल होता जा रहा है, हलाकि सरकार निरंतर इस प्रयास में जुड़ी है।

वायु प्रदुषण – जिसका मुख्य कारण है बढ़ रही ऑटोमोबाइल की संख्या, ज़हरीली गैसों की उपस्तिति, औद्योगिक कंपनियों का धुआं इत्यादि का वातावरण में होना। जिस हवा में हरपल हम साँस लेते है वो हमारे फेफड़ों संबंधी विकार का कारण बनती जा रही है।

जल प्रदूषण भी विभिन्न कारणों से होता है। जैसे की पीने के पानी में जीवाणु, वायरस व हानिकारक रसायन ग्रसित तत्वों का होना, कुछ खतरनाक कीटनाशक, शाकनाशी, कवकनाशी, ईथर बेंजीन जैसे कार्बनिक मिश्रण, रेडियम और थोरियम सहित औद्योगिक राख, कचरा, मलबा इत्यादि जो कि पीने के पानी को भी जहर बनाती जा रही है।

ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण है – बढ़ती आबादी के कारण निरंतर होने वाला शोरगुल, कल-कारखानों से निकली आवाज़, वाहनों का शोर, उपकरणों की आवाज़ और चारों दिशाओं से आनेवाली विभिन्न प्रकार की आवाजें महानगरों में तो ध्वनि-प्रदूषण अपनी चरम सीमा को पार कर रहा है।

प्रदुषण से अलग-अलग तरह की खतरनाक बीमारियाँ जैसे कि कैंसर, पार्किंसंस रोग, दिल का दौरा, सांस की तकलीफ, खांसी, आंखों में जलन, और एलर्जी आदि बढ़ती ही जा रही है। जबतक हम स्वयं प्रदुषण की रोकथाम के लिये कोई कदम नहीं उठाते तबतक हम इस समस्या को दूर नहीं कर सकते। अतः सिर्फ सरकार पर निर्भर ना रहते हुए हम सभी को मिलकर इसे कम करने का प्रयास करना चाहिए, अन्यथा मानव जाती का बच पाना बहुत ही मुश्किल होगा।

Essay on Pollution in Hindi 500 Words

प्रदूषण आज की दुनिया की एक गंभीर समस्या है। प्रदूषण प्राकृतिक वातावरण को दूषित करता है जो की हमारे सामान्य जीवन के लिए महत्वूर्ण है। प्रदूषण मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं: वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और मृदा प्रदूषण। हाल के वर्षों में ध्वनि प्रदूषण भी एक प्रमुख प्रदूषक के रूप में भी देखा जा रहा है।

वायु प्रदूषण : वायु प्रदूषण किसी भी प्रकार के हानिकारक पदार्थों जैसे कल कारखानों और परिवहन से निकलने वाली धुंआ, कचरे को जलाने से निकलने वाली धुंआ और प्रदूषित गैस को वातावरण में मिलाना है जिससे ताजी हवा प्रदूषित होती है। वायु प्रदूषण से मनुष्य का स्वास्थ्य, जीवन की गुणवत्ता आदि बड़े स्तर पर प्रभावित होती है। वायु प्रदूषण से कई सारी बीमारियाँ उत्पन्न होती है।

जल प्रदूषण : जल प्रदूषण से अभिप्राय यह है कि जल निकायों जैसे कि नदियों, झीलों, समुद्रों, और भूजल के पानी के दूषित होने से है। जल प्रदूषण कई कारणों से होता है जैसे की कारखानों का कचरा समुद्र और झीलों में जाकर मिल जाना, लोगो द्वारा कचरा समुद्रों में फेका जाना इत्यादि। धरती पर जल प्रदूषण लगातार एक बढ़ती समस्या बनती जा रही है जो सभी पहलुओं से मानव और जीव-जन्तुओं को प्रभावित कर रही है।

मृदा प्रदूषण : मिट्टी इस धरती पर मौजूद सभी जीव-जन्तुओं और मानव जीवन के लिये बेहद आवश्यक है। उचित ज्ञान के बिना रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता खराब हो रही है। जैसे कि रसायनिक खाद, कीटनाशक दवाइयाँ, औद्योगिक कचरों आदि के इस्तेमाल के द्वारा छोड़े गये जहरीले तत्वों के माध्यम से मिट्टी प्रदूषित होती जा रही है जिससे भूमि की उर्वरता को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है।

ध्वनि प्रदूषण : पश्चिमीकरण ने जोर से संगीत की सनक को जन्म दिया है जो की ध्वनि प्रदूषण का एक घटक है। अत्यधिक शोर मानव स्वास्थ्य और जीव जंतुओं के लिये हानिकारक होता है। ध्वनि प्रदूषण इन कारणों से होता है:- घरेलू मशीनों से निकलने वाली शोर, निर्माण गतिविधियों, परिवहन, तेज आवाज में संगीत सुनना आदि के द्वारा ध्वनि प्रदूषण होता है। ध्वनि प्रदूषण से सबसे ज्यादा नुकसान कान को होता है जिससे कभी-कभी कान के परदे खराब हो जाने के कारण हमेशा के लिये सुनने की क्षमता चली जाती है।

यह सभी तरह के प्रदूषण मानव और जीव जंतुओं के लिए एक अभिशाप की तरह काम कर रहा है। प्रदूषण विभिन्न प्रकार के बीमारी जैसे की कैंसर, उच्च रक्तचाप, सांस की बीमारी, गुर्दा रोग महामारी त्वचा रोग आदि होने का कारण है।

हमें प्रदूषण को गंभीरता से निपटने की जरूरत है अन्यथा हमारी आने वाली पीढ़ी को बहूत दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यह बड़े सामाजिक मुद्दे को जड़ से खत्म करने और इससे निजात पाने के लिए सार्वजनिक स्तर पर सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम करने की आवश्यकता है ताकि लोग प्रदूषण से होने वाले नुकसान को जान सकें और अपना व पर्यावरण की रक्षा कर सकें।

हमें प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सरकार द्वारा लागू किए गए सभी नियंत्रण के उपायों का पालन करना चाहिए ताकि हम और हमारी आने वाली पीढ़ियाँ सुरक्षित रह सकें।

Long Essay on Pollution in Hindi 700 Words

“देकर शुद्ध हवा फल-फूल, हम सबको सुख बाँटते हैं। मत काटो इन पेड़-पौधों को, ये हम सबके दुःख काटते हैं।”

सृष्टि की रचना के उपरान्त मनुष्य ने कुदरत की गोद में आँखें खोली तो चारों तरफ स्वच्छ वायु, निर्मल जल और उज्वल प्रकाश का वरदान पाया। मनुष्य ने हिंसक पशुओं की मार से बचने के लिए, उनसे शीतल छाया लेने के लिए वृक्षों का सहारा लिया। झोंपड़ी बनाकर मनुष्य ने स्वयं को गर्मी, आँधी, वर्षा, सर्दी के संकट से तो बचाया ही साथ ही फ़ल-सब्जियां खाकर पत्तों का आवरण बनाकर जीवन बसर किया।

प्रदूषण के कारण

आज विज्ञान के युग में मनुष्य ने पृथ्वी, आकाश तथा जल पर अपना आधिपत्य जमा लिया है तथा मनुष्य की सुख-सुविधा के लिए अनेक मशीनों एवं आविष्कारों को जन्म दिय जो कि प्रदूषण के प्रमुख कारण बन गए। लेकिन मनुष्य ने भौतिक सुखों की होड़ में इसे दूषित कर दिया है। आज विकास तो हो रहा है परन्तु मनुष्य के स्वास्थ्य के बदले, प्रदूषण के बदले, गैस काण्डों तथा एटम शक्ति के खतरे के बदले।

प्रदूषण के प्रकार : प्रदूषण मुख्य चार प्रकार के हैं –

1. वायु प्रदूषण 2. जल प्रदूषण 3. ध्वनि प्रदूषण 4. भूमि प्रदूषण

वायु प्रदूषण

मनुष्य ने कपड़ा, लोहा, सीमेंट, कागज़, कल – पुर्जे, बिजली आदि निर्माण के लिए बड़े-बड़े कारख़ाने तैयार किए। इन कारखानों एवं महानगरों में ट्रैफ़िक द्वारा बहुत बड़ी मात्रा में धुआँ निकलता है, जो वायुमंडल को दूषित करता है। विषैली गैसें वातावरण में तापमान को बढ़ाती हैं। वायु हमारे प्राणों का आधार है। वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा का घटना और कार्बनडाईऑक्साइड की मात्रा का बढ़ना अनेक रोगों को जैसे रक्तचाप, कैंसर, टी. वी., श्वास रोग को आमंत्रण देता है। सुविधाभोगी जिन्दगी जीने की चाह ने वातावरण की ओजोन परत में छेद कर दिया जो कि वायु प्रदूषण का ही प्रभाव है।

“जीवन देने वालों को, न तुम बलि चढ़ाओ। संरक्षण देकर इन्हें, स्वजीवन सुखी बनाओ।”

कारख़ानों के उत्पादन के बाद बचे हुए रासायनिक पदार्थों और कचरे को नदियों में बहाने से तालाब आदि जलाशय दूषित होते हैं। प्रतिदिन करीब बीस हजार (20,000) लोग गंदा पानी पीने से मर रहे हैं। 80 फ़ीसदी बीमारियाँ डाइरिया, मलेरिया, पीलिया आदि जल प्रदूषण की ही देन है।

