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Assignment मीनिंग : Meaning of Assignment in Hindi - Definition and Translation

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ASSIGNMENT MEANING IN HINDI - EXACT MATCHES

Other related words, definition of assignment.

  • a duty that you are assigned to perform (especially in the armed forces); "hazardous duty"
  • the instrument by which a claim or right or interest or property is transferred from one person to another
  • the act of distributing something to designated places or persons; "the first task is the assignment of an address to each datum"

RELATED SIMILAR WORDS (Synonyms):

Related opposite words (antonyms):, information provided about assignment:.

Assignment meaning in Hindi : Get meaning and translation of Assignment in Hindi language with grammar,antonyms,synonyms and sentence usages by ShabdKhoj. Know answer of question : what is meaning of Assignment in Hindi? Assignment ka matalab hindi me kya hai (Assignment का हिंदी में मतलब ). Assignment meaning in Hindi (हिन्दी मे मीनिंग ) is समनुदेशन.English definition of Assignment : a duty that you are assigned to perform (especially in the armed forces); hazardous duty

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Meaning summary.

Synonym/Similar Words : designation , assigning , naming , appointment , beat , mission , charge , homework , job , practice , post , position , stint , duty , commission , chore

Antonym/Opposite Words : discharge , unemployment , keeping

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IGNOU BABA

IGNOU Assignment Kaise Bnaye and Submit Kaise Kare

  • March 15, 2024

Hello Students… Read This Post in English अगर आप IGNOU University  में नए Student है तो Starting में इसका प्रोसेस आपके लिए Confusing हो सकता है  जैसे की इग्नू एडमिशन Cycle क्या होता है IGNOU में Exams कैसे होते है IGNOU में Assignment क्या होते है और ये कैसे बनाये जाते है और कहा सबमिट किये जाते है   इन सब बातो को ही हम निचे बताने जा रहे है आईये देखते है !और हाँ हर एक पॉइंट दूसरे पॉइंट से रिलेटेड है तो पोस्ट को पूरा पढ़े अच्छे से समझने के लिए !

  1.IGNOU एक Open University है इसमें दो Admission Cycle/Session  होते है एक  January  और दूसरा July  मतलब IGNOU में आप Year में दो बार एडमिशन ले सकते है !

IGNOU Me Exams Kaise Hote Hai?

आईये देखते IGNOU में Exams कैसे होते है Suppose आपने Jan 2022  में Admission लिया है और आपका कोर्स Semester वाइज है  जैसे BCA, MCA,MBA  etc तो  आपका Session Jan 2022  हुआ जिसके  Exams जून 2022  में होंगे और Exams form  मार्च 2022  में भरे जायगे ठीक इसी प्रकार अगर आपने जुलाई 2022  में एडमिशन लिया है  तो आपका Session जुलाई 2022  है जिसके exams Dec 2022  में होंगे और Exams form Sep 2022  में भरे जायेगे !

2.अगर आपका कोर्स Year Wise है जैसे BA, B.com, B.sc,M.sc  etc और आपने Jan 2022  में एडमिशन लिया है तो आपका Session Jan 2022  है जिसके Exams Dec 2022  में होंगे और Exams Form Sep 2022  में भरे जायेगे ठीक इसी प्रकार यदि आपने जुलाई 2022  में Admission लिया है तो आपके Exams जून 2023  में होंगे जिसके की Exams Form मार्च 2023 में भरे जायगे !  

NOTE- IGNOU में कभी-कभी डेट Extend होती है जैसे की कभी Jan वाले Admission Feb में भी होते है तो भी आपका Session Jan ही होगा , आपको हेमशा आपका Session देखना है वो आप IGNOU Website  पर अपना अकाउंट Log in करने के बाद देख सकते है  ! जैसे निचे के पिक्चर में दिखया गया है !

IGNOU me Apna Session Aur Assignments Code Kaise Check Kaire?

अपना session और assignments code चेक करने के लिए आपको सबसे पहले निचे दिए गए लिंक पर लोग इन करना है  लोग इन करते ही आप निचे की Picture की तरह आपका session और assignments code चेक कर सकते है !          Click Here To Log in

assignmnts code and session ignoubaba

Kya IGNOU me Assignmets Submit Karna Jaruri Hai ?

आईये अब IGNOU Assignments के बारे में समझते है, IGNOU में Assignments Submit करना Compulsory है बिना असाइनमेंट आपकी Degree Complete नहीं होगी और उधर ही Assignments Final Mark-sheet ,में 30%(किसी-किसी Subject में 25% भी ) Marks, Assignments  के add होते है मतलब आप कुछ ऐसे समझिये अगर आपके किसी subject में theory में मार्क्स 100 में से 60 है और असाइनमेंट  में 100 से 80 तो 60 का 70 % =42 और 80 का 30% =24, तो आपके टोटल मार्क्स उस Subject में 42+24 =66 आएंगे 100 में से, और यही कैलकुलेशन सभी Subjects के साथ होगा तो इसलिए Assignment अच्छे से बनाना बहुत जरुरी है !

IGNOU Assignments Questions Paper kaha se Downlaod kairen ?

Assignments  Questions  पेपर  Download करने के लिए सबसे पहले आपको निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करना है अब यह पर एक पेज ओपन हो जायगा इस पेज में एक सर्च बॉक्स दिया हुआ है जिस पर क्लिक करके आप Assignments  Questions पेपर आसानी से Download कर  सकते है                                                                                          LINK – Download From Here

2

ध्यान रहे आपको वही Assignments Question पेपर Download करना है जो आपका Session है जैसे अगर आपका सेशन Jan  2021 है तो आपको July 2020 -Jan 2021 का Assignments Question पेपर Download करना है ठीक इसी प्रकार अगर आपका Session जुलाई 2021 है तो आपको जुलाई 2021 -Jan 2022 वाला Assignments Question पेपर Download करना है और उसको Solve करना है !

NOTE:-IGNOU में  ईयर में एक बार Assignments Question पेपर आता है और एक ईयर में दो  सेशन होते है इसलिए एक Assignment Question पेपर दो सेशन के लिए वैलिड रहता है  Assignments Question पेपर में 21 -22 में 21,इसलिए लिखा जिन स्टूडेंट्स ने जुलाई 2021  सेशन में रजिस्ट्रेशन किया  है वो इसको सोल्वे करेंगे और 22 इसलिए लिखा है जो स्टूडेंट्स Jan 2022 में रजिस्ट्रेशन करेंगे वो भी इसी को सोल्वे करेंगे !                                                                    

IGNOU Assignments Kaise Likhe Aur Kaha Submit Kare ?

आईये अब समझते है Assignments Solve  करना कैसे Start करे सबसे पहले आपको आपके Session का Assignment Question Paper IGNOU Website से Download कर लेना है फिर उसके बाद Questions  के According Answers,Find Out करके लिखना स्टार्ट करना है आप असाइनमेंट लिखने के लिए A4 साइज का Page lined or planed its your choice both Use कर सकते है Assignment Solve करने के बाद आपको आपके Question Paper का black nd white print  out निकलवाना है और एक आपको आपका Front पेज बनाना है और एक 5rs वाली फाइल खरीद ले  इस फाइल में आपको सबसे पहले Front पेज लगाना हैं फिर Assignment का Question पेपर और फिर जो आपने लिखा है Same यही प्रोसेस सभी subjects के लिए होगा इस प्रकार आपको हर एक Subject code की file बना लेनी है अब ये फाइल Submit करने के लिए रेडी है जो की आपके स्टडी Center submit होगी ,study center का एड्रेस आप आपका IGNOU Account लोग इन करने के बाद देख सकते है ! फ्रंट पेज आप खुद से भी बना सकते है हमने निचे लिंक दिया है इसमें आप देख सकते है खुद से फ्रंट पेज कैसे बना सकते है और आप simply प्रिंट आउट भी निकलवा सकते है !  

I hope की ये आर्टिकल आपके लिए Helpfull रहा होगा please इसको आपके इग्नू फ्रैंड्स के साथ शेयर करना न भूले अगर अब भी कोई Confusion है तो आप कमेंट करके पूछ सकते है  !

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37 thoughts on “IGNOU Assignment Kaise Bnaye and Submit Kaise Kare”

Mera December me exam h maine 23-24 ke assignment bna liye. Yhi bnana tha n please help me

inko hi submit kr dijiye

Hello can we please tell me the process of making assignment .some ideas

hii aman go through this post please

https://ignoubaba.com/how-to-write-ignou-assignment/

HI sir mera 2 sub ka assiment nahi jama huwa h to kya may next sesson me piche wale sesson ka assiment jama kr sakti hu plz help me sir

submit latest assignments for the same codes

Sir if student jo study centre choose kiya form bharte samay vahan abhi nahi hai toh voh kisi dusre study centre pe submit kar sakta hai ya koi dusre ko bhijwa ke submit ho jayega ussi study centre pe bina khud se gye

Hello sir/ma’am Jo Jan2021 session me addmission vale June 2023 ke exam de rhe h unhe kaun se year or session ke assignment likhne honge.

Submit Latest Assignments 22-23

Agr exam ka assignment phle submit kr chuke h dubara nhi dena ..or agr ek bhi br assignment submit nhi Kiya h to dena pdega ok

हैलो, सर/मैम मैने इग्नू कोर्स MAH janurary 2021 में एडमिशन लिया था । किन्हीं कारणों वश मैं उस वर्ष exam नहीं दे सकी और ना ही असाईनमेंट सबमिट कर पाई। इस वर्ष मैने June 2023 में exam का ऑनलाइन फार्म सबमिट किया है। तो मुझे कौन से वर्ष का असाईनमेंट लिख कर सबमिट करना पड़ेगा? कृपया सही मार्गदर्शन करे।

Assignments Always Current Session ke submit krne hote hai, ab aap 22-23 session ke assignemnts bnkar 30th 2023 april tk submit kr skte hai

June 2024 me

Hello mera admission IGNOU July 2021 batch m hua tha toh 2 year ka re-registration July 2022 joki ni ho paya & mne Jan 2023 m admission kraya

Toh kya m July 2023 m exam de skti hu kya Please muje koi bta skta h kya

Ji aap 2024 July me attend kar sakti hai

thanks a lot sir

Sir jo abhi Sep 2022 me M. Com. Me admitted huye hain unka Session July 2022 hoga to wo Assignment July 2022-Jan 2023 wali bnayenge Jiske code MCO 6,22,23,24 hain to wo phle 2nd Semestar k exam prepare krenge Dec. 2022 me jo honge Ya Semestar 1st k liye prepare honge or uski Assignment bnayene jinke Code MCO 1,4,5,21 hain Plz guide us as soon as possible

1st sem ke assignments bnaiye aur 1st sem ke exams ka hi prepare kijiye MCO 1,4,5,21 ke

What type of pen we can use to write assignments? Gel or Ball? Also, what colors we can use?

Hii Siddhi you can use any type of pen gel or ball or any colour pain but don’t use a red pen, also use a black pen for questions and blue for answers you can use other colours pen like green to draw the diagram etc. you can also read this article how to write ignou assignment

For question. Use a black & ans. Use a blue pen

sujriya thannk bro

Please send ma hindi assignment code MHD 1 2 3 4 5 1st year July2021 session

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  • डीएनए के प्रकार और कार्य

डीएनए के प्रकार और कार्य  - DNA in hindi

डीएनए के प्रकार और कार्य - DNA in hindi

assignment work kya hota hai

पिछले कुछ दशकों में, हमने जीन्स की हमारी समझ और वे हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करते हैं, यह जानने में बड़ी प्रगति की है। 20 वीं शताब्दी के मध्य में, हमने यह समझना शुरू कर दिया कि डीएनए में मानव के विकास के बारे में पूर्ण निर्देश होते हैं।

(और पढ़े - जीन थेरपी क्या है )

वैज्ञानिक अब न केवल अध्ययन कर रहे हैं कि कुछ जीन बीमारियों से कैसे संबंधित हो सकते हैं, बल्कि वे यह भी जान रहे हैं कि जीन और पर्यावरण के बीच जटिल संबंध कैसे कुछ बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

इस बात की पहचान करना कि डीएनए में सभी जीवित जीवों के लिए सूचना का ब्लूप्रिंट होता है और वे तंत्र जो डीएनए कोड का अनुवाद जीवन की सामग्री में करते हैं उनका पता लगाना, आधुनिक विज्ञान की महान खोजों में से एक है।

26-अक्षर की अंग्रेजी वर्णमाला की तुलना में बहुत कम जैविक "अक्षरों" का उपयोग करके, डीएनए जीवों को जीवन, प्रजनन, चयापचय , परिपक्वता और अंततः मृत्यु के निर्देशों के बारे में बताता है।

(और पढ़े - प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले आहार )

डीएनए शायद सबसे प्रसिद्ध जैविक अणु है। यह पृथ्वी पर जीवन के सभी रूपों में मौजूद होता है। लेकिन डीएनए या डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड क्या है? इस लेख में, हम इससे जुड़ी लगभग सारी जरूरी जानकारी को कवर कर रहे हैं, जैसे डीएनए क्या है? हमारे लिए यह महत्वपूर्ण क्यों है और यह हमारे शरीर में क्या कार्य करता है?

डीएनए क्या है - DNA kya hai in hindi

डीएनए संरचना - dna structure in hindi, डीएनए के कार्य - function of dna in hindi.

assignment work kya hota hai

लाल रक्त कोशिकाओं को छोड़कर, आपके शरीर में लगभग हर कोशिका में डीएनए या जेनेटिक कोड होता है जो हमको “हम” बनाता है। डीएनए में पूरे जीवन के विकास, वृद्धि, प्रजनन और कार्य के लिए निर्देश होते हैं। आश्चर्यजनक रूप से, अगर मानव शरीर में मौजूद सभी डीएनए को सुलझाया जाएं, तो ये इतने लंबे होंगे कि सूर्य तक पहुंच कर 300 गुना बार वापस पृथ्वी पर पहुंच सकते हैं।

(और पढ़े - डीएनए टेस्ट क्या होता है )

आनुवांशिक कोड में अंतर ही वह कारण है कि एक व्यक्ति के भूरे रंग की बजाय नीली आंखें होती हैं या क्यों कुछ लोग कुछ बीमारियों के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं या क्यों पक्षियों के केवल दो पंख होते हैं और क्यों जिराफ की गर्दन लंबी होती है।

डीएनए एक जटिल, लंबा जंजीर जैसा दिखने वाला अणु है जो जीवित जीव की आनुवांशिक विशेषताओं को एन्कोड करता है। अधिकांश पौधों और जानवरों में, डीएनए राइबोन्यूक्लिक एसिड और प्रोटीन के साथ कॉम्पैक्ट (संकुचित) संरचनाओं के रूप पाया जाता है जिसे कोशिका नाभिक (सेल न्यूक्लियस) में रहने वाले गुणसूत्र (क्रोमोसोम्स) कहा जाता है।

(और पढ़े -  डाउन सिंड्रोम के कारण )

क्रोमैटिन नामक प्रोटीन के साथ जुड़े बड़े संपीड़ित डीएनए अणु, ज्यादातर न्यूक्लियस के अंदर मौजूद होते हैं। हम अपने माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए, एमटीडीएनए, भी प्राप्त करते हैं जो हम केवल हमारी माँ से प्राप्त करते हैं और हमारे पिता से नहीं। माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए सेल के नाभिक (न्यूक्लियस) के बाहर स्थित होते है।

(और पढ़े - माँ बनने की सही उम्र )

गर्भधारण के समय, एक बच्चे को पिता और मां दोनों से डीएनए प्राप्त होता है। हमारे पास माँ-पिता के गुणसूत्रों के 23 जोड़े हैं। प्रत्येक जोड़े में से एक को पिता से प्राप्त किया गया था और एक मां से प्राप्त हुआ था। गुणसूत्रों के इन 23 जोड़ों को परमाणु (न्यूक्लियर) डीएनए के रूप में जाना जाता है क्योंकि लाल रक्त कोशिकाओं को छोड़ कर, वे हमारे शरीर में प्रत्येक कोशिका के नाभिक (न्यूक्लियस) में रहते हैं।

(और पढ़े - सफेद रक्त कोशिका कैसे बढ़ाएं )

23 वें गुणसूत्र को यौन गुणसूत्र ( सेक्स क्रोमोसोम) के रूप में जाना जाता है। यह अन्य गुणसूत्रों के साथ, एक पिता से और एक मां से विरासत में मिलता है। मां से 23 वां गुणसूत्र हमेशा एक्स होता है। पिता से, एक व्यक्ति को या तो एक्स गुणसूत्र या वाई गुणसूत्र प्राप्त होता है।

(और पढ़े - गर्भधारण कैसे होता है )

पिता से विरासत में प्राप्त गुणसूत्र उनके लिंग को निर्धारित करता है। पिता के एक एक्स के परिणामस्वरूप एक्स एक्स संयोजन होगा, तो एक मादा शिशु का जन्म होता है। पिता के वाई के परिणामस्वरूप एक एक्स वाई संयोजन होगा, तो एक नर शिशु का जन्म होता है।

(और पढ़े -  महिलाएं पुरुषों से अधिक क्यों जीती हैं )

यहां समान श्रेणी की दवाएं देखें

प्रोस्टेट के लिए सप्लीमेंट्स

डीएनए एक सीढ़ी जैसा दिखने वाला अणु है जो घुमावदार दिखाई देता है, जिससे इसे एक अद्वितीय आकार मिलता है जिसे डबल हेलिक्स कहा जाता है। डीएनए आमतौर पर न्यूक्लियोटाइड्स का एक डबल-स्ट्रेन्डेड पॉलीमर होता है, हालांकि सिंगल-स्ट्रेन्डेड डीएनए भी पाया जाता है।

दोनों स्ट्रैंड्स में से प्रत्येक न्यूक्लियोटाइड्स या निम्नलिखित तत्वों से बनी व्यक्तिगत इकाइयों का एक लंबा अनुक्रम है -

  • फॉस्फेट अणु (और पढ़े - खून में फॉस्फेट का स्तर बढ़ने का इलाज )
  • एक शुगर अणु जिसे डीऑक्सीराइबोज कहा जाता है, जिसमें पांच कार्बन होते हैं
  • एडीनाइन (A)
  • साइटोसिन (C)

इन चार बेसेस का क्रम आनुवंशिक कोड बनाता है, जो जीवन के लिए हमारे निर्देश है। इन बेसेस के क्रम को डीएनए अनुक्रम (DNA sequence) कहा जाता है। ये "अक्षर" आपके जीन के भीतर विशेष अनुक्रम में होते हैं। उनमें किसी विशेष समय में, किसी विशेष सेल के लिए, किसी विशेष प्रोटीन को बनाने के निर्देश होते हैं।

डीएनए के दो स्ट्रैंड्स के बेसेस एक सीढ़ी की तरह आकार बनाने के लिए एक साथ फंस जाते हैं। सीढ़ी के भीतर, A हमेशा T पर चिपक जाता है और G हमेशा "सीढ़ी का पायदान" बनाने के लिए C पर चिपक जाता है। डीएनए की इस सीढ़ी जैसी आकृति की लंबाई शुगर और फॉस्फेट समूहों द्वारा बनी होती है।

(और पढ़े - शुगर की बीमारी का इलाज )

डीएनए के कार्यों के स्पष्ट करने से पहले इसको अलग किया गया और रासायनिक रूप से खोजा गया। जब यह स्पष्ट हो गया कि डीएनए ऐसी सामग्री है जिसे एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में स्थानांतरित कर दिया जाता है, तो इसके कार्यों की जांच शुरू की गयी।

(और पढ़ें - लैब टेस्ट के बारे में )

कोशिका में डीएनए की मुख्य भूमिका सूचना का दीर्घकालिक भंडारण है। इसकी तुलना अक्सर ब्लूप्रिंट से की जाती है, क्योंकि इसमें कोशिका के अन्य घटकों, जैसे प्रोटीन और आरएनए अणुओं का निर्माण करने के निर्देश होते हैं।

आनुवंशिक सूचना वाले डीएनए सेगमेंट को जीन कहा जाता है, लेकिन अन्य डीएनए अनुक्रम के संरचनात्मक उद्देश्य होते हैं या वे आनुवंशिक सूचना की अभिव्यक्ति को विनियमित करते हैं।

जानवरों और पौधों जैसे यूकेरियोट्स में, डीएनए कोशिका के नाभिक के अंदर संग्रहीत होता है, जबकि बैक्टीरिया और आर्काइया जैसे प्रोकैरियोट्स में, डीएनए कोशिका के साइटोप्लाज्म में होता है।

(और पढ़े - बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण का इलाज )

एंजाइमों के विपरीत, डीएनए सीधे अन्य अणुओं पर कार्य नहीं करता है बल्कि विभिन्न एंजाइम डीएनए पर कार्य करते हैं और इसकी जानकारी को अधिक डीएनए में, डीएनए प्रतिकृति में कॉपी करते हैं या प्रोटीन में नक़ल (प्रतिलेखन) करते हैं।

हिस्टोन जैसे अन्य प्रोटीन डीएनए की पैकेजिंग में शामिल होते हैं या डीएनए को हुए नुकसान की मरम्मत करते हैं, अन्यथा यह नुकसान उत्परिवर्तन (mutations) का कारण बनता है।

(और पढ़े - प्रोटीन की कमी का इलाज )

डीएनए का एक प्रमुख कार्य जेनेटिक कोड का उपयोग करके प्रोटीन में एमिनो एसिड अवशेषों के अनुक्रम को एन्कोड करना है। आनुवंशिक कोड को पढ़ने के लिए, कोशिकाएं न्यूक्लिक एसिड आरएनए में डीएनए के एक स्ट्रेच की एक प्रति बनाती हैं।

इन आरएनए प्रतियों का उपयोग प्रोटीन संश्लेषण को निर्देशित करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन इन्हें सीधे राइबोसोम या स्प्लिसोसोम्स (spliceosomes) के हिस्सों के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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Tutorial In Hindi

इस लेख "Microsoft Word in Hindi" में, जानिए एमएस वर्ड क्या है (What is MS Word in Hindi), इतिहास, उपयोग, कार्य, इसके लाभ और हानि और MS Word कैसे खोलें।

MS Word in Hindi : एमएस वर्ड   माइक्रोसॉफ्ट द्वारा डिज़ाइन किया गया व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला व्यावसायिक वर्ड प्रोसेसर है। माइक्रोसॉफ्ट वर्ड एक वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्राम है जो सरल और जटिल दोनों तरह के दस्तावेजों (documents) के निर्माण करने की अनुमति देता है।

माइक्रोसॉफ्ट वर्ड एक बहुत महत्वपूर्ण ऐप्लिकेशन सॉफ्टवेयर है क्योंकि MS Word का उपयोग पेशेवर-गुणवत्ता वाले दस्तावेज़, पत्र, रिपोर्ट आदि बनाने के लिए किया जाता है।

इस लेख में, आप एमएस वर्ड के बारे में सब कुछ जानेंगे जैसे कि एमएस वर्ड क्या है (What is MS Word in Hindi), MS file एक्सटेंशन, इसका इतिहास, संस्करण, उपयोग, कार्य, MS Word के लाभ और हानि और एमएस वर्ड कैसे खोलें आदि।

Table of Contents

Microsoft Word का परिचय (Introduction)

Microsoft Word का परिचय (Microsoft Word in Hindi)

माइक्रोसॉफ्ट वर्ड एक ग्राफिकल वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्राम है जिसे उपयोगकर्ता वर्ड टाइप कर सकते हैं। एमएस वर्ड माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित किया गया है।

एमएस वर्ड माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित एक वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर है। यह उपयोगकर्ताओं को टेक्स्ट-आधारित दस्तावेज़ बनाने, संपादित करने, प्रारूपित करने और सहेजने की अनुमति देता है।

यह अपने उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस और spell जांच, फॉर्मेटिंग टूल, टेम्पलेट और सहयोग विकल्पों जैसी व्यापक सुविधाओं के लिए जाना जाने वाला, एमएस वर्ड का व्यापक रूप से विभिन्न व्यक्तिगत और व्यावसायिक दस्तावेज़ निर्माण आवश्यकताओं के लिए उपयोग किया जाता है।

मूल रूप से, एमएस ऑफिस वर्ड का उपयोग शब्द टाइप करने और दस्तावेज़ को save करने के लिए किए जाता हैं। माइक्रोसॉफ्ट वर्ड को पहली बार 25 अक्टूबर, 1983 को ज़ेनिक्स सिस्टम के लिए बहु-उपकरण शब्द के तहत जारी किया गया था।

माइक्रोसॉफ्ट वर्ड एक आसान और उपयोगकर्ता के अनुकूल सॉफ़्टवेयर है जो उपयोगकर्ता को टेक्स्ट दर्ज करने, टेक्स्ट संपादित करने और छवियों को जोड़ने में सक्षम बनाता है, इसका उपयोग पत्र के रूप में सरल या न्यूज़लेटर के रूप में जटिल के लिए किया जा सकता है।

आइए माइक्रोसॉफ्ट वर्ड को परिभाषा के साथ अच्छी तरह से समझते है –

एमएस वर्ड क्या है (What is MS Word in Hindi)?

माइक्रोसॉफ्ट वर्ड 1983 में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित एक वर्ड प्रोसेसर सॉफ्टवेयर है । यह सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला वर्ड प्रोसेसर सॉफ्टवेयर है।

इसका उपयोग पेशेवर गुणवत्ता (quality) के दस्तावेज़, पत्र, रिपोर्ट, रिज्यूमे आदि बनाने के लिए किया जाता है। एमएस वर्ड नए (new) या मौजूदा दस्तावेज़ को संपादित (edit) या संशोधित (modify) करने की अनुमति भी देता है।

एमएस वर्ड ऐप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर का एक उदाहरण है जो आपको किसी भी दस्तावेज़ को बनाने (create), संपादित (edit) करने और सहेजने (save) की अनुमति देता है।

यह Microsoft कंपनी के स्वामित्व में है और मूल रूप से 1983 में चार्ल्स सिमोई (एक डेवलपर) और रिचर्ड ब्रॉडी (सॉफ्टवेयर इंजीनियर) द्वारा बनाया गया था।

मूल रूप से, MS Word दस्तावेज़ों को अधिक कुशलता से व्यवस्थित और लिखने में भी आपकी मदद कर सकता है। जब Word में दस्तावेज़ बनाया जाता है, तो उपयोगकर्ता किसी रिक्त दस्तावेज़ से प्रारंभ करना चुन सकता है या किसी टेम्पलेट को उपयोगकर्ता के लिए अधिक कार्य करने देता है।

  • यह भी पढ़े: MS Word की विशेषताएं को हिंदी में जानें ।

एमएस वर्ड फाइल का एक्सटेंशन (Extension of MS Word file)

एक MS Word फ़ाइल हमेशा .doc या .docx के एक्सटेंशन के साथ सेव की जाती है।

यहाँ प्रारूप के साथ कुछ सामान्य एमएस वर्ड एक्सटेंशन दिए गए हैं:

एमएस वर्ड का इतिहास (History of MS Word in Hindi)

Microsoft Word का पहला संस्करण Word 1.0 जो अक्टूबर 1983 में लॉन्च किया गया था और इसे पूर्व Xerox प्रोग्रामर, चार्ल्स सिमोनी और रिचर्ड ब्रॉडी द्वारा विकसित किया गया था। इन दोनों को 1981 में Microsoft के संस्थापकों बिल गेट्स और पॉल एलन ने काम पर रखा था।

इस प्रोग्राम को शुरू में “ Multi-Tool Word ” नाम दिया गया था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर “ MS Word ” कर दिया गया।

विंडोज के लिए वर्ड स्टैंडअलोन या MS Office suite के एक भाग के रूप में उपलब्ध है। और मैक (Mac) के लिए एमएस वर्ड माइक्रोसॉफ्ट द्वारा 1985 में Word 1.0 के रूप में पेश किया गया था।

  • यह भी पढ़े: MS Word Home Tab – होम टैब का उपयोग करना सीखें

माइक्रोसॉफ्ट वर्ड का संस्करण (Version of MS Word Hindi)

यहाँ Microsoft Word के सभी सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले संस्करणों की सूची दी गई है:

एमएस वर्ड के उपयोग (Uses of MS Word in Hindi)

आप उच्च गति, गुणवत्ता और सटीकता के साथ बायोडाटा, पत्र, एप्लिकेशन, फॉर्म, बिजनेस कार्ड, resume, टेम्प्लेट, कैलेंडर, रिपोर्ट, ईबुक और न्यूजलेटर जैसे पेशेवर दिखने वाले दस्तावेज़ बनाने के लिए दैनिक जीवन और व्यवसाय में एमएस वर्ड का उपयोग कर सकते हैं।

मूल रूप से, Microsoft Word आपको पेशेवर-गुणवत्ता वाले दस्तावेज़, पत्र, रिपोर्ट और रिज्यूमे बनाने देता है। Microsoft Word में विशिष्ट विशेषताएं हैं जिनमें spell जांच, grammar जांच, छवि समर्थन, पाठ और फ़ॉन्ट स्वरूपण, HTML समर्थन, उन्नत पृष्ठ लेआउट और बहुत कुछ शामिल हैं।

  • MS Word Insert Tab क्या है इसका उपयोग करना सीखें ।

एमएस वर्ड के मूल कार्य (Functions of MS Word)

Microsoft Word के कुछ बुनियादी कार्य यहां दिए गए हैं:

  • MS Word टेक्स्ट डॉक्यूमेंट बनाने में मदद करता है।
  • यह मौजूदा दस्तावेजों का संपादन और प्रारूपण करने देता है।
  • MS Word में ग्राफ़िकल दस्तावेज़ जोड़ने का भी विशेषता हैं।
  • एमएस वर्ड का इस्तेमाल लेखक और शोधकर्ता कर सकते हैं।
  • यह पाठ दस्तावेज़ में वर्तनी और व्याकरण संबंधी त्रुटियों का पता लगाने में मदद करता है।
  • एमएस वर्ड की विभिन्न विशेषताओं और उपकरणों के साथ एक टेक्स्ट दस्तावेज़ को इंटरैक्टिव बनाता है।

एमएस वर्ड के फायदे (Advantages of MS Word)

MS Word इस्तेमाल करने के हैं कई फायदे हैं, यहाँ कुछ सबसे महत्वपूर्ण लाभ हैं:

  • एमएस वर्ड में डॉक्यूमेंट बनाने में कम समय लगता है।
  • यह एक शब्द दस्तावेज़ को बदलने या संपादित करने की अनुमति देता है
  • टेक्स्ट जोड़ना, संशोधित करना, अपडेट करना या हटाना आसान है।
  • आसानी से पाठ के स्वरूप या प्रारूप को नियंत्रित करें।
  • आप अपने दस्तावेज़ों की प्रतियां प्रिंट कर सकते हैं।
  • छवियों, सीमाओं को जोड़कर दस्तावेज़ को प्रारूपित करें।
  • MS Word गलतियों को सुधारने में मदद करता है।
  • आप बॉर्डर और बुलेट फ़ॉर्मेटिंग, क्लिप आर्ट का उपयोग कर सकते हैं।

एमएस वर्ड के नुकसान (Disadvantages MS Word)

MS Word के कुछ नुकसान इस प्रकार हैं:

  • माइक्रोसॉफ्ट वर्ड बहुत महंगा हो सकता है।
  • डेटा भ्रष्टाचार के कारण कभी-कभी डेटा खो सकता है।
  • कुछ प्रतीक आसानी से उपलब्ध नहीं होते (जैसे कि गणित के समीकरण)।

एमएस वर्ड कैसे खोलें (How to Open MS Word)?