ध्वनि-प्रदूषण

ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण है। यातायात के साधन, कल-कारख़ानों में चलने वाली बड़ी-बड़ी मशीनें, लाउड-स्पीकर, रेडियो, वायुयानों का शोर आदि। आज का मनुष्य हवाई जहाज़, रेलगाड़ी, मोटर, कारों, टी. वी. और रेडियो के असहनीय शोर में रहने को मजबूर | है। जिससे सिरदर्द, बहरापन आदि रोग हो जाते हैं।

भूमि (मिट्टी) प्रदूषण

भूमि-प्रदूषण ने पर्यावरण को अत्यधिक क्षति पहुँचाई है। रासायनिक तत्वों के मिट्टी में मिलने से भू-प्रदूषण होता है। कागज़, लकड़ी आदि सड़-गलकर मिट्टी में मिल जाते हैं, प्लास्टिक मिट्टी में नहीं मिलती। प्लास्टिक की वस्तुएँ मिट्टी को साँस नहीं लेने देती जिससे मिट्टी की उर्वरता ख़त्म हो जाती है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ने भी प्रदूषण, भू-स्खलन एवं प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ावा दिया है।

रोकथाम / उपाय

अगर चिमनियों से निकलने वाली विषैली गैसों, वाहनों से निकलने वाले धुएँ की रोकथाम न की गई तो वह दिन दूर नहीं जब हमें भी टॉकियो की तरह भारत में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर ऑक्सीजन के सिलेंडर लगाने पड़ेंगे और मुँह पर पट्टी बाँध कर चलना होगा। वैसे तो भारत सरकार द्वारा कठोर नियम लागू किए गए हैं। वृक्ष लगाने और प्रदूषण हटाने, उद्योगों से निकलने वाले कचरे और दूषित जल को निष्क्रिय करने के बाद ही विसर्जित किया जाये आदि। फिर भी हमारा निजी सहयोग आवश्यक है। जल प्रदूषण के संकट से बचने के लिए हमें जल संरक्षण की तरफ ध्यान देना होगा। उसे गन्दा न करने का और प्रयुक्त पानी को साफ़-स्वच्छ जल में न मिलाने का प्रण लेना होगा। ध्वनि-प्रदूषण से तभी मुक्ति मिलेगी जब वाहनों के प्रयोग में कमी लाकर साइकिल का प्रयोग किया जाएगा तथा रेडियो और लाउड-स्पीकरों को धीमी आवाज़ में सुना जाएगा। जब तक पर्यावरण सुरक्षा हेतु आम जनता जागरूक नहीं होती, तब तक यह संकट नहीं टलेगा। कवियत्री ने क्या खूब कहा है :

“सुखी रहना हो गर तो पर्यावरण का रखो ध्यान, निर्मल-स्वच्छ जल, चारों ओर उगाओ बागान। जीवन देने वालों को बलि मत चढ़ाओ-पूजन रचाओ, संरक्षण नत मस्तक हो-मिलकर वन महोत्सव मनाओ।”

भविष्य में वृक्षों की अन्धाधुन्ध कटाई को रोकने, प्लास्टिक से बनी वस्तुएँ का निषेध करने, नये वृक्ष लगाने और उनका संरक्षण करने आदि का प्रण करके हम समाज और राष्ट्र को सुरक्षित कर सकते हैं।

Essay on Pollution in Hindi 800 Words

रूपरेखा : पर्यावरण का अर्थ, हमारे जीवन में स्वच्छ पर्यावरण की आवश्यकता, मनुष्य द्वारा प्रकृति का दोहन, प्रदूषण के प्रकार – वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, जल प्रदूषण। शहरों का निरंतर विस्तार, शहरों में बढ़ते विविध प्रकार के प्रदूषण, प्रदूषण की रोकथाम के उपाय, प्रदूषण से हानियाँ, प्रदूषण नियंत्रण के उपाय, उपसंहार।

‘पर्यावरण’ का शाब्दिक अर्थ है – हमारे चारों ओर का प्राकृतिक आवरण। जो कुछ भी हमारे चारों ओर विद्यमान है, हमें ढके-लपेटे हुए है उसे पर्यावरण कह सकते हैं। प्रकृति ने मानव के लिए एक सुखद आवरण बनाया था। साँस लेने के लिए स्वच्छ हवा, पीने के लिए साफ़ पानी, कोलाहल रहित शांत प्रकृति, हरे-भरे वन, उनमें बसने वाले पशु पक्षी। इन सबके रूप में प्रकृति ने मानव को कितना कुछ दिया, किंतु मानव ने अपने स्वार्थ में एक ओर तो प्रकृति की सुविधाओं का अंधाधुंध लाभ उठाकर उसका शोषण किया और दूसरी ओर प्रगति के नाम पर शोरगुल, धुआँ, ज़हरीली गैसें वायुमंडल में भर दीं, यही नहीं समुद्र आदि के जल को भी विषाक्त कर दिया।

वायु हमारे प्राणों का आधार है। इसीलिए वायु का एक नाम प्राण भी है, किंतु आजकल, विशेषकर शहरों में हम जिस वायु में साँस ले रहे हैं वह प्राणों के लिए हानिकर है। उसमें धूल, धुआँ, राख, कालिख जैसे पदार्थ हैं जिनमें कार्बन मोनो-ऑक्साइड जैसे हानिकारक रसायन होते हैं। यही वायु प्रदूषण है। इसी प्रदूषण के कारण आँख, गले, फेफड़े के रोगों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।

बढ़ता हुआ शोर भी प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। इसे ध्वनि प्रदूषण कहा जाता है। वाहनों कारखानों का शोर कान फाड़ने वाला होता है। घरों में ऊँचे स्वर से रेडियो-टी.वी सुनना, लाउडस्पीकरों का मनमाना प्रयोग, जोरों से चीखना-चिल्लाना सब शोर के ही उदाहरण हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि ध्वनि प्रदूषण से न केवल सुनने की शक्ति पर कुप्रभाव पड़ता है, इससे सिर दर्द, रक्तचाप, अनिद्रा जैसे रोग भी हो जाते हैं।

जल का दूसरा नाम जीवन है। प्राणी जल के बिना जीवित नहीं रह सकता। आज स्वच्छ जल मिलना दूभर हो गया है, क्योंकि जल-स्रोतों को ही प्रदूषित कर दिया गया है। नगरों और शहरों की गंदगी तथा कारखानों के ज़हरीले रसायन नदियों और तालाबों में छोड़े जाते हैं। गंगा जैसी पवित्र नदी का जल प्रदूषित हो गया है।

अज्ञान और सुविधाओं के अभाव के कारण मलमूत्र त्याग, पशुओं को नहलाने, वस्त्र धोने, कूड़ा-कचरा पानी में गिराने से भी जल प्रदूषित हो जाता है। ऐसा प्रदूषित जल पीने से हैज़ा, अतिसार, पीलिया, टाइफ़ाइड जैसे रोग फैलते हैं।

वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण के बढ़ने के साथ-साथ मृदा प्रदूषण का खतरा भी उत्पन्न हो गया है। रासायनिक खादों के अतिशय प्रयोग से मिट्टी का स्वाभाविक रूप विकृत होता जा रहा है। परिणामस्वरूप, उत्पादित वस्तुओं का पौष्टिक तत्त्व नष्ट होता जा रहा है। साग-सब्ज़ी और फल स्वादहीन होते जा रहे हैं।

आज की सभ्यता को शहरी सभ्यता कह सकते हैं। भारत के कुछ बड़े महानगरों की जनसंख्या एक करोड़ का आँकड़ा पार कर चुकी है। इस कारण शहरों की दुर्गति हो गई है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे महानगरों में हर प्रकार का प्रदूषण पाँव पसार रहा है। लाखों लोग झुग्गी-झोंपड़ियों में निवास करते हैं, जहाँ खुली धूप, वायु और जल तक का प्रबंध नहीं है। यहाँ की सड़कों के वाहन रोज लाखों गैलन गंदा धुआँ उगलते हैं। वृक्षों के अभाव में यह धुआँ नागरिकों के फेफड़ों में जाता है और उनका स्वास्थ्य खराब कर देता है। नगरों में जल के स्रोत भी दूषित हो चुके हैं। दिल्ली में बहने वाली यमुना पवित्र नदी नहीं, विशाल नाला बन चुकी है। शोर का कहना ही क्या ! इसके कारण शहरी जीवन तनावग्रस्त हो गया है। प्रदूषण को रोकने का सर्वोत्तम उपाय है – जनसंख्या पर नियंत्रण। सरकार को चाहिए कि वह नगरों की सुविधाएँ गाँवों तक पहुँचाए ताकि शहरीकरण की अंधी दौड़ बंद हो। हरियाली को यथासंभव बढ़ावा देना चाहिए। प्रदूषण बढ़ाने वाली फैक्टरियों के प्रदूषित जल और कचरे को संसाधित करने का उचित प्रबंध करना चाहिए। शोर को रोकने के कठोर नियम बनाए जाने चाहिए तथा उन पर अमल किया जाना चाहिए।