MS वर्ड खोलना बहुत आसान है, वर्ड खोलने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

  • स्टार्ट बटन पर क्लिक करें, या स्टार्ट मेन्यू प्रदर्शित करने के लिए अपने कीबोर्ड पर विंडोज की दबाएं।
  • अनुप्रयोगों (applications) की सूची में, Word खोजें और उस पर क्लिक करें।
  • स्टार्टअप स्क्रीन प्रकट होती है और Word प्रारंभ होता है।
  • Word छोड़ने के लिए, अपनी स्क्रीन के ऊपरी-दाएँ कोने में x पर क्लिक करें।

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Microsoft Word FAQs:

Microsoft Word को कभी-कभी “ Winword ”, “ Word ” या “ MS Word ” कहा जाता है। यह एक ग्राफिकल वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्राम है जिससे उपयोगकर्ता टेक्स्ट टाइप के साथ छवि भी जोड़ सकते हैं। MS Word कंप्यूटर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट द्वारा प्रकाशित एक वर्ड प्रोसेसर है। मूल रूप से, एमएस वर्ड टेक्स्ट, टेक्स्ट कलर, विभिन्न प्रकार के फोंट और आकार, इमेज, बॉर्डर और बुलेट फॉर्मेटिंग, क्लिप आर्ट, टेबल और पेज लेआउट आदि जोड़ने की अनुमति देता है।

सॉफ्टवेयर डेवलपर्स रिचर्ड ब्रॉडी और  चार्ल्स सिमोनी  ने 1983 में UNIX ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए मल्टी-टूल वर्ड जारी किया। बाद में उस वर्ष, प्रोग्राम को MS-DOS के तहत पर्सनल कंप्यूटर पर चलाने के लिए फिर से लिखा गया और इसका नाम बदलकर Microsoft Word कर दिया गया।

Microsoft Word को 1983 में  Microsoft Corporation द्वारा लॉन्च किया गया था।

Microsoft ने 1989 में Windows के लिए Word का पहला संस्करण जारी किया।

1985 में Microsoft ने Macintosh Word 1.0 जारी किया। इसके शुरुआती Macintosh संस्करणों को सीधे Microsoft Word से DOS के लिए अनुकूलित किया गया था।

अपने पर्सनल कंप्यूटर पर एमएस वर्ड खोलने के लिए इन सरल चरणों का पालन करें: Start → All Programs → MS Office → MS Word .

  • यह भी पढ़े: MS Word Ribbon – रिबन क्या है? पूरी जानकारी जानें ।

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एमएस वर्ड उपयोगकर्ताओं को राइट-अप करने, दस्तावेज़ बनाने, बायोडाटा, अनुबंध आदि करने में सक्षम बनाता है। यह ऑफिस सुइट के तहत सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले कार्यक्रमों में से एक है।

संक्षेप में, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड एक वर्ड-प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर है जो पत्र और रिपोर्ट, बायोडाटा आदि जैसे दस्तावेज बनाने में मदद करता है।

MS Word सीखने और सिखाने के नए अभिनव तरीके बनाने के लिए शिक्षकों, छात्रों और व्यवसाय को लाभान्वित कर सकता है। छात्रों के लिए MS वर्ड और MS office suit उच्च गुणवत्ता के साथ तेजी से स्कूल और विश्वविद्यालय में शैक्षिक सामग्री और अभ्यास को व्यवस्थित रूप से प्रसारित करने में मदद करते हैं।

मुझे उम्मीद है कि इस लेख “Microsoft Word in Hindi” से आपको यह जानने में मदद मिली होगी कि वास्तव में एमएस वर्ड क्या है (What is MS Word in Hindi), इसका फाइल एक्सटेंशन, इतिहास, उपयोग, कार्य, वर्ड के फायदे और नुकसान और एमएस वर्ड कैसे खोलें आदि।

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Internship Kya Hai और कैसे करें – Internship in Hindi

Internship kya hai - Internship kaise kare

Internship Kya Hai | internship meaning in hindi | internship kya hota hai | what is internship in hindi | internship kaise kare | internship ke fayde

Table of Contents (विषयसूची)

इंटर्नशिप क्या है? और कैसे करें? (What is Internship in Hindi)

Internship Kya Hai? जब कोई Students, कोई College या University में अपना पढ़ाई कर रहा होता है तो उसके मन में अपने भविष्य को लेकर काफी सारे सवाल आते हैं, जिसमें से सबसे मुख्य सवाल होते हैं की ऐसा क्या किया जाए कि पढ़ाई खत्म होने के बाद अपने मनपसंद के क्षेत्र में व्यवसाय या नौकरी कर सकें। और आजकल यह सबको पता चल गया है कि अपने मनपसंद के क्षेत्र में व्यवसाय या नौकरी करने के लिए सिर्फ किताबी Knowledge का होना काफी नहीं है।

दोस्तों आजकल Job के क्षेत्र में काफी Competition देखने को मिल रहा है अब हर किसी के लिए अपने मनपसंद के क्षेत्र में Job पाना आसान नहीं रह गया है अब आपको अच्छा Job पाने के लिए आपके पास सिर्फ Degree रहना ही काफी नहीं है आपके पास किताबी Knowledge के साथ-साथ कुछ Practical Knowledge भी होना बहुत जरुरी है क्योंकि अब पढाई पूरी करने के बाद जब भी आप कोई कंपनी या इंडस्ट्री में Job के लिए Apply करते हैं या कोई Internview देने जाते हैं  तो कंपनी यह देखती है की आपके पास आपकी Degree के अलावा और कौन-कौन सा Knowledge है यानी आपके पास पढ़ाई के Knowledge के साथ-साथ कोई Practical Knowledge है कि नहीं।

दोस्तों आजकल Job के क्षेत्र में Competition इतना बढ़ गया है कि यदि कोई कंपनी या इंडस्ट्री में अगर एक पोस्ट के लिए भी Vavancy निकालती है तो उसके लिए सैकड़ों Candidates आवेदन करते हैं ऐसे में कंपनी सबसे बेस्ट Candidate को ही अपने कंपनी में Job देना चाहेगी और इसके लिए आपके पास आपके किताबी Knowledge के साथ-साथ कुछ Practical Knowledge का भी होना बहुत जरूरी है। 

यही सब कारणों के कारण आजकल Internship का Demand काफी तेजी से बढ़ने लगा है। यहां तक कि बहुत सारे कोर्स में Internship को Compulsory कर दिया गया है यानी यदि आपको डिग्री चाहिए तो पढ़ाई के दौरान आपको Internship करना ही होगा। आप इंटर्नशिप करेंगे तभी आपको डिग्री दिया जाएगा। 

अब जब बहुत सारे Courses में Internship को Compulsory कर दिया गया है यानी पढ़ाई के क्षेत्र में Internship को इतना महत्व दिया जा रहा है  तो ऐसे में आपके मन में इंटर्नशिप को लेकर काफी सारे सवाल आ रहे होंगे जैसे की

  • इंटर्नशिप क्या है?
  • इंटर्नशिप के फायदे क्या है? (Benefits of Internship)
  • इंटर्नशिप कितने प्रकार के होते हैं?
  • इंटर्नशिप कैसे कर सकते हैं? 
  • अपने लिए सही इंटर्नशिप का चयन कैसे करें? आदि

दोस्तों अगर आपके मन में भी इंटर्नशिप क्या होता है? ( Internship in Hindi) को लेकर इसी प्रकार के प्रश्न है तो यह Blog आपके लिए काफी Helpfull रहेगा और मुझे पूरा विश्वास है कि इस Blog को पूरा पढ़ने के बाद आपके मन में internship kya hota hai को लेकर जितने भी सारे Doubts हैं सारे Doubts Clear हो जाएंगे और आपको इंटर्नशिप क्या है? से जुड़ी किसी भी प्रश्न के लिए और कोई दूसरा Blog नहीं पढ़ना पड़ेगा।

दोस्तों इंटर्नशिप के बारे कुछ भी जानने से पहले हमलोग यह जान लेते है की इंटर्नशिप को हिंदी में क्या कहा जाता है? यानी इंटर्नशिप मीनिंग इन हिंदी (Meaning of Internship in Hindi)

इंटर्नशिप को हिंदी में क्या कहते हैं? (Internship meaning in hindi)

इंटर्नशिप को हिंदी में क्या कहा जाता है की बात करे तो हिंदी में इंटर्नशिप को “प्रशिक्षुता” कहा जाता है।

सभी प्रकार के नौकरी, शिक्षा, तकनिकी, व्यापर, घरेलु उपचार, पैसे कमाए आदि आदि से जुड़े जानकारी के लिए हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जुड़े।

तो चलिए दोस्तों अब हम लोग पूरा Details के साथ जानते हैं कि आखिर यह internship kya hota hai? ( what is internship in hindi )

इंटर्नशिप क्या है? (Internship kya hota hai)

Internship Kya Hai? की बात करें तो Internship  एक प्रकार का Training Program है जिसमें आप अपनी Interest के हिसाब से किसी Industry या Company में काम कर सकते हैं और उस काम के बारे में जान सकते हैं।

आसान भाषा में Internship Kya Hai? (Internship in Hindi) की बात करें तो इंटर्नशिप में आप Job करने से पहले Job के लिए तैयार होते हैं! Internship की मदद से आप क्लास रूम से बाहर निकलकर किसी Industry या Company में काम करके Practical Knowledge प्राप्त कर सकते हैं। आप जिस क्षेत्र में भी पढ़ाई किए हैं उस क्षेत्र में Internship करके आप Theory Knowledge के साथ-साथ Practical Knowledge भी प्राप्त कर सकते हैं।

कुछ कंपनियां चाहती है कि आप वहां पर काम करें पर आपको Salary नहीं दिया जाएगा। आपको काम करने का मौका मिल जाएगा और कंपनी को काम करने के लिए आदमी मिल जाएगा। ऐसे में Internship, कंपनी और Students दोनों के लिए फ़ायदेमंद रहती है। वही आपको बता दें कि कुछ कुछ कंपनियां ऐसे भी है जो इंटर्नशिप के दौरान Students को Stipend के रूप में Salary भी देती है।

Internship प्रायः College, University के छात्र छात्राओं को कराया जाता है जो व्यवसाय या नौकरी के क्षेत्र में नए होते हैं यानी Fresher Candidates को इंटर्नशिप करने का मौका दिया जाता है ताकि वह आगे जाकर जिस भी व्यवसाय या नौकरी के क्षेत्र में जाए उसके बारे में पहले ही जान सकें!  आपको बता दें कि आमतौर पर इंटर्नशिप 3 से 6 महीने का होता है। 

Internship, Fresher candidates  के लिए एक ऐसा अवसर है जिसमें वह किसी व्यवसाय या नौकरी के क्षेत्र में Permanent Job करने से पहले उस Job के बारे में जान सकें यानी Internship में स्टूडेंट को Classroom से बाहर निकलकर  वह सारी चीजें Real Experiences के साथ करने का मौका मिलेगा जो अभी तक केवल वह क्लास रूम में बैठकर सिर्फ किताबों में ही पढ़ा है।  

आजकल बहुत सारी ऐसी कंपनी है जो यह मानने लगी है कि उनके कंपनी में Job करने के लिए सिर्फ किताबी Knowledge का होना काफी नहीं है किताबी Knowledge के साथ-साथ Practical Knowledge का होना भी बहुत जरूरी है। Students के इसी कमी को दूर करके उन्हें Practical Knowledge दिलाने में Internship एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इंटर्नशिप के फायदे क्या है? (Benefits of Internship in Hindi)

दोस्तों जैसा कि हम लोग Internship Kya Hai? के बारे में जाने, अब आपके मन में यह प्रश्न आ रहा होगा कि इंटर्नशिप के फायदे क्या है? तो इंटर्नशिप के फायदे (Benefits of Internship) की बात करें तो यह एक Fresher Candidates के लिए काफी फ़ायदेमंद होती है।

Practical Knowledge मिलता है

Internship का सबसे अच्छा फायदा यह है कि इसमें Students को Classroom की किताबी दुनिया से बाहर निकलकर Practical Knowledge प्राप्त करने का मौका मिलता है। इसमें Students अपने Interest के हिसाब से किसी भी Companies या Industries में जाकर वहां के काम के बारे में जान सकते हैं और सीख सकते हैं यानी यू कहे तो इंटर्नशिप में Students को Real Work Experiences यानी  वास्तविक कार्य अनुभव प्राप्त करने का मौका मिलता है।

Job पाने में मदद करती है

इंटर्नशिप का सबसे बड़ा फायदा है या यूं कहे तो अधिकतर Students अच्छी Job पाने के मकसद से ही Internship करते हैं।  तथा इंटर्नशिप शुरुआती दिनों में एक Fresher Student को कोई Job दिलाने में काफी  मददगार भी साबित हो रही है। 

Communication Skill Develop होता है

जब आप कोई Company या Industry या कोई संस्था में Internship के लिए जाते हैं तो वहां आपको अलग-अलग लोगों से मिलने का मौका मिलता है लोगों के साथ किस प्रकार व्यवहार करना चाहिए, कैसे बातें  करना चाहिए, अपने से सीनियर से किस प्रकार बातें करना चाहिए, ये सब का जानकारी मिलता है जिससे आपका Communication Skill काफी Improve होता है।

नई-नई चीजें सीखने को मिलती है

इंटर्नशिप करने के दौरान Students को काफी कुछ नई नई चीजें सीखने को मिलती है जो शायद वे Classroom में पढ़ाई के दौरान कभी नहीं सीख पाते, और इसका फायदा  यह होता है कि नई नई चीजें सीखने के साथ ही उन्हें नई नई चीजें करने के लिए  प्रोत्साहन  भी मिलते रहता है।

पढ़ाई के साथ कमाई का मौका

बहुत सारी ऐसी भी Company या Industry या संस्था है जो Students को इंटर्नशिप के दौरान काम करने के लिए Stipend के रूप में पैसा भी देती है जिससे Students को पढ़ाई के साथ-साथ पैसा कमाने का भी मौका मिल जाता है।

Job Enviroment के बारे में पता चलता है

इंटर्नशिप के दौरान Students को Job Enviroment यानी किसी Company या Industry में नौकरी के माहौल के बारे में पता चलता है यानी वह आगे चलकर  जो काम करने वाले हैं उसके बारे में उसे पहले से ही जानकारी मिल जाती है कि उस काम में उसे क्या करना होगा,  उसे कितना घंटे काम करना होगा, उसे किसके Under काम करना होगा। ऐसी अनेक सारी बातों की जानकारी उसे पहले से ही पता चल जाते है। जिससे उन्हें यह पता चल जाता है कि आगे जाकर जो वह काम करने वाले हैं वह काम उसके लिए Perfect है कि नहीं।

आत्मविश्वास बढ़ता है

इंटर्नशिप के दौरान स्टूडेंट्स को Practical चीजें सीखने और जानने का मौका मिलता है जिससे  उनका आत्मविश्वास यानी Self-Confidence बढ़ता है!  और  इससे पता चलता है कि Office में Confidence के साथ किस प्रकार काम किया जाए।

इंटर्नशिप कितने प्रकार के होते हैं? (Type of Internship in Hindi)

दोस्तों जैसा कि हम लोग Internship Kya Hai? (Internship in Hindi) के बारे में जाने, इंटर्नशिप के फायदे क्या है? इसके बारे में भी जाने तो चलिए अब हम लोग जानते हैं कि इंटर्नशिप कितने प्रकार के होते हैं! (Type of Internship) 

इंटर्नशिप कितने प्रकार के होते हैं की बात करें तो इंटर्नशिप कई प्रकार के होते हैं जिसमें से पूछ प्रमुख हैं 

1- Cooperative Education

Cooperative Education यानी सहयोगी शिक्षा Internship का एक प्रकार है जिसमें Company, College और Students के बीच तीन तरफा संबंध होता है! इसमें Company और College के बीच एक प्रकार का करार रहता है जिसमें Company, College के Students को अपने कंपनी में इंटर्नशिप करने का मौका देती है जिससे Students को Practical Knowledge प्राप्त करने का मौका मिल जाता है और कंपनी को काम करने के लिए आदमी मिल जाता है।

2- Practicum

इसमें Students को कॉलेज में या कई बार कॉलेज से बाहर किसी Organization में किसी खास Project पर काम करने के लिए कहा जाता है इसमें कुछ Students का एक टीम बनाकर एक निश्चित समय सीमा के अंदर  उस प्रोजेक्ट पर खुद से काम करके पूरा करने के लिए कहा जाता है ताकि  उन्हें Practical Knowledge प्राप्त हो सके! Practicum एक प्रकार का कॉलेज कोर्स ही होता है।

3- Externship

Externship  एक Short Time Period के लिए होता है यह मुख्यतः 1 से 3 सप्ताह के लिए होता है इसमें Students को एक Short Time Period के लिए किसी Company या Industry या संस्था में वहां के काम के बारे में जानने का मौका मिलता है इसमें Students को अपने हाथों से काम करने का मौका ना के बराबर मिल पाता है यह एक प्रकार का Industrial Visit Tour की तरह होता है।

4- Apprenticeship

Apprenticeship में Students को किसी Company या Industry या संस्था में Practical Knowledge के साथ-साथ Theory Knowledge भी दिया जाता है! इसमें 70-80% Practical Knowledge और बाकी का 20-30% Theory Knowledge भी दिया जाता है।

दोस्तों अगर आपको अपरेंटिस के बारे में पूरी details जानकारी चाहिए की अपरेंटिस क्या है? अपरेंटिस के फायदे क्या है? अपरेंटिस कैसे करे? तो आप नीचे दिए गए लिंक पे क्लिक करके अपरेंटिस के बारे पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है।

अप्रेंटिसशिप  मुख्यतः 1 से 2 साल का होता है और कुछ कुछ इससे ज्यादा  समय के लिए भी होता है ज्यादातर Students अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद Apprenticeship करते हैं।

दोस्तों अगर आपको अप्रेंटिसशिप के बारे में पूरी जानकारी Details के साथ चाहिए तो आप नीचे दिए गए Link पर Click करके अप्रेंटिसशिप के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अपरेंटिस क्या है? और कैसे करे?

इंटर्नशिप कैसे कर सकते हैं? (How To Do Internship in Hindi)

दोस्तों जैसा कि हम लोग Internship Kya Hai? (Internship in Hindi) के बारे में जाने और अब अगर आपको इंटर्नशिप करने का मन कर रहा है तो चलिए अब हम लोग जानते हैं कि आप इंटर्नशिप  किस प्रकार कर सकते हैं। (Internship Kaise Kare)

कॉलेज की मदद से

दोस्तों बहुत सारे बड़े-बड़े College और University में बहुत सारे बड़े-बड़े कंपनी खुद आते हैं और Students को इंटर्नशिप Provide करते हैं यानी कंपनी खुद College या University में आकर Students को अपने कंपनी में इंटर्नशिप करने का मौका देती है इसके लिए कंपनी की ओर से कुछ आदमी College या University में आते हैं और Students का Interview लेते हैं और फिर जो Students इंटरव्यू में Qualify होते हैं उन्हें अपने कंपनी में इंटर्नशिप करने का मौका देती है।

स्वयं किसी कंपनी में आवेदन करके

और यदि आपका कॉलेज आपको कहीं से  इंटर्नशिप करने का Offer नहीं दे रही है तो आप खुद से भी इंटर्नशिप कर सकते हैं इसके लिए आपको सबसे पहले यह पता लगाना होगा की आपके आसपास कौन सा कंपनी इंटर्नशिप करने का मौका देती है और फिर आप उस कंपनी में इंटर्नशिप करने के लिए आवेदन दे सकते हैं और यदि आप कोई ऐसा कंपनी ढूंढ लेते हैं जहां आपका कोई Relatives है तो आपके लिए इंटर्नशिप करना और भी Easy हो जाता है।

Online माध्यम से

इसके साथ ही आप Online भी Internship के लिए आवेदन कर सकते हैं  बहुत सारे ऐसे Websites है जहां पर इंटर्नशिप करने का Offer दिया जाता है उसकी मदद से आप अपने लिए Internship ढूंढ सकते हैं।

नीचे कुछ वेबसाइट के नाम दिए गए हैं जहां से आप अपने लिए इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।

www.internshala.com

www.internships.com

www.internshipfinder.com

सही इंटर्नशिप का चयन कैसे करें?

दोस्तों जैसा कि हम लोग Internship Kya Hai? इंटर्नशिप के फायदे क्या है? (Benefits of Internship in hindi) इंटर्नशिप कितने प्रकार के होते हैं? Internship Kaise Kare? आदि के बारे में जाने तो चलिए अब हम लोग जानते हैं कि आप खुद के लिए एक सही Internship का चयन कैसे कर सकते हैं। 

दोस्तों जब भी आप अपने लिए इंटर्नशिप का चयन करें तो अपनी खुद की रुचि यानी Interest के हिसाब से इंटर्नशिप का चयन करें! अपने दोस्तों या किसी और का देखा देखी में कभी भी अपने लिए इंटर्नशिप Choose ना करें। आपको जिस क्षेत्र में Interest है और आगे जाकर आप जिस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं उसी क्षेत्र में इंटर्नशिप करें।

इंटर्नशिप से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • अधिकतर बहुत सारी कंपनी में जहां आप  इंटर्नशिप के लिए जाते हैं वहां कोई ना कोई एक Special Person होता है जो आपको शुरुआत में सारी चीजें बताता है या समझाता है कि आपको किस प्रकार काम करना है! आप उनके Under काम करके वहां के Work के बारे में जानते हैं।
  • वहीं बहुत सारी कंपनी ऐसे भी है जहां कोई Special Person नहीं होता है आपको दूसरे Workers का काम देख देख कर और उनसे पूछ पूछ कर ही सीखना पड़ता है।
  • दोस्तों आपको बता दें कि इंटर्नशिप करने के लिए ऐसा जरूरी नहीं है कि आपको Higher Qualification की जरूरत है  अगर आप 10th  या 12th पास है तो भी आप अपनी Interest के हिसाब से Internship कर सकते हैं।
  • दोस्तों इंटर्नशिप Full Time और Part Time दोनों प्रकार के होते हैं! अगर आपको इंटर्नशिप करने के लिए ज्यादा समय नहीं मिल पा रहा है तो आप Part Time Internship भी कर सकते हैं।

इंटर्नशिप का उद्देश (Aim of Internship in Hindi)

दोस्तों हम लोग जो कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं और फिर पढ़ाई Complete करने के बाद जब हम कोई इंडस्ट्री या कंपनी में Job करने जाते हैं तो कॉलेज या यूनिवर्सिटी के पढ़ाई और इंडस्ट्री या कंपनी के काम यह दोनों के बीच काफी बड़ा अंतर हमें देखने को मिलता है।

हम लोगों को कॉलेज या यूनिवर्सिटी में Theory Knowledge तो काफी अच्छा दिया जाता है पर वह किसी इंडस्ट्री या कंपनी में काम करने योग्य नहीं बनाता है कॉलेज या यूनिवर्सिटी में ज्यादातर Theory Khowledge दिया जाता है और Practical Knowledge ना के बराबर दिया जाता है जिससे जब कोई Fresher Candidates कोई इंडस्ट्री या कंपनी में काम करने जाते हैं तो उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

इंटर्नशिप का उद्देश्य इसी अंतर को कम करना है ताकि Students को अपने पढ़ाई के दौरान ही Theory Khowledge के साथ-साथ Practical Knowledge मिल सके तथा किसी इंडस्ट्री या कंपनी के Job Enviroment, Job Cultulture आदि के बारे में जान सके।

Internship Frequently Asked Questions (FAQs)

इंटर्नशिप किसे कहते है.

Internship एक प्रकार का Training Program ही है जिसमें आप अपनी Interest के हिसाब से किसी Industry या Company में काम कर सकते हैं और उस काम के बारे में जान सकते हैं! इंटर्नशिप में आप Job करने से पहले Job के लिए तैयार होते हैं! इंटर्नशिप की मदद से आप क्लास रूम से बाहर निकलकर किसी Industry या Company में काम करके Practical Knowledge प्राप्त कर सकते हैं।

इंटर्नशिप के लाभ

Practical Knowledge मिलता है! Job पाने में मदद करती है! Communication Skill Develop होता है! नई-नई चीजें सीखने को मिलती है! पढ़ाई के साथ कमाई करने का मौका मिलता है! Job Enviroment के बारे में पता चलता है! आत्मविश्वास बढ़ता है।

मैं एक इंटर्नशिप कैसे ढूंढ सकता हूं?

इंटर्नशिप आप Offline और Online दोनों माध्यम से ढूंढ सकते हैं! Offline माध्यम से इंटर्नशिप ढूंढने के लिए आपको सबसे पहले यह पता लगाना होगा की आपके आसपास कौन सा कंपनी इंटर्नशिप करने का मौका देती है और फिर आप उस कंपनी में इंटर्नशिप करने के लिए आवेदन दे सकते हैं| वहीं अगर आपको Online माध्यम से इंटर्नशिप ढूंढना है तो बहुत सारे ऐसे Websites है जहां पर इंटर्नशिप करने का Offer दिया जाता है उसकी मदद से आप अपने लिए Internship ढूंढ सकते हैं।

इंटर्नशिप कब करना चाहिए?

इंटर्नशिप कॉलेज छुट्टी के समय में करना ज्यादा अच्छा रहता है क्योंकि इस समय आपका क्लास भी नहीं छूटता है और आपका इंटर्नशिप भी हो जाता है यानी कॉलेज छुट्टी के समय में इंटर्नशिप करने से आपके पढ़ाई में कोई फर्क नहीं पड़ता है।

इंटर्नशिप के प्रकार

Cooperative Education, Practicum, Externship, Apprentice, etc.

इंटर्नशिप को हिंदी में क्या कहते हैं?

इंटर्नशिप को हिंदी में प्रशिक्षुता कहा जाता है।

इंटर्नशिप कितने दिनों का होता है?

इंटर्नशिप आमतौर पर 3 से 6 महीने का होता है।

दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आपको Internship Kya Hai? (Internship in Hindi) का यह Article काफी Informative और अच्छा लगा हो, और आपके मान में Internship Kya Hai? (Internship Details in Hindi ) को लेकर जितने भी प्रकार के  प्रश्न थे सारे प्रश्नों का उत्तर मिल गया होगा! दोस्तों अगर इसके अलावा भी आपके मन में Internship Kya Hai? Internship Kaise Kare? से जुड़ी किसी भी प्रकार का प्रश्न है तो आप वह प्रश्न नीचे Comments करके पूछ सकते हैं मैं पूरा कोशिश करूंगा कि आपके सारे प्रश्नों का उत्तर दे सकूं। 

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Freelancer क्या होता है और कैसे बने? | What is Freelancer in Hindi

फ्रीलांसर क्या होता हैं? (What is Freelancer in Hindi) यह वह कार्य हैं, जो व्यक्ति को आत्मनिर्भर एवं आत्मसम्मान दिलाने का कार्य करता हैं। इसके माध्यम से आप अपने कौशल का सही जगह उपयोग कर अच्छा-खासा पैसा कमा सकते हैं।

Freelancer Kya Hota Hai What is Freelancer in Hindi

Freelancer बनकर हम अपने ज्ञान का उपयोग अन्य व्यक्तियों की सहायता करने हेतु कर सकते हैं। वर्तमान समय आधुनिक तकनीकी और digital वाला युग हैं। सामान्य शब्दों में वर्तमान समय में प्रत्येक कार्य online हो रहे हैं। हम घर बैठें अपनी बात एक-दूसरे तक पहुचा सकते हैं।

निचे पोस्ट में आप निम्नलिखित टॉपिक के बारे में पढ़ेंगे: –

  • फ्रीलांसर क्या होता है
  • फ्रीलांसर कैसे बने
  • बेस्ट फ्रीलांसिंग स्किल्स
  • बेस्ट फ्रीलांसिंग वेबसाइट
  • फ्रीलांसिंग में करियर
  • फ्रीलांसर पैसे कैसे कमाते है

फ्रीलांसर बनने के फायदे

चलिए सबसे पहले इसे डिटेल में समझे कि फ्रीलांसर क्या हैं या फ्रीलांसर का मतलब क्या होता हैं? (Meaning of Freelancer in Hindi).

फ्रीलांसर क्या होता हैं – What is Freelancer in Hindi?