खेद की बात है कि सभ्यता और विकास के नाम पर हम प्रकृति की धरोहर को नष्ट कर रहे हैं और अपने पैरों में स्वयं कुल्हाड़ी मार रहे हैं। यदि पर्यावरण का संरक्षण नहीं किया गया तो मानवजाति का अस्तित्व ही संकट में पड़ जाएगा। वायु प्रदूषण रोकने के लिए अधिक वृक्ष लगाने होंगे और कल-कारखानों को वायुमंडल में विषैले तत्त्व छोड़ने से रोकना होगा। वाहनों की भी जाँच करनी होगी और ऐसे ईंधनों का प्रयोग करना होगा जो प्रदूषण न फैलाएँ। कारखानों को नदीतालाबों में हानिकारक रसायन छोड़ने से रोकना होगा। जल स्रोतों की सफ़ाई करते रहनी होगी। ध्वनि प्रदूषण रोकने के भी उपाय करने होंगे। वाहनों की बनावट ऐसी हो कि वे शोर न करें। व्यर्थ हॉर्न बजाने से लोगों को रोकना होगा। मृदा प्रदूषण को रोकने के लिए प्राकृतिक उर्वरकों के प्रयोग पर बल देना होगा। सभी प्रकार के प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए आवश्यक है कि लोगों के सोचने के ढंग में बदलाव लाया जाए।

जैसे हमारी एक निश्चित आयु है, उसी प्रकार प्राकृतिक संसाधनों की भी। यदि हम उनको बिगाड़ेंगे या उनसे छेड़छाड़ करेंगे तो हमारा अपना अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा। इसलिए भलाई इसी में है कि हम पर्यावरण का संरक्षण करें, ताकि हमारा अस्तित्व बना रहे।

Essay on Pollution in Hindi for Class 10 in 1000 Words

प्रकृति ने हमारे लिए एक स्वस्थ एवं सुखद पर्यावरण का निर्माण किया था, परंतु मनुष्य ने भौतिक सुखों की होड़ में उसे दूषित कर दिया है। वाहनों तथा कारखानों की चिमनियों से निकलते धुएँ, रासायनिक गैस एवं कोलाहल पर्यावरण को बुरी तरह प्रदूषित कर रहे हैं। मनुष्य के स्वार्थ के कारण और प्राकृतिक संपदा के शोषण और दोहन के कारण इस प्रदूषण के परिणाम और भी भयावह होते जा रहे हैं।

प्रदूषण मुख्यत: चार प्रकार के होते हैं – जल-प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनिप्रदूषण तथा अणु-प्रदूषण। हर प्रकार का प्रदूषण हमारे लिए हानिकारक है तथा किसी न किसी रूप में रोगों की वृद्धि करता है, जीवन में तनाव तथा मानसिक और शरीरिक व्यग्रता को बढ़ावा देता है। प्रदूषण के अनेक कारण हैं। वायु हमारे प्राणों का आधार है। वायु में ऑक्सीजन की मात्रा का घटना और कार्बन-डाइऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा लगातार बढ़ रही है। नगरों, महानगरों में वाहनों द्वारा छोड़े गए धुएँ तथा कल कारखानों की चिमनियों से निकले धुएँ से वायु-प्रदूषण हो रहा है। सभी व्यवसाय जिनमें प्रचुर मात्र में धूल उड़ती है : जैसे-सीमेंट, चूना, खनिज आदि तथा वे व्यवसाय जो दुर्गंधयुक्त भाप उत्पन्न करते है : जैसे पशुवध, चमड़ा तैयार करना, साबुन या चर्बी के उद्योग आदि वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं। इस प्रदूषित वायु के कारण अनेक रोग जैसे – रक्तचाप, हृदय रोग, श्वास रोग तथा नेत्र रोग आदि बढ़ रहे हैं। बालू के महीन कणों से ही तपेदिक आदि रोगों के होने की संभावना रहती है।

जल मनुष्य की बुनियादी आवश्यकता है। स्वच्छ एवं निरापद पीने का पानी न मिलने के कारण, गाँवों तथा शहरों की घनी आबादी में रहने वाले लोग अनेक गंभीर रोगों के शिकार हो रहे हैं। प्रतिवर्ष अनेक व्यक्ति जल-प्रदूषण से उत्पन्न रोगों के कारण मर रहे हैं। गाँवों तथा शहरों की गंदी नालियों का पानी जलाशय, नदी आदि में गिरकर पानी को प्रदूषित करता है। मनुष्य द्वारा जल स्त्रोतों के पास मल-मूत्र त्याग करने, तालाबों आदि में पालतू जानवर नहलाने, तालाब या नदियों के किनारे कपड़े धोने से जल प्रदूषित होता है। इसी तरह आसपास के वृक्षों के पत्तों तथा अन्य कूड़े-करकटों के जल में गिरकर सड़ने, कारखाने से निकलने वाले अवशिष्ट विषैले पदार्थों एवं गंदे जल के नदियों में गिराने आदि से जल प्रदूषण होता है। जल-प्रदूषण के कारण होने वाले अनेक भयंकर रोगों जैसे – हैजा, टाइफ़ॉइड, पीलिया आदि से लोग ग्रसित हो जाते हैं।

जल-प्रदूषण के समान ही ध्वनि प्रदूषण भी आधुनिक जीवन की समस्या है। वह आवाज़ जो असुविधाजनक हो, अनुपयोगी हो तथा अनावश्यक महसूस होती हो – शोर है। यह शोर ही ध्वनि-प्रदूषण का कारण है। शोर कई तरह से उत्पन्न होता है। एक व्यक्ति के लिए संगीत आनन्ददायक है, किंतु वही संगीत दूसरे व्यक्ति के लिए शोर हो सकता है। रेलगाड़ी की आवाज, सड़कों पर मोटरों की पोंपों, ट्रकों की धड़-धड़ कारखानों में मशीनों के चलने की तेज़ आवाज़, हवाई जहाजों का भीषण गर्जन, सड़कों पर विज्ञापन का प्रचार करने वाले लाउड स्पीकरों का शोर, और टी-वी एवं रेडियो का शोर भी ध्वनि-प्रदूषण के कारण है। ध्वनि-प्रदूषण मानव के स्वस्थ्य के लिए हानिकारक होता है। यहाँ तक कि अधिक समय तक ज्यादा शोर में रहने के कारण कई बार लोगों की श्रवण शक्ति खराब हो जाती है। ध्वनि प्रदूषण से मनुष्य केवल श्रवण दोष से ग्रसित ही नहीं होता, उसे रक्तचाप, अलसर, अनिद्रा के रोगों का शिकार भी होना पड़ता है।

आज संसार के सभी देशों में आणविक क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्धा मची हुई है ताकि दूसरा देश उन्हें कमजोर न समझे। अणु शक्ति के निश्चित अवधि से पूर्व निष्क्रिय करने तथा शत्रु देश पर उसका प्रयोग करने के कारण आणविक प्रदूषण होता है। इससे लाखों लोग अपने प्राणों से हाथ धो बैठते हैं, अनेक अपंग हो जाते हैं, वनस्पतियाँ नष्ट हो जाती हैं। ऊपर लिखे विवरण से स्पष्ट होता है कि प्रदूषण चाहे वायु का हो, जल का हो या ध्वनि और अणु का हो, हमारे लिए अत्यधिक हानिकारक है।

इस समस्या का निवारण हर देश की सरकार और जनता दोनों ही कर रही हैं। फिर भी हमारी दृष्टि में प्रदूषण के निवारण के निम्नलिखित उपाय हो सकते हैं – वायु-प्रदूषण को अधिकाधिक वनों का संरक्षण करके रोका जा सकता है क्योंकि वन कार्बन-डाइऑक्साइड ग्रहण कर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। भू-स्खलन, भू-क्षरण, रेगिस्तान के विस्तार को रोकने के लिए, जल स्त्रोतों को सूखने से बचाने के लिए उपाय करने चाहिएं। इसके लिए वायु प्रदूषण के दुष्परिणामों से भावी पीढ़ियों के भविष्य को बचाने के लिए हमें अधिक वृक्ष लगाने होंगे। वृक्षों को काटने पर प्रतिबंध लगाने होंगे। बदबू फैलाने वाले उद्योगों पर नियंत्रण करना होगा। कारखानों में ऊँची-ऊँची चिमनियाँ तथा राख एकत्रित करने की मशीनों का उपयोग करना अनिवार्य होगा।

जल-प्रदूषण को रोकने के लिए तालाबों, नदियों, कुओं आदि के जल की समय-समय पर सफ़ाई की जाए, रासायनिक क्रियाओं द्वारा परिशोधन किया जाए। इसका प्रावधान जल-प्रदूषण निवारण और नियंत्रण अधिनियम 1974 में किया गया है।

ध्वनि-प्रदूषण को रोकने के लिए अधिक-प्रसारक यंत्रों (लाउड स्पीकरों) के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिए जाएँ। यही नहीं, जिन कारणों से शोर बढ़ता है, उन पर नियंत्रण लगाने के लिए सरकार सख्त कदम उठाए।

उपर्युक्त उपायों को कार्यान्वित करने से प्रदूषण का निराकरण और निवारण किया जा सकता है। इसे प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए सरकार और जनता दोनों को मिलकर आवश्यक उपाय करने चाहिएं।

More Essay in Hindi

Unemployment Essay in Hindi

Poverty essay in Hindi

Essay on Beggary in Hindi

Essay on family planning in Hindi

How to improve living conditions in slums in Hindi

Thank you for reading essay on pollution in Hindi. Don’t forget to give us your feedback.

अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे।

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)

About The Author

essay on pollution in hindi in simple language

Hindi In Hindi

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Notify me of follow-up comments by email.

Notify me of new posts by email.

HindiinHindi

  • Cookie Policy
  • Google Adsense

Hindi Essay

प्रदूषण पर निबंध | Essay on Pollution in Hindi 500 Words | PDF

Essay on pollution in hindi.