Freelancer का सामान्य अर्थ हैं अपने कौशल एवं अनुभव का उपयोग अन्य व्यक्तियों के लिए करना एवं उससे लाभ अर्जित करना। कहने का तात्पर्य है, एक Freelance worker अपने आप में “स्व-नियोजित (self-employed)” होता है।

प्रत्येक क्षेत्र में भिन्न-भिन्न Freelancer होते हैं, जो अपने कार्य मे विशिष्ट होते हैं। सीधे तौर पर समझे तो वह अपने अनुभवों और ज्ञान को किसी और के कार्य मे लगाते हैं। जिस कारण वह अपने ज्ञान और अनुभव से धन अर्जित करते हैं।

फ्रीलांसर को विभिन्न क्षेत्र की कंपनियां सीमित समय या निश्चित समय तक कार्य में रखती हैं और वह उस कार्य को करने हेतु उन्हें अच्छी-खासी रकम देती हैं। इन Freelancer को हम अपनी आवश्यकता अनुसार निश्चित amount तय कर इनसे वह कार्य करवा सकते हैं, जिन्हें हम करना तो चाहते हैं लेकिन अनुभव न होने के कारण हम वह कार्य करने में असमर्थ हैं।

यह एक अनुभव-आधारित कार्य हैं, वर्तमान समय में Freelancer की मांग बढ़ते जा रही हैं,क्योंकि इसकी सहायता से लोग अपना कार्य आसानी से और कुशलता पूर्वक सम्पन्न करा रहे हैं और यह काफी हद तक सफल भी रहा हैं। Freelancer अपने कार्य को पूर्ण दो रूपों में करते हैं, या सामान्य शब्दों में कहें तो फ्रीलांसर अपना श्रम दान निम्न भागों की सहायता से पूर्ण करते हैं —

वर्क फ्रॉम होम (Work from Home) – अनेक Freelancer अपने कार्य को घर बैठे पूर्ण करते हैं, अर्थात वह social media के अनेक क्षेत्रों YouTube, Telegram, Facebook और Instagram आदि के माध्यम से group बनाकर या advertisement के माध्यम से अपने क्षेत्र से संबंधित अपने अनुभवों को बताकर घर बैठें लोगों की आवश्यकता अनुसार कार्य करते हैं। लोग अपनी आवश्यकता अनुसार उन्हें Hire करके अपना वह कार्य करवाते हैं, जिन्हें करने में वह असमर्थ होते हैं।

नौकरीपेशा (Employee) – विभिन्न क्षेत्र से संबंधित कंपनियां Freelancer को सीमित या निश्चित समय तक नौकरी में रख लेती हैं। ऐसे Freelancer को Gig worker के नाम से संबोधित किया जाता हैं। इस प्रकार के पेशे में monthly payment किया जाता हैं।

सम्बंधित पोस्ट: – कंप्यूटर सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने IIT क्या है इसके लिए योग्यता BA कोर्स डिटेल इन हिंदी B.Com कोर्स क्या है कैसे करे B.Sc कोर्स की पूरी जानकारी Entrepreneur क्या होता है

Freelancer कैसे बनें?

फ्रीलांसर बनने के लिए आपको निम्न कार्य करने की आवश्यकता हैं। यह निम्न बिंदु आपको इस क्षेत्र में सफल बनाने हेतु अत्यंत लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं।

1. अपनी स्किल चुनें : Freelancer बनने हेतु सर्वप्रथम आपके अंदर उस कौशल का होना अनिवार्य हैं, जिसके आधार पर आप किसी की सहायता करना चाहते हैं। आपको उस क्षेत्र में रुचि एवं उस क्षेत्र से संबंधित सम्पूर्ण ज्ञान होना चाहिए।

2. अपनी सेवा का प्रचार-प्रसार : आप जिस क्षेत्र में फ्रीलांसिंग करना चाहते हैं, आपको उस क्षेत्र से संबंधित platform का चयन कर वहाँ अपने अनुभवों और कार्यो से संबंधित कौशलों का प्रचार-प्रसार करना पड़ेगा। जिससे लोग आपके अनुभवों और आपके कौशलों के बारे में जान सकें और आपको अपनी आवश्यकता अनुसार कार्य सौप सकें।

3. उचित ग्राहकों का चयन : आपको अपने क्षेत्र से संबंधित उन ग्राहकों का चयन करना होगा। जिन्हें आपके अनुभव एवं कौशलों की आवश्यकता पड़ सकती हैं। आपको निरंतर ऐसे ग्राहकों का चयन करना होगा जो उस कार्य से जुड़े हैं, जिस कार्य का आपको अधिक अनुभव हैं। आपको उस platform का चयन कर उससे संबंधित ग्राहकों की तलाश करनी होगी। ऐसे ग्राहक आपको निरंतर कार्य दे सकते हैं। आपको ऐसे ग्राहकों के सदैव संपर्क में रहने की आवश्यकता होगी। क्योंकि यह ग्राहक ही आपको सफल बनाने में कारगर सिद्ध हो सकते हैं।

4. मूल्य निर्धारण : आपको अपने अनुभवों और कौशलों के अनुसार अपने कार्य के बदले एक निश्चित मूल्य सुनिश्चित करना होगा। मूल्य का निर्धारण आपको बाजार के नियमानुसार रखना होगा। अर्थात पहले आपको उस क्षेत्र में पहले से सेवा दे रहे Freelancers के भुगतान मूल्य का पता करना होगा। जिससे आप एक ऐसे मूल्य का चयन कर सकें जो ग्राहकों को आपकी ओर आकर्षित करें।

5. पहले के कार्यो की सफलता : आपको अपने पहले के कार्यो में प्राप्त सफलता को भी अपने ग्राहकों के सम्मुख रखना होगा। जिससे वह आपके कार्यों एवं अनुभवों के प्रति आकर्षित हो और आपको सफलता प्राप्त करने में सहायता प्राप्त हो सकें।

6. ग्राहकों के साथ अच्छे संबंध : आपसे काम करा रहे ग्राहकों को आपको एक अच्छा output देना होगा। जिससे वह आपके कार्य की अन्य लोगों से प्रसंशा करें। इससे आपके ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होगी। यह फ्रीलांसिंग के क्षेत्र में आपको एक नई पहचान दिलाने में कारगर सिद्ध हो सकती हैं।

7. अपने कौशल एवं अनुभवों में वृद्धि करें : आपको अपने अनुभव एवं कौशलों में वृद्धि करने की आवश्यकता हैं। जिससे आप अपने ग्राहकों को अच्छी सेवा प्रदान कर सकें और आपके कार्यो में निरंतर सुधार आ सकें।

सीखने के लिए सर्वश्रेष्ठ Freelancing Skills

फ्रीलांसिंग के क्षेत्र में अपना उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए आप निम्ननलिखित skills को सीख सकते है।

Freelance Writer

वर्तमान समय के डिजिटल युग मे content writer एक अच्छा पेशा है। इस क्षेत्र में advertisement, website, online marketing आदि के क्षेत्र में आप अपना भविष्य बना सकते हैं। इस कार्य हेतु आपके पास लेखन कौशल का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक हैं।

Freelance Editor

इस स्किल की आवश्यकता वर्तमान समय मे हर किसी को हैं। इसकी सहायता से आप film एवं advertisement के क्षेत्र में अपना अच्छा भविष्य बना सकते हैं। यह आपके पेशे को ग्राहकों के सामने अच्छी तरह से प्रस्तूत करने में भी सहायक सिद्ध हो सकता हैं।

Graphic Designer

ग्राफिक डिजाइनर वर्तमान समय की सर्वश्रेष्ठ मांग हैं। विभिन्न IT क्षेत्र से संबंधित कंपनियों में इसकी अत्यधिक मांग हैं, इसमें वेतन भी अत्यधिक मात्रा में प्राप्त होता हैं। अपने इस कौशल का विकास कर आप YouTube, Software और Games आदि क्षेत्रों में अपना भविष्य बना सकते हैं। अपने अंदर इस कौशल का विकास कर आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

Graphic Design Explanation – ग्राफिक डिजाइन क्या है और कैसे करे?

App Development

वर्तमान में बढ़ रही जनसंख्या एवं मोबाइल उपभोक्ताओं की नजर से यह एक बेहतर भविष्य हैं। आपको इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने हेतु उच्च स्तरीय भाषाओं (high level language) जैसे – C, C++ का ज्ञान होना आवश्यक हैं। आप समाज की आवश्यकताओं के अनुसार अनेकों applications तैयार कर एक अच्छी income प्राप्त कर सकते हैं।

Voice over Acting

यह स्किल आपके लिए E-learning , youtube videos, advertisement creator, movies, video editing, voice editing आदि क्षेत्रों में लाभदायक सिद्ध हो सकता हैं। इस कार्य के कौशलों का विकास कर आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं। वर्तमान समय में इस व्यवसाय की काफी मांग हैं। यह आपको एक Freelancer के रूप में करियर बनाने हेतु सहायक सिद्ध हो सकता हैं।

Data Analysis

विभिन्न कंपनियां अपनी monthly या yearly growth के developments हेतु डाटा के विश्लेषण करने के लिए लोगों को hire करती हैं। जिससे वह अपनी वास्तविक स्थिति का आकलन कर सकें। वर्तमान समय में इस कौशल की अधिक मांग हैं। इस क्षेत्र में Freelancers भी बहुत मुश्किल से मिलते हैं। आप इस क्षेत्र में अपने कौशलों का विकास कर फ्रीलांसिंग के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

Digital Marketing

Digital Marketing भी मार्केटिंग का ही एक रूप है जिसमें हम किसी प्रोडक्ट या सर्विस को digitally advertise करते है। आप डिजिटल मार्केटिंग स्किल्स जैसे, SEO, SEM, content marketing, email marketing, social media marketing, आदि को सीखकर फ्रीलान्स डिजिटल मार्केटर के रूप में काम कर सकते है और अच्छा पैसा कमा सकते है।

Learn Digital Marketing – डिजिटल मार्केटिंग कैसे करें

फ्रीलांसिंग जॉब कहाँ खोजें – Best Freelancing Websites in Hindi

Freelancer अपने कार्य की खोज करने के लिए अनेकों वेबसाइट में जाकर खोज-बिन कर सकते हैं। वहाँ जाकर Freelancer अपने क्षेत्र एवं अपनी कुशलता के अनुसार व्यक्तियों से संपर्क कर लाभ अर्जित कर सकते हैं। यह वेबसाइट्स आपको फ्रीलांसिंग के क्षेत्र में जॉब प्राप्त करने हेतु सहायता प्रदान कर सकती हैं।

ऑनलाइन जॉब्स खोजने के लिए बेस्ट Freelance Websites: –

  • Freelancer.in
  • Truelancer.com
  • Worknhire.com
  • Fixnhour.com
  • Rockerstop.com
  • Peopleperhour.com

इन समस्त वेबसाइट के माध्यम से आप आसानी से Freelancing jobs पा सकते हैं। यह आपको आपके क्षेत्र एवं आपकी कुशलता का सही जगह उपयोग करने हेतु मार्गदर्शन प्रदान कर सकती हैं।

फ्रीलांसिंग मे करियर

फ्रीलांसिंग करियर के हिसाब से एक बहुत अच्छा विकल्प हैं, जिसकी सहायता से आप खुद के मालिक बन सकते हैं। यह आपको नौकरी जैसे तनावों से मुक्त रखने का कार्य करता हैं। फ्रीलांसिंग में करियर बनाने हेतु आपको उस क्षेत्र से संबंधित ज्ञान एवं कौशल होना अत्यंत आवश्यक हैं।

वर्तमान समय आधुनिक तकनीकी का युग हैं, सभी कार्यप्रणाली को digital रूप प्रदान किया जा रहा हैं। प्रत्येक कार्य घर बैठे हो जाया करते हैं। परंतु इसके बाद भी लोगों को तकनीकी का कम ज्ञान होता हैं। जिस कारण वह किसी भी मूल्य में अपने विचारों को व्यवहारिक रूप प्रदान करना चाहते हैं और इन्ही आधुनिक आवश्यकताओ की पूर्ति हेतु हम यह कह सकते हैं कि इस क्षेत्र में आप एक अच्छा करियर बना सकते हैं।

Freelancer का कार्य करके आप अपना वेतन, क्षेत्र एवं कार्य करने का समय खुद चुन सकते हैं। यह आपको खुद के पैरों में खड़े होने एवं अपनी आवश्यकताओं को घर बैठें पूरा करने के अवसर प्रदान करता हैं। इस क्षेत्र में आप अपनी रुचि अनुसार कार्य कर सकते हैं। इस कार्य को करके आप अपना खाली समय किसी आवश्यक कार्य मे लगा सकते हैं या study करके अपनी skills में वृद्धि कर सकते हैं।

Freelancer अपने खर्चें में नियंत्रण रखने एवं उसे सही जगह investment करने के अवसर प्रदान करता हैं। अगर आप फ्रीलांसिंग में अपने कौशलों एवं अनुभवों का उपयोग करते हैं, तो यह एक उत्तम भविष्य बनाने में आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता हैं।

फ्रीलांसर पैसे कैसे कमाते हैं?

Freelancer ऐसे platform का चयन करते हैं, जहाँ उनके कौशलों एवं अनुभवों की लोगों को आवश्यकता होती हैं। ऐसे platforms का चयन हेतु फ्रीलांसिंग से संबंधित विभिन्न वेबसाइट में visit कर वहाँ से अपने अनुभवों एवं कौशलों को शेयर करते हैं। जिससे लोग अपनी जरूरतों के हिसाब से उनसे संपर्क स्थापित करते हैं।

Freelancer एक अनुभव और उत्तरदायित्व वाला काम हैं। जिसकी सहायता से आप अपने ज्ञान का उपयोग कर अन्य लोगों की सहायता के माध्यम से पैसे कमा कर सकते हैं। आप अपने कौशलों का उपयोग उस व्यक्ति के लिए करते हैं, जिनको आपके उस कौशल की जरूरत होती हैं और वह उसके बदले आपको पैसे देकर अपना काम करवाता हैं।

कोरोना महामारी ने लोगो को विश्वास दिलाया है कि फ्रीलांसिंग काम का है। इस महामारी की वजह से बहुत से लोगों ने अपनी नौकरी खो दी, जिस कारण उन्होंने फ्रीलांसिंग को चुना। यह निम्न कारणों से आपके लिए फायदेमंद हैं।

आत्म प्रबंधन (self management) – एक फ्रीलांसर के रूप में, आप अपने खुद के बॉस हैं। आप अपना कार्यभार अपना टाइम टेबल अपना ड्रेस कोड सभी खुद से चुन सकते हैं।

आय के कई स्रोत – एक फ्रीलांसर के रूप में काम करने का एक फायदा यह है कि आप जितना चाहे उतना कमा सकते हैं। इसमें ऐसा कोई कानून नहीं है जो यह तय करे आपको एक ही समय में कितनी परियोजनाओ पर काम करना हैं।

आप अपने खुद के मालिक हैं – फ्रीलांसिंग में आप आधिकारिक तौर पर अपनी खुद की कंपनी हैं, और आप ही नियम बनाते हैं। वे दिन गए जब आप किसी और को रिपोर्ट करते हैं या उन ग्राहकों के लिए काम करते हैं जो आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं होते हैं। आप ही अपने मालिक हैं। हालाँकि खुद को जवाबदेह ठहराने में सक्षम होने की आवश्यकता है। यदि आप इसे जानने से पहले अपने आप को बहुत अधिक सुस्त कर देते हैं, तो आपका फ्रीलांस व्यवसाय बेरोजगारी के एक छेद में नीचे की ओर बढ़ रहा है।

व्यक्तित्व का विकास करे – अनेक प्रोजेक्टो में काम करने की सबसे अच्छी बात यह है कि हर नये प्रोजेक्ट के साथ आपको कुछ नया सीखने को मिलता है। फ्रीलांसिंग किसी को उस चीज़ पर काम करने की अनुमति देता है जिसे आप हमेशा से चाहते थे लेकिन इसके बारे में बहुत संकोच करते थे। आप ऐसी योजनाओं को शुरू कर सकते हैं जो बहुत अधिक थकाने वाली नहीं हो और आपके पास अपने पक्ष में काम करने के लिए पर्याप्त समय और ऊर्जा है।

एक लघु व्यवसाय का परीक्षण करने की क्षमता – फ्रीलांसिंग अनुमति देता है कि आप अपने ग्राहक आधार का निर्माण करे और अपने स्वयं के व्यवसाय को सफलतापूर्वक विकसित करे। एक Freelancer के रूप में, आप विभिन्न सेवाओं का प्रयोग करके देख सकते हैं कि कौन-सी सेवा आपको अधिक पैसा देती हैं और दूसरों की तुलना में अधिक ग्राहक आपके पास लाती हैं।

आपके पास 100% नौकरी की सुरक्षा है – जब आप बॉस हों तो कोई आपको निकाल नहीं सकता। निश्चित रूप से, फ्रीलांसिंग और उद्यमिता के अपने उतार-चढ़ाव हैं, लेकिन जब तक आप इसे जारी रखते हैं, लंबे समय में आपका अपने भविष्य और अपनी कमाई पर पूरा नियंत्रण होगा।

संक्षेप में – Conclusion

Freelancer क्या होता हैं? (What is freelancer in Hindi) यह आधुनिक समय का वह व्यवसाय हैं, जिसमें व्यक्ति अपने कौशल एवं अनुभव का उपयोग करके अन्य लोगों की सहायता कर धन अर्जित कर सकता हैं। Freelancer व्यक्तियों की उन आवश्यकताओं की पूर्ति करता हैं, जिन्हें करने में वह व्यक्ति असमर्थ होता हैं।

फ्रीलांसिंग के माध्यम से आप घर बैठें अपने कौशल का उपयोग कर अनेक व्यक्तियों की सहायता कर अपने समय का सदप्रयोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह आपको secure future देने का कार्य करता हैं। जिसमे आय की कोई सीमा नहीं होती। आप इसके अंतर्गत अपनी क्षमता अनुसार लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

दोस्तों आज आपने जाना कि फ्रीलांसर क्या होता हैं? फ्रीलांसिंग का मतलब क्या हैं? (Meaning of Freelancer in Hindi) . अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो आप इसे अन्य लोगों को अवश्य शेयर करें। जिससे वह अपने कौशलों के आधार पर लाभ प्राप्त कर सकें।

1 thought on “Freelancer क्या होता है और कैसे बने? | What is Freelancer in Hindi”

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अर्धचालक (सेमीकंडक्टर) क्या है इसके प्रकार (Semiconductor in Hindi)

Types of semiconductor In Hindi: इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चाहे  कंप्यूटर  हो के बारे में तो आप जानते ही होंगे जैसे कि डायोड, ट्रांजिस्टर, इंटिग्रेटेड सर्किट आदि, ये सभी एक विशेष सामग्री से बनाए जाते हैं जिन्हें अर्धचालक या सेमीकंडक्टर कहा जाता है.

लेकिन क्या आप जानते हैं अर्धचालक क्या है (What is Semiconductor in Hindi), अर्धचालक कितने प्रकार के होते हैं , अर्धचालक के गुण क्या हैं , अर्धचालक का उपयोग कहाँ होता है , अर्धचालक के फायदे और नुकसान क्या हैं .

अगर आप इस प्रकार के सभी प्रश्नों का जवाब जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको Semiconductor क्या है इन हिंदी के बारे में पूरी विस्तृत जानकारी देंगे. तो चलिए आपका ज्यादा समय न लेते हुए शुरू करते हैं इस लेख को.

अर्धचालक क्या होते हैं (What is Semiconductor in Hindi)

प्रकृति में कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जो कि विद्युत के सुचालक होते है, अर्थात बिजली के संपर्क में आने पर उनमें करंट लगता है. और कुछ ऐसे पदार्थ भी होते हैं जो कि विद्युत के कुचलाक होते हैं, ऐसे पदार्थ जब बिजली के संपर्क में आते हैं तो उन पर करंट नहीं लगता है.

अर्धचालक (सेमीकंडक्टर) क्या है इसके प्रकार और उपयोग (Semiconductor in Hindi)

लेकिन इसके अलावा कुछ ऐसे पदार्थ भी हमारी प्रकृति में मौजूद हैं जिनमें सुचालक और कुचालक दोनों पदार्थ के गुण पाए जाते हैं. ऐसे पदार्थों को ही अर्धचालक (सेमीकंडक्टर) कहते हैं. अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे डायोड , ट्रांजिस्टर , इंटीग्रेटेड सर्किट आदि के निर्माण में काम आते हैं.

अर्धचालक की परिभाषा (Definition of Semiconductor in Hindi)

अर्धचालक को हम निम्न प्रकार के परिभाषित कर सकते हैं –

अर्धचालक ऐसे पदार्थ होते हैं जिसमें सुचालक और कुचालक दोनों पदार्थों के गुण पाए जाते हैं.

उर्जा बैंड की अवधारणा के अनुसार कमरे के ताप पर अर्धचालक वे पदार्थ होते हैं –

  • जिनमें चालन और संयोजी बंद आंशिक रूप से भरे हुए होते हैं.
  • जिनके बीच का निषिद्ध ऊर्जा बैंड बहुत संकरा होता है. लगभग 1 इलेक्ट्रान वोल्ट की कोटि का.

अर्धचालक के उदाहरण (Example of Semiconductor in Hindi)

कुछ प्रमुख अर्धचालक निम्न हैं –

अर्धचालक के गुण (Properties of Semiconductor in Hindi)

अर्धचालक के कुछ विशेष गुण निम्न प्रकार हैं –

  • अर्धचालक पदार्थ की प्रतिरोधकता कुचालक पदार्थ से अधिक और सुचालक से कम होती है.
  • अर्धचालकों में प्रतिरोध का ऋणात्मक तापमान गुणांक होता है अर्थात तापमान में वृद्धि के साथ अर्धचालक का प्रतिरोध घटता है और विद्युत चालकता बढती है.
  •  जब एक उपयुक्त धातु की अशुद्धता अर्धचालक में डाली जाती है तो अर्धचालकों के वर्तमान गुण में बदलाव होता है. अर्थात इनकी चालकता कम या ज्यादा हो जाती है.
  • जब अर्धचालक अपनी Natural State में होते हैं तो वे ख़राब सुचालक की भांति व्यवहार करते है, लेकिन कुछ तकनीकी की मदद से अर्धचालकों में धारा का प्रवाह किया जाता है. जैसे कि डोपिंग तकनीकी के द्वारा.
  • अर्धचालकों की चालकता को बाहर से लगाये गए विद्युत क्षेत्र या प्रकाश के द्वारा भी परिवर्तित किया जा सकता है.

अर्धचालक के प्रकार (Types of Semiconductor  in Hindi)

अर्धचालक मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं –

  • आतंरिक अर्धचालक (Intrinsic Semiconductor)
  • बाह्य अर्धचालक (Extrinsic Semiconductor)

Types of Semiconductor  in Hindi

#1 आतंरिक अर्धचालक (Intrinsic Semiconductor)

आतंरिक अर्धचालक में किसी प्रकार की अशुद्धि नहीं मिली होती है. ये केवल एक ही प्रकार के तत्व से बने होते हैं. जर्मेनियम और सिलिकॉन सबसे आम प्रकार के आंतरिक अर्धचालक तत्व हैं. आतंरिक अर्धचालकों की विद्युत चालकता बहुत कम होती है.

#2 बाह्य अर्धचालक (Extrinsic Semiconductor)

जब अर्धचालक पदार्थ में बहुत थोड़े से मात्रा में किसी धातु की अशुद्धि को मिश्रित किया जाता है तो अर्धचालक पदार्थ की विद्युत चालकता बढ़ जाती है. इस प्रकार से बने अर्धचालक को बाह्य अर्धचालक कहते हैं.

जैसे जर्मेनियम या गैलियम में एक उपयुक्त धातु की अशुद्धता को मिलाया जाता है तो इनकी चालकता बढ़ जाती है.

अर्धचालकों में इस प्रकार से धात्विक अशुद्धता को मिलाने की प्रक्रिया को डोपन कहते हैं और अर्धचालकों की चालकता बढाने की यह तकनीकी डोपिंग कहलाती है. 

बाह्य अर्धचालक भी दो प्रकार के होते हैं –

  • n Type Semiconductor
  • p Type Semiconductor

n Type Semiconductor क्या हैं

जब जर्मेनियम या सिलिकॉन में 5 संयोजकता वाले परमाणु की अशुद्धि मिलाई जाती है तो तो वह जर्मेनियम के एक परमाणु का स्थान ले लेता है.

अशुद्ध परमाणु के 5 में से 4 इलेक्ट्रान जेर्मेनियम के 4 इलेक्ट्रान के साथ एक – एक कर संयोजक बंध बना लेते हैं और 5 वां इलेक्ट्रान अशुद्ध परमाणु से अलग हो जाता है और क्रिस्टल के अन्दर मुक्त रूप से चलने लगता है. और जो यह मुक्त इलेक्ट्रान होता है यही आवेश वाहक का कार्य करता है.

इस प्रकार से शुद्ध जर्मेनियम में धातु की अशुद्धता मिलाने पर इसकी चालकता बढ़ जाती है. इस प्रकार से बने अर्धचालक को n – टाइप अर्धचालक कहते हैं. n Type Semiconductor में आवेश वाहक ऋणात्मक आवेश वाले होते हैं.

p – Type Semiconductor क्या हैं

जब जेर्मेनियम या सिलिकॉन में 3 संयोजकता वाले अशुद्ध धातु को मिलाया जाता है तो तो अशुद्ध धातु के 3 इलेक्ट्रान जेर्मेनियम के निकटतम 3 इलेक्ट्रान के एक – एक  इलेक्ट्रान के साथ मिलकर संयोजक बंध बना लेते है.

जेर्मेनियम का एक इलेक्ट्रान बंध नहीं बना पाता है इसलिए वह रिक्त रह जाता है और इस रिक्त स्थान को कोटर कहते हैं. बाहर से विद्युत क्षेत्र लगाने पर कोटर का नजदीक वाला इलेक्ट्रान कोटर पर आ जाता है जिससे नजदीकी इलेक्ट्रान रिक्त हो जाता और वहां पर कोटर बन जाता है.

इस प्रकार से कोटर क्रिस्टल के अंदर एक स्थान से दुसरे स्थान पर विद्युत के विपरीत चलने लगता है. इस प्रकार से बने अर्धचालकों को p – टाइप अर्धचालक कहते हैं. p – टाइप अर्धचालक में आवेश वाहक धनात्मक आवेश होते हैं.

अर्धचालक उपकरण (Semiconductor  Device in Hindi)

कुछ अर्धचालक उपकरण निम्न हैं –

  • p – n संधि डायोड
  • प्रकाश उत्सर्जक डायोड
  • ट्रांजिस्टर

अर्धचालक के उपयोग (Uses of Semiconductor in Hindi)

  • अर्धचालकों का उपयोग अनेक प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है.
  • ट्रांजिस्टर, डायोड, इंटिग्रेटेड सर्किट आदि युक्तियों को बनाने में अर्धचालक का इस्तेमाल किया जाता है.
  • बिजली के सिस्टम, पॉवर ट्रांसमिशन बनाने में भी अर्धचालक का इस्तेमाल होता है.
  • ऑप्टिकल सेंसर में सहायक उपकरणों को बनाने के लिए भी अर्धचालकों का इस्तेमाल किया जाता है.

अर्धचालक के फायदे (Advantage of Semiconductor in Hindi)

अर्धचालकों के निम्न फायदे होते हैं –

  • अर्धचालकों को Heat (गर्म) करने की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि अर्धचालक उपकरणों में कोई फिलामेंट नहीं होता है.
  • सर्किट को चालू करने पर अर्धचालक उपकरण तुरंत काम करना शुरू कर देते हैं, क्योंकि इन्हें गर्म करने की जरुरत नहीं पड़ती है.
  • अर्धचालक उपकरणों को कम वोल्टेज की आवश्यकता पड़ती है.
  • वैक्यूम ट्यूबों  की तुलना में अर्धचालक सस्ते होते हैं.  

अर्धचालक के नुकसान (Disadvantage of Semiconductor in Hindi)

  • वैक्यूम ट्यूबों की तुलना में अर्धचालक उपकरण शोर अधिक करते हैं.
  • वैक्यूम ट्यूबों की तुलना में अर्धचालक अधिक शक्ति को सहन नहीं कर पाते हैं.

FAQ For Semiconductor in Hindi

अर्धचालक ऐसे पदार्थ होते है जिनमें कुचालक और सुचालक दोनों प्रकार के पदार्थों के गुण पाए जाते हैं.

अर्धचालक 2 प्रकार के होते हैं – आतंरिक अर्धचालक और बाह्य अर्धचालक.

सेमीकंडक्टर को हिंदी में अर्धचालक कहते हैं.

अर्धचालक का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे डायोड, ट्रांजिस्टर आदि बनाने में किया जाता है.

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हमने सीखा: सेमीकंडक्टर क्या है हिंदी में

इस लेख में हमने आपको अर्धचालक क्या है (Semiconductor Kya Hai In Hindi) के बारे में बेसिक जानकारी दी है जिससे कि आप पहचान सको कि कौन से पदार्थ अर्धचालक होते हैं और इनका क्या उपयोग होता है. उम्मीद करते हैं आपको लेख समझ में आया होगा, इस लेख को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें और दुसरे लोगों तक सही जानकारी पहुंचाएं.

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जानिए क्या है MSW कोर्स

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  • Updated on  
  • जनवरी 11, 2024

MSW कोर्स क्या है?