Essay on Pollution in Hindi 500 + Words (Download PDF) प्रदूषण पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए। – प्रदूषण विभिन्न प्रकार के गैसों का मिश्रण होता है जो कार और ट्रक ,कारखानों, धूल, पराग, मोल्ड बीजाणुओं, ज्वालामुखियों और जंगल की आग से फैलती हैं। प्रदूषण मनुष्य के अलावा फसलों और पेड़ों को भी कई तरह से नुकसान पहुंचता है। प्रदुषण से कृषि फसल और वाणिज्यिक वन उपज में कमी, पेड़ के पौधों की वृद्धि और जीवित रहने की क्षमता कम हो हो जाती है, तो आइये इस निबंध के माध्यम से हम तीन प्रकार के प्रमुख प्रदुषण के बारे में जानते है – Essay on Pollution in Hindi

मनुष्य ने अपने सुख-सुविधाओं के लिए प्रकृति पर विजय पाने के लिए उसके संतुलन को बिगाड़ना शुरू कर दिया है। प्रकृति पर हमला करने के लिए मनुष्य को विभिन्न रोगों के रूप में दंड मिला है। प्राचीन काल में जब मनुष्य और प्रकृति एक थे, तब शायद कोई बीमारी नहीं थी।

धीरे-धीरे जैसे-जैसे प्रकृति का संतुलन बिगड़ता गया, बीमारियां भी बढ़ती गईं। आज विज्ञान ने ऐसे उद्योगों, कारखानों, औजारों को जन्म दिया है, जिन्होंने प्रकृति के तत्वों में विकार पैदा हो गए हैं। प्रकृति के हर तत्व में प्रदूषण पैदा कर मनुष्य ने अपने लिए समस्याएं खड़ी कर लिया हैं।

प्रदूषण का मतलब

पृथ्वी के आवरण वायु, जल आदि में गतिशील परिवर्तन पर्यावरण है, जो आपस में प्राकृतिक संतुलन बनाए रखता है। मानव शरीर को शुद्ध हवा और पानी की जरूरत होती है। मानव कान सीमित ध्वनि सुन सकता है। सभी इंद्रियां सीमित अनुभव करती हैं। यदि उन सभी में विकार उत्पन्न होता है, तो वे हमारे लिए प्रदूषण हैं।

आज वैज्ञानिक आविष्कारों ने प्रकृति की देन में एक भयानक अव्यवस्था पैदा कर दी है। वायु, जल, ध्वनि आदि हमारे दैनिक जीवन के लिए प्रदूषित हो गए हैं। अत्यधिक ध्वनि और प्रकाश कान और आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं। इन सभी को इस तरह से दूषित करना प्रदूषण कहलाता है। आज प्रदूषण इतना अधिक हो गया है कि यह हमारे लिए एक भयानक और मुख्य समस्या बन गया है।

ये भी देखें – Essay on school annual function in Hindi

वैसे तो प्रदूषण कई प्रकार के होते है, लेकिन उनमें से तीन प्रमुख प्रदूषण हैं – जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण।

प्रकृति ने हमें एक आवश्यक उपहार जल दिया है जिसके बिना हम लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकते हैं। हमारी नदियों में शुद्ध पानी बह रहा है। शुद्ध जल पृथ्वी के नीचे जमा हो रहा है। प्रकृति के सभी जल स्रोत मनुष्य के लिए बिल्कुल शुद्ध बने हुए हैं।

मनुष्य ने जल को भी शुद्ध नहीं रहने दिया है। पानी का मुख्य स्रोत नदी में नालों के माध्यम से शहरों और कस्बों का गन्दा पानी डाला जाता है। कारखानों और फैक्ट्रियों का पानी नदियों में डाला जाता है, जिससे नदियों का पानी इतना प्रदूषित हो गया है कि बिना सफाई के नहीं पिया जा सकता।

वायु प्रदुषण

प्रकृति ने हवा को बिल्कुल शुद्ध बनाया था, लेकिन आजकल परिवहन के साधन इतने बढ़ गए हैं कि वे हर समय जहरीला धुआं छोड़ते हैं जो वातावरण को प्रदूषित करता है। कारखानों, उद्योगों और व्यवसायों के विकास ने वायु प्रदूषण को इतना बढ़ा दिया है कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।

बड़े महानगरों में शाम के समय इतना वायु प्रदूषण होता है कि चारों तरफ धुंआ भर जाता है, जिसका असर सांस लेने की प्रक्रिया के साथ-साथ आंखों पर भी पड़ता है। प्रकृति द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण आवश्यक उपहार को मनुष्य ने इतना खराब कर दिया है कि आज यह एक ऐसी समस्या बन गई है जिसके लिए दुनिया के वैज्ञानिक भी चिंतित हैं।

ध्वनि प्रदूषण

आज विज्ञान ने लाउडस्पीकर के आविष्कार से ध्वनि को प्रदूषित कर दिया है। बसों, कारों, ट्रेनों और अन्य साधनों की आवाज़ ने बहुत अधिक ध्वनि प्रदूषण पैदा किया है। शहरों में कई संगीत वाद्ययंत्र भी एक बड़ी कर्कश ध्वनि बनाते हैं।

इसके अलावा मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों से भी तेज ध्वनि प्रदूषण होता है। ध्वनि प्रदूषण हमारे शरीर के कोमल ऊतकों को प्रभावित करता है। कानों पर बुरा असर पड़ता है। सिरदर्द और भारीपन बना रहता है। इस प्रकार ध्वनि प्रदूषण के कारण अनेक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोग उत्पन्न होते हैं।

ये भी देखें – Essay on environmental pollution in Hindi

इस समय सबसे बड़ी समस्या वायु प्रदूषण है, जिससे सब कुछ दूषित हो रहा है। वायु प्रदूषण को रोकना नितांत आवश्यक है। यदि वायु प्रदूषण को रोकने के प्रयास नहीं किए गए, तो दुनिया में आपदा आ जाएगी। इसलिए वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सबसे पहले हमें प्रकृति के श्रृंगार के रूप में पेड़ों की कटाई को रोकना होगा। पेड़ इंसान के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं जो हवा को शुद्ध करने का काम करते हैं। इसलिए हर क्षेत्र में पौधरोपण करना चाहिए। अधिक से अधिक पेड़ लगाकर वायु प्रदूषण से बचना चाहिए।

उद्योग और कारखाने बस्ती से दूर रहें। इलेक्ट्रिक ट्रेनों, बसों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। शहरों में इलेक्ट्रिक रेलवे का विस्तार किया जाना चाहिए। नदियों के पानी को शुद्ध रखने के लिए गंदे पानी की नालियों को खेतों में डाल देना चाहिए। ध्वनि प्रसारण उपकरणों की आवाज कम कर देनी चाहिए। इस संबंध में सरकार और वैज्ञानिकों को हमेशा जागरूक रहना चाहिए और लोगों में भी जागरूकता फैलानी चाहिए।

शुद्ध वायु, शुद्ध जल, शुद्ध भोजन, शुद्ध मौसम मनुष्य के लिए आवश्यक तत्व हैं। आज के युग में प्रत्येक व्यक्ति को अपने-अपने स्थान पर प्रदूषण रोकना चाहिए। हम अपने दैनिक जीवन के स्वार्थ के लिए प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ाने में भी सहायक होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार पौधे लगाने चाहिए। अनावश्यक पेड़ नहीं काटे जाने चाहिए। गंदगी फैलाने की कोशिश न करें।

Download PDF – Click Here

Q&A. on Pollution in Hindi

प्रदूषण का कारण क्या है.

उत्तर – वायु प्रदूषण विभिन्न प्रकार के गैसों का मिश्रण होता है जो कार और ट्रक ,कारखानों, धूल, पराग, मोल्ड बीजाणुओं, ज्वालामुखियों और जंगल की आग से फैलती हैं।

हम प्रदूषण को कैसे कम कर सकते हैं?

उत्तर – प्रदूषण को कम करने के कई उपाय है जैसे –

  • सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना।
  • पटाखों के प्रयोग से बचें।
  • उपयोग में न होने पर लाइट बंद कर दें।
  • एयर कंडीशनर की जगह पंखे का प्रयोग करें।
  • प्लास्टिक बैग को नहीं।
  • रीसायकल और पुन: उपयोग।
  • चिमनी के लिए फिल्टर का प्रयोग करें।
  • जंगल की आग और धूम्रपान में कमी।

प्रदूषण पृथ्वी को कैसे प्रभावित कर रहा है?

उत्तर – वायु प्रदूषण मनुष्य के अलावा फसलों और पेड़ों को भी कई तरह से नुकसान पहुंचता है। प्रदुषण से कृषि फसल और वाणिज्यिक वन उपज में कमी, पेड़ के पौधों की वृद्धि और जीवित रहने की क्षमता कम हो हो जाती है।

Related Articles

Advantage and disadvantage of lockdown in Hindi

Essay On Advantage And Disadvantage Of Lockdown In Hindi 1000 Words

Essay on Delhi in Hindi

दिल्ली पर निबंध | Essay on Delhi in Hindi 1000 Words | PDF

Essay on increasing price of petrol and diesel in Hindi

Essay on Increasing Price of Petrol and Diesel in Hindi | PDF

Benefits of lockdown in India Essay

लॉकडाउन के फायदे पर निबंध | Benefits Of Lockdown In India Essay In Hindi

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

  • Choose your language
  • मुख्य ख़बरें
  • अंतरराष्ट्रीय
  • उत्तर प्रदेश
  • मोबाइल मेनिया

टी-20 विश्वकप

  • बॉलीवुड न्यूज़
  • मूवी रिव्यू
  • खुल जा सिम सिम
  • आने वाली फिल्म
  • बॉलीवुड फोकस
  • श्री कृष्णा
  • व्रत-त्योहार
  • श्रीरामचरितमानस
  • दैनिक राशिफल
  • आज का जन्मदिन
  • आज का मुहूर्त
  • वास्तु-फेंगशुई
  • टैरो भविष्यवाणी
  • पत्रिका मिलान
  • रत्न विज्ञान

लाइफ स्‍टाइल

  • वीमेन कॉर्नर
  • नन्ही दुनिया
  • धर्म संग्रह

लोकसभा चुनाव

  • स्पेशल स्टोरीज
  • लोकसभा चुनाव इतिहास
  • चर्चित लोकसभा क्षेत्र
  • भारत के प्रधानमंत्री
  • pollution essay
  • 104 शेयरà¥�स

सम्बंधित जानकारी

  • प्रदूषण फैलाना पड़ा महंगा, लगा 2 लाख 96 हजार रुपए का जुर्माना
  • दिल्ली में प्रदूषण पर नकेल कसी, CM केजरीवाल बोले- अब मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री खोलने की इजाजत नहीं
  • दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत : गोपाल राय
  • लगातार दूसरे दिन भी प्रदूषण से दिल्ली बेहाल, हवा की गुणवत्ता गंभीर
  • दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार का नया कानून

essay on pollution : प्रदूषण पर हिन्दी निबंध

essay on pollution : प्रदूषण पर हिन्दी निबंध - pollution essay

  • वेबदुनिया पर पढ़ें :
  • महाभारत के किस्से
  • रामायण की कहानियां
  • रोचक और रोमांचक

खून की कमी से आंखों पर ऐसा पड़ता है असर, जानें क्या हैं लक्षण

खून की कमी से आंखों पर ऐसा पड़ता है असर, जानें क्या हैं लक्षण

इस नेचुरल टूथपेस्ट के आगे महंगे टूथपेस्ट भी हो जाते हैं फेल

इस नेचुरल टूथपेस्ट के आगे महंगे टूथपेस्ट भी हो जाते हैं फेल

Blackheads से हो गए हैं परेशान तो ट्राई करें बेसन के ये 3 उपाय

Blackheads से हो गए हैं परेशान तो ट्राई करें बेसन के ये 3 उपाय

इन संकेतों से जानें कि आ गया है तकिया बदलने का समय, क्या होंगे इसके फायदे

इन संकेतों से जानें कि आ गया है तकिया बदलने का समय, क्या होंगे इसके फायदे

इन 5 लोगों को ज़रूर करवाना चाहिए Pedicure, सेहत के लिए है फायदेमंद

इन 5 लोगों को ज़रूर करवाना चाहिए Pedicure, सेहत के लिए है फायदेमंद

और भी वीडियो देखें

essay on pollution in hindi in simple language

कैस्टर ऑयल से दूर करें होंठों का कालापन और पाएं ग्लॉसी लिप्स

कैस्टर ऑयल से दूर करें होंठों का कालापन और पाएं ग्लॉसी लिप्स

बारिश के मौसम में बच्चे के टिफिन में भूलकर भी न रखें ये 4 चीज़ें

बारिश के मौसम में बच्चे के टिफिन में भूलकर भी न रखें ये 4 चीज़ें

स्किन की टैनिंग से हैं परेशान तो खीरे और ग्लिसरीन से दूर करें ये समस्या

स्किन की टैनिंग से हैं परेशान तो खीरे और ग्लिसरीन से दूर करें ये समस्या

गर्मियों से पैरों की स्किन हो गई है टैन, इन 2 नुस्खों से लौट आएगा खोया निखार

गर्मियों से पैरों की स्किन हो गई है टैन, इन 2 नुस्खों से लौट आएगा खोया निखार

दूध पीने से पहले क्यों होता है उबालना ज़रूरी? जानें इसके फायदे

दूध पीने से पहले क्यों होता है उबालना ज़रूरी? जानें इसके फायदे

  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन दें
  • हमसे संपर्क करें
  • प्राइवेसी पालिसी

Copyright 2024, Webdunia.com

प्रदूषण पर निबंध / Essay on Pollution in Hindi

essay on pollution in hindi in simple language

प्रदूषण पर निबंध / Essay on Pollution in Hindi!

प्रदूषण आज की दुनिया की एक गंभीर समस्या है । प्रकृति और पर्यावरण के प्रेमियों के लिए यह भारी चिंता का विषय बन गया है । इसकी चपेट में मानव-समुदाय ही नहीं, समस्त जीव-समुदाय आ गया है । इसके दुष्प्रभाव चारों ओर दिखाई दे रहे हैं ।

प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ है-गंदगी । वह गंदगी जो हमारे चारों ओर फैल गई है और जिसकी गिरफ्त में पृथ्वी के सभी निवासी हैं उसे प्रदूषण कहा जाता है । प्रदूषण को मोटे तौर पर तीन श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है-वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण । ये तीनों ही प्रकार के प्रदूषण मानव के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो रहे हैं।

वायु और जल प्रकृति-प्रदत्त जीवनदायी वस्तुएँ हैं । जीवों की उत्पत्ति और जीवन को बनाए रखने में इन दोनों वस्तुओं का बहुत बड़ा हाथ है । वायु में जहाँ सभी जीवधारी साँस लेते हैं वहीं जल को पीने के काम में लाते हैं । लेकिन ये दोनों ही वस्तुएं आजकल बहुत गंदी हो गई हैं ।

वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण इसमें अनेक प्रकार की अशुद्ध गैसों का मिल जाना है । वायु में मानवीय गतिविधियों के कारण कार्बन डायऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसे प्रदूषित तत्व भारी मात्रा में मिलते जा रहे हैं । जल में नगरों का कूड़ा-कचरा रासायनिक पदार्थों से युक्त गंदा पानी प्रवाहित किया जाता रहा है । इससे जल के भंडार; जैसे-तालाब, नदियाँ,झीलें और समुद्र का जल निरंतर प्रदूषित हो रहा है ।

ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण है – बढ़ती आबादी के कारण निरंतर होनेवाला शोरगुल । घर के बरतनों की खट-पट, मशीनों की खट-पट और वाद्‌य-यंत्रों की झन-झन दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है । वाहनों का शोर, उपकरणों की चीख और चारों दिशाओं से आनेवाली विभिन्न प्रकार की आवाजें ध्वनि प्रदूषण को जन्म दे रही हैं । महानगरों में तो ध्वनि-प्रदूषण अपनी ऊँचाई पर है ।

ADVERTISEMENTS:

प्रदूषण के दुष्प्रभावों के बारे में विचार करें तो ये बड़े गंभीर नजर आते हैं । प्रदूषित वायु में साँस लेने से फेफड़ों और श्वास-संबंधी अनेक रोग उत्पन्न होते हैं । प्रदूषित जल पीने से पेट संबंधी रोग फैलते हैं । गंदा जल, जल में निवास करने वाले जीवों के लिए भी बहुत हानिकारक होता है । ध्वनि प्रदूषण मानसिक तनाव उत्पन्न करता है । इससे बहरापन, चिंता, अशांति जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है ।

आधुनिक वैज्ञानिक युग में प्रदूषण को पूरी तरह समाप्त करना टेढ़ी खीर हो गई है । अनेक प्रकार के सरकारी और गैर-सरकारी प्रयास अब तक नाकाफी सिद्ध हुए हैं । अत: स्पष्ट है कि जब तक जन-समूह निजी स्तर पर इस कार्य में सक्रिय भागीदारी नहीं करता, तब तक इस समस्या से निबटना असंभव है । हरेक को चाहिए कि वे आस-पास कूड़े का ढेर व गंदगी इकट्‌ठा न होने दें ।

जलाशयों में प्रदूषित जल का शुद्धिकरण होना चाहिए । कोयला तथा पेट्रोलियम पदार्थों का प्रयोग घटा कर सौर-ऊर्जा, पवन-ऊर्जा, बायो गैस, सी.एन.जी, एल.पी.जी, जल-विद्‌युत जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों का अधिकाधिक दोहन करना चाहिए । हमें जंगलों को कटने से बचाना चाहिए तथा रिहायशी क्षेत्रों में नए पेड़ लगाने चाहिए । इन सभी उपायों को अपनाने से वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण को घटाने में काफी मदद मिलेगी ।

ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ ठोस एवं सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है । रेडियो, टी.वी. , ध्वनि विस्तारक यंत्रों आदि को कम आवाज में बजाना चाहिए । लाउडस्पीकरों के आम उपयोग को प्रतिबंधित कर देना चाहिए । वाहनों में हल्के आवाज वाले ध्वनि-संकेतकों का प्रयोग करना चाहिए । घरेलू उपकरणों को इस तरह प्रयोग में लाना चाहिए जिससे कम से कम ध्वनि उत्पन्न हो ।

निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि प्रदूषण को कम करने का एकमात्र उपाय सामाजिक जागरूकता है । प्रचार माध्यमों के द्वारा इस संबंध में लोगों तक संदेश पहुँचाने की आवश्यकता है । सामूहिक प्रयास से ही प्रदूषण की विश्वव्यापी समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है ।

Related Articles:

  • प्रदूषण पर निबंध | Essay on Pollution in Hindi
  • प्रदूषण: एक गंभीर समस्या पर लेख |Article on Pollution in Hindi
  • प्रदूषण पर निबन्ध | Essay for Kids on Pollution in Hindi
  • जल–प्रदूषण पर अनुच्छेद | Paragraph on Water Pollution in Hindi