“आप दुनिया नहीं बदल सकते लेकिन किसी की दुनिया ज़रूर बदल सकते हैं। ” यह पंक्ति सामाजिक कार्यों के सार को बहुत अच्छी तरह से परिभाषित करती है। दुनिया के लिए निस्वार्थ भाव से काम करने की इच्छा रखने वाले लोगो के लिए सामजिक कार्य एक अच्छा करियर है। MSW सामजिक कार्यो में मास्टर्स की डिग्री हैं जो भविष्य के सामजिक कार्यकर्ताओं के निमार्ण में एक अहम भूमिका निभाती है। आपको बता दें कि MSW  यानी कि मास्टर ऑफ सोशल वर्क। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य उम्मीदवारों को समाज और सामाजिक समस्यायों से अवगत कराना और समाज के बारे में गहन समझ प्रदान करना होता है। वर्तमान समय मे इसमें करियर के काफी अच्छे अवसर उपलब्ध हैं। ऐसे में आइए इस ब्लॉग के माध्यम से MSW course in Hindi, MSW कोर्स क्या है और इससे जुड़ी सारी जानकारी विस्तार से जानते हैं।

उससे पहले MSW से जुड़ी कुछ प्रमुख जानकारी आप नीचे दिए गए टेबल में से प्राप्त कर सकते हैं।

This Blog Includes:

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MSW (Masters in Social Work) सामजिक कार्यों में एक प्रोफेशनल मास्टर डिग्री है। इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष है। इसका उद्देश्य मानव कल्याण के लिए काम करना और एक ज़रूरत मंद इंसान, समुह और समुदाय के जीवन की योग्यता में सुधार करना है। MSW course in Hindi न केवल विद्यार्थियों को एक प्रोफेशनल सामाजिक कार्य करता बनाती है, बल्कि संचार, नेतृत्वता, टीम वर्क और समस्या सुलझाने की क्षमता जैसी स्किल्स विकसित करने में भी मदद करती है।

MSW course in Hindi विशेष रूप से उन युवाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो कल्याण और विकास के क्षेत्रों में काम करने की इच्छा रखते हैं और इसके अंतर्गत उन्हें सोशल साइंस, सोशियोलॉजी, साइकोलॉजी, पोलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स के विषयों में उन सभी पहलुओं के साथ ट्रेन किया जाता है। साथ ही पब्लिक हैल्थ, कम्युनिटी डेवलपमेन्ट और लॉ डिस्ट्रिक्ट, राज्य और राष्ट्रीय लेवल पर मौजूद विभिन्न मुद्दों और समस्याओं को हल करने के लिए विशेष शिक्षा दी जाती है। 

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MSW को चुनने के कुछ महत्वपूर्ण फायदे निम्नलिखित हैं-

  • बैचलर डिग्री के बाद यदि आप अपना भविष्य इसी फील्ड में देखते हैं और इसी में बेहतर करने का विचार रखते हैं तो मास्टर डिग्री के लिए MSW एक बेहतरीन विकल्प है।
  • डिग्री आपको एक सिक्योरिटी प्रदान करती है जिसके चलते आप अपने क्षेत्र में नई बातें जान्ने के साथ साथ इसी के द्वारा एक अच्छी नौकरी पाने के हक़दार रहते हैं।
  • प्रैक्टिकल एक्सपोज़र के साथ सोशल साइंस, सोशियोलॉजी, साइकोलॉजी, पोलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स के विषयों में जानकारी आपके भविष्य को एक राह देती है और सामजिक कार्यो को बेहतरी से समझने में मदद करती है।

आपको बता दें कि MSW सिलेबस को 4 सेमेस्टर्स में बांटा गया है, जिसमें मुख्य रूप से शिक्षा सिद्धांतो और छात्रों की लीडरशिप अबिलिटीज़ पर ध्यान केंद्रित करने वाले विषय शामिल हैं। नीचे टेबल के माध्यम से सिलेबस के बारे में विस्तार से जान सकते हैं।

MSW course in Hindi कई स्पेशलाइज़ेशन ऑफर करता है। जिसके अंतर्गत फैमिली और चाइल्ड वेलफेयर, मेडिकल और साईकायट्रिक सोशल वर्क, अर्बन और रूरल कम्युनिटी डेवलपमेंट और भी बहुत कुछ शामिल हैं। आइए इन स्पेशलाइज़ेशन के बारे में विस्तार से जानते हैं-

  • फैमिली और चाइल्ड वेलफेयर : इस स्पेशलाइज़ेशन के अंतर्गत फैमिली और चाइल्ड वेलफेयर से जुड़े मुद्दों के बारे में पढ़ाया जाता है। उम्मीदवारों को ऐसे मुद्दों से निपटने और स्वस्थ पारिवारिक जीवन को बनाए रखने में लोगों की मदद करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। इस स्पेशलाइज़ेशन में, उम्मीदवारों को फैमिली एथिक्स, समस्यायों का समाधान निकालने हेतु टेक्निक्स के बारे में भी सिखाया जाता है।
  • मेडिकल और साईकायट्रिक सोशल वर्क: यह एक प्रकार का मेडिकल सोशल वर्क है। इसके अंतर्गत मानसिक बीमार या मानसिक मार्गदर्शन की आवश्यकता वाले व्यक्तियों को सहयोग देना और उनकी देखभाल करना शामिल है। इस स्पेशलाइज़ेशन का मुख्य ध्यान लोगों को मानसिक बिमारी से निपटना सिखाना है और उन्हें ठीक करने में उनकी मदद करना है।
  • अर्बन और रूरल कम्युनिटी डेवलपमेंट : इस स्पेशलाइज़ेशन के अंतर्गत वंचित आबादी के जीवन दृष्टिकोण और जीवन स्थिति में सुधार करना सिखाया जाता है। इसमें समुदाय की आर्थिक और गैर आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करना भी शामिल है।
  • क्रिमिनोलॉजी एडमिनिस्ट्रेशन : इस स्पेशलाइज़ेशन में आपराधिक गतिविधियों से प्रभावित परिवार का सहयोग करना सिखाया जाता है। इस स्पेशलाइज़ेशन के छात्रों को जीवित बचे लोगों को कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से रिपोर्टिंग से लेकर मुकदमे तक और उसके बाद भी सहायता प्रदान करने के बारे में अच्छी तरह से सिखाया जाता है।

MSW course in Hindi पूरी दुनिया में किया जाने वाला एक विशेष प्रोफ़ेशनल कोर्स है। कई प्राइवेट और गवर्मेंट यूनिवर्सिटीज़ सोशल वर्क में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए MSW कोर्स प्रदान करता हैं। MSW कोर्स के लिए दुनिया की टॉप युनिवर्सिटीज़ की लिस्ट नीचे दी गई है-

  • कैलिफ़ोर्निया युनिवर्सिटी
  • नेशनल युनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर
  • सिडनी युनिवर्सिटी
  • मसूरी युनिवर्सिटी
  • शेफ़ील्ड युनिवर्सिटी
  • वाईकाटो युनिवर्सिटी
  • युनिवर्सिटी कॉलेज डबलिन
  • सेक्रेड हार्ट युनिवर्सिटी
  • माउंट रॉयल युनिवर्सिटी
  • एडिलेड यूनिवर्सिटी

भारत में MSW कोर्स प्रदान करने वाली टॉप युनिवर्सिटीज़ की लिस्ट नीचे दी गई है-

  • अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी
  • इंटीग्रल युनिवर्सिटी
  • CMR युनिवर्सिटी
  • ओस्मानिआ युनिवर्सिटी
  • अन्नामलई युनिवर्सिटी
  • फैकल्टी ऑफ़ सोशल साइंसेज
  • कुरुक्षेत्र युनिवर्सिटी
  • जी डी गोएंका युनिवर्सिटी
  • पालमुरु युनिवर्सिटी, तेलंगाना
  • NIMS युनिवर्सिटी, जयपुर
  • श्री वेंकटेश्वरा युनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश

किसी भी विश्वविद्यालय में आवेदन के समय, कुछ आवश्यकताएं होती हैं, जिन्हें छात्रों को योग्य होने के लिए पूरा करना ज़रूरी है। MSW कोर्स के लिए कुछ सामान्य योग्यता के मापदंड इस प्रकार है।

  • MSW कोर्स के लिए ज़रुरी है कि उम्मीदवारों ने किसी मान्य युनिवेर्सिटी या कॉलेज से किसी भी स्ट्रीम में कम से कम सेकेंड डिवीज़न में बैचलर डिग्री पास की हो। सोशियोलॉजी या सोशल साइंस के छात्रों को अधिक प्राथमिकता दी जाती है।
  • भारत में MSW कोर्स में एडमिशन के लिए कुछ टॉप यूनिवर्सिटीज़ एंट्रेंस एग्ज़ाम आयोजित करतीं हैं। आप अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित एग्ज़ाम को पास करके ही वहां एडमिशन के लिए योग्य होंगे।
  • विदेश की यूनिवर्सिटीज़ में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL के टेस्ट स्कोर्स ज़रूरी होते हैं। जिसमें IELTS स्कोर 7.0 या उससे अधिक और TOEFL स्कोर 100 या उससे अधिक होना चाहिए।
  • विदेश की यूनिवर्सिटीज़ में एडमिशन के लिए SOP , LOR , CV/Resume और p ortfolio भी ज़रूरी होते हैं।
  • MSW कोर्स के लिए कई यूनिवर्सिटीज़ सोशल वर्क की फील्ड 1 या 2 वर्ष के कार्य अनुभव की भी मांग करतीं हैं।

मास्टर ऑफ सोशल वर्क कोर्स की फीस भी अलग- अलग कॉलेजों में अलग-अलग ही होती है। इसकी एवरेज फीस 40 हजार से लेकर 70 हजार प्रतिबर्ष होती है। लेकिन गवर्नमेंट संस्थान में 5 से 20 हजार प्रतिबर्ष के बीच मे होती है, जोकी काफी कम होती है। वंही प्राइवेट संस्थानों में काफी ज्यादा फ़ीस चुकानी पड़ सकती है।

MSW की प्रवेश प्रक्रिया मेरिट लिस्ट के आधार पर भी की जाती है और कई बार मेरिट लिस्ट और एंट्रेंस एग्ज़ाम के आधार पर भी की जाती है। काफी बार ऐसा भी देखा गया है कि कॉलेज एक ग्रुप डिस्कशन रखवाता है जिसमे सभी छात्र एक निर्धारित किये गए टॉपिक पर अपने विचार प्रकट करते हैं और कई बार वन टू वन इंटरव्यू भी रखा जाता है जिससे कैंडिडेट की योग्यता का अंदाज़ा लगाया जाता है । इसी के आधार पर उनका एडमिशन भी किया जाता है।

ये भी पढ़ें : सोशल वर्कर : कोर्सिज़ , यूनिवर्सिटीज , जॉब्स एंड सैलरी

MSW कोर्स करने के बाद जॉब के क्षेत्र यहाँ दिए गए हैं:

  • डिजास्टर मैनेजमेंट
  • स्कूल में शिक्षा क्षेत्र में विकास
  • शिक्षा के क्षेत्र में
  • साइकोलॉजिकल क्षेत्र में विकास
  • ह्यूमन राइट्स एजेंसी
  • हॉस्पिटल की सुविधाओ में विकास
  • नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट कम्पनी
  • चाईल्ड डेवलेमेंट
  • एनजीओ के क्षेत्रों में जॉब
  • डिसिशन & मैनेजमेंट के क्षेत्र में विकास
  • सोशल वेलफेयर ट्रस्ट
  • अंतररास्ट्रीय सोशल वर्क
  • हेल्थ और चिकित्सा के क्षेत्रों में
  • किसी संस्था के लिए सामाजिक विकास
  • ओल्ड एज होम
  • दवाई के क्षेत्र में विकास
  • हॉस्पिटल एंड क्लीनिक
  • एचआर डिपार्टमेट

Master of Social Work (MSW)  एक ऐसा कोर्स है जिसकी मान्यता हर समय रहेगी। यह कोर्स छात्रों को समाज सेवा करने में मदद करता है। इस जिम्मेदारी को निभाने वाले उम्मीदवार न केवल अपने करियर में अच्छा करते हैं बल्कि इंसानियत की सेवा भी बेहतरीन तरीके से करते हैं। MSW की डिग्री हासिल करने के बाद, उम्मीदवार कई क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं जिनमें प्राइवेट सेक्टर , स्वस्थ्य उद्द्योग , मानवाधिकार एजेंसियां , NGOs और बहुत कुछ शामिल हैं। 

सोशल वर्क की फील्ड में उम्मीदवार किसी संगठन के साथ फुल टाइम या कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम करना चुन सकते हैं। इस फ़ील्ड में प्रवेश स्तर पर अनुमानित औसत सैलरी ₹3-4 लाख सालाना होती है। बढ़ते अनुभव और कौशल के साथ, प्रोफेशनल की सैलरी ₹7-12 लाख सालाना हो सकती है। MSW के बाद कुछ टॉप करियर विकल्प इस प्रकार हैं।

MSW कोर्स में छात्रों को लोगों को उनके जीवन में कठिन चुनौतियों से उभरने में मदद करने के बारे में सिखाया जाता है। इनमें गरीबी, लत, बेरोज़गारी, विकलांगता, एब्यूज़, मानसिक बिमारी आदि शामिल हैं। इस तरह आप दूसरों की मदद कर सकते हैं साथ ही आजकल सोशल वर्कर्स की भारी मांग है।

यदि आप सोशल वर्क में मास्टर डिग्री हासिल करना चाहते हैं, तो इसे करने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक UK है। UK में युनिवर्सिटीज़ और कॉलेज श्रेष्ठ शिक्षा पर ज़ोर देते हैं और MSW की बेहतरीन पढ़ाई कराई जाती है। सोशल वर्कर ब्रिटिश नौकरी बाज़ार में उच्च मांग में हैं।

नहीं! MSW एक मास्टर डिग्री कोर्स है। इसके लिए आपके पास सोशल वर्क या प्रासंगिक फील्ड में बैचलर डिग्री होना आवश्यक है। अतः 12वीं के बाद MSW करने के लिए आपको किसी भी फील्ड में बैचलर डिग्री कोर्स करना होगा। इसके लिए आप BSW कोर्स का चयन कर सकते हैं।

MSW के बाद नौकरी के विकल्प – 1. प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर 2. लेक्चरर 3. प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर 4. जुनियर रिसर्च फैलो 5. डिस्ट्रिक्ट कंसलटेंट 6.डॉक्यूमेंटेशन एंड कम्युनिकेशन ऑफिसर 7. सीनियर मैनेजर – ह्यूमन रिसोर्सेज़

दोनो ही कोर्स अपनी अपनी जगह पर बेहतरीन हैं। यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप किस फील्ड में जाना चाहते हैं। यदि आप कॉर्पोरेट वर्क फील्ड में जाना चाहते हैं तो MBA एक बढ़िया विकल्प है और सोशल वर्क की फ़ील्ड MSW एक बेहतरीन करियर ऑप्शन है।

आशा है कि आपको MSW course in Hindi क्या होता है, इसके बारे में जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ।

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उपासना वर्मा

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Airport ground staff work in hindi ki puri jaankari.

airport ground staff work in hindi

Agar aapne 12th standard pass karliya hain aur aapko ek acha rewarding career banana hain aviation sector mein, toh aapko ye article se puri help hogi. Badhte aeroplanes aur passangers ke saath qualified aur efficient Airport Ground Staff ki demand bhi din ba din badh rahi hain. Airport Ground Staff work hota hain passangers ka safar smooth rahe aur sabse bada trait jo ismein help karta hain vo hota hain humble aur kind rehna. Inka work hota hain customers ya passangers ko treat karna pehle,baad mein aur flights ke beech mein. Airport Ground staff work in Hindi ki puri jaankari hum aapke liye leke aaye hain iss blog ke madhyan se,toh isse pura padhein.