दा इंडियन वायर

भूमि प्रदूषण पर निबंध, कारण और उपाय

essay on pollution in hindi in simple language

By विकास सिंह

land pollution essay in hindi

भूमि प्रदूषण (land pollution) इन दिनों एक बड़ी समस्या है, खासकर शहरी क्षेत्रों में। इस प्रकार के प्रदूषण के परिणाम अन्य प्रकार के प्रदूषण जैसे वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण से कम घातक नहीं हैं।

विषय-सूचि

भूमि प्रदूषण पर निबंध, very short essay on soil pollution in hindi (200 शब्द)

भूमि प्रदूषण पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है। यह बढ़ती आबादी के कारण दिन के साथ-साथ उद्योगों में वृद्धि के कारण बढ़ रहा है। जनसंख्या में वृद्धि और शहरीकरण वनों के विकास के कारण लोगों को समायोजित करने के लिए तीव्र गति से कटौती की जा रही है। जंगलों को औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों में बदल दिया जा रहा है। वनों की कटाई भूमि प्रदूषण का कारण बनती है क्योंकि यह मिट्टी की गुणवत्ता को कम करती है। जनसंख्या में वृद्धि ने घरेलू कचरे को भी जन्म दिया है जिससे भूमि प्रदूषण बढ़ता है।

उद्योगों की संख्या में वृद्धि ने औद्योगिक और रासायनिक अपशिष्ट को जोड़ा है। इस प्रकार का अपशिष्ट निपटान के लिए अत्यंत कठिन है और यह सबसे खराब प्रकार के भूमि प्रदूषण में योगदान देता है। खनन गतिविधियाँ भूमि को नुकसान पहुँचाती हैं और प्रदूषण का कारण बनती हैं। अपशिष्ट पदार्थ जो आसानी से नहीं निकलता है, समय के साथ सड़ जाता है और दुर्गंध पैदा करने लगता है। यह न केवल भूमि प्रदूषण का कारण बनता है, बल्कि वायु प्रदूषण में भी योगदान देता है और विभिन्न बीमारियों का कारण है।

भूमि प्रदूषण और विभिन्न प्रकार के प्रदूषण भारत में न केवल एक समस्या है बल्कि एक वैश्विक मुद्दा है। विभिन्न देशों की सरकार को इस मामले को गंभीरता से देखना चाहिए। इसे कम करने के लिए लोगों को अपने स्तर पर भी काम करना होगा।

भूमि प्रदूषण निबंध, essay on land pollution in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना:.

भूमि प्रदूषण को सबसे खराब प्रकार के प्रदूषणों में से एक माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह विभिन्न अन्य प्रकार के प्रदूषणों के लिए रास्ता देता है, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है।

भूमि प्रदूषण के कारण (causes of land pollution in hindi)

भूमि प्रदूषण विभिन्न कारणों से होता है; यहाँ प्रदूषण के विभिन्न कारणों पर एक नज़र है:

ठोस अवशेष:  घर, अस्पताल, स्कूल और बाजार जैसे प्लास्टिक कंटेनर, डिब्बे, प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि पर उत्पन्न ठोस अपशिष्ट इसी श्रेणी में आते हैं। जबकि इनमें से कुछ बायोडिग्रेडेबल हैं और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल हैं और निपटान के लिए कठिन हैं। यह गैर-बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट है जो बड़े भूमि प्रदूषण का कारण बनता है।

वनों की कटाई:  मानव की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए जंगलों को तीव्र गति से काटा जा रहा है। मिट्टी के लिए पेड़ आवश्यक हैं क्योंकि वे विभिन्न आवश्यक पोषक तत्वों को बनाए रखने में मदद करते हैं। खनन, शहरीकरण और अन्य कारणों से पेड़ों को काटना मिट्टी को नीचा दिखाता है और इसे एक प्रकार का भूमि प्रदूषण माना जाता है।

रसायन: रासायनिक अपशिष्ट का निपटान मुश्किल है। कीटनाशकों, कीटनाशकों और उर्वरकों से प्राप्त तरल और ठोस अपशिष्ट दोनों को या तो लैंडफिल या अन्य स्थानों पर फेंक दिया जाता है। यह मिट्टी को खराब करता है और भूमि प्रदूषण का एक और प्रकार बनाता है।

कृषि गतिविधियाँ:  फसलों की अधिक उपज सुनिश्चित करने के लिए किसानों द्वारा इन दिनों कई उच्च अंत कृषि तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। इन तकनीकों के अधिक उपयोग जैसे कि कीटनाशकों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग जमीन पर टपकने का कारण बनता है और मिट्टी का क्षरण करता है। यहां उगाए गए फल और सब्जियां भी स्वस्थ नहीं मानी जाती हैं। इसे एक प्रकार का भूमि प्रदूषण माना जाता है।

निष्कर्ष:

भूमि प्रदूषण कई बीमारियों को जन्म दे रहा है और स्वस्थ जीवन जीना मुश्किल बना रहा है। सरकार को इसे नियंत्रित करने के लिए उपाय करने चाहिए और इस दिशा में हम जो भी कर सकते हैं उसमें हमें भी योगदान देना चाहिए।

जमीन प्रदूषण पर निबंध, land pollution essay in hindi (400 शब्द)

ठोस कचरे के कारण भूमि प्रदूषण होता है। अपशिष्ट उत्पादों की बढ़ती मात्रा और उचित अपशिष्ट निपटान विकल्पों की कमी के कारण समस्या दिन पर दिन बढ़ रही है। कारखानों और घरों से अपशिष्ट उत्पादों को खुले स्थानों में निपटाया जाता है जिससे मिट्टी प्रदूषण होता है।

जमीन प्रदूषण के परिणाम (effect of land pollution in hindi)

बढ़ता प्रदूषण चिंता का कारण है। यह पर्यावरण के साथ-साथ जीवित प्राणियों को भी अपूरणीय क्षति पहुंचा रहा है। भूमि प्रदूषण के विभिन्न हानिकारक परिणाम निम्नानुसार हैं:

कुछ दिनों के लिए एक क्षेत्र में जमा अपशिष्ट उत्पाद दूषित हो जाते हैं और दुर्गंध पैदा करते हैं। ऐसे क्षेत्रों से गुजरना इस वजह से बेहद मुश्किल हो सकता है। आस-पास के डंपिंग ग्राउंड वाले क्षेत्रों में रहना असंभव के बगल में लगता है। भूमि प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों से लोगों को डर लगता है। इसके अलावा, इन क्षेत्रों से जो दुर्गंधयुक्त गंध आती है वह लगातार एक बड़ा नुक्सान है।

कचरा डंपिंग ग्राउंड के पास स्थित इलाकों में जमीन की कीमत तुलनात्मक रूप से कम है, क्योंकि इस क्षेत्र को रहने लायक नहीं माना जाता है। कम दरों के बावजूद, लोग यहां संपत्ति किराए पर लेना या खरीदना पसंद नहीं करते हैं। विषाक्त पदार्थ जो भूमि को दूषित करते हैं वे मनुष्यों के श्वसन तंत्र के साथ-साथ जानवरों को भी बाधित कर सकते हैं। यह विभिन्न श्वसन रोगों का कारण भी है जो मानव जाति के लिए घातक साबित हो रहे हैं।

लैंडफिल को अक्सर अपशिष्ट उत्पादों से छुटकारा पाने और भूमि प्रदूषण को कम करने के लिए जलाया जाता है। हालाँकि, इससे वायु प्रदूषण होता है जो पर्यावरण और जीवन के लिए उतना ही बुरा है। भूमि प्रदूषण त्वचा की एलर्जी और अन्य त्वचा की समस्याओं का कारण बन सकता है अगर लोग अपशिष्ट पदार्थों के सीधे संपर्क में आते हैं जो इसका कारण बनते हैं।

भूमि प्रदूषण भी विभिन्न प्रकार के कैंसर का एक कारण है। विषाक्त पदार्थों से भरी हुई भूमि मच्छरों, मक्खियों, चूहों, कृन्तकों और ऐसे अन्य प्राणियों के लिए एक प्रजनन भूमि है। इन छोटे जीवों के कारण संचरित रोग सभी को ज्ञात हैं। विभिन्न प्रकार के बुखार और बीमारियाँ इनकी वजह से बढ़ रही हैं।

कीटनाशकों और अन्य रसायनों के अधिक उपयोग के कारण होने वाला भूमि प्रदूषण कृषि भूमि को दूषित करता है। मिट्टी पर उगाई गई सब्जियां और फल जो दूषित हैं, विभिन्न प्रकार के रोगों का कारण बनते हैं।

इस तथ्य पर कोई संदेह नहीं है कि हमारे जीवन को और अधिक आरामदायक बनाने के प्रयास में हम पर्यावरण को बर्बाद कर रहे हैं। स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के लिए हमें मिट्टी प्रदूषण को कम करने की दिशा में काम करना चाहिए।

भूमि प्रदूषण पर निबंध, essay on land pollution in hindi (500 शब्द)

भूमि प्रदूषण विभिन्न मानवीय गतिविधियों के कारण और प्राकृतिक कारकों के कारण भी होता है। भूमि प्रदूषण के कुछ कारणों में कीटनाशकों का उपयोग, औद्योगिक और कृषि अपशिष्टों के निपटान के लिए विकल्पों की कमी, वनों की कटाई, बढ़ते शहरीकरण, एसिड वर्षा और खनन शामिल हैं। ये सभी कारक मिट्टी को नीचा दिखाते हैं और कृषि गतिविधियों में बाधा डालते हैं। वे जानवरों और मनुष्यों में विभिन्न बीमारियों का कारण भी हैं।