Airport Ground Staff ka work hota hain overall management mein aur iske saath passangers ke luggage ki puri dhek rekh aur carrier se cargo tak rakhna ki zimmidaari bhi Ground Staff nibhata hain. Ek passanger ki safety , unke comfort ka pura dhyaan uss moment se jis se plane land hota hain pura Airport Ground Staff nibhata hain aur air traffic surviellance mein bhi role nibhane ke.

Airport Ground Staff Meaning In Hindi

Airport Ground Staff Kaise Bane

Eligibility

Airport Ground Staff career opportunities

Airport Ground Staff career se jude sawal javab

Airport mein kaafi staff ki zarurat hoti hain aur kisi bhi staff ke absent hone pe kaam ruk jata hain. Plane ki udaan bharne se pehle kaafi checking hoti hain aur iske liye bahut human resource chahiye hota hain. Airport Ground Staff ka career aur future bahut bright hain India aur abroad mein.

Airport management sirf pilots aur cabin crew se related nahi hota hain. Uske piche kaafi professional work involved hota hain jaise security, cargo handling passanger handling, customer service,etc aur ye sab professional services AIRPORT GROUND STAFF ki category ke andar aati hain. In short, abhi bahut demand hain skilled aur efficient Airport Ground Staff ki aur job opportunites bhi kaafi hain.

Ground staff ek aisa person hota hain jo airlines isliye hire karti hain taaki vo airport pe kaam kare na ki aircraft ke andar. Airport Ground Staff ek professional career option hain jismein aapko passangers ka dhyaan rakhna hota hain uss samay se jis se plane ground pe land hota hain. Airport Ground Staff work bahut hi diverse aur flexible hota hain airports pe aur vo security aur management mein bhi dhyaan dete hain.

Airport Ground Staff banane ke liye kuch eligibility criteria hota hain, jo niche bataya hua hain

Eligibility – 10+2 pass ya graduate kisi recognised board se. Chahe Science ya Arts ya Commerce koi si bhi field se pass hoke minimum number ke saath Airport Ground Staff ban sakte hain.

Age limit – 18-27 years tak.

Languages Jo aani chahiye :- English aur Hindi.

Minimum marks – Institute to institute vary karta hain aur 45- 50% ho toh achi baat hain kam se kam.

Ground Staff job mein height aur weight ka koi importance nahi hota hain.

  • Candidate chahe male ya female ki thodi pleasing personality honi chahiye.
  • Candidates jo koi dusri language jaantein hain English Hindi ke alava unhe thoda zyada benefit rehta hain.
  • Candidates jinhe thoda experience hota hain iss field mein chahe technical ya customer service mein vo zyada preferred hote hain.
  • Dono male aur female ye job ke liye apply kar sakte hain.
  • Candidate ache se baat karne layak hona chahiye aur sun ne mein acha ho aur uska likhne aur bolne ka tarika bhi acha hona chahiye.
  • Planning aur organise karna aana chahiye kaam ko pressure ke andar. Deadline mein kaam karne ki aadat honi chahiye unhe.
  • Candidate ko problem solve karni aani chahiye aur multiple kaam karna bhi jaise apne assignments aur pura kaam ache se manage hona chahiye.
  • Team work bahut zaruri hota hain aur aapas mein team mein baat shit achi honi chahiye.

Ground Staff ki responsibility aur roles 2 hiso mein bate ve hote hain-

Commercial Role :Ek hogya commercial role jismein direct interaction hota hain customers ke saath aur unki koi bhi query ko solve karna ek Ground Staff member ki duty hoti hain.Kuch commercial roles hain-

  • Airline passanger ki safety aur comfort ka dhyaan rakhna.
  • Passangers ko up-to-date information dena flight ki.
  • Aircraft ko stock kardena refreshments se jo passangers ko chahiye hongi flight ke dauraan. Purane stock ko ensure karna vo replace hojaye fresh supply ke saath ka work bhi ek Airport Ground Staff member ka hota hain.
  • Aur ek high level ki customer service provide karna jis se  vo ussi airline mein dubara travel kare aur life long customers bane rahe.
  • Passangers ko utarne mein aur flight mein chadne mein help karne ki puri duty Ground Staff ki hoti hain.

 6. Ground Staff responsible hote hain passanger’s ki stairs dhang se lagane aur hatane mein aur unn passangers ko bhi help karne mein jo wheelchir pe hote hain.

7. Aircraft ki refueling ki responsibility bhi Ground Staff ki hoti hain aur agar ice ya snow hoti hain airplane ke surface pe toh usse bhi hatana hota hain. Ground Staff  passenger’s check-in counters aur arrival aur departure gate pe bhi active rehti hain aur dhek rekh karti hain.

8. Ground staff dhyaan rakhta hain ramp pe ya aas paas koi garbage na pada ho aur koi aisa experience na face karna pade passangers ko jo unhe pasand na aaye.

9.Airport Ground Staff work hota hain passangers se baat karke unhe batana flight delay kyun hain, aur koi bhi information jo unhe chahiye boarding ke time. 

Technical Role:

  • Coordinate karna staff ko jab flight ki landing ka time ho .
  • Zaruri documents handover karna pilot ko jab flight ke time ho.
  • Weather condition check karna , fuel check karna aur zaruri information ka dhyaan rakhne ka pura kaam ek Ground Staff nibhata hain.
  • Airport Ground Staff ka management take-off slots mein kaam hota hain aur air traffic bhi control karte hain. Jismein unhe flights ki management dhekni hoti hain jo hava mein hain ya land karne vaali hain.

Ticketing, Baggage claims, Passanger handling,cargo loading,cargo unloading,security processes aur inter department coordination aur jobs hoti hain jo ek Airport Staff member nibhata hain.

Diploma in Airport Ground Staff

Diploma in Airport Ground Staff ek job-orineted diploma course hota hain.Iss course ki duartion zyada nahi hoti hain. Job seekers ke liye ye kaafi acha course maana jata hain.

Duration- 6-12 months

Admission har institute ka alag hisaab se hota hain aur kaafi institute meit based admission lete hai, kaafi entrance test organise karvate hain.

Ye training course aur bhi naamo se jana jata hain jaise-  Diploma in Ground Staff Training, Diploma in Airport Ground Staff Training, Diploma in Ground Staff handling etc.Courses ke naam different hote hain par andar ka content aur curriculum same hote hain.Iss field ke aur bhi kahi courses hain jo aap karsakte hain Airport Ground Staff Training Certificate Course,Ground Staff Training Course, IATA Training Courses and Certifications, Diploma in Airport Ground Staff Training Course, Airport Handling Ground Duty Course

Course fees jo hoti hain vo institute pe depend karti hain. Approx jo institutes ki diploma fees hoti hain vo hain Rs.40,000-1,00,000 

Kuch institute aur colleges jo ye course karvate hain unka naam niche di

  • Indira Gandhi Institute of Aeronautics, Chandigarh, Delhi, Kotdwar, Rohtak
  • PTC Aviation Academy, Chennai, Bengaluru
  • Remo International College, Chennai
  • Kaplon Overseas, Vadodara
  • Master Aviation Academy, Vijayawada
  • Patrick Academy, Bengaluru
  • Fledge Institute of Aviation & Hospitality, Bengaluru
  • S.C. Moitra Air Technical Training Institute, Kolkata
  • Frankfinn Institute of Air Hostess Training Institute

Airport Ground Staff professionals  ke paas diverse job opportunities hoti hain jismein se vo choose kar sakte hain. Job options sirf private hi nahi government sectors mein bhi hote hain.

Airport Ground Staff ki Jobs aap ya toh official website pe jaake dhek sakte hain agar koi vacancy nikle varna alag alag job portals pe bhi dhek sakte hain. Niche humne kuch job portals ke link diye hain jispe click karke aapko job ke baare mein pata chal jaega.

Monster.com .

Airlines ki websites pe jaake bhi aap Jobs ke liye dhek sakte hain jaise

Indigo Spicejet Vistara AirIndia GoAir , etc.

Training kaafi airline companies hire karne ke baad bhi deti hain aur aapko aapke kaam ke aur airport ke rules ke baare mein inform aur educate karti hain.

Job Selection Procedure

1. Group discussion: Selection procedure jo start hota hain vo hota hain GD Round se jaha groups banake koi topic dija jata hain jiske upar charcha hoti hain.

2. Personal Interview: Jo candidates select hojate hain group dicussion round mein unhe aage jake personal interview dena hota hain.Personal interview round mein candidate se questions puche jaatein hain aur purana experience aur background ki jankaari li jaati hain. Iss round mein aapka behaviour check karte hain aur aap confident rahe toh bahut achi baat hain kyunki iss se ek acha impression padta hain. 

3. HR round: Aakhri round HR Round hota hain jo airlines ke HR conduct karte hain.In this round. HR aapse question puchenge kuch aur uske hisaab se aapka communication skills aur personality judge karenge. Udharan ke taur pe jo question puche jaatein hain iss round mein vo hain-

  • Tell me something about yourself.
  • Why do you want to work with our company?
  • Why do you choose this career?
  • What do you know about Ground staff?
  • Why do you want to join aviation industry despite knowing it will be strenuous?

Iska ek hi sabse zaruri tip hain ki aap confident rahe aur ache se sahi javab de har question ka. Airport Ground Staff ek aisa profession hain jismein aap kaise dusre se baat karte hain, unki problem samajh ke solve kar paatein hain aur unse relation banate hain kaafi maniye rakhta hain.

Airport Ground Staff ki salary depend karti hain airline to airline. Iss chiz se farak padta hain vo domestic ya international airport pe operate karte hain aur uska size kya hain jaise ek choti city hain ya badi metropolitan jisse va handle karte hain. India mein ek fresher ki salary iss field mein takriban Rs.18,000-25,000 tak hoti hain jo experience ke saath badhti hain. Baad mein salary Rs.35000-40000 ho sakti hain.

Agar international airlines mein job ho toh ye salary ka amount double triple bhi ho sakta hain.International airlines mein aapki salary Rs.1,00,000 tak pahunch sakti hain.

Airport Ground Staff ke career ke liye diploma courses compulsory nahi hote hain kaafi companies after 12th recruitment karti hain aur interview ke basis pe jobs dedeti hain. Par kuch experience ho aur course kiya ho toh opportunities khulti hain aur job milne ke chances bhi bad jateein hain. Course karne ke baad aap kaafi fields explore kar sakte hain jaise tourism industry aur hospitality sector.  Diploma in Airport Ground Staff ke baad aap Post Graduate Diploma in Airport Ground Staff Training kar sakte hain jiska again 1 year ka course hota hain aur uske liye eligibility koi bachelors degree ya diploma course hona zaruri hain.

Airport Ground Staff se jude sawal javab

Q1 . Vacancy kab nikalti hain airlines mein?

Ans- Ground staff ka recruitment interview ke basis pe hota hain aur vo koi offical notification nahi nikalte SSC ya UPSC ki tarah. Isliye aapko regular updates lete rehna honge internet se vacancy ke baare mein. Ya toh aap airlines ki official website mein careers section mein jaake dhek sakte hain varna kaafi job portals pe bhi iska update aata rehta hain.

Q2. Kis hisaab se job lagti hain?

Ans- Jo basic eligibility criteria hota hain vo hota hain ki 10+2 pass hona kisi recognised board se aur uske saath mein acha communication skills, achi personality, team work aur patience aur har weather ki adaptability hain kuch chizo jo alag-alag airlines ek candidate mein dekhti hain.

Q3. Secondary language aani zaruri hoti hain?

Ans- Dusri language aani zaruri nahi hain par English aur Hindi toh aani chahiye aur uske alava bhi koi language aati hain toh kaafi achi baat hain. Uss se international scope badhta hain aur airline ko bhi fayda hain kyunki utna acha customer ya passanger se baat ho pati hain.

Q4. 12th ke baad job lag jaegi airport mein?

Ans- Airport mein kahi positions hoti hain aur ground staff ki baat kare toh 12th ke baad kaafi airlines job interview ke through deti hain par sirf 12th pass hi nahi aur bhi kahi chize depend karti hain. Minimum eligibility 12th class pass hain.

Q5. Dress code kya hota hain interview ka?

Ans- Agar aap male hain toh western formals pehne jaise formal shirt aur pant aur agar aap female hai toh formal shirt ke saath knee-length skirt pehen sakte hain. Tie, blazer aur scarf optional hain ismein. Airline interview ke time aapko aapke attire pe judge karta hain. Baaki aapke nails aur hair groomed hone chahiye ache se aur total look aapka clean aana chahiye.

Q6. Working hours kya hote hain Airport Ground Staff ke?

Ans- Generally, 8-10 hours ki shift hoti hain iss job mein aur vo vary karti hain. Jaise- 

Morning – 6AM – 2PM

Afternoon – 2PM -10PM

Night – 10PM – 6AM

General Shift- 10AM – 6PM

Aviation sector kaafi ache rate se grow kar raha hain India mein aur number of flights bhi din ba din badhti jaari hain.Issi growth ke kaaran , airports mein skilled aur efficient Airport Ground Staff ki zarurat padti hain taaki daily operations ache se manage aur run ho paaye. Airport mein Ground Staff ke bina passangers travel nahi kar sakte aur iska scope day-by-day badh hi raha hain.Agar aapko lagta hain aapke andar vo qualities aur passion hain jo aviation industry mein chahiye toh yeh field aapke liye hi hain.

Iss article mein humne Airport Ground Staff work in Hindi ki puri jankari dene ki koshish kari hain phir bhi aapke man mein koi doubt hain toh niche comment section mein daale aur hum uska reply karne ki puri koshish karenge.

36 COMMENTS

Airport ground staff

I wnat to do this job.

Sure, if you are eligible you can do this job. We have mentioned various job portals and airline websites, you can check if there are any openings. Good luck and thanks for reading.

This job is very important for me please selected me

This job is very important for me please selected me and outstanding job nice ones

Hey Rizwan, no doubt it is an outstanding job. Hope our blog helped you in getting all the information about it. Good luck and thanks for reading.

I’m 11th pass I need a job my name is Sahil Shaikh I live in Mumbai Powai

Hey Sahil, the minimum eligibility for ground staff is 12th pass. Thanks for reading.

I want job in ground staff plz give opportunity

Hey Kavita, there is a section in the blog that is all about job opportunities. You can look for vacancies in various job portals and airline websites. Good luck and thanks for reading.

I am interested in this job

That is great. Hope our blog helped you in getting all the information related to it. Good luck and thanks for reading.

I’m doing air hostess training in Nagpur so I want early job

I want to take admission in your college

Thank you Dipak😊

I love to work.at airport

sibani air srvises b training deti h kya pls reply

Iske bare mein nahi pata hai humko….

kya yh ek true h sibani air srvises

Hey i m Interested for this job…

Isme English m bat karna jaroori h

Ji nahi. Par har company par depend karta hai.

Height kitni honi chahiye?

Aise koi height criterion nahi hai.

Mam pls cll mee 8222061362

Hi, we are not offering the job. We are just providing information about this career option.

Mam 12 pass 8222061362

I m interested.

I m interested in job

12th pass hu sir me plz call meeee

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