भूमि प्रदूषण को रोकने के तरीके (land pollution prevention in hindi)

भूमि प्रदूषण हर समय बढ़ रहा है और इसलिए इसके हानिकारक परिणाम हैं। जबकि सरकार और अन्य संगठन इसे नीचे लाने के लिए अपने स्तर पर काम कर रहे हैं, आप अपने दैनिक जीवन में कुछ छोटे बदलाव करके भी इसे कम करने की दिशा में योगदान कर सकते हैं। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप भूमि प्रदूषण पर लगाम लगा सकते हैं:

जहां भी संभव हो, गैर-बायोडिग्रेडेबल उत्पादों के बजाय बायोडिग्रेडेबल उत्पादों का उपयोग करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि बायोडिग्रेडेबल कचरे का निपटान करना आसान है। भोजन है जो कीटनाशकों के उपयोग के बिना उगाया जाता है। इस तरह के खाद्य उत्पादों को कीटनाशक या उर्वरक मुक्त चिह्नित किया जाता है ताकि आप दूसरों से आसानी से अलग कर सकें। यह किसानों को कीटनाशकों के उपयोग से बचने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

यदि आपके पास जगह है तो घर पर जैविक सब्जियां और फल उगाने के लिए यह एक अच्छा विचार है। इन दिनों पैकेजिंग पर बहुत सारे कागज, रिबन और अन्य सामग्री बर्बाद हो जाती है। यह उन उत्पादों के लिए जाने का सुझाव दिया गया है जिनकी पैकेजिंग बहुत कम है।

पॉली बैग के उपयोग से बचें। सरकार ने कई राज्यों में इन बैगों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, हालांकि लोग अभी भी इनका उपयोग करते हैं। पॉली बैग का निपटान करना मुश्किल है और भूमि प्रदूषण में बहुत योगदान देता है। यह भी सुझाव दिया जाता है कि प्लास्टिक के बर्तनों और अन्य प्लास्टिक वस्तुओं का उपयोग न करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि किसी भी रूप में प्लास्टिक का निपटान करना मुश्किल है।

जब आप खरीदारी के लिए जाएं तो कागज या कपड़े की थैलियों का उपयोग करें। ऐसा करने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये पुन: प्रयोज्य होते हैं। कपड़े के थैले कागज के किनारों पर एक धार होते हैं क्योंकि इन्हें कई बार धोया और पुन: उपयोग किया जा सकता है।

दो अलग-अलग डस्टबिन में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग निपटाने से कचरा अलग हो जाता है। भारत सरकार ने पहले ही इस अभियान को शुरू कर दिया है और अपशिष्ट उत्पादों के अलगाव के लिए हरे और नीले डस्टबिन वितरित किए हैं। देश भर के विभिन्न शहरों में विभिन्न क्षेत्रों में कई हरे और नीले डस्टबिन लगाए गए हैं।

कागज बर्बाद मत करो; इसके उपयोग को सीमित करें। जहां भी संभव हो इसका उपयोग करने से बचें। कागज बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष कई पेड़ काटे जाते हैं। पेड़ों का कटना भी भूमि प्रदूषण का एक कारण है। डिजिटल जाना एक अच्छा विचार है।

पेपर वाइप्स या टिश्यू के बजाय कपड़े या पुन: उपयोग योग्य डस्टर और झाड़ू का उपयोग करें। केवल इन सभी का आप ही अभ्यास न करें, बल्कि अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ साझा करके इन विचारों के बारे में जागरूकता फैलाएं।

भूमि प्रदूषण, प्रदूषण के अन्य विभिन्न रूपों की तरह, पर्यावरण के लिए खतरा है। यह पृथ्वी पर जीवन की गुणवत्ता को नीचा दिखा रहा है। यह समय है जब हम सभी को हाथ मिलाना चाहिए और उसी को कम करने की दिशा में अपना योगदान देना चाहिए।

भूमि प्रदूषण पर निबंध, land pollution essay in hindi (600 शब्द)

यह ठीक ही कहा गया है, “एक देश जो अपनी मिट्टी को नष्ट करता है वह खुद को नष्ट कर लेता है”। भूमि प्रदूषण का जीवों के साथ-साथ पर्यावरण पर भी समग्र रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह बीमारियों की बढ़ती संख्या के मुख्य कारणों में से एक है।

भूमि प्रदूषण के कारण (land pollution causes in hindi)

भूमि प्रदूषण विभिन्न कारकों के कारण होता है। ये कारक प्राकृतिक और साथ ही मनुष्य द्वारा प्रेरित दोनों हैं। यहाँ विभिन्न कारणों के लिए एक नज़र है:

औद्योगिक कूड़ा: भूमि प्रदूषण का एक सबसे बड़ा कारण औद्योगिक कचरा है। भारी मात्रा में उत्पन्न होने वाले औद्योगिक कचरे के निपटान के लिए उचित विकल्पों की कमी से भूमि प्रदूषण होता है। रासायनिक और जहरीले कचरे को बड़े डंपिंग ग्राउंड में फेंक दिया जाता है जो मच्छरों, मक्खियों, चूहों और कृन्तकों का प्रजनन करते हैं। यह विभिन्न बीमारियों के साथ-साथ वायु प्रदूषण को भी रास्ता देता है।

खनिज:  खनिजों और धातुओं के निष्कर्षण के लिए खनन आवश्यक है जो विभिन्न उत्पादों के लिए दिन-प्रतिदिन उपयोग किए जाते हैं। यह पेड़ों और पौधों के बड़े पैमाने पर विनाश का कारण बनता है और भूमि का क्षरण करता है। मिट्टी की खुदाई और खनन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए भारी मशीनरी का उपयोग भूमि प्रदूषण का कारण बनता है।

कीटनाशक:  जबकि बढ़ती फसलों के लिए कीटनाशकों का उपयोग करना आवश्यक है और ऐसा करना ठीक है लेकिन फिर भी इसका अधिक उपयोग हानिकारक हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पौधों की वृद्धि में बाधा उत्पन्न करने वाले जीवों को मारने के अलावा ये औषधीय स्प्रे उन सूक्ष्मजीवों को भी मारते हैं जो पौधों की वृद्धि के लिए उपयोगी होते हैं।

इसके अलावा, कीटनाशकों और अन्य रासायनिक उत्पादों के उपयोग से मिट्टी दूषित हो जाती है और यह ख़राब हो जाती है। यह भूमि प्रदूषण का कारण बनता है और यह स्थान अब कृषि के लायक नहीं रह गया है।

पेड़ों की कटाई: हम सभी जानते हैं कि वृक्ष जैव विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो पारिस्थितिक संतुलन बनाने के लिए आवश्यक है। वे मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और मिट्टी के वातन को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। हालांकि, दुर्भाग्य से जंगलों को तेज गति से काटा जा रहा है।

यह मिट्टी को सीधे सूर्य के प्रकाश के लिए उजागर करता है जो कई मायनों में हानिकारक है। यह सभी पानी को निकालकर भूमि को बंजर बना देता है और मिट्टी के लिए उपयोगी सूक्ष्मजीवों को भी मार देता है। मिट्टी को होने वाले नुकसान को भूमि प्रदूषण के रूप में गिना जाता है।

अम्ल वर्षा:  वातावरण में मौजूद रासायनिक प्रदूषकों के कारण होने वाली अम्लीय वर्षा भी काफी हद तक मिट्टी का क्षय करती है और भूमि प्रदूषण का कारण बनती है। यह भूमिगत जल को भी दूषित करता है।

अपशिष्ट उत्पादों का अलगाव

जैसा कि ऊपर कहा गया है कि औद्योगिक कचरे और घरेलू कचरे को ठीक से निपटाने के लिए भूमि प्रदूषण के सबसे खराब प्रकार के विकल्प हैं। हम भूमि प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव को कम कर सकते हैं यदि हम उनके प्रकार के आधार पर अपशिष्ट उत्पादों को अलग करते हैं। इन्हें तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है – जैविक, पुन: प्रयोज्य और पुन: उपयोग योग्य अपशिष्ट।

यह ज्यादातर मैन्युअल रूप से किया जाता है। हालाँकि, यह एक थकाऊ काम है। हम सूखे कचरे को गीले कचरे से अलग करके अपना योगदान दे सकते हैं। इस प्रकार के कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन रखने और तदनुसार उन्हें निपटाने का सुझाव दिया गया है।

हाल ही में, मोदी सरकार ने हरे डस्टबिन में गीले कचरे और नीले डस्टबिन में सूखे कचरे के निपटान के लिए एक अभियान चलाया। पूरे भारत में दिल्ली, चंडीगढ़ और अन्य कई शहरों में हजारों हरे और नीले डस्टबिन वितरित किए गए। अपशिष्ट पृथक्करण प्रक्रिया को आसान बनाने के उद्देश्य से कई अन्य को विभिन्न क्षेत्रों में लगाया गया था।

हम अक्सर शिकायत करते हैं कि सरकार भूमि प्रदूषण को कम करने के लिए उचित उपाय नहीं कर रही है। लेकिन क्या हम अपना समान कम करने के लिए कर रहे हैं? नहीं! इसके विपरीत हम इसे केवल जानबूझकर या अनजाने में जोड़ रहे हैं। यह उच्च समय है जब हमें व्यक्तिगत स्तर पर जो भी प्रयास किया जा सकता है, उसे प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए हमें अपने कर्तव्य के रूप में लेना चाहिए।

इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

Related Post

Paper leak: लाचार व्यवस्था, हताश युवा… पर्चा लीक का ‘अमृत काल’, केंद्र ने पीएचडी और पोस्ट-डॉक्टोरल फ़ेलोशिप के लिए वन-स्टॉप पोर्टल किया लॉन्च, एडसिल विद्यांजलि छात्रवृत्ति कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ, 70 छात्रों को मिलेगी 5 करोड़ की छात्रवृत्ति, 2 thoughts on “भूमि प्रदूषण पर निबंध, कारण और उपाय”.

भूमि/जमीन प्रदूषण का निवारण है “शास्वत यौगिक खेती।

సో ఫుగ్

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल – 1 की पार्किंग में गिरी छत , 1 की मौत और 8 घायल

पुतिन का उत्तर कोरिया दौरा: आख़िर क्या है इसके भू-राजनैतिक मायने, train accident: एक और रेल हादसा… पश्चिम बंगाल में मालगाड़ी और कंचनजंगा एक्सप्रेस की टक्कर, ls election 2024 results: “जनता ही जनार्दन है”.

IMAGES

  1. Pollution Essay In Hindi For Class 4

    essay on pollution in hindi in simple language

  2. pollution-essay-in-hindi

    essay on pollution in hindi in simple language

  3. pollution essay in hindi 400 words with 5 paragraph

    essay on pollution in hindi in simple language

  4. 💐 Short essay on pollution in hindi. short essay on pollution in hindi

    essay on pollution in hindi in simple language

  5. essay of pollution in hindi pradushan par nibandh

    essay on pollution in hindi in simple language

  6. Essay on Pollution in hindi

    essay on pollution in hindi in simple language

VIDEO

  1. प्रदूषण पर निबन्ध। Hindi writing practice for beginners and kids। How to write Hindi Sentences

  2. 15 Quotations for Essay "Pollution" ||English Essay Writing

  3. Essay on pollution || Pollution essay || Pollution paragraph || Essay on pollution in English

  4. Essay on environment pollution in hindi || पर्यावरण प्रदुषण पर निबंध || paryavaran pradushan

  5. शहरी जीवन में बढ़ता प्रदूषण पर हिंदी में निबंध

  6. प्रदूषण एक समस्या अनेक पर हिंदी में निबंध

COMMENTS

  1. प्रदूषण पर निबंध

    In the post will discuss the major causes of Pollution, Pollution Meaning, effects, and measures to prevent pollution. Essay on Pollution in Hindi is an important topic for Class 7th,8th, 9th, 10th, 11th, and 12th. Here we have compiled important points on pollution Essay in Hindi which is a useful resource for school and college students.

  2. प्रदूषण पर निबंध (Essay on Pollution in Hindi)

    प्रदूषण पर निबंध (Essay on Pollution in Hindi)- छात्रों की सहायता और जानकारी के लिए हम प्रदूषण पर निबंध लेकर आए हैं। छात्र इस लेख की सहायता से प्रदूषण पर निबंध (pradushan par nibandh ...

  3. पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)

    पर्यावरण प्रदूषण पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Environmental Pollution in Hindi, Paryavaran Pradushan par Nibandh Hindi mein) आइए, हम छोटे और बड़े निबंधों के माध्यम से पर्यावरण ...

  4. प्रदूषण पर निबंध

    प्रदूषण पर निबंध (Pollution Essay in Hindi) वह अवांछित तत्व जो किसी निकाय के संतुलन के प्रतिकूल हो और उसकी खराब दसा के लिए जिम्मेदार हो प्रदूषक तत्व ...

  5. प्रदूषण पर निबंध (Essay on Pollution in Hindi): हिंदी में प्रदूषण पर

    प्रदूषण पर निबंध (Essay on Pollution in Hindi): प्रदूषण का अर्थ है - प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना, इसका मतलब है कुछ भी शुद्ध न मिलना, न ही शुद्ध वायु, न शुद्ध जल, न शुद्ध ...

  6. प्रदूषण पर निबंध

    प्रदूषण पर निबंध हिंदी में | Essay on Pollution in Hindi: वर्तमान समय में प्रदूषण से पूरे विश्व के लोग परेशान है एवं इससे होने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना ...

  7. Essay on Pollution in Hindi: Pollution Types Causes Solution Short and

    Essay on Pollution in Hindi (प्रदूषण पर निबंध हिन्दी में): देश और दुनिया में आज जितनी तेजी से विकास हो रहा है, हमारी पृथ्वी पर प्रदूषण का स्तर भी हर दिन दुगनी गति से बढ़ रहा ...

  8. Essay On Pollution in Hindi Language

    Paragraph & Short Essay On Pollution in Hindi Language- प्रदूषण पर निबंध:Pollution Essay in Hindi Language/ Pradushan Par Nibandh for students of all class in 150, 250, 500, 600, 1000 words. Get information about Pollution in Hindi

  9. प्रदूषण पर निबंध 100, 150, 250 & 300 शब्दों में (10 lines Essay on

    प्रदूषण निबंध 10 पंक्तियाँ (Pollution Essay 10 Linesin Hindi) 1) प्रदूषण प्राकृतिक संसाधनों में कुछ अवांछित तत्वों को मिलाने की क्रिया है।. 2) प्रदूषण के ...

  10. पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध Essay on Environmental Pollution in Hindi

    इस लेख में हिंदी में पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Essay on Environmental Pollution in Hindi) को सरल शब्दों में लिखा गया है। इसमें पर्यावरण प्रदूषण क्या है, प्रदूषण के कारण, इसके कुल ...

  11. वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in Hindi)

    औद्योगीकरण की तेज रफ़्तार ने वायु प्रदूषण (Air Pollution) को जन्म दिया है। वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution in hindi) के माध्यम से हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से ...

  12. पर्यावरण प्रदुषण विषय पर निबंध

    प्रदुषण पर निबंध - Essay On Pollution In Hindi. "आओ दोस्तों कसम ये खाये, प्रदुषण को हम दूर भगाये…". प्रदूषण का मतलब होता है, जब कुछ दूषित तत्व प्राकृतिक ...

  13. पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध

    प्रदूषण पर निबंध 500 शब्द. Essay on Pollution in Hindi 500 शब्दों में नीचे दिया गया है-. इस दुनिया में भूमि, वायु, जल, ध्वनि में पाए जाने वाले तत्व यदि ...

  14. Essay on Pollution in Hindi- प्रदूषण पर निबंध

    Pollution Essay in Hindi ( 150 words ) पर्यावरण- प्रदूषण का अर्थ है- वातावरण के प्राकृतिक संतुलन में गड़बड़ी पैदा होना। प्रदूषण मुख्यतः तीन प्रकार का होता ...

  15. प्रदूषण पर निबंध Essay On Pollution In Hindi And English

    June 1, 2023 Kanaram siyol HINDI NIBANDH. प्रदूषण पर निबंध Essay On Pollution In Hindi And English: Pollution Essay In Hindi: Air, earth, water, Soil are important elements of life on earth. but in the present world Pollution is a global problem. its rising day by day by our cause and their bedside effects face our ...

  16. प्रदूषण पर निबंध

    Short Essay on Pollution in Hindi 100 Words. प्रदूषण यह एक धीमा जहर है जो कि दिन-प्रतिदिन हमारे पर्यावरण और हमारे जीवन को नष्ट करता जा रहा है. प्रदूषण को मुख्यतः ...

  17. प्रदूषण पर निबंध, अर्थ, कारण और प्रकार

    pollution in hindi, essay, meaning, pdf, speech, प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं, अर्थ क्या है, समस्या प्रदूषण पर निबंध, all 4 types language, matter, different, mein, pradushan in hindi

  18. Essay On Pollution in Hindi

    यह निबंध Essay On Pollution in Hindi पर है | इस लेख में हमने बहुत ही विस्तार से प्रदूषण पर निबंध को बताया है | इस लेख की मदद से आप अपने एग्जाम में निबंध में बहुत अच्छे marks ला ...

  19. Essay on Pollution in Hindi प्रदूषण पर निबंध

    Write an essay on pollution in Hindi as Pollution essay in Hindi is asked in many exams. The long essay on Pollution in Hindi is defined in more than 200, 300, 500, 700, 800, 1000 words. Learn essay on pollution in Hindi for class 10 and think how you can control pollution.

  20. प्रदूषण पर निबंध

    Essay on Pollution in Hindi 500 + Words (Download PDF) प्रदूषण पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए ...

  21. essay on pollution : प्रदूषण पर हिन्दी निबंध

    essay on pollution : प्रदूषण पर हिन्दी निबंध. प्रस्तावना : विज्ञान के इस युग में मानव को जहां कुछ वरदान मिले है, वहां कुछ अभिशाप भी मिले हैं ...

  22. प्रदूषण पर निबंध / Essay on Pollution in Hindi

    प्रदूषण पर निबंध / Essay on Pollution in Hindi! प्रदूषण आज की दुनिया की एक गंभीर समस्या है । प्रकृति और पर्यावरण के प्रेमियों के लिए यह भारी चिंता का ...

  23. भूमि/जमीन प्रदूषण पर निबंध, कारण, उपाय, प्रभाव: land pollution essay in

    भूमि प्रदूषण पर निबंध, very short essay on soil pollution in hindi (200 शब्द) भूमि प्रदूषण पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है। यह बढ़ती आबादी के कारण दिन के साथ-साथ उद्योगों में वृद्धि के ...